तभी किसी ने हमको झिंझोड़ा देखा शर्मा जी कह रहे हैं होश मे आओ दवे जी । आंख पूरी खुली तो शर्मा जी कहने लगे हमारा बाबा अटल जी जैसा ब्रह्मचारी रहकर सेवा कर रहा है तो आपके पेट मे दर्द हो रहा है । हम मुस्कुराये कहने लगा अब आप होश मे आ जाओ भाई कहां राजा भोज कहां गंगू तेली । किससे तुलना कर रहे हो आज तक भाजपा ही न खोज सकी दूसरे अटल जी । अटल जी की वाणी मे सरस्वती का निवास था और ह्रुदय मे गरीबो के लिये पीड़ा । इतने लंबे राजनैतिक जीवन के बाद भी उन पर भ्रष्टाचार का एक छीटा तक न लग सका और तुहारे बाबा को विरासते मे स्विस एकाउंट मिला है ऐसा लोग बोलते हैं भाई ।
शर्मा जी फ़िर भड़क गये कहने लगे उस फ़िल्म एक्ट्रेस की बात पर कहते हो बाबा पूरा भारतीय नही है । हमारे बाबा को हिंदी पूरी आती है पद यात्रा करता है आम जनता से संवाद करता है । दलितो के घर मे जाकर उनकी टूटी फ़ूटी झोपड़ी मे सोता है वो क्या किसी पूरे भारतीय से कम है । हमने पूछा यार शर्मा जी आजादी 64 साल तुम्हारी पार्टी के राज के बाद भी देश मे दलित हैं गरीब हैं और उनके घर जाकर सोने का ढोंग करते हो शर्म नही आती । रही पूरा भारतीय तो मियां उसके लिये पूरा भारत दिखना चाहिये ये नही कि जहां विरोधी पार्टी की सरकार हो वहां नौटंकी करने पहुंच गये । वहां जाकर उखाड़ भी क्या लोगे वहां तो तुम्हारी सरकार है नही जो समस्या दिखेगी राज्य सरकार पर डाल होशियारी झाड़ चले आओगे ।
अरे भाई इतने बड़े शिवाजी बनते हो तो क्यों नही जहां अपनी सरकारे हैं वहां भी घूमते पद यात्राएं करते हो । जाकर जमीन मे समस्याएं दूर करो भ्रष्ट अधिकारियो को वही खड़े होकर सजा दो अपनी पार्टी के मंत्रियों को लिप्त पाये जाने पर बर्खास्त करो । शहजादे हो केंद्र मे भी तुहारी सरकार राज्य मे भी तुम्हारी कहीं दिक्कत ही होगी । कहते हो विरोधी रा्म रा्म भजते हैं तो तुम राम राज्य स्थापित कर दिखाओ । जनता जयजयकार करेगी बिना चेपटी पौवा मांगे स्वीकार करेगी । अपने राज्यो मे काम करके दिखाओगे तो जहां सरकार नही है वहां की जनता भी उसका साथ देगी । क्यो आज देश भर मे लोग नीतिश कुमार नरेन्द्र मोदी को पसंद कर रहे हैं । इनके पास तो एक एक ही राज्य हैं तुम्हारे पास तो दसियो हैं । शर्मा जी खुश हो गये बोले बास आईडिया बुरा नही है फ़िर तो अपना बाबा पूरा भारतीय बन जायेगा न ।
मैने कहा भाई जब तक तुम्हारा बाबा दिग्गी जैसे विषदन्तो से घिरा है तब पूरा भारतीय नही बन सकता पूरा भारतीय होने के लिये सभी धर्म सभी समाज के लोगो को सम भाव से देखना होगा । यह नही कि उत्तर प्रदेश मे चुनाव है तो ओसामा जी कह दिया आंध्रा मे चुनाव है तो तिरूपति दर्शन करने पहुंच गये । देश को बाटोगे भाई तो तत्कालिक सफ़लता तो मिल जाती है पर परिणाम कई पीढ़ियों को झेलने पड़ते हैं । शर्मा जी ने सिर हिलाया कहने लगे हे स्वयंभू परम होशियार और कोई सलाह । हमने कहा बाकी तो कुछ नही अपना थोड़ा सा गम है वो सुन लो ।
हाय रे तेरी किस्मत हाय रे तेरा खेल
पडेरा के सर पर चमेली का तेल
शर्मा जी अपना गुस्सा दबाते हुये बोले अरे भाई प्यारी दीदी की शादी हो चुकी है और आपकी भी । श्रीमती भी आपको हमारी प्यारी दीदी से कम न मिली है फ़िर क्यों आहे भरते हो । हमने कहा भाई बात सुंदरता की नही है मियां बात जलवे कि है
एयरपोर्ट पर बिना चेकिंग , कस्टम राजाओ टाईप प्रवास ।
आगे पीछे दुम हिलाते अधिकारी मंत्री आम और खास॥
बिना हाथ हिलाये बिना इनकम के अरबो की कमाई ।
और दहेज मे स्विस एकाउंट किसको मिलता है भाई ॥
फ़ोकट दवे सरनेम मे पैदा हुये हमारे बच्चे गांधी हो जाते ।
जहां भी जाते तूफ़ान गरजती बरसती आंधी हो जाते ॥
शर्मा जी हमारे कंधे पर हाथ रखने की हिम्मत न होती ।
आत्मा भी आपकी सशरीर हमारे चरणॊ पर सोती ॥
बस इतना कहना था साहब कि हम सरपट भाग लिये ।
पीछे दौड़ रहे थे शर्मा जी आखों और हाथो मे आग लिये ॥
क्या यह सम्भव है?
ReplyDeleteव्यंग्य लिखने में आप सिद्धहस्त हैं!
कहीं पे निगाहें कहीं पे ठिकाना ... जबरदस्त व्यंग ..
ReplyDeleteआपकी लेखनी का कोई जबाब नहीं है हमेशा की तरह धारदार और श्रेष्ठ व्यंग्य
ReplyDeleteधारदारव्यंग्य ......बहत ही अच्छा लिखा है आपने ।
ReplyDeleteबहुत जबरदस्त व्यंग्य है अरुणेश भाई....
ReplyDeleteसादर...
मैं जन्म दिन की बधाई देने में एक दिन लेट हो गया.sorry अरुणेश जी.
ReplyDeleteआपको जन्म दिन की हार्दिक बधाई.
जबरदस्त व्यंग्य,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
मारक है..
ReplyDeleteफ़ोकट दवे सरनेम मे पैदा हुये हमारे बच्चे गांधी हो जाते.aur aish karte desh ke neta ho jate ghar baithe.
ReplyDeleteहम आपके साथ हैं, बशर्ते शर्मा जी के हत्थे मत चढ़ जाना.
ReplyDeleteदुनाली पर-
अन्ना को मनमौन की जवाबी चिट्ठी
तीखा-तड़का
नोट छपाई में आउटसोर्सिंग
be lated very happy birthday to you.
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग इस ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो हमारा भी प्रयास सफल होगा!