Sunday, July 31, 2011

सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी का स्लट वाक


भाई सोहन शर्मा नुक्कड़ पर ठहाके लगा रहे थे कारण पूछने पर बोले-  "देखो तो दीपक भाजपाई के संघेरे भाईयों को, स्लट वाक याने बेशर्मी मोर्चा का विरोध कर रहे हैं। अरे भाई, कोई कैसे भी कपड़े पहने इनको क्या आपत्ति है।  कम कपड़े पहनने का यह मतलब थोड़े ही है कि लड़की आप को बुला रही है, कि आओ बलात्कार करो । हमने सर हिलाया- बड़े उच्च विचार हैं आपके, वैसे शर्मा जी सोना-चांदी, पैसा कहां रखते हो। शर्मा जी बोले - लाकर में या  अलमारी के सेफ़ में और आदमी कहां रखेगा ?  हमने कहा घर के बाहर शोकेस बनवा दो आते-जाते लोग आपकी संपत्ति की, गहनों की तारीफ़ करेंगे, मुहल्ले में आपकी इज्जत बढ़ेगी, मान बढ़ेगा

शर्मा जी बोले- दिमाग खराब हो गया है क्या, जिस चोर की निगाह पड़ी वही लूट लेगा, कौन शोकेस की चौकीदारी करता फ़िरेगा दिन भर। हमने कहा यही बात महिलाओं पर लागू नहीं होती क्या ? जिन कपड़ों से बलात्कारियों की नजर मे चढ़ो , उसको पहनने का फ़ायदा क्या, खास कर उन लड़कियों को जो परिवार से दूर रहती हों या असुरक्षित जगहों पर जाती हों । चोर और बलात्कारी तो आसान और बढ़िया शिकार खोजते हैं , क्या वे स्ल्ट वाक को देख अपनी हरकते बंद कर देंगे। सुंदर लड़कियों को कम कपड़ों में देख आप जैसा अच्छा इंसान तो मन मसोस कर रह जाता है कि लड़की के घर वाले पीटेंगे, पुलिस वाले पीटेंगे और सबसे बड़ी बात बीबी पीटेगी ।

शर्मा जी ने सर हिलाया पीट तो बीबियां वैसे भी लेती हैं भाई पर छोड़ के चले जायेगी उसका क्या। शर्माइन को भले मुझमें लाख बुराईयां और अपने में लाख अच्छाईयां नजर आये, शादी के इतने सालों बाद, मन भी नहीं लगता उनके बिना । हमने शर्मा जी को टोका - ओ भाई होश में आओ, कहां श्रीमती के प्यार में खो गये अभी घर पहुंचते ही भाभी चार काम बतायेंगी तो तुम्हारा प्यार का नशा हिरण हो जायेगा। अभी बात बेशर्मी मोर्चा की करना है , क्या विचार बनाया आपने। शर्मा जी ने स्टैंड बदला - मैं सहमत हूं कि बेशर्मी मोर्चा का विरोध होना चाहिये ।

अब शर्मा जी से हमने कहा तुरंत दिल्ली जाओ , अपनी सोणी मम्मी, राउल बाबा और उनके चालीस चोरों का जो रोजाना स्लट वाक हो रहा है उसे बंद कराओ। शर्मा जी भड़क गये-  कहां की बात कहां पहुंचा दी, क्या हमारी पार्टी के लोग कम कपड़े पहनते हैं। हमने कहा-  भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है लाखों करोड़ रूपये लूटे जा रहे हैं, उसके बाद आलम यह है कि व्यवस्था में सुधार करने आंदोलन करो तो आधी रात में आंदोलनकारियों पर हमला कर उनका दमन कर देते हो। भाई मेरे बेशर्मी केवल कपड़ों में नहीं होती हरकतों में भी होती है, आप लोगों को शर्म नहीं आती क्या

शर्मा जी रोज भ्रष्टाचार पर गालियां खाते थोड़े बेशर्म हो चुके थे कहने लगे-  कल सुना नहीं श्रद्धेय मन्नू जी क्या कह रहे थे, विपक्ष के बहुत से 'शर्मिंदगी भरे राज' हैं। भाई जब सभी लोग बेशर्मी मोर्चा निकाल रहे हों , कम कपड़े पहने हों , तब काहे की शर्म । हमाम में सभी नंगे हों तो एक को नंगा कहना मूर्खता है या नहीं । बेशर्मी मोर्चा ही सही तुम लोग दुखाते रहो अपना पेट । क्यों सुने जनता की आवाज, क्या लिखा है संविधान मे निर्णय और कानून संसद बनायेगी और इस पर चर्चा वहीं होगी । जब चुनाव आयेगा तब तुम लोग वोट देना, दोगे किसको हममे से किसी एक को ही न जो आयेगा वो बेशर्मी मोर्चा निकालेगा चिल्लाते रहो । धरना देते रहो जब लगेगा मामला हाथ से बाहर जा रहा है, तो गांधी का देश है तुम अहिंसा अपनाना हम हिंसा अपनायेंगे । आजादी मे क्या हुआ ! सत्ता का हस्तांतरण हमे अंग्रेजो ने अपना काम सौपा । वही तो कर रहे हैं जैसे उन्होने लूटा अब हम लूट रहे हैं

हम भड़के शर्मा जी गलतफ़हमी है आपको, कि लोकतंत्र की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त नही हो सकती ।  दुख की बात तो यह है कि जब दुर्घटना होगी तो भी भुगतना जनता को ही पड़ेगा । भ्रष्टाचार का शौक फ़रमाना बंद करो और मजबूत लोकपाल बिल लेकर आओ । वरना एलिया साहब की ये पंक्तिया कहनी पड़ेंगी "कि शौक मे कुछ न गया , शौके जिंदगी गयी "।

शर्मा जी ठहाके लगाने लगे बोले अरे ओ क्रांतीकारी जुटा कुछ जानकारी वरना अकेले जूते खायेगा । बेटा मीडिया हमारी पुलिस हमारी और तुम लोग भारत के आम आदमी। अभी अल्लाह ओ अकबर और हर हर महादेव के नारे लगवा दूंगा तो आपस मे लड़ते नजर आओगे । लोकपाल जोकपाल सब किनारे लग जायेगा। इतना कह शर्मा जी पलटे और "कि भईया, आल इज वेल" का गाना गाते हुये संसद की ओर रवाना हो गये।

और अपने राम रह गये नुक्कड़ में सर खुजाते शर्मा जी के इस तर्क का हमारे पास कोई जवाब न था।

Saturday, July 30, 2011

अन्ना हजारे को सत्ता सुंदरी का प्रेम पत्र

मेरे प्यारे अन्ना

मुझे पता है कि इस  पत्र का शीर्षक देख कई लोग इसे इश्क का चटखारा लेने पढ़ेंगे । आज के संक्रमण काल मे भी इन पापियों को इश्क मुहब्बत ही सूझ रहा है , पिता तुल्य इंसान से एक स्त्री के प्रेम को ये लोग क्या समझेंगे । जैसे जैसे सोलह अगस्त की तारीख नजदीक आती जा रही है, हमारे दिल की धड़कने बढ़ती जा रही हैं । हम रोज भगवान से अल्लाह से जीसस से यह प्रार्थना करते हैं , कि वह आपके आंदोलन को सफ़ल बनाये । ऐसी ही प्रार्थना हमने   बाबा के लिये भी की थी । उनको पत्र लिख समझाया भी था पर वो नही माने । जाकर चिपक गये भाजपा से । साफ़ मना किया था हमने कि भाजपा अकेली नही आयेगी उसके साथ भ्रष्ट नेता और उनके दाग भी आयेंगे । भाजपा के आने से अल्पसंख्यक आंदोलन से अलग हो जायेंगे । पर वो मानना छोड़ आंखे मटका मटका कर कहने लगे हमको चूहे खाने वाली बिल्ली चाहिये । मिल गई बिल्ली , उड़ गयी गिल्ली अब हो रही है खिल्ली । ब्वायफ़्रेंड सीबीआई के हत्थे चढ़ा वो अलग


खैर आप इन सब फ़ंदो मे नही फ़सेंगे ऐसी मेरी आशा है । प्यारे अन्ना हम सब सत्ता सुंदरिया बेहद दुखी हैं हमारे पिता लोकतंत्र ने जिस भी नेता अफ़सर को हमारा हाथ दिया नही ,  कि वो ही हमे नोचने खसोटने मे मशगूल हो जाता है । हमारे स्वास्थ की हमारे एक अरब बच्चो की उन्हे कोई परवाह न रहती है । अब तो हद ही पार हो गयी है , जब से हमारे पिता ने हमें इस कपटी खांग्रेस के हाथो सौपा है । तब से ये और सोनी सास ने सारी हदे पार कर दी हैं । हमारे मायके को लूट लूट कर दूसरी सुंदरियों के बच्चो के नाम विदेश भेज रहे हैं दामाद भी पीछे नही है उसका भी स्विस बैंक मे एकाउंट है। हम करें तो करें क्या भारत मे तो किसी आम महिला को उसका पति उंची आवाज मे बात भी कर ले , तो वह महिला थाने पहुंच जाती है । पर हमारे लिये ऐसा कॊई कानून नही , आप जल्द से जल्द हर शहर मे लोकपाल थाना खुलवा दीजिये , दहेज विरॊधी कानून जैसा सख्त कानून बनवा दीजिये तो हमे सता रहे लूट रहे सारे पति तिहाड़ मे नजर आयेंगे । और जो नये पति मिलेंगे वो आज कल के पतियो की तरह दब्बू रहेंगे । थोड़ा दायें बायें हुये नही की सीधा लोकपाल थाना के दरोगा डंडा पड़ा नही



प्यारे अन्ना कुछ चेतावनियां आपको भी दे रहीं हूं । ये मीडियासुर बड़ा अजीब सा राक्षस है पता नही किस पल पाला बदल लेता है । इसकी शक्तियां अथाह हैं , इसके सैकड़ो सैनिक पल पल आपके और आपके साथियों के आस पास मंडराते रहेंगे । अपना मनचाहा जवाब पाने के लिये तरह तरह के फ़ंदे बिछायेंगे । और मनचाही बाईट मिल गयी तो आपकी छवि को तोड़ने मरोड़ने मे कोई कसर न छोड़ेंगे । इनसे बहुत ही सतर्क और सावधान रहना । हर्ष की बात यह है कि इंटरनेट नाम का नया अवतार दिन रात आपकी विजय के लिये काम कर रहा है । पर फ़िर भी मीडियासुर को पास रख भी उनसे कुछ दूरी बनाने मे ही लाभ होगा ।


इस कपटी खांग्रेस से सावधान करने की तो बात ही बेमानी है , यह तो पूरा दम ही लगा देगी । सावधान उन नेताओं से रहने की जरूरत है जो विपक्ष मे बैठे हैं । जिनके हाथ और मुह दोनो ही काले हैं क्योंकि वे और ये खांग्रेस हम प्याले और हम निवाले हैं । ये आपके आंदोलन की लहर मे सवार हो सत्ता सीन होने मे कोई असर न छोड़ेंगे । इनमे से जो भी बिल को पूर्ण समर्थन न दे वह भी खांग्रेस सा ही दुश्मन है,  यह जान लेना , मीठी बातों के फ़ेर मे न आना । मुह मे इनके राम तो है ही बगल मे छुरी भी हो सकती है ।

