आदरणीय मम्मी जी
पहले तो मेरी गुजारिश स्वीकार करें, लौटती डाक से अपनी चरणधूली भेजने की असीम क्रुपा करें। आशा है, आपका स्वास्थ अच्छा होगा और आप कुशल से होंगी। मम्मी जी ये बाबा समर्थक बोल रहे हैं कि, आप अन्ना आंदोलन मे देश को उलझा कर अपना कालाधन ठिकाने लगा रहीं हैं। सच्चाई जो भी हो पर मम्मी जी आप जल्द से जल्द लौट आयें इसी मे हम सब का हित है। ये बाबा और उनके समर्थकों से तो कॊई खतरा नजर नही आता, अन्ना वादी जाने सांसत किया हुआ है। कोई घर घेर लेता है, कोई ट्रेन से उतार देता है। अपने नवीन जिंदल ने सबके हाथों मे हर रोज तिरंगा पकड़ने की छूट क्या दिलवा दी, हम लोगों की आफ़त हो गयी है। मालूम ही नही पड़ता, कौन अपना है कौन पराया है। वैसे सच कहूं तो मम्मी जी, अपने आज कल कम ही बचे हैं। जो कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, चिदंबरम जैसे अपने हैं भी, उनसे तो पराये ही अच्छे हैं। कम से कम मंच से अहिंसा का नारा तो लगा रहे हैं। वरना इनका बस चले तो कब का हम लोग अस्पताल में नजर आयें।
मम्मी जी आप भारत की है नहीं, इस लिये आप को पता नही है, कि यहां मां बच्चो का खयाल रखती हैं। पर आप इटली की हैं तो हम बच्चो ने सदा आपका खयाल रखा, कि क्या पता आप के मायके में क्या प्रथा हो। दूसरी ओर आप हमारे देश की बहू भी हैं। और आज कल दहेज प्रताडना वाला केस भी दर्ज हो जाता है, अब भारत में केस हो तो जमानती पट्टा भी मिल ही जाता है, पर यदि आप इंटरनेशनल कोर्ट में केस दर्ज कर देंगी तो पट्टा कहा से आयेगा, यही सोच कर हम सभी नेम आपका ध्यान रखा ।
पर मम्मी अब का मामला समझ के बाहर है, नुक्कड़, चौपाल जाते डर लगता है, कि कौन जूता मार दे। ये बाबा वादी लोग तो पहले से ही जाने सांसत किये हुये थे, कि सोये लोगो पर आधी रात को डंडा क्यो। अब अन्नावादी पूछ रहे हैं, कि भले हत्यारों और अपराधियों के साथ बंद कर देते, कलमाड़ी और राजा जैसे लोगों के साथ हमारे अन्ना को बंद किया क्यों ? बीजेपी तो खैर विरोधी है, लड़ाई पुराना है, और खाने के मामले मे उनसे याराना है। उनसे कोई दिक्कत नहीं, पर आम आदमी से कैसे बात करें। मम्मी जी आप तो करोड़ चौरासी की मां हैं, आपको पब्लिक पिटाई के बारे में क्या मालूमं। पर नित यह खतरा झेलते, अब तबीयत नासाज रहने लगी है ।
प्यारी मम्मी, आप के ये मुंशी मैनेजर कुछ भी बोल देते हैं, कुछ भी कर देते हैं, जवाब तो हमसे मांगते है लोग। मम्मी जी कभी ये लोग अन्ना को भ्रष्ट बोल पड़े, कभी भगोड़ा। पर ये इन्होने नहीं सोचा कि सच क्या है, और इनको तो आदते पड़ गया है, कि हम पर आरोप लगे तो विरोधी पर आरोप लगा दो। पर ये अन्ना अपने लिये थोड़े कुछ मांग रहा था, और मांग भी रहा था तो तहलका टाईप भंडाफ़ोड़ करते, पर नही ये लोग हमारी फ़जीहत करने पर ही आमादा हैं। मम्मी जी, आप तक बात पहुंचे नही रहा है क्या ? क्या आप को पता नही लोग दुखी हैं पीडित हैं। पर गलती आप की नही है, कोई आम आदमी दिखने से, आपको कामन इंडियन पीपल बता कर, मुंशी मैनेजर लोग पल्ला झाड़ लेते होंगे।
