साहब नुक्कड़ मे तेजी से खबर फ़ैली कि दवे जी को संसद ने विशेषाधिकार हनन के आरोप मे नोटिस भेजी है। , हम भी सकते में थे। लोगो ने पूछा कैसे लपेटे मे आ गये दवे जी, हमने बताया- " अफ़जल गुरू को कोसा था एक लेख मे कि क्यों काम पूरा नही किया, संसद पर हमले के वक्त, उसी कारण नोटिस आया है"। सलाह मिली माफ़ी मांग लीजिये, हमने कहा- "पगला गये हो मुफ़्त में पब्लिसिटी मिलेगी, जेल जायेंगे तो क्या कहते हैं अन्ना, दो टाईम का नाश्ता दो टाईम का खाना फ़्री। और कितने दिनो के लिये भेज सकते हैं हद से हद पंदरह दिन, हम जाने तैयार हैं पर लेख वापस न लेंगे"।
हमने जवाब भेजा कि पेश होने मे कोई दिक्कत नहीं, पर दिल्ली पहुंचने का भाड़ा नही है। इस पर एक पुलिस वाले सज्जन ने बाईज्जत हमें ट्रेन मे बैठा दिल्ली पहुंचाया। संसद भवन पहुंचने पर हमारा दिल धक धक करने लगा अपने नुक्कड़ मे तो दवे जी भी शेर रहते हैं पर संसद में अकेले हमारी हिम्मत जवाब देने लगी। पुलिस वाले ने टांट कसी- " क्यों बे आ गया लाईन में, हवा निकल गयी, अब जा संसद के अंदर फ़जीहत कराने और बाहर बैठे हैं हम, तुझे जेल ले जाने, बड़ा देशभक्त भगत सिंग बनता था"। भगत सिंग जी को याद कर हमारे शरीर मे 440 वोल्ट का करेंट दौड़ने लगा, सीना जोश से भर गया। जब भगत सिंग देश के लिये फ़ांसी पर झूल सकते हैं, तो हम कम से कम संसद का सामना तो कर ही सकते हैं। हमने नारा लगाया वंदे मातरम, भारत माता की जय इंकलाब जिंदाबाद और अंदर बढ़ चले।
अंदर पेश हुये हमको एक कटघरे मे खड़ा कर दिया, पहले नेताओं ने अपने भाषण दिये किसी ने बाबा साहब के संविधान का हवाला दिया तो किसी ने संसद की महत्ता पर जोर दिया। कोई गौरवशाली इतिहास बतला रहा था तो कॊई वहां बैठे अल्पसंख्यक, दलित,आदिवासी, और पिछड़े वर्ग के सांसदो को दिखला रहा था। एक दो ने हमारी जवानी पर तरस जताया और माफ़ी मांग कलंक से बचने की सलाह दी, अंजाम भी बताये गये।
मीरा कुमार जी ने हमे सफ़ाई देने का आदेश दिया हमने कहा - "शरद यादव जी को नमस्कार और आप मे से जो भी ईमानदार नेता हैं उन सब को नमस्कार और प्यारी सोनिया मम्मी को विशेष प्रणाम" । हमारा इतना कहना था कि कांग्रेसियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हमने सभापति से कहा- "देखिये मैडम शोएब मलिक को जीजा मानने से इंकार करने वाले कांग्रेसी, सोनिया जी को मम्मी मानने से भी इंकार कर रहे हैं"। हमारा इतना कहना था कि हंगामा दुगुना हो गया। सभापति जी ने कहा- "शांत हो जाईये, बैठ जाईये, हो गया, हो गया, शांत हो जाईये, नथिंग विल गो आन रिकार्ड"। हल्ला कुछ कम हुआ तो हमने कहा-" मैडम आपकी आवाज मे ऐसा जादू है कि हमनें तो टेप कर लिया है, हमारी बीबी हमको बेलन से मारने आती हैं तो उनको सुना देते हैं, तुरंत शांत हो जाती हैं। बच्चे लड़ते हैं तो उन्हे सुना देता हूं तुरंत शांत हो जाते हैं, यहां तक कि हमारा कुत्ता टामी जो ईंडिया की क्रिकेट टीम की तरह एलसेशियन है, उसे भी सुना देता हूं तुरंत चुप हो जाता है। और ये सांसद लोग हैं कि इनको कोई फ़र्क ही नही पड़ता है।