और आखिरी सावधानी अपने उन समर्थको  से रखना , जो अल्लाह ओ अकबर और हर हर महादेव का नारा लगा देश मे जहर घोलना चाहते हैं । ऐसे किसी समर्थक से दूरी बनाये मे ही  भलाई है । और आपके उन समर्थको को भी मै चेतावनी दे देना चाहती हूं जो बेडरूम मे बैठ आपको सफ़ल होते  देखना चाहते हैं । आजादी के आंदोलन की तरह , जब इस आंदोलन के स्वयंसेवको को जब पेशंन और उनके बच्चो को नौकरी मे आरक्षण दूंगी तब रोते गाते मेरे पास न आये । लोकपाल बन जाने से पिछले आंदोलन की तरह इस बार फ़र्जी लोगो को प्रमाण पत्र नही मिलेगा  ।




आपकी पुत्री

सत्ता सुंदरी


पुनःश्च

प्यारे अन्ना और किसी भी बात पर समझौता कर लेना पर लोकपाल के चुनाव मे कोई समझौता नही करना वरना दरोगा ही रिश्वत खोर हो गया फ़िर हम अबलाओं को कौन बचायेगा ।

Thursday, July 28, 2011

राहुल बाबा की शादी ------ हिना रब्बानी खार

नुक्कड़ पर भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी, लकदक करते नये कुर्ते में नजर आये इत्र पाउडर लगा चमचमा रहे थे । हमने पूछा - शर्मा जी आज तो कहर ढा रहे हो कहां की तैयारी है । शर्मा जी - बोले, लड़की देखने जाना है भाई । तभी आसिफ़ भाई ने टांग अड़ाई बोले मियां एक शादी में तो सुबह शाम पिटते हो , फ़िर भी मन नही भर रहा । शर्मा जी भड़क गये - बोले, आप को हर बात में मजाक सूझता है । यहां हम देश हित में लड़की देखने जा रहे हैं । प्यारी मम्मी का आदेश आया है इस बुरे समय को दूर करने नयी महारानी चाहिये बाबा के लिये सभी लोग अच्छी सी सुशील लड़की देखें । हमने पूछा - भाई, तो कैसी लड़की खोजने जा रहे हो जवाब मिला यही तो मशविरा करने आप लोगों के पास आया हूं कि लड़की कैसी होनी चाहिये ।


हमने कहा -  भाई , कैटरीना कैफ़ सहीं रहेंगी, शर्मा जी सोच मे पड़ गये , कहने लगे है तो बड़ी सुंदर पर वो तो फ़िल्मी कलाकार है । हमने कहा  - भाई , वो एक दम सूट करेगी आपका बाबा आधा भारतीय वो आधी भारतीय दोनो मिलकर पूरे भारतीय बन जायेंगे । शर्मा जी फ़िर भड़क गये , कहने लगे यार दवे जी मजा लेना है तो मैं चला वरना बात गंभीर चिंतन की है गंभीरता से लो । हमने सर खुजाया - भाई ,हिंदू या मुस्लिम लड़की कैंसल , शर्मा जी अचकचाये - फ़िर तो नब्बे फ़ीसदी लड़कियां कम हो जायेंगी । हमने कहा भाई बाबा हिंदू लड़की से शादी करेगा तो मुस्लिम साथ छोड़ देंगे । मुस्लिम से करेगा तो हिंदू वोट बैंक खसक जायेगा । शर्मा जी ने सर हिलाया  - बोले . सिख लड़की कैसी रहेगी हमने मेनका गांधी जिंदाबाद का नारा लगा दिया । शर्मा जी ने तड़ से विषय बदल लिया । बोले - गुरू मैने ट्रंप कार्ड खोज लिया है दलित लड़की से करवा देता हूं । हमने कहा - मियां दलित घरों मे सोने की नौटंकी अलग बात है , शादी कर पायेगा तुम्हारा बाबा अनपढ़ गरीब लड़की से । शर्मा जी भड़क गये - क्या बेकार की बात है दलितो में पढ़े लिखे लोग नही है क्या , कई दलित उंचे पदो पर बैठे हैं उनमे से किसी की सुंदर सी लड़की से करवा देंगे ।


हमने कहा -  भाई , पढ़ लिख लिये साहब बन गये तो फ़िर वो दलित रहे कहां , दलित तो वो हैं जो गरीब हैं भूमीहीन हैं । इसमें तुम्हारा आरक्षण वाला झुनझुना नही चलेगा कि आरक्षण दे भी दिया और नौकरी अमीर पा रहे हैं । शर्मा जी ने पूछा -  ईसाई लड़की के बारे मे क्या ख्याल है । हमने कहा - शर्मा जी , पुरानी मम्मी ईसाई आपके जीजाजी ईसाई अब क्या नयी मम्मी भी वही लाओगे  । संघ वाले चढ़ नही बैठेंगे ऐसे ही आप लोगो की जान सांसत मे किये हुये हैं । शर्मा जी उदास हो गये - बोले , भाई क्या हमारा बाबा कुंवारा ही रहेगा ।

हमने पूछा - इस हिना रब्बानी खार के बारे में क्या खयाल है , एक दम ठांय ठांय़ दिखती है । शर्मा जी नाम सुनते ही पहले प्रसन्न हो गये फ़िर ठांय ठांय़ सुन भड़क गये -  खबरदार हमारी होने वाली मम्मी के बारे में कुछ कहा तो । हमने कहा  - ओ मियां शेखचिल्ली होश मे आओ , नाम सुना नहीं और मम्मी बना लिया । इतनी सुंदर शालीन महिला है सिर्फ़ चेहरा बस दिखता है ।हमने ठांय ठांय़ उनके चेहरे के लिये कहा और आपने अपने गंदे मन में पता नही क्या क्या सोच लिया । शर्मा जी झेंप गये - बोले , आईडिया तो बहुत ही अच्छा है । भारत पाकिस्तान में एकता भी हो जायेगी और सानिया मिर्जा का बदला भी चुका दिया जायेगा । पर ये संघ वाले क्या बोलेंगे ये तो हंगामा मचा देंगे । हमने कही - भाई , संघ वाले कुछ नही कहेंगे । आजकल उन्होने एक नया नक्शा बना लिया है , जिसमे हिंदू राष्ट्र मे नेपाल बर्मा से लेकर पाकिस्तान सभी को जोड़ दिया है । अब देश के अंदर शादी करने में उनको क्या आपत्ती और वो तो कहते ही हैं , "जो हिंदुस्तान मे रहता है वो हिंदू है"

शर्मा जी खुशी से उछल गाड़ी में बैठे ही थे कि आसिफ़ भाई  ने टोका - ओ हड़बड़ी लाल कहां भाग रहे हो , हिना की शादी पहले ही हो चुकी है । सुना नही नाम हिना रब्बानी खार , खार उसके पति का सरनेम है । इतना सुनते ही साहब शर्मा जी टूटा दिल लिये घर चले गये । हमने आसिफ़ भाई से पूछा -  क्यों भाई क्यों शर्मा जी को टॊपी दे दी खार तो हिना के गांव का नाम है । आसिफ़ भाई ने आंख मारी बोलने लगे - इस कपटी शर्मा जी ने जब जीजा जी चुनते समय हम दोनो के नाम पर विचार नही किया । तो हम क्यो इसकी मम्मी खोजो अभियान में मदद करें । वैसे दवे जी उसकी शादी वाकई हो चुकी है , उसके पति का नाम अशफ़ाक हुसैन है और उसके तीन बच्चे भी हैं ।



इतना सुनते ही साहब दिल शर्मा जी की तरह टूट गया , भले शादी शुदा हम भी हैं। पर किसी सुंदर लड़की के शादी शुदा होने की बात सुन दिल टूट ही जाता है


Tuesday, July 26, 2011

मन्नू ------- राजा बोला अब तेरा क्या होगा


सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने नुक्कड़ मे घोषणा की खामखा तुम तोग स्विस बैंक का नाम भजते रहते थे  वहां तो सिर्फ़ ग्यारह हजार करोड़ का कालाधन जमा है । हमने तुरंत शर्मा जी को प्रणाम कर कहा मान गये आपको स्विस सरकार से भी अपने प्रवक्ता टाईप बयान दिलवा दिया । खैर उन की भी मजबूरी है भारत का बॊस लाख करोड़ से ज्यादा का काला धन वहां से निकल गया तो बेचारे भिखारी नही हो जायेंगे । शर्मा जी भड़क गये बोले क्यों जनता को भड़काते हो दवे जी मनगढ़ंत आकड़ो से क्या सबूत है तुम्हारे पास । हमने कहा भाई राजा खुद ही सामने है आप ही की सरकार ने एक लाख अस्सी हजार करोड़ के घोटाले मे बंद किया है उसको । फ़िर भारत तो ऐसे राजाओं का देश ही रहा है ये तो सिर्फ़ राजा है यहां तुम्हारी मम्मी से लेकर चिद्दीबम तक अनेको महाराजा भी हैं । और मन्नू तो है ही राजा ने खुला बोला है अदालत मे कि मन्नू को भी मालूम था वह भी शामिल था ।


शर्मा जी ने तुरंत श्रद्धा से सिर नवाते हुये कहा आदरणीय मन्नू जी पर लांछन लगाना सूरज पर थूकने के समान है । हमने कहा "भाईयों कल से रेनकोट पहन कर आना" आसिफ़ भाई ने हैरानी से पूछा क्यों भाई! तो हमने कहा पूरा देश इनके सूरज उर्फ़ मन्नू पर थूक रहा है सूरज तक तो पहुंचेगा नही हमारे उपर ही न गिर जाये । पूरा नुक्कड़ ठहाके लगाने लगा तो गुस्साये शर्मा जी बोले आप लोग एक अपराधी की बातो पर मन्नू पर आरोप लगा रहे हो । हमने कहा यह जो आपको आज अपराधी लग रहा है कल तक आप ही को ईमानदार नजर आ रहा था । जैसे कपिल बाबू पहले छाती ठोक एक रूपये का भी घोटाला नही हुआ कह रहे थे आज आप मन्नू को वैसे ही निर्दोष बता रहे हो । कल इसका मामला भी सामने आयेगा तो कहोगे हमारी प्यारी मम्मी पर जो आरोप मन्नू लगा रहा है वह गलत है

तभी आसिफ़ भाई ने टांग अड़ाई कहने लगे शर्मा जी अपराधियो को जब डण्डा पड़ता है तभी तो वो बताते हैं कि उनके साथ और कौन कौन शामिल था । अपराधियो के बयान ही अमान्य कर दोगे तो फ़िर उसके साथी कैसे पकड़े जायेंगे । तुम तो पूरी व्य्वस्था को ही झूठा कह रहे हो कुछ लाज शर्म बाकी है या नही । हमने कहा आसिफ़ भाई वो डंडे वाली बात आम आदमियो पर लागू होती है नेता लोग आम आदमी हैं कहां आम आदमी होते तो इनको जनता की तकलीफ़ नजर आती ये तो खास लोग है। सही कह रहे है शर्मा जी मन्नू के उपर थूकने से उस तक पहुंचेगा नही वो तो जांच के दायरे मे ही नही आता । तभी तो ये लोग मन्नू को लोकपाल के दायरे से बाहर रखना चाहते हैं जब मन्नू की जांच ही नही होगी तो उसकी मम्मी के फ़सने का सवाल नही