मम्मी जी आज देश का माहौल क्या हो गया है। अपने को कांग्रेसी कहने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है, पहले तो यह कह्ते ही लोग प्यार करते थे, महात्मा सी जय जय कार करते थे। आज मालूम पड़ते ही अपराधी सा व्यहवार होता है, जूतो से, गालियो से सत्कार होता है। प्यारी मम्मी क्या कमी रह गयी थी, आज तक तो यह जनता सभी कुकर्मो को सह गयी थी। माफ़ कीजियेगा पर आपके राज में मीडीया पर वह अंकुश नही, जो आपकी सास के जमाने में था । सबक लीजिये इंदिरा सा व्यहवार कीजिये, कुछ भी हो पर टीवी/अखबार मे नही आना चाहिये, बस।
प्यारी मम्मी, ये कैसे हुआ कि लोक तंत्र में बाबा लोग अन्ना लोग देश हित को आगे आ रहे हैं। आपके मुंशी मैनेजर कहते हैं कि ब्लैक मेलिंग है, बाबा फ़्रौड है, अन्ना चोर है। पर मम्मी जी अगर ये लोग ऐसे हैं, और अपने मन मोहन संत हैं, महात्मा हैं, तो देश मे इतना भ्रष्टाचार कैसे हो गया। क्या आरएसएस और बीजेपी राजा के पीछे है, नही भी है तो भी कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी ऐसा बयान क्यों नहीं दे रहे। मै गरीब आपको क्या सलाह दूं, आप ही कोई रास्ता निकाल लीजिये। मै तो अब तक इस महान राजवंश का मुलाजिम था और आगे भी रहूंगा, दाल रोटी और नमक का गुलाम हूं। पर आप से एक ही गुजारिश है मम्मी जी, कांग्रेस में यदि कोई गुप्त पद हो, जिस बारे मे जनता न जान सके, तो वह देकर प्लीज मेरा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पद वापस ले लें ।
आपका अपना
सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी
पुनःश्च
प्यारी मम्मी, ये अंबिका सोनी जो सूचना और प्रसारण मंत्री हैं। वो अपना काम ठीक से नही कर रही हैं। आपातकाल के समय इसी मैडम ने ऐसा चकरा चलाया था कि सारे अखबार और पत्रकार लाईन मे आ गये थे। मम्मी जी, आज भी अगर ये जैसा प्रेम संजय गांधी से करती थीं, आपसे करें तो दो दिन मे मामला राईट हो जायेगा।
पहले तो मेरी गुजारिश स्वीकार करें, लौटती डाक से अपनी चरणधूली भेजने की असीम क्रुपा करें। आशा है, आपका स्वास्थ अच्छा होगा और आप कुशल से होंगी। मम्मी जी ये बाबा समर्थक बोल रहे हैं कि, आप अन्ना आंदोलन मे देश को उलझा कर अपना कालाधन ठिकाने लगा रहीं हैं। सच्चाई जो भी हो पर मम्मी जी आप जल्द से जल्द लौट आयें इसी मे हम सब का हित है। ये बाबा और उनके समर्थकों से तो कॊई खतरा नजर नही आता, अन्ना वादी जाने सांसत किया हुआ है। कोई घर घेर लेता है, कोई ट्रेन से उतार देता है। अपने नवीन जिंदल ने सबके हाथों मे हर रोज तिरंगा पकड़ने की छूट क्या दिलवा दी, हम लोगों की आफ़त हो गयी है। मालूम ही नही पड़ता, कौन अपना है कौन पराया है। वैसे सच कहूं तो मम्मी जी, अपने आज कल कम ही बचे हैं। जो कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, चिदंबरम जैसे अपने हैं भी, उनसे तो पराये ही अच्छे हैं। कम से कम मंच से अहिंसा का नारा तो लगा रहे हैं। वरना इनका बस चले तो कब का हम लोग अस्पताल में नजर आयें।