सांसद फ़िर भड़क गये लालू जी बोले "मईडम ये संसद मे असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहा है"। हमने जवाब दिया- "मैडम हम तो सांसद नही असांसद हैं, तो हम तो असंसदीय भाषा ही जानते हैं। अब किसी को बुरा लगा हो तो रिकार्ड से निकाल दीजिये"। सभापति जी ने कहा- "आप सफ़ाई में जो कहना हो वो कहें, यहां वहां की बात न करें"।
हमने कहा -" माननीय सभापति जी और आदरणीय ईमानदार सांसदों, निश्चित ही अफ़जल गुरू वाले लेख मे मुझसे त्रुटी हो गयी थी। उसमें यह लिखना मैं भूल गया था कि अफ़जल गुरू केवल बेईमान मंत्री और सांसदों को मारे और इमानदार लोगो को प्रणाम कर उन्हे सुरक्षित जाने दें"। फ़िर संसद मे हल्ला मच गया, लालू जी ने कहा- "तू किसको बेईमान बोलता है रे, बाबा साहब के संविधान पर चलने वाली संसद पर हमला करवाने का बात लिखता है"। हमने कहा- "बेईमान वो हैं जो घूस खा कर वोट देते हैं, अधिकारियों, दलालो से चंदा लेते हैं। और ऐसे बेईमानों के शरीर में कीड़े पड़ें , ईश्वर उनको तबाह कर दे। जिस गरीबी और हताशा मे आज भारत का पिछड़ा और गरीब तबका जी रहा है, ऐसे ही हालत में इन बेईमानों के वंशज पांच हजार साल तक जियें। वे पढ़ें तो सरकारी स्कूल में, बेड़ा गर्क हो इनके खानदानों का, कॊई नाम लेवा न बचे। इमानदार लोगों को करोड़ों भारतीयों की दिल से दुआ लगे, उनको मोक्ष मिले, उनका परिवार उत्तरोत्तर तरक्की करे।
फ़िर हंगामा मच गया सांसदो ने कहा- सभापति महोदया, यह बाबा साहब द्वारा बनाई गयी संसद को बाटने की कोशिश कर रहा है। हमने कहा- "नही मैडम ये संसद बाबा साहब की बनाई नही है, अगर होती तो बताईये कितने दलितों को 2G घोटाले मे फ़ायदा मिला, कामन वेल्थ गेम्स मे फ़ायदा और ठेका पाने वाले कितने लोग दलित या पिछड़े थे। यह बताईये कि पिछले दस सालों मे इस देश मे कितने ठेके या खरीदी का आर्डर दलितो,पिछड़ों को मिला है। देश देख रहा है, जवाब देना होगा, बाबा साहब के पीछे छुपते हो, संविधान के पीछे छुपते हो, तो बताओ कहां लिखा है कि आरोपी खुद जांच करने वाली सीबीआई के विभाग का मंत्री बना रहेगा। कहां लिखा है कि पीएसी की बैठक का निर्णय बहुमत के आधार पर होगा। यह भी बताओ कि कहां लिखा है कि घोटालों में नाम आने के बावजूद प्रधानमंत्री पद को नही त्यागेगा। यह भी बताना होगा कि अपने ही देश के हित के आंदोलन कर रहे लोगों को, आधी रात को उठा कर पीट कर रोड में फ़ेंक देने का अधिकार सरकार को बाबा साहब ने किस धारा, कानून में दिया था। और अल्पसंख्यकों की बात करते हो तो यह भी बताना होगा कि आजादी के चौसठ साल बाद उनकी हालत, शिक्षा मे क्या सुधार हुआ है, सरकारी नौकरी मे उनका प्रतिशत क्या है।