आसिफ़ भाई फ़िर बोले मियां दो डंडा पड़ेगा तो सारे लोग बोलेंगे  एक बार कानून की जद मे आ जाये बस । हमने कही भाई आपसे कहा है न ये लोग खास लोग हैं। जहां डंडे की नौबत आयी नही कि इनको डेमेंशिया की बीमारी हो जाती है । एक ने पूछा भाई ये डेमेंशिया क्या होता है हमने समझाया इसमे आदमी की याददाश्त चली जाती है कम होने लगती है । फ़िर उससे किसी बारे मे पूछो तो वो भूल जाता है जैसे अपना खलमाड़ी अब जो उससे पूछ्ताछ होगी भाई भूल जायेगा । आसिफ़ भाई बोले भले भूल जाये पर कानून तो उसको नही भूलेगा कागज पत्तर तो अपनी जगह है ही सजा तो होनी ही है । हमने कहा अरे भोले भंडारी इस बीमारी से डबल फ़ायदा है नेताओं को होने पर यह गंभीर बिमारी बन जाती है । सीधे अस्पताल मे एसी कमरे मे भरती होना पड़ता है और घर वालो से पहचान वालो से चौबीस घंटा मुलाकात करनी होती है । वरना नेताओं की जान को गंभीर खतरा हो जाता है । अब हिंदुस्तान इतने जघन्य अपराधी को मरने तो नही दे सकता न । कसाब टाईप इन लोगो को भी जिंदा रखना मजबूरी हो जाती हैऔर मान लो उपर वालो को ऐसे अपराधी से पोल खुलने का डर हो तो इनकी मौत का कारण सामने ही होता है । यह नही कि डा. सचान के मामले की तरह आत्महत्या करवानी पड़े

इतने मे दीपक भाजपाई जी ने बयान दिया दवे जी बिल्कुल सही कह रहे हो आप । हमने उनको फ़टकारा आप तो चुप ही रहो भाई जितना बोलना है अपनी पार्टी के भीतर बोलो । अपने नेताओ को समझाओ केवल जय श्री राम का नारा लगाने से वोट मिलने वाला नही है । तीन साल का समय है अपनी पार्टी को साफ़ सुथरा करो भ्रष्टाचारियों को बाहर निकालो और ये नही कि जिसके बारे मे सबूत मिल रहा है उसके ही निकालना है । उपर से नीचे जितने नेता मंत्री है सब को समझा दो कि बेटा एक रूपया खाया  तुम्हारा नाम आया और सीधे पार्टी से बाहर । ये कलपती दरकती कांग्रेस अपने को साफ़ सुथरा दिखाने के लिये तुम्हारा पूरा पोस्टमार्टम करने वाली है । और देश भी देख रहा है काली करतूतों को यह भी याद रखो कि दूसरो पर आरोप लगाने से पहए जो अपना घर साफ़ नही करता उसका हाल बाबा रामदेव टाईप हो जाता है समझे की नही ।


नुक्कड़ की भीड़ विसर्जित होते ही आसिफ़ भाई ने हमे समझाया भाई जब इतने न्यूस चैनल अखबार खामोश है सरकार की पोल खोलने से डरते है तो आप क्यों शिवाजी बनते हो क्यों गला फ़ाड़ चिल्लाते हो भाई । तो साहब हमने अपनी व्यथा रखी कि भाई ये सब लोगो को पैसा मिल रहा है तो चुप हैं अपने राम को भी मिलने लगे तो अपन काहे गला फ़ाड़े पर ये हैं कि कुछ देते हि नही अब आप ही बताईये इतने लोगो को बाट रहे हैं तो दवे जी को भी थोड़ा प्रसाद दे देते तो इनका क्या जाता । आखिर फ़ंस भी इसिलिये रहे हैं कि नही जिसको खाने नही मिला वही इन लोगो की पोल खोल रहा है ।अपने चौतीसगढ़ के चमन सिंग से ही सीख ले इतना अच्छे आदमी है कि मजाल है कि कोई अखबार वाला कोई विरोधी दल का नेता एक शब्द ही कह दे इनके खिलाफ़.....


Sunday, July 24, 2011

जिन्हे नाज था हिंद पर वो कहां है

आसिफ़ भाई नुक्कड़ के एक कोने मे गुमसुम उदास से बैठे थे सामने से एक के बाद एक सुंदरियां गुजरती जा रही थी पर नजरें जमीन की जमीन पर ।  कारण पूछा तो डबडबाई आंखो से देख पूछने लगे जिन्हे नाज है हिंद पर वो कहां है..... भाई किसकी नजर लग गयी हमारे मुल्क को । हमने सिर खुजाया फ़िर पूछा मियां नाज है वो लोग कहां है या नाज करने लायक हिंद कहां है । सवाल तो एक ही है और जवाब बेहद पेचीदा मिया तुम भी खामखां शोकसभा लेकर बैठ गये भाई । यहां खाओ खुजाओ बत्ती बुझाओ का देश है । मन खराब हो तो नेता है हीं गाली देने को  प्रसन्न हो तो अधिकारी  है ही  पैसा पहुंचाओ काम करवाओ । लेकिन आसिफ़ भाई पर हमारी दिलबहलाउ बातों का असर न पड़ा रहे उदास के उदास तभी शर्मा कांग्रेसी और दीपक भाजपायी एक ही गाड़ी मे शोले के जय वीरू टाईप गाना गाते आ रहे थे ।

ये दुश्मनी हम नही भूलेंगे ।
भूळेंगे सब मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे ॥

तेरी जीत मेरी हार ।
मेरी जीत तेरी हार  ॥

साथ मिलकर खायेंगे ।
हिंदू मुस्लिम चिल्लायेंगे  ॥

सामने हो तकरार ।
बना रहे अपना प्यार ................

गाड़ी आकर रुकी दोनो को  आसिफ़ भाई का दुख बताया गया । सुनते ही दोनो छिटक कर दूर  हो गये पर दावा एक सा किया हमे नाज है हिंद पर। हमने कहा भाई तुम लोग तो खा रहे हो मौज उड़ा रहे हो तुमको तो इस हिंद पर नाज होगा ही वो हिंद कहां है जिस पर आम आदमी नाज कर सके । इस पर  दीपक भाजपाई को गुजरात एमपी  याद आया वहीं शर्मा कांग्रेसी को हरियाणा आंध्रा । हमने पूछा दोनो का हिंद कहां है। दीपक भाजपाई  बोले भाई ये सुनो कि कहां नही है यूपी मे नही है शर्मा जी ने भी हामी भरी । हमने कहा  जहा हिंद है वही तुम दोनो को हिंद नजर नही आ रहा है । दोनो के दोनो पिल पड़े आपको यूपी मे हिंद नजर आ रहा है आंख के अंधे नाम नयनसुख ।

हमने कहा हां भाई   दलित की बेटी आज यूपी की मुख्यमंत्री है भारत के संविधान की इससे बड़ी क्या उपल्ब्धी होगी।  दोनो ने प्रतिकार किया  हमारे यहां दलित नेता नही है क्या । हमने कहा भाई दलितो नेताओं का फ़ोटो दिखा दिखा कर तुम लोग राज करते आये हो  खाली फ़ोकट होशियारी मत दिखाओ । दोनो भड़क गये आपको यूपी का भ्रष्टाचार नजर नही आ रहा । हमने कहा बिल्कुल आ रहा है आप ही की विरासत है निभा रही है  जनता तो चाहती यही है कि नेता खायें मतभेद बस इसमे हैं कि कौन न खाये मुसलमान कहते हैं भाजपा न खाये , हिंदू कहते हैं कि कांग्रेस न खाये , हम कहते है कि खाना ही है तो दलित की बेटी क्यो न खाये  ।

शर्मा जी ने कहा बलात्कार के बारे मे क्या कहना है । दवे जी हमने कहा भाई करोड़ो की आबादी मे पांच सात बलात्कार की घटना हो जाये तो ये कोई बहुत भयावह स्थिती नही है । तुम लोग आज देश के साथ जो कर रहे हो वो बलात्कार से क्या कुछ कम है  । रक्षा सौदे   शहीदो की विधवाओ बच्चो के नाम तक मे पैसा खा रहे हो आरोप लगाओ तो एक दूसरे का नाम लगाते हो  ।   तुम पर उंगलिया उठने लगी तो मायावती के उपर नीतिश कुमार के उपर  भ्रष्टाचार की खबरे तमाम चैनलो मे आने लगी । और होगा क्यों नही भ्रष्टाचार जब नियम कायदे इतने ढीले हैं जिसको मर्जी जमीन दे दो जिसको मर्जी ठेका । खरीदी तो बाये हाथ का खेल है  देश का बच्चा बच्चा जानता है कि तुम खा रहे हो । समस्या यह है कि तुम दोनो का विकल्प नही है देश के पास ।
ऐसे मे देश करे क्या कानून कड़े करना ही होंगे लोकपाल बिल पास कराना ही होगा । शर्मा कांग्रेसी भड़क गये बोले  बेटा अन्ना पन्ना भूल जाओ हमारा एहसान मानो जैसा बिल पास हों रहा है  उस पर खैरियत मनाओ । वरना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भिनभिनाते मच्छरो को भगाने के लिये हमे नुक्कड़ पर संप्रदायिकता का कीटनाशक छिड़कना ही होगा । ऐसा कह शर्मा जी ने अपनी बाईक स्टार्ट की दीपक भाजपाई को बैठाया और फ़िर दोनो  गाते हुये निकल पड़े ।


इतना सुनते ही आसिफ़ भाई का दिल फ़िर बैठ गया  हमने कहा भाई निराश होने की जरूरत नही है सामने अन्ना का आंदोलन है एक बार अनशन शुरू होने दो फ़िर इन सभी को नानी याद आ जायेगी अभी केवल कलमाड़ी को भूलने की बीमारी हुयी है जनता के जूते पड़ेंगे तो ये सभी इसी बिमारी का शिकार होने वाले हैं भूळ जायेंगे अकड़ बेईमानी कपट और भ्रष्टाचार और आसिफ़ भाई अपने शर्मा जी अपनी नयी पड़ोसन को भी भूलने को मजबूर हो जायेंगे भले उनको याद रहे पर अदालत मे अपने घोटाले  कारगुजारी भूलने का नाटक करने वाले शर्मा जी हमारे सामने कैसे याददाश्त  रख पायेंगे  ।


इतना सुनते ही आसिफ़ भाई तो प्रसन्न हो गये मित्रो पर अभी हम लोगो के सामने एक आंदोलन खड़ा है । यही एक मौका है जब हम इस भ्रष्ट व्यवस्था मे सुधार कर सकते हैं । बाबा रामदेव का आंदोलन तो  इन नेताओं की चाल का शिकार हो चुका है । अन्ना अभी तक इनकी तमाम चालो से बचे हुये हैं ऐसे मे हमे संप्रदायिकता के कीटनाशक से दूर रहकर इस आंदोलन को मजबूत करना ही होगा




