नुक्कड़ पर यूरिया वाली चाय पीते समय हमने भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी से पूछा- " क्यों भाई शर्माजी आपके मनमोहन गोड़से इस अन्ना गांधी का वध क्यों करना चाहते हैं"। शर्मा जी भड़क गये-" यार दवे जी आप क्यों हर समय उसजुलूल बाते करते हो, मनमोहन तो अन्ना की इज्जत करते हैं, और आप को क्या लेना देना, आप क्यों पूछ रहे हो"। हमने कहा भाई गोड़से भी इज्जत करता था, उसने मारने के पहले गांधी जी के पैर भी छुये थे। रही बात हमारी तो हम गोड़से जैसे इस बारे मे किताब लिखना चाहते हैं"। शर्मा जी भन्नायें- " कुछ हुआ ही नही है , और आप किताब लिखोगे"। हमने कहा- "भाई ऐसा होने वाला है, ऐसा नजर आ रहा है"। "किताब लिखने वाले को घटना होने के पहले की परिस्थितियों और कारण के पर भी प्रकाश डालना होता है कि नही"।
शर्मा जी बोले- "यार हमारा अन्ना से कोई बैर थोड़े ही है, हमें तो उनके अनशन के तरीके से और उनकी संसद को नींचा दिखाने की अवधारणा से बैर है"। हमने कहा - "गोड़से को भी गांधी जी से बैर थोड़े था, उसको गांधी की विचार धारा और उनके अनशन के हथियार से ही बैर था"। "गांधी इसी अनशन से दंगे बंद करा देते थे, अपनी बात मनवा लेते थे"। "और गोड़से ने तो अपनी सोच में राष्ट्र भक्ति का ही काम किया था, उसे लगा कि गांधी ने देश का बटवारा करवा दिया, हिंदुओ का नुकसान किया तो उसने ये जघन्य कॄत्य कर डाला, पर फ़िर भी अपने स्वार्थ में नही देश के स्वार्थ के लिये" ।" अगर गोड़से को कोई सही समझाने वाला मिलता तो वह अपनी देशभक्ती का सहीं प्रयोग करता, पर आपका मन्नू , उसकी मम्मी और उस मम्मी के चालीस चोर तो देश भक्ति मे नही मम्मी भक्ति मे, निज स्वार्थ पूर्ती के लिये इस अन्ना गांधी को मारने वाले हैं"। "उनका अपराध तो अक्षम्य होगा"। " उस देशभक्त पर मूर्ख गोड़से को तो आज तक किसी ने माफ़ नही किया, आपके देशद्रोही और महा कुटिल मनमोहन गोड़से को तो युगों युगों तक मीर जाफ़र और जयचंदो की श्रेणी मे रखा जायेगा।
शर्मा जी ने तुरंत प्रतिवाद किया बोले, " हम तो परम पूज्यनींय, नित्य स्मरणीय बाबा साहब के सिद्धांतो और उनके बनाये संविधान का पालन कर रहे हैं"। मैने कहा- " उसी संविधान मे पीएसी के बारे मे व्यवस्था दी गयी थी, क्या किया उसका आप लोगो ने, मनमाने अध्यक्ष चुन लिया, जोशी जी की रिपोर्ट खारिज कर दी, वोटिंग करा दी क्या इसकी व्यवस्था थी, आदरणीय़ बाबा साहब के संविधान मे"। शर्मा जी बोले, - " संविधान के अनुसार जिसका बहुमत हो उसी की बात मानी जाती है"। हमने कहा- " आज देश मे अन्ना का बहुमत है, जनलोकपाल बिल में क्यों नही मानते उनकी बात"।" क्यों शाहबानो प्रकरण मे संविधान बदल दिया था"।" क्या संविधान मे ये लिखा था, कि आदिवासियों को उनके जंगलो से खदेड़ उसे सागौन और साल के जंगलो ने बदल दो,खदानो मे बदल दो। दलितों को खदेड़ उनकी जमीनो पर कब्जा कर कारखाने लगवा दो, बिल्डिंग तनवा दो"।
