नुक्कड़ से एक बच्चा SMS बोस डी.के. बोस डी.के. बोस डी.के. गाता हुआ चला जा रहा था । नुक्कड़ में हंगामा मच गया, लोग लोट पोट होने लगे। भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी अचकचा गये, बोले-" ये SMS कौन है।" एक ने कमेंटिया दिया- "शर्मा जी पीएसपीओ के जैसे SMS भी नही जानते।" इतना सुनते ही हंगामा और बढ़ गया । दुखी हो शर्मा जी हमसे बोले- "दवे जी प्रधानमम्मी की कसम है, "SMS" का मतलब बताओ। हमने कहा- "बात ऐसी है भाई शर्मा जी। मन्नू मोहन सिंग को नौजवानो की मोबाईली भाषा में "SMS" कहा जाता है। बात समझते ही शर्मा जी आपे के बाहर हो गये, बोले- "हमारे आदरणीय मन्नू का ये अपमान नही सहेगा हिंदुस्तान। अभी पीटता हूं उस बच्चे को, सारी अकल ठिकाने आ जायेगी।"
वाह रे तेरी कातिल इमादारी ।
पड़ गयी पूरे देश को भारी ॥
कैसा अर्थशास्त्री चुने थे भाई ।
न रोक सका काली कमाई ॥
अभी तक तो दूसरो ने मुंह किया था काला ।
आ गया अब कोयला घोटाला ॥
जिसमे कोई और नही था संत्री ।
उस विभाग का मन्नू ही था मंत्री ॥
हमने समझाया - " भाई पीटना है, तो खुद को पीटो। आज देश के बच्चे बच्चे के मुंह में यह गाना समा रहा है। आपका सेंसर बोर्ड पैसे खाकर अश्लील गाने हो या दृश्य पास कर देता हैं।" जब बच्चे मित्रो, पड़ोसियों और गुरुओं के नाम के साथ यह गाना जोड़ गुनगुनाया रहे हैं। तो कैग के कहे अनुसार भ्रष्टाचारी मन्नू के साथ क्यों नही जोड़ा जा सकता।" शर्मा जी भड़क गये। बोले- "शर्म नही आती इनको, इतने ईमानदार आदमी को भ्रष्ट बोलते है।" हमने कहा -"भाई शर्मा जी, ये बताओ मन्नू तो अर्थशास्त्री है। कोई ऐरा गैरा होता, आपकी प्यारी प्रधानमम्मी भी होती। तो हम मान लेते चलो भाई, नही समझ आया होगा दूसरे खेल कर गये । यह तो विराट अनुभव वाला आदमी है। फ़िर ऐसा कैसे हो सकता है कि इसको खेल समझ में नही आया होगा। वो भी छोटा मोटा नहीं लाखों करोड़ का। 2G लाइसेंस रद्द हुआ कि नही बाकी मामला भी पाईपलाईन में है ही। लोग भ्रष्टाचार करते रहे और ये टुकूर टुकूर देखता रहा ।"
मियां शर्मा जी ये गरमा गरम शायरी सुनो
मियां शर्मा जी ये गरमा गरम शायरी सुनो
वाह रे तेरी कातिल इमादारी ।
पड़ गयी पूरे देश को भारी ॥
कैसा अर्थशास्त्री चुने थे भाई ।
न रोक सका काली कमाई ॥
अभी तक तो दूसरो ने मुंह किया था काला ।
आ गया अब कोयला घोटाला ॥
जिसमे कोई और नही था संत्री ।
उस विभाग का मन्नू ही था मंत्री ॥
इतना सुनते ही शर्मा जी मरी सी आवाज में बोले- "आप लोग समझते नही हो। यह सब तो आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिये सस्ती कीमत पर कोयला बाटा गया है।" हमने कहा - "टोपी मत पहनाओ शर्मा जी समझ लो, SMS उर्फ़ सरदार मनमोहन सिंग और तुम सभी का MMS बनने वाला है पार्टी छोड़ कट लो इसी मे भलाई है ।"
इतना सुनते ही साहब शर्मा जी को अचानक घर का काम याद आ गया और हम सोचते रह गये कि भाई इस मन्नू को घर का काम कब याद आयेगा ।
वाह वाह वाह, मस्त SMS
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति ||
ReplyDeleteprasansneey lekh
ReplyDeletedhanyvaad
बहुत खूब............एक दम तरो ताज़ा...... प्रसंशनीय है आप के ये बोस डी के.
ReplyDeletevah keya baat hai
ReplyDeleteआप का बलाँग मूझे पढ कर आच्चछा लगा , मैं बी एक बलाँग खोली हू
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
मै नइ हु आप सब का सपोट chheya
joint my flower
लाजबाब प्रस्तुति . मन्नू sms का तो चेहरा ही इतना मासूम है कि लोग शक नहीं कर पाते हैं .
ReplyDeletehahahahahhaa lage raho arnnu bhai.
ReplyDeleteचिंताजनक और तकलीफदेह बातों को बड़े हलके-फुल्के मजाहिया अंदाज़ में प्रस्तुत किया है आपने...
ReplyDeleteमन्नू ही तो इनका रखवाला है. मजेदार और सही लिखा आपने.
ReplyDeleteफूहड़ गानों की bharmaar हो रही है . मुन्नी , शीला और जलेबी बाई का सिलसिला थम ही नहीं रहा . dosh वास्तव में बच्चों का नहीं , हमारा ही है. जिसे चुनकर बैठते हैं , उनकी chuppi और akarmanyta का khamiyaja bhugat rahe हैं ham और nai peedhi दोनों ही
ReplyDeleteफूहड़ गानों की bharmaar हो रही है . मुन्नी , शीला और जलेबी बाई का सिलसिला थम ही नहीं रहा . dosh वास्तव में बच्चों का नहीं , हमारा ही है. जिसे चुनकर बैठते हैं , उनकी chuppi और akarmanyta का khamiyaja bhugat rahe हैं ham और nai peedhi दोनों ही
ReplyDeleteप्रसंशनीय है लाजबाब
ReplyDeleteजिसमे कोई और नही था संत्री ।
ReplyDeleteउस विभाग का मन्नू ही था मंत्री ॥
क्या श्री दवे जी, आपने ही मन्नू की पिटाई शुरू कर दी? उनकी माता जी पिटती है, वह क्या कम है?
मार्कण्ड दवे।
न जाने कहां जाकर रूकेगा मुन्नी शीला से शुरू हुआ ये सिलसिला।
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वाह वाह... सुन्दर लिखा अरुणेश भाई...
ReplyDeleteअरुणेश भाई का तीखा-लाल...
बातों बातों में खींच दी खाल
ईमानदारी, बंद स्विस बेंक में
गरीब जनता इधर रोज हलाल
बाज़ार लगा कर बेच दी मुल्क
दुनिया में नहीं, ऐसी और मिसाल
अंटार्टिका बन गए हैं ज़ेहन हमारे
कुछ हो पर लहू में ना आये उबाल
सादर...
बहुत ही उम्दा है...sms डी के बोस....रोचक प्रस्तुति.
ReplyDeleteNice one. Really interesting. I saw this blog for the first time. Now I feel like keeping an eye on daily basis. Well, my special appreciation for the characters of 'Mannu' and 'Mummy'.
ReplyDeleteMummy ke bache hai bare sachhe!!!!!!!!
ReplyDeletebholee surat dil ke khote neem bade aur darshan chhote... per BOss kamal kiye hain...
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