Friday, July 22, 2011

डंडे की तमन्ना है कि अन्ना मुझे मिल जाये

नुक्कड़ पर भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी फ़िल्म थ्री ईडियट की तर्ज पर अपने दो मित्रो के साथ पोंद मटकाते हुये अश्लील नृत्य करते हुये आल इज वेल गाना गा रहे थे । पोंद शब्द की जगह  कूल्हे जैसे थोड़े सम्मानीय शब्द का भी इस्तेमाल हो सकता था पर शर्मा जी के हावभाव ऐसे कुटिल थे  कि क्या कहूं । इस नृत्य  मे उनके साथियो का नाम लिखना भी उचित न होगा आज कल बिना मान वाले भी मानहानी का दावा कर देते हैं । पर अपनी सुविधा से आप उन मित्रो की जगह मन्नू उर्फ़ SMS, कुटिल उर्फ़ सब्बल, दिग्गी उर्फ़ हटेला,  या इन सबकी प्यारी सोणी मम्मी का नाम रख सकते हैं । खैर साहब यह देख हमसे रहा न गया हमने तत्काल प्रतिवाद किया भाई आल इज नाट वेल चहुं ओर भ्रष्टाचार है। कल तिहाड़ का जेलर भी हमसे मिलने आया था कह रहा था कि दवे जी तिहाड़ के बाकी कैदियों को मे इन नेताओ से कैसे बचाउं कही हवा लग गयी तो देश चलाने के जैसे जेल चलाना मुश्किल हो जायेगा । मेरे पास मम्मी टाईप बली का बकरा बनाने के लिये गूंगा जेलर बनाने की सुविधा भी नही है

शर्मा जी ठठा कर हसें कहने लगे दवे जी क्यों मनगढ़ंत आरोप लगाते हो है कोई सबूत और होगा भी तो पहले वो जेलर ही अंदर जायेगा झूठ कहता है देख लेंगे निपटा देंगे उसको । हमने कही चलो भाई जेलर कि न मानो पर अन्ना की तो सुनोगे ताल ठोक कर कह रहे हैं कि देश भ्रष्टाचार के कारण रसातल मे जा रहा है । लोकपाल बिल लाये बिना मामला ठीक होगा नही और सरकार जो है जोकपाल बिल लाना चाहती है । इतना सुनते ही शर्मा जी के दिल से लय फ़ूट पड़ी  " डंडे की तमन्ना है कि अन्ना मुझे मिल जाये " शर्मा जी मुस्कुराते हुये कहने लगे आ तो जाये ये अन्ना जंतर मंतर सारा नेतागिरी भुला दिया जायेगा फ़िर  बोले तुम्हारा ये अन्ना सुप्रीमकोर्ट क्यों गया है इसको डंडे से डर क्यों लगता है भाई गांधी जी तो कभी नही डरे असली गांधीवादी होता तो कभी न डरता ।

हमने कहा भाई चालू राम चलपुर्जे सारी होशियारी का ठेका तुमको ही नही मिला हुआ अन्ना महाराष्ट्र के कई होशियार नेताओ को पहले ही निपटा चुके हैं । वो जानते हैं कि तुम लोग साम दाम दंड भेद सब लगाओगे उनको अनशन से रोकने के लिये इसी लिये सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं कि तुम लोग बाबा रामदेव के जैसे उनके आंदोलन को कुचल न पाओ । और शर्मा जी ये जो तुम्हारी मक्कारी है सब लोग देख रहे हैं जनता मूर्ख नही है सब जान रही है । संभल जाओ नही तो देश मे मिस्र जैसे हालात बन जायेंगे तो बेटा नानी याद आ जायेगा अभी भी समय है मक्कारी छोड़ समझदारी से काम लो हवा के रूख को पहचानो और अन्ना का कहना मानो इसी मे सार है । शर्मा जी सुधरने वालो मे से कहां थे कहने लगे किस अन्ना की बात करते हो इसका एनजीओ भ्रष्टाचार मे लिप्त है इसके वकील भ्रष्ट हैं । ये लोग सिविल सोसाईटी कहलाने का हक ही नही रखते भाई सिविल मतलब मिलजुल कर रहने वाला । मिलते जुलते कहां है ये लोग मिलजुल कर रहते तो अनशनियाने का नौबत आता क्या

तभी आसिफ़ भाई पीछे से डंडा निकाल लाये कहने लगे दवे जी बातचीत का समय गया अब इन लो्गो को पीट पीट कर बताते हैं कि आल इज नाट वेल तभी लाईन मे आयेंगे हमने बड़ी मुश्किल से रोका समझाया भाई करोड़ो रूपया घूस खिलाने के बाद एक बड़ा नेता तैयार होता है काहे आप राष्ट्रीय संपत्ती का नुकसान करने पर तुले हो गांधी का देश है भाई  सारी सेना पुलिस इन्ही के नियंत्रण मे है रक्तपात के अलावा कुछ न होगा ।

खैर साहब शर्मा जी उर्फ़ कांग्रेसी आज भी नुक्कड़ पर अपने मित्रो के साथ मक्कारी भरे अंदाज मे आल इज वेल गा रहे हैं और और आसिफ़ भाई जैसे लोग गुस्से मे दांत पीस रहे हैं । अब विचार आपको करना है कि अन्ना के आंदोलन का समर्थन करना है कि नही और समर्थन करना है तो घर बैठ कर करना है कि धरना स्थल पर पहुंच कर

Tuesday, July 19, 2011

खांग्रेसियों आपकी प्यारी दीदी का हो पूरा भारतीय भाई

सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी गुनगुनाते हुये नुक्कड़ पर चले आ रहे थे हमे देखते ही बोले दवे जी प्यारी मम्मी आ रही हैं बधाई हो हमने छूटते ही कहा आपकी प्यारी दीदी को पूरा भारतीय भाई हो । शर्मा जी भड़क गये कहने लगे मर्यादा नाम की कोई चीज है कि नही दवे जी । हम सोच मे पड़ गये बड़ी देर सोचने के बाद कहा नही भाई भारतीय राजनीति मे मर्यादा नाम की कोई चीज नही है । शर्मा अभी भी उबल रहे थे बात राजनीती की नही है आपने निजी कमेंट किया है । हमने कहा निजी कहां है भाई सार्वजनिक है और कैटरीना कैफ़ भी तो यही कह रही है कि आपका बाबा आधा भारतीय है तो हमने उसके पूरा भारतीय होने की दुआ कर दी गलत क्या कहा । पूरा भारतीय हो जायेगा तो शादी करेगा जिस पर आपकी पार्टी गरीबो से चुराये पैसे से उन्ही को मिठाई खिलायेगी लड़का होगा या लड़की पूरी मीडीया व्यस्त हो जायेगी । देश भर के पंडित मौलवी भगवान से दुआ मांगने का कमीशन पायेंगे । विजय जुलूस मे पैसा देकर जुटाये गये लोगो के बच्चे आपके गुण गायेंगे । रोजगार गारंटी से बड़ी रोजगार की गारंटी हो जायेगी । देश की जनता कम से कम एक टाईम पूरा भोजन पायेगी


तभी किसी ने हमको झिंझोड़ा देखा शर्मा जी कह रहे हैं होश मे आओ दवे जी । आंख  पूरी खुली तो शर्मा जी कहने लगे हमारा बाबा अटल जी जैसा ब्रह्मचारी रहकर सेवा कर रहा है तो आपके पेट मे दर्द हो रहा है । हम मुस्कुराये कहने लगा अब आप होश मे आ जाओ भाई कहां राजा भोज कहां गंगू तेली । किससे तुलना कर रहे हो आज तक भाजपा ही न खोज सकी दूसरे अटल जी । अटल जी की वाणी मे सरस्वती का निवास था और ह्रुदय मे गरीबो के लिये पीड़ा । इतने लंबे राजनैतिक जीवन के बाद भी उन पर भ्रष्टाचार का एक छीटा तक न लग सका और तुहारे बाबा को विरासते मे स्विस एकाउंट मिला है ऐसा लोग बोलते हैं भाई ।


शर्मा जी फ़िर भड़क गये कहने लगे उस फ़िल्म एक्ट्रेस की बात पर कहते हो बाबा पूरा भारतीय नही है । हमारे बाबा को हिंदी पूरी आती है पद यात्रा करता है आम जनता से संवाद करता है । दलितो के घर मे जाकर उनकी टूटी फ़ूटी झोपड़ी मे सोता है वो क्या किसी पूरे  भारतीय से कम हैहमने पूछा यार शर्मा जी आजादी 64 साल तुम्हारी पार्टी के राज के बाद भी देश मे दलित हैं गरीब हैं  और उनके घर जाकर सोने का ढोंग करते हो शर्म नही आती । रही पूरा भारतीय तो मियां उसके लिये पूरा भारत दिखना चाहिये ये नही कि जहां विरोधी पार्टी की सरकार हो वहां नौटंकी करने पहुंच गये । वहां जाकर उखाड़ भी क्या लोगे वहां तो तुम्हारी सरकार है नही जो समस्या दिखेगी राज्य सरकार पर डाल होशियारी झाड़ चले आओगे


अरे भाई इतने बड़े शिवाजी बनते हो तो क्यों नही जहां अपनी सरकारे हैं वहां भी घूमते  पद यात्राएं करते हो । जाकर जमीन मे समस्याएं दूर करो भ्रष्ट अधिकारियो को वही खड़े होकर सजा दो अपनी पार्टी के मंत्रियों को लिप्त पाये जाने पर बर्खास्त करो । शहजादे हो केंद्र मे भी तुहारी सरकार राज्य मे भी तुम्हारी कहीं दिक्कत ही होगी ।  कहते हो विरोधी  रा्म रा्म भजते हैं तो तुम राम राज्य स्थापित कर दिखाओ । जनता जयजयकार करेगी बिना चेपटी पौवा मांगे स्वीकार करेगी । अपने राज्यो मे काम करके दिखाओगे तो जहां सरकार नही है वहां की जनता भी उसका साथ देगी । क्यो आज देश भर मे लोग नीतिश कुमार नरेन्द्र मोदी को पसंद कर रहे हैं । इनके पास तो एक एक ही राज्य हैं  तुम्हारे पास तो दसियो हैं । शर्मा जी खुश हो गये बोले बास आईडिया बुरा नही है फ़िर तो अपना बाबा पूरा भारतीय बन जायेगा न ।


मैने कहा भाई जब तक तुम्हारा बाबा दिग्गी जैसे विषदन्तो से घिरा है तब पूरा भारतीय नही बन सकता पूरा भारतीय होने के लिये सभी धर्म सभी समाज के लोगो को सम भाव से देखना होगा । यह नही कि उत्तर प्रदेश मे चुनाव है तो ओसामा जी कह दिया आंध्रा मे चुनाव है तो तिरूपति दर्शन करने पहुंच गये ।  देश को बाटोगे भाई तो तत्कालिक सफ़लता तो मिल जाती है पर परिणाम कई पीढ़ियों को झेलने पड़ते हैं । शर्मा जी ने सिर हिलाया कहने लगे हे स्वयंभू परम होशियार और कोई सलाह । हमने कहा बाकी तो कुछ नही अपना थोड़ा सा गम है वो सुन लो ।