तभी दीपक भाजपायी बीच में कूद पड़े - "सहीं है दवे जी, इस संविधान की तो कांग्रेस पार्टी मे धज्जियां उड़ा दी हैं"। हमने पूछा - "आप लोगो ने क्या किया, और क्या कर रहे हो"।" पिछले गांधी को तो आप लोगो ने नकार दिया था, आज तक उस भूल का खामियाजा भुगत रहे हो"।" अपनी अंटशंट किताबो से युवा समर्थकों का दिमाग तक खराब कर दिया है"। "आज मौका था भूल सुधार का, पहले दिन से इस गांधी से बातचीत कर अपने अपने विचार सामने रखने का" तो बाबाओं को, यतियों को सामने कर दिया"।
"जनसैलाब तक उठता नहीं दिखा, समझ में नही आया कि जनता सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी से नही, वरन पूरे सड़े हुये सिस्टम से त्रस्त आ गयी है"।" इस आल पार्टी मीटिंग का उपयोग कांग्रेस कैसे करेगी पता है आपको ? जैसे आप बाबा रामदेव के पीछे छुप सत्ता पाने पाने की सोच रहे थे, वैसे अब कांग्रेस संसद के पीछे , संविधान के पीछे छुप इस गांधी को नकारने की सोचेगी। "जब उसे लगेगा कि मामला हांथ से बाहर जा रहा है, तब तपाक से कूद कर इस गांधी को भी गले से लगा लेगी जैसे पिछले गांधी को लगाया था और साठ साल मलाई चाटी थी।
"दीपक बाबू गोंड़से पैदा मत कर गांधी को पहचानो, हिंदू हिंदू चिल्लाते हो तो जान लो गांधी ही हिंदू समाज के सबसे बड़े संत थे"। "जिन्होने पहचान लिया था कि इसी जातिवाद के कारण हिंदू समाज सदियों से हारता आया है"। "उन्होनें हरिजन उद्धार की जो मुहिम शुरू की, उसी के कारण आज देश मे दलित मुख्य धारा में हिंदू समाज से जुड़ रहें हैं"। "वरना जितने पिछड़े थे, सब अपना धर्म बदल लेते, आधे मुसलमान बन जाते , आधे इसाई और आप अपना राम राम भजते रहते"।
"खैर साहब खामखां इन मूर्खों को समझाने मे मैं अपना वक्त जाया करता हूं। सालो बाद आज तो ये सही काम कर रहे हैं, जनता जाग रही है"। "और ये भड़काने के लिये आग मे धी डाल रहे हैं"। "अच्छा है इस मनमोहन को गोड़्से बन जाने दें", कम से कम ये मुर्दा कौम जाग तो जायेगी"। भगवान ने बड़ी मिन्नतों के बाद ऐसे मूर्ख सत्ताधारी और विपक्षी दल भेजे हैं। हमको भी सालो से तलाश थी भारत के मिखाईल गोर्बाचोव की"।
शर्मा जी बोले- "यार हमारा अन्ना से कोई बैर थोड़े ही है, हमें तो उनके अनशन के तरीके से और उनकी संसद को नींचा दिखाने की अवधारणा से बैर है"। हमने कहा - "गोड़से को भी गांधी जी से बैर थोड़े था, उसको गांधी की विचार धारा और उनके अनशन के हथियार से ही बैर था"। "गांधी इसी अनशन से दंगे बंद करा देते थे, अपनी बात मनवा लेते थे"। "और गोड़से ने तो अपनी सोच में राष्ट्र भक्ति का ही काम किया था, उसे लगा कि गांधी ने देश का बटवारा करवा दिया, हिंदुओ का नुकसान किया तो उसने ये जघन्य कॄत्य कर डाला, पर फ़िर भी अपने स्वार्थ में नही देश के स्वार्थ के लिये" ।" अगर गोड़से को कोई सही समझाने वाला मिलता तो वह अपनी देशभक्ती का सहीं प्रयोग करता, पर आपका मन्नू , उसकी मम्मी और उस मम्मी के चालीस चोर तो देश भक्ति मे नही मम्मी भक्ति मे, निज स्वार्थ पूर्ती के लिये इस अन्ना गांधी को मारने वाले हैं"। "उनका अपराध तो अक्षम्य होगा"। " उस देशभक्त पर मूर्ख गोड़से को तो आज तक किसी ने माफ़ नही किया, आपके देशद्रोही और महा कुटिल मनमोहन गोड़से को तो युगों युगों तक मीर जाफ़र और जयचंदो की श्रेणी मे रखा जायेगा।
