सुबह सुबह नींद खुली ही थी कि भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी पहुंच गये। हमने कहा- "भाई क्या आफ़त आ गयी जो सुबह सुबह पहुंच गये"। शर्मा जी बोले - "दवे जी दस धनपथ से प्यारी मम्मी का फ़ोन आया था, एक गंभीर विषय पर आपसे सलाह लेने को कहा है।" मुफ़्त की सलाह देने का अपना बहुत पुराना शौक है। सो हमने प्रसन्न होकर उनसे समस्या के बारे में पूछा। शर्मा जी बोले - "जीजाजी का नाम आ रहा है 2G घोटाले में बताईये इस मामले से कैसे निपटा जाय"। हमने गंभीर चिंतन के बाद कहा - "हम को शक था ही कि आंधी परिवार का कोई ऐसा आदमी इसमे रूची ले रहा है कि मन्नू से लेकर चिंदीबम तक सब के सब दंडवत होकर फ़ाईल आगे बढ़ा रहे थे। खैर मामला तो गंभीर है प्यारे आपके जीजाजी को अपना नही तो कम से कम आपकी प्यारी दीदी के बारे में सोचना था।"
शर्मा जी ने सर झटकाया बोले -" ये दीदी भी न, कहां गड़बड़ आदमी से शादी कर ली। मुफ़्त में नाम खराब हो रहा है, संकट खड़ा है सो अलग।" हमने कहा- ""वह तो भाई आंधी परिवार की खानदानी बीमारी है, सभी लोग गलत शादी ही करते हैं। देखो आपके प्यारी दीदी के पापाजी ने विदेशी से शादी कर ली। अब लोग सीआईए से लेकर क्या क्या आरोप नही लगाते हैं। उसके बाद आपकी प्यारी दीदी की दादी जी ने कमाल ही कर दिया था। ले दे कर आंधी नाम इंपोर्ट करके काम चलाना पड़ा" । शर्मा जी ने कहा- "ठीक कहते हो भाई पापाजी के नानाजी ने बस सही शादी करी थी"। हमने कहा भाई उसमे भी गड़बड़ थी फ़र्क बस इतना है कि गलती नानी ने की थी। देखते नही नानाजी की लंपटाई के किस्से तो इतिहास मे दर्ज है विदेशी महिलाओं से प्यार करने की परंपरा भी नानाजी की ही देन है।"
शर्मा जी बोले- "तो भाई रास्ता क्या है, हल बताएं किस्से न सुनाएं"। हमने कहा भाई आंधी परिवार में जीजाओं से किनारा करने की खानदानी परंपरा रही है। वह भी अजमाया जा सकता है और जीजा की बात तो छोड़ो उसमे अभी समय है फ़िलहाल तो मामला चिंदीबम पर अटका है कि बिना किसी समस्या के चिंदीबम को कैसे किनारे किया जाये। पर तिहाड़ जाते ही चिंदीबम चुप तो नही रहेगा जैसे राजा ने चिंदी बम का नाम लिया था वैसे चिंदीबम भी किसी न किसी का नाम तो लेगा। विपक्ष भी अभी मन्नू से चिंदीबम को हटाने की मांग कर रहा है उसके बाद मन्नू पर आ जायेगा। जो दोष राजा का है वही चिंदीबम का भी है और वही मन्नू का। घोटाला हुआ है तो तीनो शामिल है आधिकारिक रूप से इनसे आगे बात आपके जीजाजी तक भी आती है पर आपके जीजाजी के फ़ंसने की हालत मे अनिल अंबानी से लेकर कई और बड़े शिवाजी फ़सेंगे, अब इसकी कितनी संभावना है यह अभी मालूम नही है। "
शर्मा जी ने पूछा- " इन सब लफ़ड़ों के बीच दवे जी हमारी प्यारी दीदी के बारे मे आपका क्या खयाल है।"
हमने कहा - उनकी उम्मीद और इंतजार करते हैं।
आज भी हम उनसे खूब प्यार करते हैं॥
शर्मा जी भड़क गये बोले - " दवे जी होश मे रहो खबरदार, जो आपने हमारी प्यारी दीदी के बारे में कुछ सोचा तो।"
