Sunday, July 24, 2011

जिन्हे नाज था हिंद पर वो कहां है

आसिफ़ भाई नुक्कड़ के एक कोने मे गुमसुम उदास से बैठे थे सामने से एक के बाद एक सुंदरियां गुजरती जा रही थी पर नजरें जमीन की जमीन पर ।  कारण पूछा तो डबडबाई आंखो से देख पूछने लगे जिन्हे नाज है हिंद पर वो कहां है..... भाई किसकी नजर लग गयी हमारे मुल्क को । हमने सिर खुजाया फ़िर पूछा मियां नाज है वो लोग कहां है या नाज करने लायक हिंद कहां है । सवाल तो एक ही है और जवाब बेहद पेचीदा मिया तुम भी खामखां शोकसभा लेकर बैठ गये भाई । यहां खाओ खुजाओ बत्ती बुझाओ का देश है । मन खराब हो तो नेता है हीं गाली देने को  प्रसन्न हो तो अधिकारी  है ही  पैसा पहुंचाओ काम करवाओ । लेकिन आसिफ़ भाई पर हमारी दिलबहलाउ बातों का असर न पड़ा रहे उदास के उदास तभी शर्मा कांग्रेसी और दीपक भाजपायी एक ही गाड़ी मे शोले के जय वीरू टाईप गाना गाते आ रहे थे ।

ये दुश्मनी हम नही भूलेंगे ।
भूळेंगे सब मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे ॥

तेरी जीत मेरी हार ।
मेरी जीत तेरी हार  ॥

साथ मिलकर खायेंगे ।
हिंदू मुस्लिम चिल्लायेंगे  ॥

सामने हो तकरार ।
बना रहे अपना प्यार ................

गाड़ी आकर रुकी दोनो को  आसिफ़ भाई का दुख बताया गया । सुनते ही दोनो छिटक कर दूर  हो गये पर दावा एक सा किया हमे नाज है हिंद पर। हमने कहा भाई तुम लोग तो खा रहे हो मौज उड़ा रहे हो तुमको तो इस हिंद पर नाज होगा ही वो हिंद कहां है जिस पर आम आदमी नाज कर सके । इस पर  दीपक भाजपाई को गुजरात एमपी  याद आया वहीं शर्मा कांग्रेसी को हरियाणा आंध्रा । हमने पूछा दोनो का हिंद कहां है। दीपक भाजपाई  बोले भाई ये सुनो कि कहां नही है यूपी मे नही है शर्मा जी ने भी हामी भरी । हमने कहा  जहा हिंद है वही तुम दोनो को हिंद नजर नही आ रहा है । दोनो के दोनो पिल पड़े आपको यूपी मे हिंद नजर आ रहा है आंख के अंधे नाम नयनसुख ।

हमने कहा हां भाई   दलित की बेटी आज यूपी की मुख्यमंत्री है भारत के संविधान की इससे बड़ी क्या उपल्ब्धी होगी।  दोनो ने प्रतिकार किया  हमारे यहां दलित नेता नही है क्या । हमने कहा भाई दलितो नेताओं का फ़ोटो दिखा दिखा कर तुम लोग राज करते आये हो  खाली फ़ोकट होशियारी मत दिखाओ । दोनो भड़क गये आपको यूपी का भ्रष्टाचार नजर नही आ रहा । हमने कहा बिल्कुल आ रहा है आप ही की विरासत है निभा रही है  जनता तो चाहती यही है कि नेता खायें मतभेद बस इसमे हैं कि कौन न खाये मुसलमान कहते हैं भाजपा न खाये , हिंदू कहते हैं कि कांग्रेस न खाये , हम कहते है कि खाना ही है तो दलित की बेटी क्यो न खाये  ।