हाय रे तेरी किस्मत हाय रे तेरा खेल
पडेरा के सर पर चमेली का तेल

शर्मा जी अपना गुस्सा दबाते हुये बोले अरे भाई प्यारी दीदी की शादी हो चुकी है और आपकी भी । श्रीमती भी आपको हमारी प्यारी दीदी से कम न मिली है फ़िर क्यों आहे भरते हो । हमने कहा भाई बात सुंदरता की नही है मियां बात जलवे कि है

एयरपोर्ट पर बिना चेकिंग , कस्टम राजाओ टाईप प्रवास ।


आगे पीछे दुम हिलाते  अधिकारी मंत्री आम और खास॥


बिना हाथ हिलाये बिना इनकम के अरबो की कमाई  ।

और दहेज मे स्विस एकाउंट किसको मिलता है भाई ॥


 फ़ोकट दवे सरनेम मे पैदा हुये हमारे बच्चे गांधी हो जाते ।


 जहां भी जाते तूफ़ान गरजती बरसती आंधी हो जाते ॥


शर्मा जी हमारे कंधे पर हाथ रखने की हिम्मत न होती ।


आत्मा भी आपकी सशरीर हमारे चरणॊ पर सोती ॥


बस इतना कहना था साहब कि हम सरपट भाग लिये ।

पीछे दौड़ रहे थे शर्मा जी आखों और हाथो मे आग लिये

Monday, July 18, 2011

दिग्विजय सिंग जिंदाबाद

नुक्कड़ पर आज बड़ी भीड़ थी तमाम पढ़े लिखे लोग ही मौजूद थे चूंकि नुक्कड़  मे लाने के लिये गाड़ी और पैसे  की सुविधा नही थी अतः इस भीड़ मे कोई गरीब न था । नुक्कड़ मे उपस्थित लोग दिग्विजय सिंग को पिगविजय सिंग से लेकर पता नही क्या क्या कह रहे थे  । एक भाई का विचार अलग था उनका कहना था कि साहब विशेष किस्म का बवासीर है जो मुह मे हो गया है रिसर्च जारी है । एक सज्ज्न का कहना था कि भाई ये जो है मुस्लिम है या इसाई है कम से कम देशद्रोहियों का भाई है  तालियां चहुं ओर बज रही थी कि एक ने सवाल उठाया भाई यहां कोई कांग्रेसी तो है ही नही  किसी कांग्रेसी को बुलाओ वरना बहस किससे होगी । भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी को फ़ोन लगाया गया लेकिन पिटाई भय से शर्मा जी  नट गये । किसी ने सुझाव दिया भाई दवे जी को फ़ोन लगाओ लिखते हैं पढ़ता कोई नही कुलबुलाये से रहते हैं । उनको बुला लो पिट भी जायेंगे तो नाम तो उनका हो ही जायेगा बुरा नही मनायेंगे । निमंत्रण पाते ही अपने राम तड़ से पहुंच गये

 हमें बुला मंच मे पूछा दवे जी आपका इस विषय पर क्या कहना है ।  हमने छूटते ही कहा  दिग्विजय सिंग जिंदाबाद  पहले तो लोगो ने इसे खेल भावना से लिया पर दुबारा  नारा लगाते ही जनता मे रोष छा गया । एक ने गुस्से से कहा दवे जी बिना बात रखे ही पिटने का इरादा है क्या । हमने कहा भाई इस देश का एक ही नेता है जो मर्द है उसका नाम दिग्विजय सिंग है । जो सोचता है सामने बोलता है मन मे नही रखता और काम कांग्रेस का भी करता है और भाजपा का भी  है कोई और नेता जो पार्टी निरपेक्ष हो । एक ने पूछा  ये पार्टी निर्पेक्ष क्या बला है । हमने कहा भाई कांग्रेस मुसलमानो को अपने पीछे लामबंद करना चाहती है और भाजपा हिंदुओ को दिग्गी के बयानो से दोनो का हित होता है कि नही इधर हिंदू भड़कते हैं वहां मुसलमान सरकते हैं ।


एक ने कहा  वो कमीना संघ का आतंकवादी हमलो मे हाथ की बात कहता है उसका क्या । हमने कहा कि हम लोग भी तो बम धमाका होते ही मुसलमानो को कोसने लगते हैं जबकि ये धमाके पाकिस्तान करवाता है हमको कमजोर करने के लिये ।फ़िर मैने संघ का नाम लेते हुये कानो को ठीक वैसे ही छुआ जैसे शायर और गायक अपने गुरूवों का नाम लेते हुये छूते हैं कहा भाई बदमाशो का गांव अलग से नही होता इसी गांव मे रहते हैं जैसे मुस्लिम लोगो मे उग्रवादी होते हैं वैसे हिंदुओ मे भी हो सकते हैं । इसमे भड़कने की तो कोई बात ही नही है और स्वीकारने मे हर्ज ही क्या है आतंकवाद जैसी मूर्खता का ठेका क्या सिर्फ़ मुसलमानो को मिला है । और रही बात संघ की तो संघ को भी ऐसे लोगो को अपने से दूर  रखने का तरीका खोजना ही होगा । हेडगेवारजी से लेकर सुदर्शन जी तक कभी संघ ने आतंकवाद को प्रश्रय नही दिया  । भोले भाले मासूम लोगो को मारने के की विचारधारा तो संघ  की और हिंदुओ की  कभी  भी नही रही ।

एक हिंदू द विचारक नामक सज्जन भड़क गये बोले मतलब आपका दिग्गी सही है । मैने कहा भाई विचारक विचार करो ये दिग्गी नही है एक सोच है जो लोमड़ी सी चालाक है । यह सोच या कहें विचारधारा जानती है कि कांग्रेस किस तरह सत्ता मे बने रह सकती है इसलिये ये कांगेस पार्टी और उसकी मम्मी दिग्गी के श्रीमुख से ऐसे बयान दिलवाते रहती है ताकी हिंदू और मुस्लिमो मे नफ़रत जिंदा रहे जिससे कांग्रेस मनचाहे मक्कारी करे लेकिन चुनावों मे उसका बाल भी बाका न होआप जैसे विचारक जो मुसलमानो से इतिहास का बदला लेना है का नारा लगाते हो कांग्रेस के ही मुफ़्त स्वयंसेवक हो। अरे भाई इतिहास का बदला लेने की बारी  ही लाना है फ़िर तो दलित भी बदला लेंगे आपसे हमसे  इतने सालो उनका शॊषण किये हो कि नही । या आप उनसे कहोगे दलितो तुम भूल जाओ माफ़ कर दो और मुसलमानो हम नही भूलेंगे माफ़ नही करेंगे

तुम लोग देख नही रहे हो कि देश किस कदर लूटा जा रहा है । क्या मिला था विकीलीक्स मे एक एक मंत्री जम्बोजेट उपहार मे देने की क्षमता रखता है क्यो नही समझते कि  आजादी के आंदोलन मे हमे सफ़लता एक  साथ लड़ने से  मिली थी । क्यो नही याद करते कि फ़ूट डालो और राज करो की नीती से ही अंग्रेजो ने हमे इतने साल गुलाम बनाये रखा और अब ये लोग मौज उड़ा रहे हैं । कितने जूते खा के कितने दिन लुट के तुमको ये बात समझ मे आयेगी । और यह मत सोचना कि आगे बम विस्फ़ोट नही होगा या दंगे नही होंगे हमको लड़ाने के तमाम हथियार इनके पास हैं और पैसा भी अकूत है ये साम दाम दंड भेद सब अपनायेंगे


दिग्गी पर गुस्सा आये अपने आप को कहो कि हम कितने मूर्ख हैं ये दिग्गी तो अपने बयान दे ही भड़काने के लिये रहा है और मजे कर रहा है  आगे भी करता रहेगा।  ये भाजपा वाले भी कम नही हैं इमानदारी की सड़क पर बेईमानी की सुंदरी को देख ये भी राह भटक चुके हैं । इनको भी लाईन मे लाना ही होगा  जिस दिन देश मे आंदोलन  केवल और केवल भ्रष्टाचार पर होगा उस दिन ही ये सारे चोर नेता अधिकारी सुधरेंगे ।

                              भाईयो मेरे साथ नारा लगाओ भारत माता की जय       

ये नारा लगाते ही साहब मेरे उपर एक बाल्टी पानी पड़ा और श्रीमतीजी कि कड़कती आवाज कान मे गूंजी दिन मे तो चैन से रहने देते  नही है नींद मे भी गला फ़ाड़ नारे लगा रहे हैं । हे भगवान किस पाप की सजा दे रहे हो ऐसे आदमी से शादी करवा कर ।
वैसे मित्रो सपना बुरा नही था काश कोई सम्मेलन वगेरह मे आमत्रित करता एक दो तालिया तो बजवा ही लेता कि नही

Friday, July 15, 2011

निकम्मा कामचोर अफ़जल गुरू हाय हाय

नुक्कड़ पर रोज की तरह दीपक भाजपाई और सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी एक दूसरे की टांग खीचने मे लगे थे । दीपक बाबू सिस्टम और नीति मे चूक और गलती बता रहे थे वहीं शर्मा जी का कहना था कि भाई इतने दिन धमाके न हुये इसकी खुशी मनाना छोड़ तुम लोग हम लोगो पर चिल्ला रहे हो । हमारा नाम तो गिनीज बुक मे आना चाहिये चुस्त दुरूस्त व्यवस्था के लिये । नुक्कड़ की असहाय आम जनता दुख और शोक मे डूबी हुई थी क्रोध भी था  कोई मोमबत्ती जला रहा रहा था कोई आस्तीने चढ़ा रहा था |


 इस माहौल मे हमारा जुलूस सामने से निकला नारे लग रहे थे निकम्मा कामचोर अफ़जल गुरू हाय हाय । इसे देख दीपक भाजपाई खुशी से उछल पड़े बोले दवे जी कसाब का नाम भी लेते तो मामला और जम जाता । हमने कहा भाई ये हमारा जुलूस है अलग एजेंडे का आपका इसमे रोल नही है । शर्मा कांग्रेसी ने मुंह बनाया क्यो बनते हो भाई मीडिया हो या भाजपा कुछ कहने को न हो तो कसाब और अफ़जल गुरू का नाम ले लेते हैं ।   हमने कही भाई तुम दोनो बात समझ ही नही रहे हो नारे पर ध्यान दो हम शिकायत कर रहें हैं अफ़जल गुरू से और उसे कोस रहे हैं उसकी नाकामी परऔर शर्मा कांग्रेसी  आपसे तो अब उम्मीद ही नही है । वो तो आदत पड़ गयी है तो आप  को कोस लेते हैं

सी बात पर सुनिये जान एलिया साहब की शायरी

 अब फ़कत आदतो की वर्जिश है ।

 रूह शामिल नही शिकायत में ॥

ये कुछ आसान तो नही है लेकिन ।

 हम रूठते अब भी है मुरव्वत में  ॥


भाई हम तो उस दिन को कोस रहे हैं जब अफ़जल गुरू का संसद पर हमला कामयाब न हो पाया । इतना सुनते ही  शर्मा कांग्रेसी और दीपक भाजपाई दोनो कुंभ के मेले के बिछड़े भाईयों की तरह साथ खड़े हो गये बोले मतलब क्या है आपके कहने का । हमने कही भाई ये नामाकूल अफ़जल गुरू इसकी ऐसी की तैसी अगर कामयाब हो जाता तो इसके बाप का क्या जाता । शर्मा जी भड़क गये बोल क्या रहे हो आप होश भी है कि सुबह से लगा ली है  । हमने कहा भाई बिना लगाये हिंदुस्तान मे कौन रह सकता है या रिश्वत की लगा लो या नफ़रत की और साहब लगाने की बात तो आप छोड़ ही दो । आदमी लगायेगा ही नही तो आपकी हरकतो को नजर अंदाज करने कि स्थिती मे कैसे पहुंचेगा । गुरू शराब सस्ती कर दो पूरा हिंदुस्तान बाबा और अन्ना को भूल जायेगा  ।