शर्मा जी ने तुरंत प्रतिवाद किया बोले, " हम तो परम पूज्यनींय, नित्य स्मरणीय बाबा साहब के सिद्धांतो और उनके बनाये संविधान का पालन कर रहे हैं"। मैने कहा- " उसी संविधान मे पीएसी के बारे मे व्यवस्था दी गयी थी, क्या किया उसका आप लोगो ने, मनमाने अध्यक्ष चुन लिया, जोशी जी की रिपोर्ट खारिज कर दी, वोटिंग करा दी क्या इसकी व्यवस्था थी, आदरणीय़ बाबा साहब के संविधान मे"। शर्मा जी बोले, - " संविधान के अनुसार जिसका बहुमत हो उसी की बात मानी जाती है"। हमने कहा- " आज देश मे अन्ना का बहुमत है, जनलोकपाल बिल में क्यों नही मानते उनकी बात"।" क्यों शाहबानो प्रकरण मे संविधान बदल दिया था"।" क्या संविधान मे ये लिखा था, कि आदिवासियों को उनके जंगलो से खदेड़ उसे सागौन और साल के जंगलो ने बदल दो,खदानो मे बदल दो। दलितों को खदेड़ उनकी जमीनो पर कब्जा कर कारखाने लगवा दो, बिल्डिंग तनवा दो"।
तभी दीपक भाजपायी बीच में कूद पड़े - "सहीं है दवे जी, इस संविधान की तो कांग्रेस पार्टी मे धज्जियां उड़ा दी हैं"। हमने पूछा - "आप लोगो ने क्या किया, और क्या कर रहे हो"।" पिछले गांधी को तो आप लोगो ने नकार दिया था, आज तक उस भूल का खामियाजा भुगत रहे हो"।" अपनी अंटशंट किताबो से युवा समर्थकों का दिमाग तक खराब कर दिया है"। "आज मौका था भूल सुधार का, पहले दिन से इस गांधी से बातचीत कर अपने अपने विचार सामने रखने का" तो बाबाओं को, यतियों को सामने कर दिया"।
"जनसैलाब तक उठता नहीं दिखा, समझ में नही आया कि जनता सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी से नही, वरन पूरे सड़े हुये सिस्टम से त्रस्त आ गयी है"।" इस आल पार्टी मीटिंग का उपयोग कांग्रेस कैसे करेगी पता है आपको ? जैसे आप बाबा रामदेव के पीछे छुप सत्ता पाने पाने की सोच रहे थे, वैसे अब कांग्रेस संसद के पीछे , संविधान के पीछे छुप इस गांधी को नकारने की सोचेगी। "जब उसे लगेगा कि मामला हांथ से बाहर जा रहा है, तब तपाक से कूद कर इस गांधी को भी गले से लगा लेगी जैसे पिछले गांधी को लगाया था और साठ साल मलाई चाटी थी।
"दीपक बाबू गोंड़से पैदा मत कर गांधी को पहचानो, हिंदू हिंदू चिल्लाते हो तो जान लो गांधी ही हिंदू समाज के सबसे बड़े संत थे"। "जिन्होने पहचान लिया था कि इसी जातिवाद के कारण हिंदू समाज सदियों से हारता आया है"। "उन्होनें हरिजन उद्धार की जो मुहिम शुरू की, उसी के कारण आज देश मे दलित मुख्य धारा में हिंदू समाज से जुड़ रहें हैं"। "वरना जितने पिछड़े थे, सब अपना धर्म बदल लेते, आधे मुसलमान बन जाते , आधे इसाई और आप अपना राम राम भजते रहते"।