इतना कहना था साहब कि हंगामा मच गया, सांसद मुझे मारने दौड़े, सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी। मार्शल मुझे बचाते हुये बाहर ले गये और बाईज्जत पुलिस वाला मुझे वापस घर ले आया। उसके बाद कोई नोटिस मुझे मिला नही है , और मिलने की आशा भी नही दिखती। उस दिन की लोकसभा की कार्यवाही भी रिकार्ड से हटा दी गयी है। अब आप लोग ऐसा हुआ था, ऐसा मान ही जाओ कोई जरूरी भी नही, पर अगर ऐसा हो तो कैसा रहेगा मुझे जरूर बताईयेगा।
हमने जवाब भेजा कि पेश होने मे कोई दिक्कत नहीं, पर दिल्ली पहुंचने का भाड़ा नही है। इस पर एक पुलिस वाले सज्जन ने बाईज्जत हमें ट्रेन मे बैठा दिल्ली पहुंचाया। संसद भवन पहुंचने पर हमारा दिल धक धक करने लगा अपने नुक्कड़ मे तो दवे जी भी शेर रहते हैं पर संसद में अकेले हमारी हिम्मत जवाब देने लगी। पुलिस वाले ने टांट कसी- " क्यों बे आ गया लाईन में, हवा निकल गयी, अब जा संसद के अंदर फ़जीहत कराने और बाहर बैठे हैं हम, तुझे जेल ले जाने, बड़ा देशभक्त भगत सिंग बनता था"। भगत सिंग जी को याद कर हमारे शरीर मे 440 वोल्ट का करेंट दौड़ने लगा, सीना जोश से भर गया। जब भगत सिंग देश के लिये फ़ांसी पर झूल सकते हैं, तो हम कम से कम संसद का सामना तो कर ही सकते हैं। हमने नारा लगाया वंदे मातरम, भारत माता की जय इंकलाब जिंदाबाद और अंदर बढ़ चले।
अंदर पेश हुये हमको एक कटघरे मे खड़ा कर दिया, पहले नेताओं ने अपने भाषण दिये किसी ने बाबा साहब के संविधान का हवाला दिया तो किसी ने संसद की महत्ता पर जोर दिया। कोई गौरवशाली इतिहास बतला रहा था तो कॊई वहां बैठे अल्पसंख्यक, दलित,आदिवासी, और पिछड़े वर्ग के सांसदो को दिखला रहा था। एक दो ने हमारी जवानी पर तरस जताया और माफ़ी मांग कलंक से बचने की सलाह दी, अंजाम भी बताये गये।
मीरा कुमार जी ने हमे सफ़ाई देने का आदेश दिया हमने कहा - "शरद यादव जी को नमस्कार और आप मे से जो भी ईमानदार नेता हैं उन सब को नमस्कार और प्यारी सोनिया मम्मी को विशेष प्रणाम" । हमारा इतना कहना था कि कांग्रेसियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हमने सभापति से कहा- "देखिये मैडम शोएब मलिक को जीजा मानने से इंकार करने वाले कांग्रेसी, सोनिया जी को मम्मी मानने से भी इंकार कर रहे हैं"। हमारा इतना कहना था कि हंगामा दुगुना हो गया। सभापति जी ने कहा- "शांत हो जाईये, बैठ जाईये, हो गया, हो गया, शांत हो जाईये, नथिंग विल गो आन रिकार्ड"। हल्ला कुछ कम हुआ तो हमने कहा-" मैडम आपकी आवाज मे ऐसा जादू है कि हमनें तो टेप कर लिया है, हमारी बीबी हमको बेलन से मारने आती हैं तो उनको सुना देते हैं, तुरंत शांत हो जाती हैं। बच्चे लड़ते हैं तो उन्हे सुना देता हूं तुरंत शांत हो जाते हैं, यहां तक कि हमारा कुत्ता टामी जो ईंडिया की क्रिकेट टीम की तरह एलसेशियन है, उसे भी सुना देता हूं तुरंत चुप हो जाता है। और ये सांसद लोग हैं कि इनको कोई फ़र्क ही नही पड़ता है।
सांसद फ़िर भड़क गये लालू जी बोले "मईडम ये संसद मे असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहा है"। हमने जवाब दिया- "मैडम हम तो सांसद नही असांसद हैं, तो हम तो असंसदीय भाषा ही जानते हैं। अब किसी को बुरा लगा हो तो रिकार्ड से निकाल दीजिये"। सभापति जी ने कहा- "आप सफ़ाई में जो कहना हो वो कहें, यहां वहां की बात न करें"।