शर्मा कांग्रेसी ने बात मुद्दे की ओर मोड़ी इसे छोड़ो ये अफ़जल गुरू हाय हाय का मतलब क्या । हमने कहा भाई राष्ट्रीय हीरो बन सकता था कामचोर थोड़ी और मेहनत कर लेता तो देश से कचरा ही साफ़ हो जाता पहुंच तो गया ही था संसद तक । शर्मा जी भड़क गये बोले आतंकवादी का साथ देते हो तारीफ़ करते हो हमने कहा किसको आतंकवादी बोल रहे हो भाई । आतंकवादी तो भोले भाले मासूम लोगो को मारते हैं  आप जैसे नेताओं को नहीं अफ़जल गुरू तो देश का कचरा और बोझ साफ़ करने  संसद गया था । वही संसद जिसमे देश का सबसे सस्ता भोजन मिलता है । वही संसद जहां पैसे के जोर पर बिल पास कराये जाते हैं । वही संसद जिसके नेता आजकल तिहाड़ मे पाये जाते हैं । वही संसद जहां आम आदमी बिकता है इमान बिकता है और सही दाम मिले तो देश हित भी बिक सकता है

सोहन शर्मा अब बैक फ़ुट मे पहुंच चुके थे भाई दवे जी बात को समझो आतंकवाद 99 % रोका जा सकता है । 1% की चूक तो हो ही जाती है पाकिस्तान मे तो देखो डेली बम फ़ूटिया रहा है  । हमने इतना तो कंट्रोल किया ही है कि नही इतनी नाराजगी सही नही है । हमने कहा वो तो भाई पाकिस्तानियो को इस देश मे गद्दार नही मिल रहे इस लिये हमले नही हो पा रहे हैं इसमे तुम्हारी क्या होशियारी है

पुलिस को तो तुमने पैरो की जूती बना रखा है सत्तारूढ़ दल का कोई भी टूटपुंजिया नेता जाकर थानेदार को सिपाही को धमका लेता है पुलिस वालो की पोस्टिंग अपना आदमी के आधार पर की जाती है । आधे से ज्यादा समय वीआईपी ड्यूटी मे निकल जाता है । उनके लिये सामान खरीदने मे रिश्वत खा लेते हो हालत यह कि पुलिस कमिश्नर करकरे जो बुलेट प्रूफ़ जैकेट पहने हुये थे वह भी घटिया थी आम पुलिस वाले की तो बात ही रहने दो ।

और शर्मा जी उर्फ़ कांग्रेसी और दीपक भाजपाई आज का जुलूस तो  केवल सांकेतिक है । जनता के रोष को आप तक पहुंचाने के लिये सावधान हो जाओ अपनी हरकतो से बाज आओ विकास और इमानदारी की राजनीति को अपनाओ लोकपाल जैसे कड़े कानूनो को लागू करो ताकि 120 करोड़ लोगो का यह मुल्क खुशहाल हो  सके ।  जनता भड़क गयी तो करोड़ो अफ़जल गुरू खड़े हो जायेंगे फ़िर तुम्हारा लोकतंत्र और इस देश का क्या अंजाम होगा यह भी सोच लेना ।

Thursday, July 14, 2011

नुक्कड़ चर्चा - धर्मनिरपेक्ष आतंकवादी और मुंबई बम धमाके

मुंबई बम धमाको के बाद नुक्कड़ पहुंचा दीपक जी भाषण पिला रहे थे ये लोग कसाब को दूध पिलाते हैं । गांधी न होता तो ये समस्या ही न होती उसी समय सबको बाहर कर देते जिस थाली मे खाते हैं उसी मे छेद करते हैं । मुझे देख  व्यंग्य कसा आ गये धर्मनिरपेक्ष जी अब इनसे बोलते न बनेगा कल ही भाईचारे का पाठ पढ़ा रहे थे । हमने कुछ न कहा जाकर चुपचाप बैठ गये मन दुखी था ।  दीपक कहां छोड़ते कहने लगे गलती मानिये और पकड़ लीजिये हिंदुत्व की धारा कसम खाईये धर्म निरपेक्ष न रहूंगा । मैने कहा दीपक बाबू अब तो रहम करो इस देश पर क्यों इस तरह की बाते कर माहौल और बिगाड़ते हो क्या ऐसा करने से देश का कुछ भला हो जायेगा ।

वे फ़ुल फ़ार्म मे थे और नुक्कड़मत उनके साथ था बोले वाह ये लोग बम फ़ोड़े और हम उफ़ भी न करें मान गये आपको छद्म धर्म्निरपेक्षी । मैने कहा भाई हमसे बड़े धर्म निरपेक्ष तो वो आतंकवादी थे बम ऐसी जगह फ़ोड़ा कि 24 मरने वालों मे से 7 मुसलमान थे 3 इसाई और बाकी हिंदु । दीपक जी उबल पड़े बोले यह तो चांस की बात है वरना निशाना तो हिंदू ही थे । मैने कहा भाई मारना हिंदुओ को होता तो मंदिर मे बम रखते क्यों व्यापारिक जगहो पर रखा ये काम किसका है और इससे फ़ायदा किस को है यह भी तो देखो । क्या साफ़ नजर नही आता कि हमले का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना है । दीपक जी ने तर्क दिया कहने लगे मंदिरो मे सुरक्षा कड़ी है रख न पाये होंगे और यह काम मुसलमानो का ही है यह बात तो बार बार साबित हुयी है । मैने कहा भाई भारत मे सुरक्षा की बात करते हो कुछ बड़े मंदिरो को छोड़ दो तो हर जगह ढोल मे पोल है । देखा नही चिदम्बरम जी कैसे मुह लटकाये बात कर रहे थे । बेशर्मी इतनी कि नक्सलवाद हो या आतंकवाद कहीं एक रूपये की सफ़लता नही मिली इनको घोटालो मे नाम आ रहा है वो अलग लेकिन क्या इस्तीफ़े की बात भी जुबान पर आयी है कभी नही


और ये क्या बार बार मुसलमान भजते हो चोरो और आतंकवादियो की कोई जात नही होती ये काम मुसलमानो का नही पाकिस्तान का है । जिसमे सामने से लड़ने की ताकत न रही तो चोर उचक्को की तरह लड़ रहा है । खुद पाकिस्तान मे लोग अब खुलेआम सेना को गालिया दे रहे हैं कि एक लड़ाई तो जीत न सकी और आतंकवादी पाल लिये जो अब खुद उनके देश को खा रहे हैं । इतने ही मुसलमान होते ये आतंकवादी तो क्या अपने ही देश की अपने ही धर्म की मस्जिदो दरगाहो मे बम फ़ोड़ते । हद तो यहां तक है कि पाकिस्तान के ही विमान उड़ा रहे हैं ये लोग मुसलमान नही है भैय्ये के लोग मूर्ख हैं बेरहम है और बरगलाये हुये हैं ।


दीपक जी  भड़क गये सब लफ़्फ़ाजी है अपनी सरकार मे दम नही है कसाब और अफ़जल गुरू को पाल रही है तो औरों की हिम्मत क्यों न हो । मुझे एक टींम और हथियार मिल जाये तो एक महिने मे आतंकवाद मिटा दूंगा । मैने पूछा क्या करोगे भाई कहने लगे पहले कसाब को बीच चौक मे गोली से उड़ा दूंगा । मैने कहा भाई साथ मे पेट्रोल भी ले जाना दीपक जी की आखें चमक गयी वाह दवे जी सही आईडिया दिया है जिंदा जलाना ही सही रहेगा॥ मैने कहा भाई पेट्रोल उसके लिये नही है संविधान के लिये है उसे जलाकर ही तो तुम कसाब को गोली मारोगे वरना जब तक संविधान है तब तक तो प्रक्रिया से ही काम होगा गुस्से से नही । उसे जला दो   सबका काम आसान  बिना प्रक्रिया से गुजरे जिस पर गुस्सा आया मार दो भले निर्दोष हो या दोषी ।

दीपक जी बोले हमारे देश के मुसलमान क्यो शामिल होते हैं देश द्रोह मे  । मैने कहा भाई गद्दारो की कोई जात होती है क्या मीरजाफ़र हो या जयचंद । कोई पैसे के नाम से बिकता है कोई धर्म के नाम पर कोई लालच से फ़सता है कोई मूर्खता से । अपने नेता अफ़सर  भी कम गद्दार हैं क्या इन आतंकवादियो ने तो इतने सालो मे महज सात सौ लोगो को मारा है । लालबत्ती काफ़िलो से लगे ट्रैफ़िक जाम मे हर साल हजारो बीमार फ़स कर मर जाते हैं । कमीशन खा खरीदे जा रहे घटिया उपकरणॊ से कितनी मौते होती होंगी  । दो लाख करोड़ से कितने गरीबो की कितने बीमारो की जान बचाई जा सकती थी । कितने नौनिहाल शिक्षा पा सकते थे उसको तो छोड़ ही दो पढ़ लिख लेते तो भी यहां तो पेपर ही बिक जाते हैं । पास भी हो गये तो नौकरी पाने के लिये लाखों का दांव  आतंकवादी ज्यादा बुरे हैं कि मुनाफ़ावादी  ये लोग तो आज तो छोड़ो कल तक को बेच रहे हैं । क्या पता  कि देश की समस्याओ से लोगो का ध्यान बटाने के लिये ये लोग किस हद तक जा सकते हैं पुरूलिया मे आखिर हथियार अपने देश के नेताओ ने ही गिराये थे न और नक्सलवादियों का साथ भी यही लोग देते हैं ।


नुक्कड़ मत पलटता देख दीपक जी कुलबुलाये बोले हे परम विद्वान जरा आतंकवाद खत्म कैसे होगा इस पर प्रकाश डालिये मैने मुस्कुराकर कहा भाई मै तो डाल दूंगा आपसे कान मे डालते न बनेगा फ़िर भी सुनो आतंकवाद खत्म तब होगा जब देश मे गरीबो मे खासकर अल्पसंख्यको मे शिक्षा और खुशहाली का प्रसार होगा । इससे भी उपर जब यह जरूरी है कि पाकिस्तान मे स्थिरता और खुशहाली आये और भारत पाकिस्तान के बीच दोस्ती और अपनेपन का भाव हो  विवाद सुलझें पर भैय्ये ऐसा होना मुश्किल है क्योंकी ऐसा होते ही दोनो देशो की जनता का ध्यान देश के भीतर फ़ैली समस्याओं पर चला जायेगा और नेताओं का जीना मुश्किल हो जायेगा ।


दीपक जी ने सिर झटका और अपने एक मित्र के साथ यह कहते हुये  चले गये कि ऐसे मूर्खो को समझाना ही बेकार है रहेंगे वही के वही फ़र्जी धर्मनिरपेक्षी ।