शर्मा जी ने कहा बलात्कार के बारे मे क्या कहना है । दवे जी हमने कहा भाई करोड़ो की आबादी मे पांच सात बलात्कार की घटना हो जाये तो ये कोई बहुत भयावह स्थिती नही है । तुम लोग आज देश के साथ जो कर रहे हो वो बलात्कार से क्या कुछ कम है  । रक्षा सौदे   शहीदो की विधवाओ बच्चो के नाम तक मे पैसा खा रहे हो आरोप लगाओ तो एक दूसरे का नाम लगाते हो  ।   तुम पर उंगलिया उठने लगी तो मायावती के उपर नीतिश कुमार के उपर  भ्रष्टाचार की खबरे तमाम चैनलो मे आने लगी । और होगा क्यों नही भ्रष्टाचार जब नियम कायदे इतने ढीले हैं जिसको मर्जी जमीन दे दो जिसको मर्जी ठेका । खरीदी तो बाये हाथ का खेल है  देश का बच्चा बच्चा जानता है कि तुम खा रहे हो । समस्या यह है कि तुम दोनो का विकल्प नही है देश के पास ।
ऐसे मे देश करे क्या कानून कड़े करना ही होंगे लोकपाल बिल पास कराना ही होगा । शर्मा कांग्रेसी भड़क गये बोले  बेटा अन्ना पन्ना भूल जाओ हमारा एहसान मानो जैसा बिल पास हों रहा है  उस पर खैरियत मनाओ । वरना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भिनभिनाते मच्छरो को भगाने के लिये हमे नुक्कड़ पर संप्रदायिकता का कीटनाशक छिड़कना ही होगा । ऐसा कह शर्मा जी ने अपनी बाईक स्टार्ट की दीपक भाजपाई को बैठाया और फ़िर दोनो  गाते हुये निकल पड़े ।


इतना सुनते ही आसिफ़ भाई का दिल फ़िर बैठ गया  हमने कहा भाई निराश होने की जरूरत नही है सामने अन्ना का आंदोलन है एक बार अनशन शुरू होने दो फ़िर इन सभी को नानी याद आ जायेगी अभी केवल कलमाड़ी को भूलने की बीमारी हुयी है जनता के जूते पड़ेंगे तो ये सभी इसी बिमारी का शिकार होने वाले हैं भूळ जायेंगे अकड़ बेईमानी कपट और भ्रष्टाचार और आसिफ़ भाई अपने शर्मा जी अपनी नयी पड़ोसन को भी भूलने को मजबूर हो जायेंगे भले उनको याद रहे पर अदालत मे अपने घोटाले  कारगुजारी भूलने का नाटक करने वाले शर्मा जी हमारे सामने कैसे याददाश्त  रख पायेंगे  ।


इतना सुनते ही आसिफ़ भाई तो प्रसन्न हो गये मित्रो पर अभी हम लोगो के सामने एक आंदोलन खड़ा है । यही एक मौका है जब हम इस भ्रष्ट व्यवस्था मे सुधार कर सकते हैं । बाबा रामदेव का आंदोलन तो  इन नेताओं की चाल का शिकार हो चुका है । अन्ना अभी तक इनकी तमाम चालो से बचे हुये हैं ऐसे मे हमे संप्रदायिकता के कीटनाशक से दूर रहकर इस आंदोलन को मजबूत करना ही होगा




Comments
10 Comments

10 comments:

  1. bahut khoob pradeep ji .badhai sundar lekhan ke liye

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  2. जनतंत्र से मोह भंग हो गया.

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  3. vyangy ke madhyam se apni bat kahne ka dhang achha laga

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  4. आज तो ए राजा ने भी सब उगल दिया. मनमौन सिंह और घी चिदंबरम को भी लपेट लिया.

    अब इनकी खैर नहीं.

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  5. वो हिंद कहां है जिस पर आम आदमी नाज कर सके?
    बहुत खूब लिखा है अरुणेश भाई...
    सादर....

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  6. बहुत ही अच्छा लेख लिखा है आपने
    "samrat bundelkhand"

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  7. सटीक व्यंग .. जनता को ही एक जुट रहना होगा ..

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  8. .....बहुत खूब लिखा है अरुणेश जी

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