सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने नुक्कड़ मे घोषणा की खामखा तुम तोग स्विस बैंक का नाम भजते रहते थे वहां तो सिर्फ़ ग्यारह हजार करोड़ का कालाधन जमा है । हमने तुरंत शर्मा जी को प्रणाम कर कहा मान गये आपको स्विस सरकार से भी अपने प्रवक्ता टाईप बयान दिलवा दिया । खैर उन की भी मजबूरी है भारत का बॊस लाख करोड़ से ज्यादा का काला धन वहां से निकल गया तो बेचारे भिखारी नही हो जायेंगे । शर्मा जी भड़क गये बोले क्यों जनता को भड़काते हो दवे जी मनगढ़ंत आकड़ो से क्या सबूत है तुम्हारे पास । हमने कहा भाई राजा खुद ही सामने है आप ही की सरकार ने एक लाख अस्सी हजार करोड़ के घोटाले मे बंद किया है उसको । फ़िर भारत तो ऐसे राजाओं का देश ही रहा है ये तो सिर्फ़ राजा है यहां तुम्हारी मम्मी से लेकर चिद्दीबम तक अनेको महाराजा भी हैं । और मन्नू तो है ही राजा ने खुला बोला है अदालत मे कि मन्नू को भी मालूम था वह भी शामिल था ।
शर्मा जी ने तुरंत श्रद्धा से सिर नवाते हुये कहा आदरणीय मन्नू जी पर लांछन लगाना सूरज पर थूकने के समान है । हमने कहा "भाईयों कल से रेनकोट पहन कर आना" आसिफ़ भाई ने हैरानी से पूछा क्यों भाई! तो हमने कहा पूरा देश इनके सूरज उर्फ़ मन्नू पर थूक रहा है सूरज तक तो पहुंचेगा नही हमारे उपर ही न गिर जाये । पूरा नुक्कड़ ठहाके लगाने लगा तो गुस्साये शर्मा जी बोले आप लोग एक अपराधी की बातो पर मन्नू पर आरोप लगा रहे हो । हमने कहा यह जो आपको आज अपराधी लग रहा है कल तक आप ही को ईमानदार नजर आ रहा था । जैसे कपिल बाबू पहले छाती ठोक एक रूपये का भी घोटाला नही हुआ कह रहे थे आज आप मन्नू को वैसे ही निर्दोष बता रहे हो । कल इसका मामला भी सामने आयेगा तो कहोगे हमारी प्यारी मम्मी पर जो आरोप मन्नू लगा रहा है वह गलत है ।
तभी आसिफ़ भाई ने टांग अड़ाई कहने लगे शर्मा जी अपराधियो को जब डण्डा पड़ता है तभी तो वो बताते हैं कि उनके साथ और कौन कौन शामिल था । अपराधियो के बयान ही अमान्य कर दोगे तो फ़िर उसके साथी कैसे पकड़े जायेंगे । तुम तो पूरी व्य्वस्था को ही झूठा कह रहे हो कुछ लाज शर्म बाकी है या नही । हमने कहा आसिफ़ भाई वो डंडे वाली बात आम आदमियो पर लागू होती है नेता लोग आम आदमी हैं कहां आम आदमी होते तो इनको जनता की तकलीफ़ नजर आती ये तो खास लोग है। सही कह रहे है शर्मा जी मन्नू के उपर थूकने से उस तक पहुंचेगा नही वो तो जांच के दायरे मे ही नही आता । तभी तो ये लोग मन्नू को लोकपाल के दायरे से बाहर रखना चाहते हैं जब मन्नू की जांच ही नही होगी तो उसकी मम्मी के फ़सने का सवाल नही ।
आसिफ़ भाई फ़िर बोले मियां दो डंडा पड़ेगा तो सारे लोग बोलेंगे एक बार कानून की जद मे आ जाये बस । हमने कही भाई आपसे कहा है न ये लोग खास लोग हैं। जहां डंडे की नौबत आयी नही कि इनको डेमेंशिया की बीमारी हो जाती है । एक ने पूछा भाई ये डेमेंशिया क्या होता है हमने समझाया इसमे आदमी की याददाश्त चली जाती है कम होने लगती है । फ़िर उससे किसी बारे मे पूछो तो वो भूल जाता है जैसे अपना खलमाड़ी अब जो उससे पूछ्ताछ होगी भाई भूल जायेगा । आसिफ़ भाई बोले भले भूल जाये पर कानून तो उसको नही भूलेगा कागज पत्तर तो अपनी जगह है ही सजा तो होनी ही है । हमने कहा अरे भोले भंडारी इस बीमारी से डबल फ़ायदा है नेताओं को होने पर यह गंभीर बिमारी बन जाती है । सीधे अस्पताल मे एसी कमरे मे भरती होना पड़ता है और घर वालो से पहचान वालो से चौबीस घंटा मुलाकात करनी होती है । वरना नेताओं की जान को गंभीर खतरा हो जाता है । अब हिंदुस्तान इतने जघन्य अपराधी को मरने तो नही दे सकता न । कसाब टाईप इन लोगो को भी जिंदा रखना मजबूरी हो जाती है । और मान लो उपर वालो को ऐसे अपराधी से पोल खुलने का डर हो तो इनकी मौत का कारण सामने ही होता है । यह नही कि डा. सचान के मामले की तरह आत्महत्या करवानी पड़े ।