Monday, July 11, 2011

इंस्पेक्टर इसने मुझे मुसलमान कहा इसे गिरफ़्तार कीजिये

नुक्कड़ पर आसिफ़ भाई और सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी शर्मा जी की नयी खूबसूरत पड़ोसन को ले उलझ गये । हुआ कुछ यूं कि आसिफ़ भाई ने उनकी सुंदरता पर शेर जड़ दिया शर्मा जी ने आपत्ति करी तो पूछ लिया कि वो हैं आपकी कौन । शर्मा जी अपनी नीयत साफ़ होने की दुहाई दी तो आसिफ़ भाई ने कह दिया माने शर्मा जी आप उन्हे बहन की तरह मानते हो । फ़से हुये शर्मा जी भड़क गये और बात हैदराबादी दंगल तक पहुंच गयी । बीच बचाव करते दीपक भाजपायी को शर्मा कांग्रेसी का धीमा झटका जोर से लगा वे भड़क गयेकहने लगे कि कुछ महिने रुक जाओ आसिफ़ भाई फ़िर आप बस इतना कहना कि इंस्पेक्टर इसने मुझे मुसलमान कहा इसे गिरफ़्तार कीजिये शर्मा जी फ़िट हो जायेंगे

नुक्कड़ मे जमा लोगो के कान खड़े हो गये ये क्या चक्कर है भाई । दीपक ने जवाब दिया शर्मा जी की पार्टी अल्पसंख्यक सुरक्षा बिल ला रही है उसमे यही प्रावधान है । उस बिल के आ जाने के बाद कोई भी मुसलमान अपनी निजी दुश्मनी को भुनाने के लिये हरिजन एक्ट के जैसे जाकर शिकायत कर सकेगा । केस दर्ज होना तय है और जमानत भी हाईकोर्ट से ही मिल सकेगी । इतना सुनते ही लोग भड़क गये शर्मा जी को घेर लिया हमने बीच बचाव किया कहा भाई तुम लोग ही तो चुन के भेजे हो अब क्यों चिल्ला रहे हो । गुप्ता जी भड़क गये चुन के भेजे मतलब क्या है कुछ भी करेंगे अरे मुसलमान कहना कोई गाली थोड़े ही है जो कोई गिरफ़्तार हो जाये ।

मैने कहा भाई जैसा दीपक बाबू बता रहे हैं वैसा पूरा सच भी नही है । इसमे सिर्फ़ मुसलमान नही भाषायी अल्पसंख्यक भी शिकायत कर सकते हैं कोई बिहारी मुंबई मे शिकायत कर सकता है कि राज ठाकरे ने उसे बिहारी कह अपमानित किया है पीटा है । शर्मा जी भी सफ़ाई देने लगे भाई ये बिल आम आदमी के खिलाफ़ थोड़े ही बना है जो अपराध करेगा उसके खिलाफ़ काम आयेगा । दीपक भाजपाई जोश मे बोले शर्मा बाबू अपराधियो के लिये तो पहले ही तमाम कानून हैं फ़िर इस कानून की जरूरत क्या पड़ी ।

शर्मा जी कहने लगे दंगे रोकने के लिये इस कानून की जरूरत है । इस कानून के आ जाने से अल्पसंख्यको को वैसी ही सुरक्षा मिल सकेगी जैसे आज कानूनन महिला को प्राप्त है । याने संविधान यह मानता है कि महिलाएं प्रतारणा का शिकार हो सकती है इस लिये उनके लिये विशेष प्रावधान हैं । ऐसे ही प्रावधान अल्पसंख्यको के लिये हो जायेंगे । मैने कहा भाई महिला कानून का जितना दुरूपयोग हो रहा है उतना ही अगर इस नये कानून का होने लगेगा तो देश मे कितनी फ़ूट पड़ेगी कितने दंगे हो जायेंगे इस बारे मे भी सोचा है क्या । दीपक भाजपाई बोल उठे इस बिल बनाने के पीछे आपकी नीयत मे खोट है आप लोग मुस्लिम तुष्टीकरण की पुरानी बीमारी के शिकार हो ।

शर्मा जी कलप गये बोले अभी अभी आसिफ़ भाई से झगड़ा कर उठा हूं और आप मुझ पर झूठा आरोप लगा रहे हो  । हमने कही सही है शर्मा कांग्रेसी तुष्टीकरण का आरोप आप पर नही लग सकता तुष्टी तो आपको करना नही है खाली लालीपाप दिखाते हो ये बिल भी आप के ताउ संसद मे पास नही करा सकते । ये बात आप जानते हो इसी लिये दुनिया भर के तमाम लच्छेदार प्रावधान भर दिये है । ताकी दीपक भाजपायी चिल्लाते रहें और मुसलमान आपके पास आते रहे 

 शर्मा जी अब तुम लोग कांग्रेस के नाम को बख्श दो भाई कोई नया नाम खोज लो । रहम करो गांधी मौलाना और शास्त्री जी जैसे की आत्मा पर ये लोग आजादी के लिये जेल गये तुम लोग भ्रष्टाचार के लिये जा रहे हो । उन लोगो ने जीवन देश की एकता और धार्मिक सदभाव के लिये काम किया और तुम लोग प्रतिदिन भेदभाव के लिये करते हो । शर्मा जी ये बात याद रखना मर के उपर जाओगे तो तुम्हारी नयी पड़ोसन का पति तो तुमको बाद मे मारेगा पर पहले गांधी की आत्मा जीवन भर के सिद्धांतो को भूल तुम लोगो को मार मार के भुर्ता बना देगी

Friday, July 8, 2011

मनमोहन भाग भाग .बोस डी.के.बोस डी.के.बोस

नुक्कड़ से एक बच्चा  SMS बोस डी.के.  बोस डी.के. बोस डी.के. गाता हुआ चला जा रहा था ।  नुक्कड़ में हंगामा मच गया, लोग लोट पोट होने लगे। भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी  अचकचा गये, बोले-" ये SMS कौन है।"  एक ने कमेंटिया दिया- "शर्मा जी पीएसपीओ के जैसे  SMS भी नही जानते।" इतना सुनते ही हंगामा और बढ़ गया । दुखी हो शर्मा जी हमसे  बोले- "दवे जी प्रधानमम्मी की कसम है, "SMS" का मतलब बताओ। हमने कहा- "बात ऐसी है भाई शर्मा जी। मन्नू मोहन सिंग को नौजवानो की मोबाईली भाषा में "SMS" कहा जाता है। बात समझते ही शर्मा जी आपे के बाहर हो गये, बोले- "हमारे आदरणीय मन्नू का ये अपमान नही सहेगा हिंदुस्तान। अभी पीटता हूं उस बच्चे को, सारी अकल ठिकाने आ जायेगी।"

 हमने समझाया - " भाई पीटना है, तो खुद को पीटो। आज देश के बच्चे बच्चे के मुंह में यह गाना समा रहा है। आपका  सेंसर बोर्ड पैसे खाकर अश्लील गाने हो या दृश्य पास कर देता हैं।" जब बच्चे मित्रो, पड़ोसियों और गुरुओं के नाम के साथ यह गाना जोड़ गुनगुनाया रहे हैं। तो कैग के कहे अनुसार भ्रष्टाचारी मन्नू के साथ क्यों नही जोड़ा जा सकता।" शर्मा जी  भड़क गये। बोले-  "शर्म नही आती इनको, इतने ईमानदार आदमी को भ्रष्ट बोलते है।" हमने कहा -"भाई शर्मा जी, ये बताओ मन्नू तो अर्थशास्त्री है। कोई ऐरा गैरा होता, आपकी प्यारी प्रधानमम्मी भी होती। तो हम मान लेते चलो भाई, नही समझ आया होगा दूसरे खेल कर गये । यह तो विराट अनुभव वाला आदमी है। फ़िर ऐसा कैसे हो सकता है कि इसको खेल समझ में नही आया होगा। वो भी छोटा मोटा नहीं लाखों करोड़ का।  2G लाइसेंस रद्द हुआ कि नही बाकी मामला भी  पाईपलाईन में है ही।  लोग  भ्रष्टाचार करते रहे और ये टुकूर टुकूर देखता रहा ।"

 मियां शर्मा जी ये  गरमा गरम शायरी सुनो

वाह रे तेरी कातिल इमादारी  ।
पड़ गयी पूरे देश को भारी ॥

कैसा अर्थशास्त्री चुने थे भाई ।
न रोक सका काली कमाई ॥

अभी तक तो दूसरो ने मुंह किया था काला ।
आ गया अब कोयला घोटाला ॥

जिसमे कोई और नही था संत्री ।
उस विभाग का मन्नू ही था मंत्री ॥


इतना सुनते ही शर्मा जी मरी सी आवाज में बोले- "आप लोग समझते नही हो। यह सब तो आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिये सस्ती कीमत पर कोयला बाटा गया है।" हमने कहा - "टोपी मत पहनाओ  शर्मा जी समझ लो,  SMS उर्फ़ सरदार मनमोहन सिंग और तुम सभी का MMS बनने वाला है पार्टी छोड़ कट लो इसी मे भलाई है ।"

इतना सुनते ही साहब शर्मा जी को अचानक घर का काम याद आ गया और  हम सोचते रह गये कि भाई इस मन्नू  को घर का काम कब याद आयेगा ।

Wednesday, July 6, 2011

कुटिल सब्बल बाबू बिल नही है ये हमारा दिल है देखो देखो----- टूटे ना

नुक्कड़ पर आते ही भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने घोषणा कर दी मानसून सत्र मे बिल पेश हो  जायेगा । हमने कही भाई कांग्रेसी वो जमाना गया कि एक बहन को दिखा दूसरी से शादी कर देते थे आज कल लड़का लड़की एक दूसरे से मिलते जुलते है देखते समझते है तब शादी होती है । लड़की याने लोकपाल बिल दिखाओ फ़िर हम मानेंगे । शर्मा जी कुछ कहते की इससे पहले दीपक भाजपाई कूद पड़े कहने लगे हम भी तो यही कह रहे है ये दिखाते कहां है । हमने उनको फ़टकार लगाई हे देश की आखिरी उम्मीद पहले नारा लगाओ "सौगंध राम की खाते हैं बिल वही लायेंगे " और ये नारा लगाने से पहले सोच लेना फ़िर हम क्या खायेंगे नरेन्द्र मोदी जैसे जीवन कैसे बितायेंगे

इतने मे शर्मा जी ने घोषणा कर दी अन्ना का लोकपाल देश के लिये खतरा है । पूरा नुक्कड़ चौक गया किसी ने पूछा वो कैसे भाई क्या उसमे आतंकवादियो को छोड़ने का प्रावधान है या देश की सेना को भंग करने की बात है । शर्मा जी ने कहा भाई यही सब बताने आज मै कुटिल बाबू को साथ लाया हूं । तभी आसिफ़ भाई बोल उठे सही जा रहे हो शर्मा जी चोरो को अच्छा वकील करना ही चाहिये इनके जैसा ।