हम भी भड़क गये - " बड़ी घटिया सोच के आदमी हो यार शर्मा जी, हम भारत की आम जनता के जैसे उन्हे पसंद करते हैं और पता नही आप क्या सोच बैठे। और पसंद क्यों न करें, आपकी प्यारी दीदी भी तो इंदिरा जी जैसी दिखती है, बाते करती है और शादी की गलती को छोड़ दो तो, समझदार भी नजर आती है। वो ही ऐसा आखिरी रामबाण है, ऐसी कृष्ण है जो भाजपा के शापित महायोद्धा कर्ण उर्फ़ मोदी को युद्ध के मैदान में धाराशाही कर सकती है। और उनके पास दो राजकुमार भी हैं, खाली पडेरा हटा कर आंधी लगाने की जरूरत थी बस। अब भाजपा तो आपके प्यारे जीजाकी का पीछा पाताल तक नही छोड़ेगी, उनको निपटाये बिना आपकी प्यारी दीदी के सामने उसका उद्धार नही है।"
"और हमको खबरदार करते हो महामूर्ख, खुद खबरदार रहते तो आज ऐसे जीजाजी के कारण मुंह छिपाने की नौबत नही आती। सही समय में हमारे जैसा कोई योग्य वर तलाश अपनी प्यारी दीदी का ब्याह रचाते, तो आज सब मामला सही रहता। उसको भी छोड़ो, आज पूरे देश को मालूम है घोटाला हुआ है और उसमे मन्नू और चिंदीबम शामिल हैं तो उनको गेट बाहर नही कर रहे हो। और हमसे सलाह लेने आये हो, चलो भागो यहां से, आ जाते हैं सुबह सुबह सलाह लेने।"
सटपटा के शर्मा जी निकल लिये और हम चैन की सांस ली कि, हमारा बरसो पुराना प्यार सार्वजनिक होने से बच गया। खैर साहब शर्मा जी की प्यारी दीदी का चेहरा और दहेज मे उनके साथ आने वाला जलावा ही कुछ ऐसा है कि इतने सालो बाद भी हम उनको न भूल पाये हैं।
शर्मा जी ने सर झटकाया बोले -" ये दीदी भी न, कहां गड़बड़ आदमी से शादी कर ली। मुफ़्त में नाम खराब हो रहा है, संकट खड़ा है सो अलग।" हमने कहा- ""वह तो भाई आंधी परिवार की खानदानी बीमारी है, सभी लोग गलत शादी ही करते हैं। देखो आपके प्यारी दीदी के पापाजी ने विदेशी से शादी कर ली। अब लोग सीआईए से लेकर क्या क्या आरोप नही लगाते हैं। उसके बाद आपकी प्यारी दीदी की दादी जी ने कमाल ही कर दिया था। ले दे कर आंधी नाम इंपोर्ट करके काम चलाना पड़ा" । शर्मा जी ने कहा- "ठीक कहते हो भाई पापाजी के नानाजी ने बस सही शादी करी थी"। हमने कहा भाई उसमे भी गड़बड़ थी फ़र्क बस इतना है कि गलती नानी ने की थी। देखते नही नानाजी की लंपटाई के किस्से तो इतिहास मे दर्ज है विदेशी महिलाओं से प्यार करने की परंपरा भी नानाजी की ही देन है।"
शर्मा जी बोले- "तो भाई रास्ता क्या है, हल बताएं किस्से न सुनाएं"। हमने कहा भाई आंधी परिवार में जीजाओं से किनारा करने की खानदानी परंपरा रही है। वह भी अजमाया जा सकता है और जीजा की बात तो छोड़ो उसमे अभी समय है फ़िलहाल तो मामला चिंदीबम पर अटका है कि बिना किसी समस्या के चिंदीबम को कैसे किनारे किया जाये। पर तिहाड़ जाते ही चिंदीबम चुप तो नही रहेगा जैसे राजा ने चिंदी बम का नाम लिया था वैसे चिंदीबम भी किसी न किसी का नाम तो लेगा। विपक्ष भी अभी मन्नू से चिंदीबम को हटाने की मांग कर रहा है उसके बाद मन्नू पर आ जायेगा। जो दोष राजा का है वही चिंदीबम का भी है और वही मन्नू का। घोटाला हुआ है तो तीनो शामिल है आधिकारिक रूप से इनसे आगे बात आपके जीजाजी तक भी आती है पर आपके जीजाजी के फ़ंसने की हालत मे अनिल अंबानी से लेकर कई और बड़े शिवाजी फ़सेंगे, अब इसकी कितनी संभावना है यह अभी मालूम नही है। "
शर्मा जी ने पूछा- " इन सब लफ़ड़ों के बीच दवे जी हमारी प्यारी दीदी के बारे मे आपका क्या खयाल है।"