हमने कहा -" माननीय सभापति जी और आदरणीय ईमानदार सांसदों, निश्चित ही अफ़जल गुरू वाले लेख मे मुझसे त्रुटी हो गयी थी। उसमें यह लिखना मैं भूल गया था कि अफ़जल गुरू केवल बेईमान मंत्री और सांसदों को मारे और इमानदार लोगो को प्रणाम कर उन्हे सुरक्षित जाने दें"। फ़िर संसद मे हल्ला मच गया, लालू जी ने कहा- "तू किसको बेईमान बोलता है रे, बाबा साहब के संविधान पर चलने वाली संसद पर हमला करवाने का बात लिखता है"। हमने कहा- "बेईमान वो हैं जो घूस खा कर वोट देते हैं, अधिकारियों, दलालो से चंदा लेते हैं। और ऐसे बेईमानों के शरीर में कीड़े पड़ें , ईश्वर उनको तबाह कर दे। जिस गरीबी और हताशा मे आज भारत का पिछड़ा और गरीब तबका जी रहा है, ऐसे ही हालत में इन बेईमानों के वंशज पांच हजार साल तक जियें। वे पढ़ें तो सरकारी स्कूल में, बेड़ा गर्क हो इनके खानदानों का, कॊई नाम लेवा न बचे। इमानदार लोगों को करोड़ों भारतीयों की दिल से दुआ लगे, उनको मोक्ष मिले, उनका परिवार उत्तरोत्तर तरक्की करे।
फ़िर हंगामा मच गया सांसदो ने कहा- सभापति महोदया, यह बाबा साहब द्वारा बनाई गयी संसद को बाटने की कोशिश कर रहा है। हमने कहा- "नही मैडम ये संसद बाबा साहब की बनाई नही है, अगर होती तो बताईये कितने दलितों को 2G घोटाले मे फ़ायदा मिला, कामन वेल्थ गेम्स मे फ़ायदा और ठेका पाने वाले कितने लोग दलित या पिछड़े थे। यह बताईये कि पिछले दस सालों मे इस देश मे कितने ठेके या खरीदी का आर्डर दलितो,पिछड़ों को मिला है। देश देख रहा है, जवाब देना होगा, बाबा साहब के पीछे छुपते हो, संविधान के पीछे छुपते हो, तो बताओ कहां लिखा है कि आरोपी खुद जांच करने वाली सीबीआई के विभाग का मंत्री बना रहेगा। कहां लिखा है कि पीएसी की बैठक का निर्णय बहुमत के आधार पर होगा। यह भी बताओ कि कहां लिखा है कि घोटालों में नाम आने के बावजूद प्रधानमंत्री पद को नही त्यागेगा। यह भी बताना होगा कि अपने ही देश के हित के आंदोलन कर रहे लोगों को, आधी रात को उठा कर पीट कर रोड में फ़ेंक देने का अधिकार सरकार को बाबा साहब ने किस धारा, कानून में दिया था। और अल्पसंख्यकों की बात करते हो तो यह भी बताना होगा कि आजादी के चौसठ साल बाद उनकी हालत, शिक्षा मे क्या सुधार हुआ है, सरकारी नौकरी मे उनका प्रतिशत क्या है।
इतना कहना था साहब कि हंगामा मच गया, सांसद मुझे मारने दौड़े, सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी। मार्शल मुझे बचाते हुये बाहर ले गये और बाईज्जत पुलिस वाला मुझे वापस घर ले आया। उसके बाद कोई नोटिस मुझे मिला नही है , और मिलने की आशा भी नही दिखती। उस दिन की लोकसभा की कार्यवाही भी रिकार्ड से हटा दी गयी है। अब आप लोग ऐसा हुआ था, ऐसा मान ही जाओ कोई जरूरी भी नही, पर अगर ऐसा हो तो कैसा रहेगा मुझे जरूर बताईयेगा।
वाह वाह!! बहुत खूबसूरती से लिखे जज़्बात ..