मम्मी जी आप भारत की है नहीं, इस लिये आप को पता नही है, कि यहां मां बच्चो का खयाल रखती हैं। पर आप इटली की हैं तो हम बच्चो ने सदा आपका खयाल रखा, कि क्या पता आप के मायके में क्या प्रथा हो। दूसरी ओर आप हमारे देश की बहू भी हैं। और आज कल दहेज प्रताडना वाला केस भी दर्ज हो जाता है, अब भारत में केस हो तो जमानती पट्टा भी मिल ही जाता है, पर यदि आप इंटरनेशनल कोर्ट में केस दर्ज कर देंगी तो पट्टा कहा से आयेगा, यही सोच कर हम सभी नेम आपका ध्यान रखा ।
पर मम्मी अब का मामला समझ के बाहर है, नुक्कड़, चौपाल जाते डर लगता है, कि कौन जूता मार दे। ये बाबा वादी लोग तो पहले से ही जाने सांसत किये हुये थे, कि सोये लोगो पर आधी रात को डंडा क्यो। अब अन्नावादी पूछ रहे हैं, कि भले हत्यारों और अपराधियों के साथ बंद कर देते, कलमाड़ी और राजा जैसे लोगों के साथ हमारे अन्ना को बंद किया क्यों ? बीजेपी तो खैर विरोधी है, लड़ाई पुराना है, और खाने के मामले मे उनसे याराना है। उनसे कोई दिक्कत नहीं, पर आम आदमी से कैसे बात करें। मम्मी जी आप तो करोड़ चौरासी की मां हैं, आपको पब्लिक पिटाई के बारे में क्या मालूमं। पर नित यह खतरा झेलते, अब तबीयत नासाज रहने लगी है ।
प्यारी मम्मी, आप के ये मुंशी मैनेजर कुछ भी बोल देते हैं, कुछ भी कर देते हैं, जवाब तो हमसे मांगते है लोग। मम्मी जी कभी ये लोग अन्ना को भ्रष्ट बोल पड़े, कभी भगोड़ा। पर ये इन्होने नहीं सोचा कि सच क्या है, और इनको तो आदते पड़ गया है, कि हम पर आरोप लगे तो विरोधी पर आरोप लगा दो। पर ये अन्ना अपने लिये थोड़े कुछ मांग रहा था, और मांग भी रहा था तो तहलका टाईप भंडाफ़ोड़ करते, पर नही ये लोग हमारी फ़जीहत करने पर ही आमादा हैं। मम्मी जी, आप तक बात पहुंचे नही रहा है क्या ? क्या आप को पता नही लोग दुखी हैं पीडित हैं। पर गलती आप की नही है, कोई आम आदमी दिखने से, आपको कामन इंडियन पीपल बता कर, मुंशी मैनेजर लोग पल्ला झाड़ लेते होंगे।
मम्मी जी आज देश का माहौल क्या हो गया है। अपने को कांग्रेसी कहने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है, पहले तो यह कह्ते ही लोग प्यार करते थे, महात्मा सी जय जय कार करते थे। आज मालूम पड़ते ही अपराधी सा व्यहवार होता है, जूतो से, गालियो से सत्कार होता है। प्यारी मम्मी क्या कमी रह गयी थी, आज तक तो यह जनता सभी कुकर्मो को सह गयी थी। माफ़ कीजियेगा पर आपके राज में मीडीया पर वह अंकुश नही, जो आपकी सास के जमाने में था । सबक लीजिये इंदिरा सा व्यहवार कीजिये, कुछ भी हो पर टीवी/अखबार मे नही आना चाहिये, बस।
प्यारी मम्मी, ये कैसे हुआ कि लोक तंत्र में बाबा लोग अन्ना लोग देश हित को आगे आ रहे हैं। आपके मुंशी मैनेजर कहते हैं कि ब्लैक मेलिंग है, बाबा फ़्रौड है, अन्ना चोर है। पर मम्मी जी अगर ये लोग ऐसे हैं, और अपने मन मोहन संत हैं, महात्मा हैं, तो देश मे इतना भ्रष्टाचार कैसे हो गया। क्या आरएसएस और बीजेपी राजा के पीछे है, नही भी है तो भी कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी ऐसा बयान क्यों नहीं दे रहे। मै गरीब आपको क्या सलाह दूं, आप ही कोई रास्ता निकाल लीजिये। मै तो अब तक इस महान राजवंश का मुलाजिम था और आगे भी रहूंगा, दाल रोटी और नमक का गुलाम हूं। पर आप से एक ही गुजारिश है मम्मी जी, कांग्रेस में यदि कोई गुप्त पद हो, जिस बारे मे जनता न जान सके, तो वह देकर प्लीज मेरा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पद वापस ले लें ।