हमने कहा - उनकी उम्मीद और इंतजार करते हैं।
आज भी हम उनसे खूब प्यार करते हैं॥
शर्मा जी भड़क गये बोले - " दवे जी होश मे रहो खबरदार, जो आपने हमारी प्यारी दीदी के बारे में कुछ सोचा तो।"
हम भी भड़क गये - " बड़ी घटिया सोच के आदमी हो यार शर्मा जी, हम भारत की आम जनता के जैसे उन्हे पसंद करते हैं और पता नही आप क्या सोच बैठे। और पसंद क्यों न करें, आपकी प्यारी दीदी भी तो इंदिरा जी जैसी दिखती है, बाते करती है और शादी की गलती को छोड़ दो तो, समझदार भी नजर आती है। वो ही ऐसा आखिरी रामबाण है, ऐसी कृष्ण है जो भाजपा के शापित महायोद्धा कर्ण उर्फ़ मोदी को युद्ध के मैदान में धाराशाही कर सकती है। और उनके पास दो राजकुमार भी हैं, खाली पडेरा हटा कर आंधी लगाने की जरूरत थी बस। अब भाजपा तो आपके प्यारे जीजाकी का पीछा पाताल तक नही छोड़ेगी, उनको निपटाये बिना आपकी प्यारी दीदी के सामने उसका उद्धार नही है।"
"और हमको खबरदार करते हो महामूर्ख, खुद खबरदार रहते तो आज ऐसे जीजाजी के कारण मुंह छिपाने की नौबत नही आती। सही समय में हमारे जैसा कोई योग्य वर तलाश अपनी प्यारी दीदी का ब्याह रचाते, तो आज सब मामला सही रहता। उसको भी छोड़ो, आज पूरे देश को मालूम है घोटाला हुआ है और उसमे मन्नू और चिंदीबम शामिल हैं तो उनको गेट बाहर नही कर रहे हो। और हमसे सलाह लेने आये हो, चलो भागो यहां से, आ जाते हैं सुबह सुबह सलाह लेने।"
सटपटा के शर्मा जी निकल लिये और हम चैन की सांस ली कि, हमारा बरसो पुराना प्यार सार्वजनिक होने से बच गया। खैर साहब शर्मा जी की प्यारी दीदी का चेहरा और दहेज मे उनके साथ आने वाला जलावा ही कुछ ऐसा है कि इतने सालो बाद भी हम उनको न भूल पाये हैं।
बहन के पति को बचाना भाई का परम धर्म है!
ReplyDeletebahut achchha likha hai.
ReplyDeleteशादी की गल्ती के किस्से ज़बरदस्त व्यंग है ... सच्चाई लिए हुए ... आप सबकी पोल खोलने में माहिर हैं ..जब खुद पर पड़ेगी तो खुद को बचाने की पड़ेगी ..प्यारे जीजाजी की नहीं ..
ReplyDeleteसर्वप्रथम नवरात्रि पर्व पर माँ आदि शक्ति नव-दुर्गा से सबकी खुशहाली की प्रार्थना करते हुए इस पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteघोटालों का तो देश मे मचा हुआ है धमाल। प्रस्तुत "व्यंग्य" में नामकरण का दिखे जोरदार कमाल॥ जय जोहार……
बस..गज्ज़ब लिखा है भाई जी....गज्ज़ब ..गज्ज़ब.. गज्जब...इसके आगे तो का कहें,कुछो बुझाइए नहीं रहा...
ReplyDeleteसलाम आपकी कलम को और ढेरों दुआएं...
राम कसम ..एकदम से आनंद आ गया....
सुन्दर व्यंग्य के साथ तीखा कटाक्ष
ReplyDeleteआप भी मेरे फेसबुक ब्लाग के मेंबर जरुर बने
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MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR
आपके व्यंग चुटीले और तीखे हैं दवे जी ...
ReplyDeleteआपने अपना कर्तव्य यह कहकर पूरा किया ....
ReplyDelete"पूरे देश को मालूम है घोटाला हुआ है और उसमे मन्नू और चिंदीबम शामिल हैं तो उनको गेट बाहर नही कर रहे हो। और हमसे सलाह लेने आये हो, चलो भागो यहां से, आ जाते हैं सुबह सुबह सलाह लेने।"