कुटिल बाबू बोल पड़े भाईयो अन्ना का लोकपाल  न्यायाधीशो को दायरे मे लाता है ऐसे मे जिसके खिलाफ़ फ़ैसला होगा वही लोकपाल के पास पहुंच जायेगा । जज फ़ैसला करने मे हिचकिचायेंगे लोकपाल के वकील से  डरेंगे । मैने कहा कुटिल बाबू  भ्रष्टाचार की जांच मे तो कोई दिक्कत इमानदार को है ही नही आज की तारीख मे अदालतो का जो हश्र है उसे  आप भी जानते हो।  नरसिम्हा राव से लेकर कितनो को आपने पैसे के दम से बचाया है कि नही । बात फ़ैसले की तो वैसे भी नही है निचली अदालत के फ़ैसले के विरूद्ध तो हर रोज उपरी अदालत मे अपील होती है और लोकपाल मे सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को बदलने की शक्ति का प्रावधान तो है ही नही ।

कुटिल बाबू ने फ़िर बात मोड़ी कहने लगे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अन्ना इसके दायरे मे लाना चाहते हैं। वे तो लोक सेवा आयोग के अधीन  है  इसके लिये संविधान मे संशोधन करना होगा । फ़िर अधिकारी सरकार के आदेशो को मानने मे लोकपाल का हवाला दे कर मानने से इन्कार कर देंगे । और आपस मे एक दूसरे की शिकायत करेंगे । मैने कहा भाई यह बताओ क्या ये अधिकारी किसी के दायरे मे हैं आज तक जांच भी एक दूसरे की करते हैं । अगर तंत्र सही काम करता होता तो ये लोकपाल की नौबत ही क्यों आती और अधिकारी लोकपाल के दायरे मे रहे या लोकसेवा आयोग के आपके पेट मे क्यो दर्द हो रहा है ।  दर्द तो तभी हो जब आप अधिकारियो से गलत काम कराना चाहो और वह लोक पाल के डर से न करे । आपकी पार्टी तो इमानदारी की मूर्ती है आपको क्या दिक्कत ।

अब आप प्रधानमंत्री को लाने से मना करोगे आपके अनुसार सच्चर जी ने कहा कि जब हमारे इतिहास मे प्रधानमंत्री से लेकर जज तक सभी चोर निकल चुके है तो क्या गारंटी है कि लोकपाल भी ऐसा नही निकलेगा । कुटिल जी ने तुरंत सर हिलाया सही कहा ऐसा स्वतंत्र और नापाक इरादो वाला लोकपाल पूरे तंत्र को अस्थिर कर सकता है । तभी आसिफ़ भाई ने अपनी राय रखी बोले कुटिल बाबू जब उपर से नीचे तक नापाक इरादे वाले नेता से लेकर चपरासी तक अपना काम करते हुये तंत्र को अस्थिर नही कर सके तो महज जांच का डर दिखा लोकपाल क्या कर लेगा । लोकपाल रहेगा तो प्रधान मंत्री भी उल्टे काम करने से पहले सौ बार सोचेगा । कुटिल बाबू ऐसा सिस्टम सोचो जिसमे ऐसा आदमी लोकपाल बन ही न पाये और गलती से बन भी जाये तो सरकार से लेकर आम आदमी तक जो चाहे लोकपाल की शिकायत सुप्रीं कोर्ट से कर सके । पर आप तो लोकपाल को जनता के प्रति जवाबदेह रखना ही नही चाहते हो 

कुटिल बाबू तैश मे आ गये तो अब आप लोग चाहेंगे कि सांसदो का व्यहवार भी दायरे मे आ जाये माने जनता की आवाज  भी लोकपाल के दायरे मे हो । मै हसते हुये बोला अरे कुटिल बाबू सांसद अपने क्षेत्र की समस्या पर बात करेगा देश की समस्या पर बात करेगा राज्य की समस्या पर बात करेगा तो कौन लोकपाल उसको चबा सकता है । आरोप तो तभी लग सकते है ना जब वो पैसा खाकर वोट दे पैसा खाकर सवाल उठाये और लोकपाल को जांच करना भी हो तो जब आपने पैसा खाया ही नही तो आपको डर कैसा ।

कुटिल बाबू बोले उसके लिये तो एथिक्स कमेटी है ही संसद की सर्व शक्तीमान फ़िर लोकपाल क्यों क्यों वो अपना बजट खुद निर्धारित करे क्यो सीबीआई सीवीसी उसके अंडर रहे क्यो वो भ्रष्टाचारियो से पांच गुना दंड वसूली कर सके दवे जी जब हम है जनता के चुने हुये तो लोकपाल क्यॊं । मैने कहा भाई यही तो बड़ा सवाल है और इसी मे कमाल है तुम लोगो को बापू और बाबा साहब ने इतना अच्छा संविधान लोकतंत्र सौंपा था तुमने उसका मजाक बना दिया संसद को अजायबघर बना दिया न्यायालय को मजाक हद ये है कि सुप्रीमकोर्ट के पूव चीफ़जस्टिस पर खुलेआम आरोप है और वह बगले झांक रहा है ।आई ए स अफ़सर अपने मे से सबसे भ्रष्ट आदमी का यूपी मे खुलेआम चुनाव करवा चुके हैं । नेताओ के तो कहने क्या लाख दो लाख करोड़ का घोटाला सुन जनता चौंकती नही है ।

और लोकपाल को कौन सा शासन सौपने की बात हो रही है बात तो उसे भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा सौपने की हो रही है । भैय्ये अब रास्ता बचा क्या है इसके अलावा कि तुमसे और तुम्हारे लोकतांत्रिक सिस्टम से हट किसी नये आदमी या संस्था को लगाम कसने की जिम्मेदारी दी जाये । जब वो भी बेईमान सिद्ध होगा तो फ़िर नया जुगाड़ फ़िट किया जायेगा आखिर भारत ऐसे ही जुगाड़ो से चलता है कि नही ।

Friday, July 1, 2011

शिव पार्वती - क्या भ्रष्टाचार से हारेगा अन्ना ?


कैलाश पर विराजे शिव जी से माता ने पूछा क्यों प्राणनाथ ये अन्ना हजारे का क्या होगा । प्रभु ने कहा प्रिये प्रारब्ध को अपना काम करने दो आप क्यो  परेशान हो रही हो । माता बोलीं वाह बेचारा भारत भूमी के उद्धार के लिये अनशन कर रहा है और आप कहते हो मै परेशान न हॊउं सच है पुरुष पत्थर दिल होते हैं । अपनी गलती के कारण समस्त पुरूषो को बदनाम होता देख प्रभु बोले नही नही  ऐसी बात नही है पर ये अन्ना लोकतंत्र विरूद्ध कार्य भी तो कर रहा है देखा नही कल प्रणब मुखर्जी अनशन को लोकतंत्र के विरूद्ध हमला बता रहे थे कह रहे थे की कांग्रेस को जनता का समर्थन प्राप्त है दो महिना पहले ही तीन राज्यो मे चुनाव जीत कर आयी है । माता बोलीं लोकतंत्र विरूद्ध अरे वो तो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ अनशन मे बैठा है समर्थन मे थोड़े ही बैठा है । और चंद विज्ञापन पाउ पत्रकारो को छोड़ दो तो देश मे आज आप जिस से भी पूछेंगे वो अन्ना के आंदोलन का समर्थन ही करेगा  सारी जनता अन्ना के साथ है । शिव जी मुस्कुराये अरे आप समझी नहीं देखिये  पडिंतो ने क्या कहा है " जेही विधी राखे राम तेही विधी रहिये सीता राम सीता राम कहिये "

अब कलयुग मे ये नेता अफ़सर लोग ही तो राम हैं जैसे रख रहें है रहो अब इनसे लड़ने जाओगे तो हारना तो निश्चित है बात को समझिये जनता अपने खून पसीने की कमाई से लड़ती है और ये जनता से लूटे गये पैसो । माता बोलीं क्या आप कुछ भी कहते हैं अरे इसी अहिंसा और उपवास के अस्त्र का प्रयोग करके तो महात्मा गांधी ने अंग्रेजो को भारत से बाहर खदेड़ा था । प्रभु ने कहा अरे वो लोग अलग देश के रंग के थे और वे ये जानते थे कि आज नही तो कल इसे छोड़ के जाना है । ये नेता अफ़सर तो इसी देश के इसी रंग के हैं और ये केवल अपने पैसे को विदेश भेजने की सोच सकते हैं देश छोड़ने का तो इनको सपना भी नही आता । ये सब अस्त्र इन पर लागू नही हो सकता ।


माता ने कहा क्या करोड़ो लोगो की भीड़ भी इन भ्रष्टाचारियो को सबक नही सिखा सकती प्रभू । हजारो सालो से राजाओ बादशाहो अंग्रेजो और अब नेताओ की गुलामी सहती जनता उदासीन हो चुकी है उदासीन न होती तो पीटती होश ठिकाने ले आती प्रभु ने कहा । और पीटना भी किसको अपने ही लोगो को वैसे भी भारत का आदमी दया सागर है । नेता हो या अफ़सर दोषी के पैरो मे लोटते ही स्वय़ं भगवान क्रुपानिधान बन जाता है उसपर रहम कर सोचता है वाह मैने कितना पुण्य कमा लिया जनता का भी यही हाल है नेता गिड़गिड़ाया नही कि बस ।

इतना सुनते ही माता भड़क उठीं ठहरिये मै अभी ही इन भ्रष्टाचारियो का संहार कर देती हूं । माता को रौद्र रूप मे देख प्रभु ने उन्हे शांत करते हुये कहा आप कानून व्यवस्था अपने हाथ मे न लें हे जगदबें आप ऐसा करेंगी तो आप के नाम से कपटी साधू लोग सत्ता हाथ मे ले लेंगें । अभी तक जो रामानंद बन राम के नाम से आनंद उठा रहे हैं वे दुर्गानंद बन कर आपका कोई विदेशियो द्वारा ध्वस्त मंदिर खोज उसके नाम पर आनंद उठाना चालू कर देंगे क्या आप ऐसा चाहती हैं । माता ने कहा कदापी नही पर मै इस दुष्ट भ्रष्टासुर को जीवित भी तो नही छोड़ सकती । और ये अन्ना तो मुझे पुत्र के समान प्रिय है इसकी रक्षा तो मै करूंगी ही ।


आप चिंता न करें प्रिये ये अन्ना भी पुराना चावल है इसने महाराष्ट्र मे कई नेताओं को ठीक किया है ये जानता है कब उंगली टेढ़ी करना है और कब सीधी इसे ये भी मालूम है कि बात एक बार मे ही नही बन जायेगी लड़ाई लंबी लड़नी होगी । बातचीत से कोई न कोई रास्ता निकल जायेगा आप चिंता न करें । माता का गुस्सा फ़िर भी कम न हुआ था आप ये बात सीधे सीधे नही कह सकते थे हर बात को गोल गोल घुमाना आपकी आदत बन गयी दिखती है । प्रभु ने मुस्कुरा कर कहा आप तो आजकल दिन भर महिला मुक्ती नारी शक्ती पता नही क्या क्या आंदोलनो मे इतना व्यस्त रहतीं है कि मुझसे बात करने का आपको समय ही नही मिलता इसी बहाने आपके दो मीठे बोल तो सुन लेता हूं मै । इतना सुनते ही माता का क्रोध शांत हो गया और मुस्कुराकर बोलीं क्या आप भी दो बच्चो के पिता होकर ऐसी बातें करते हैं इधर प्रभु ने  चैन की सांस ली ।