इतने मे दीपक भाजपाई जी ने बयान दिया दवे जी बिल्कुल सही कह रहे हो आप । हमने उनको फ़टकारा आप तो चुप ही रहो भाई जितना बोलना है अपनी पार्टी के भीतर बोलो । अपने नेताओ को समझाओ केवल जय श्री राम का नारा लगाने से वोट मिलने वाला नही है । तीन साल का समय है अपनी पार्टी को साफ़ सुथरा करो भ्रष्टाचारियों को बाहर निकालो और ये नही कि जिसके बारे मे सबूत मिल रहा है उसके ही निकालना है । उपर से नीचे जितने नेता मंत्री है सब को समझा दो कि बेटा एक रूपया खाया तुम्हारा नाम आया और सीधे पार्टी से बाहर । ये कलपती दरकती कांग्रेस अपने को साफ़ सुथरा दिखाने के लिये तुम्हारा पूरा पोस्टमार्टम करने वाली है । और देश भी देख रहा है काली करतूतों को यह भी याद रखो कि दूसरो पर आरोप लगाने से पहए जो अपना घर साफ़ नही करता उसका हाल बाबा रामदेव टाईप हो जाता है समझे की नही ।
नुक्कड़ की भीड़ विसर्जित होते ही आसिफ़ भाई ने हमे समझाया भाई जब इतने न्यूस चैनल अखबार खामोश है सरकार की पोल खोलने से डरते है तो आप क्यों शिवाजी बनते हो क्यों गला फ़ाड़ चिल्लाते हो भाई । तो साहब हमने अपनी व्यथा रखी कि भाई ये सब लोगो को पैसा मिल रहा है तो चुप हैं अपने राम को भी मिलने लगे तो अपन काहे गला फ़ाड़े पर ये हैं कि कुछ देते हि नही अब आप ही बताईये इतने लोगो को बाट रहे हैं तो दवे जी को भी थोड़ा प्रसाद दे देते तो इनका क्या जाता । आखिर फ़ंस भी इसिलिये रहे हैं कि नही जिसको खाने नही मिला वही इन लोगो की पोल खोल रहा है ।अपने चौतीसगढ़ के चमन सिंग से ही सीख ले इतना अच्छे आदमी है कि मजाल है कि कोई अखबार वाला कोई विरोधी दल का नेता एक शब्द ही कह दे इनके खिलाफ़.....
राजा का वही होगा जो राजा चाहेगा।
ReplyDeleteभुगतना तो प्रजा को पड़ता है।
.....मन्नू तो है ही राजा ने खुला बोला है अदालत मे कि मन्नू को भी मालूम था....
ReplyDeleteजैसा की अपेक्षित था, आज राजा जी कह रहे हैं "मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया" समझ नहीं आता हमारे ये लोग ऐसे बयान देते ही क्यूँ हैं जिसमे "तोड़ मरोड़" के गुंजाईश हो....
.... जोरदार आलेख अरुणेश भाई....
सादर...
बहुत धारदार!
ReplyDeleteअच्छा है प्रहार!
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आज करगिल शहीद दिवस पर बहुत सुन्दर व्यंग्य प्रस्तुत किया है आपने!
तीन साल का समय है अपनी पार्टी को साफ़ सुथरा करो भ्रष्टाचारियों को बाहर निकालो और ये नही कि जिसके बारे मे सबूत मिल रहा है उसके ही निकालना है । उपर से नीचे जितने नेता मंत्री है सब को समझा दो कि बेटा एक रूपया खाया तुम्हारा नाम आया और सीधे पार्टी से बाहर ..
ReplyDeleteभाजपा यदि समझे तो ठीक है वरना भगवान ही जाने अब देश का क्या होने वाला है....हम तो अब तक नहीं जान पाए है .
दवे साहब ... मज़ा आ गया .. बहुत तेज धार दार पोस्ट है ... इअकी धार अगर राजा जैसों को काट सके तो और भी मज़ा आ जाए ...
ReplyDeletekay kani, kya kalmadi, kay raja
ReplyDeletein sabanne milkar baja diya baja
mannu man man hi muskaraye jata
mummy ka kya he,uske ghar se kya jata
diggy babra idhar udhar badbadata
ayyiyar paglaya sa bayan de jata
jairam mala se juta pochh jata
kutil kapil ka kya he kehna
wo baba par danda chalwa jata
meri samjah me jo ye sab aata
yahi he is nikammi congress ka khata
bahut achche kataksh kiye hain.sunder vyang.
ReplyDeleteबहुत मजेदार और असरदार व्यंग्य लेख ......
ReplyDeleteमन्नू ,मम्मी और चिद्दीबम ......क्या कहना
धारदार व्यंग्य
ReplyDeleteआरोपों और सजाओं का मजा लीजिए, थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए. जल्दी ही सबके सामने सच्चाई आ जाएगी. और हम सच के साथ रहेंगे.
ReplyDeleteमेरी व्यथा-
काश मैं भी कट्टर कांग्रेसी होता
बहुत ही बढ़िया...तीखा एवं धारदार व्यंग्य.
ReplyDeletewah wah
ReplyDelete"chiddi bum".... is ek shabd ne sab kuch kah diya... ab tak hansi nahi rok pa raha hoon
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