ReplyDeleteसादर बधाई और शुभकामनाएं..
सरकार के मन मे चोर है
ReplyDeleteदुनिया खतरनाक है , उन लोगों की वजह से नहीं जो इसे नुकसान पहुंचाते हैं ,
उन लोगों के चलते जो चुप बैठे रहते हैं।
हमे एक जुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए
फिलहाल तो शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ और सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जी को नमन!
ReplyDeleteगुरुजनों को सादर प्रणाम ||
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति पर
हार्दिक बधाई ||
अन्ना निर्देशक बने, फिल्म महा-अभियोग,
ReplyDeleteकेजरि के बैनर तले, सारोकार- सुयोग |
सारोकार-सुयोग, सुनों सम्वाद ओम के,
फ़िदा किरण का नाट्य, वितरकी हुए रोम के |
कह 'रविकर' इतिहास, जोड़ता स्वर्णिम पन्ना,
व्युअर-शिप का शेर, हमारा प्यारा अन्ना ||
File:Ashoka Chakra.svg
नाटक-शाला में घुसें, दीवारों को तोड़,
आगे-आगे ओम जी, पीछे कई करोड़ |
पीछे कई करोड़, सुधारो खुद को भाई,
आँगन कुटी छवाय, रखो बाकी अच्छाई |
कह रविकर अफ़सोस, कुटिल काला दिल सा ला,
मिटा रहे सम्मान, बना के नाटक-शाला ||
अन्ना को घेरन लगे, मंत्री-पुलिस-दलाल,
ReplyDeleteभूषण द्वय के साथ में., किरण-केजरीवाल |
किरण - केजरीवाल, उजाड़ा बाबा टीला,
है अन्ना पर चार्ज, किया उत्पात कबीला |
पर तिहाड़ के कई, अभी भी खाली पन्ना |
सबको अन्दर भेज, तभी बैठेगा अन्ना ||
आपने अफजल गुरु वाले जिस लेख की बात की है हम भी उसे अपने नाम से छपवाना चाहते हैं.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह दवे जी ... मजेदार लिखा हजी बहुत ... अब देखें अगले विशेषाधिकार हनन कैसे होते हैं ...
ReplyDeleteसारे सांसद तो एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं ... आपका प्रणाम तो किसी को मिला ही नहीं होगा ..है कोई ईमानदार वहाँ ? सार्थक और तीक्ष्ण कटाक्ष
ReplyDeleteआज की सांसदीय-चरित्र का सटीक विवरण.
ReplyDeleteअच्छा..तीक्ष्ण व्यंग्य !!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteऐसे बेईमानों के शरीर में कीड़े पड़ें , ईश्वर उनको तबाह कर दे। जिस गरीबी और हताशा मे आज भारत का पिछड़ा और गरीब तबका जी रहा है, ऐसे ही हालत में इन बेईमानों के वंशज पांच हजार साल तक जियें।
ReplyDelete*
बाबा साहब के पीछे छुपते हो, संविधान के पीछे छुपते हो, तो बताओ कहां लिखा है कि आरोपी खुद जांच करने वाली सीबीआई के विभाग का मंत्री बना रहेगा...
.... आनंद आ गया अरुणेश भाई... इस पोस्ट से तथाकथित नेताओं के दिल में आग लग सकती है, पर यहाँ तो दिल जुडा गया... सच्ची... बधाई....
दवे जी ,.बहुत ही तीखा प्रहार ,..बाबा साहेब और संविधान की आड़ में बचने की कोशिश करने वालों को आइना दिखाया है ,..हार्दिक साधुवाद
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