"खैर साहब खामखां इन मूर्खों को समझाने मे मैं अपना वक्त जाया करता हूं। सालो बाद आज तो ये सही काम कर रहे हैं, जनता जाग रही है"। "और ये भड़काने के लिये आग मे धी डाल रहे हैं"। "अच्छा है इस मनमोहन को गोड़्से बन जाने दें", कम से कम ये मुर्दा कौम जाग तो जायेगी"। भगवान ने बड़ी मिन्नतों के बाद ऐसे मूर्ख सत्ताधारी और विपक्षी दल भेजे हैं। हमको भी सालो से तलाश थी भारत के मिखाईल गोर्बाचोव की"।
सालो बाद आज तो ये सही काम कर रहे हैं, जनता जाग रही है"। "और ये भड़काने के लिये आग मे धी डाल रहे हैं"। "अच्छा है इस मनमोहन को गोड़्से बन जाने दें", कम से कम ये मुर्दा कौम जाग तो जायेगी"। भगवान ने बड़ी मिन्नतों के बाद ऐसे मूर्ख सत्ताधारी और विपक्षी दल भेजे हैं। हमको भी सालो से तलाश थी भारत के मिखाईल गोर्बाचोव की"।
ReplyDeleteखूब , बहुत खूब ,
ReplyDeleteपर आपका मन्नू , उसकी मम्मी और उस मम्मी के चालीस चोर तो देश भक्ति मे नही मम्मी भक्ति मे, निज स्वार्थ पूर्ती के लिये इस अन्ना गांधी को मारने वाले हैं"। "उनका अपराध तो अक्षम्य होगा"। ha ha ha ha.
आज सभी को कुछ न कुछ उम्मीद नजर आने लगी है अन्ना हजारे जी की एक आवाज पर लोग जान तक देने को तैयार हैं जनता जाग चुकी है.... आपने बिलकुल सही लिखा है सता पक्ष और विपक्ष दोनों अपना -अपना फायदा सोच रहे है इसीलिए अभी तक कोई निर्णय नही लिया गया है
ReplyDeleteसटीक व्यंग ... व्यंग से अधिक कटाक्ष ... गाँधी के आन्दोलन से ले कर अन्ना के आन्दोलन का खाका खींच दिया ..
ReplyDeleteबेहतरीन व्यंग्य।
ReplyDeleteसड़ेला सिस्टम में तो जनता को भुगतना ही है. सारे ही चोर चोर मौसेरे भाई हैं.......
ReplyDeleteबहुत दूर की कही है अरुणेश भाई...
ReplyDeleteसार्थक व्यंग्य...
सादर...
Nice post .
ReplyDeleteऔर एक बिल्कुल नई पोस्ट भी आपके लिए अनोखी तकनीक के बारे में
आपकी जेब भर सकती है ‘हातिम ताई तकनीक‘ Hindi Blogging Guide (30)
Great presentation of facts.
ReplyDeleteसही बात है हम लोगों ने बड़ी ही मेहनत से चुन-चुन कर मूर्खो को भेजा है इन मूर्खो ने एक निर्दोष सी सूरत वाला एक महामूर्ख को अपना नेता बनाया. उस महामूर्ख की आड़ लेकर हमारा खून चूसना चाहते है.
ReplyDeleteबिल्कुल सही।
ReplyDeleteहमें भी ऐसा ही लग रहा है।
काश जग ही जाये जनता..
ReplyDeleteखूब , बहुत खूब ,
ReplyDeleteवाह्…………बहुत सुन्दर लाजवाब
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉगों में आये आये तो और भी ज्यादा ख़ुशी होगी मुझे भी अगर आप यहाँ की सदस्यता ले तो....
MITRA-MADHUR
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
Jabardast. Manmohan Godase ban rahe hain aur congress !!!!!!
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