आपका अपना
सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी
पुनःश्च
प्यारी मम्मी, ये अंबिका सोनी जो सूचना और प्रसारण मंत्री हैं। वो अपना काम ठीक से नही कर रही हैं। आपातकाल के समय इसी मैडम ने ऐसा चकरा चलाया था कि सारे अखबार और पत्रकार लाईन मे आ गये थे। मम्मी जी, आज भी अगर ये जैसा प्रेम संजय गांधी से करती थीं, आपसे करें तो दो दिन मे मामला राईट हो जायेगा।
पूरा दिल का दर्द उड़ेल कर रख दिया आर्य, इतनी गंभीर चिट्ठी को लार्ड मन्नू बटन सिंग ने भी नहीं लिखी होगी. हा हा हा हा
ReplyDeleteआज तो प्रेम से सराबोर पत्र लिख दिया है..
ReplyDelete:)
ReplyDeleteयह हक़ीक़त है कि अन्ना को मिला समर्थन अद्भुत है।
ReplyDeleteहमने भी अन्ना को समर्थन दिया जबकि इसी मुददे को लेकर बाबा रामदेव आए तो हमने उन्हें समर्थन नहीं दिया और हमारी तरह और बहुत लोगों ने भी समर्थन नहीं दिया।
जनता ने इतना भारी समर्थन कभी किसी को बाद आज़ादी नहीं दिया।
अच्छा है इस बहाने जनता का काफ़ी ग़ुस्सा रिलीज़ हो गया और अब जनता को ग़ुस्से में आने में समय लग सकता है तब तक नेता जनता को गुमराह करने की पूरी कोशिश करेंगे।
ब्लॉगर्स मीट वीकली (6) Eid Mubarak में आपका स्वागत है।
इस मुददे पर कुछ पोस्ट्स मीट में भी हैं और हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की 31 पोस्ट्स भी हिंदी ब्लॉग जगत को समर्पित की जा रही हैं।
मम्मी जी!
ReplyDeleteआपके प्रति सोहन शर्मा का खत पढ़कर हमें भी आपके हाल-चाल जानने की फिक्र हो गई है।.
आपने विदेश में आराम फरमाने का बहुत सही समय चुना है।.
नुक्कड़ चौपाल जाते डर लगता है, कि कौन जूता मार दे। ये बाबा वादी लोग तो पहले से ही जान सांसत किये हुये थे, कि सोये लोगो पर आधी रात को डंडा क्यो? अब अन्नावादी पूछ रहे हैं, .....
ReplyDeleteहम पर आरोप लगे तो विरोधी पर आरोप लगा दो...
जबरदस्त.... अरुणेश भाई... वाकई आपके अंदाज़ का क्या कहना...
और पुनश्च....हे भगवान्... डायनामाईट है.... रेडी टू ब्लास्ट....
सादर बधाई इस लेखन के लिए...
बहुत-बहुत बधाई |
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ||
नालायक औलाद को, लगे न कोई पाप |
डन्डे-बट से पीट दो, बाबा हो या बाप ||
बाबा हो या बाप, शीश पर चढ़कर मूतो -
कर फिर नंगा नाच, चैन से जाकर सूतो |
यू एस से सन्देश, सुनो छल-सिब्बल प्यारे |
चिदंबरम चल चाल, भूत भी भागे मारे ||
बहुत सुन्दर और सामयिक रचना!!!!
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास है आपके बधाई हो आपको!
ReplyDeleteकांग्रेस में यदि कोई गुप्त पद हो, जिस बारे मे जनता न जान सके, तो वह देकर प्लीज मेरा ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष पद वापस ले लें ।
ReplyDelete..............................................
हा हा हा , बहुत उम्दा . :D