Sunday, May 29, 2011

रामदेव बाबा को सत्ता सुंदरी का प्रेम पत्र

मेरे प्यारे चिरकुंवारे

जब से हमने सुना है आप को हमसे सियासी इश्क हो गया है हमारा दिल भी आप के लिये बेकरार है । जब आप करते हैं कपाल भांती कसम से हमे नीद नही आती । फ़िर सुना कि लखनउ मे आप को अर्धरात्री को अपनी  मेडिकल जांच करानी पड़ गयी तब से मन बड़ा बेचैन है । आप हमे पाने के लिये इतनी मेहनत कर रहें है और इधर हम हमारे मिलन के रास्ते मे आने वाली बाधाओ को लेकर बड़े चिंतित हैं । रूक्मणी की तरह आप हमे जब हरण करने  अपने हेलिकाप्टर रथ मे आयें इसके पहले आप को हमारे इतिहास और वर्तमान के बारे मे जान लेना चाहिये

हमारे महाराज लोकतंत्र ने राजनीति और नौकरी नाम की दो राजकुमारियो से शादी की थी । राजनीति से कांग्रेस बीजेपी और तीसरा मोर्चा नामक तीन पुत्र हुये और नौकरी से अफ़सर और बाबू नाम के दो पुत्र हुये । सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि एक दिन आखेट मे महाराज से गलती से इमानदारी नामक गाय का वध कर दिया । श्रापित होकर महाराज का निधन हो गया और उनके साथ नौकरी भी सती हो गयी । राजनीति के बड़े पुत्र कांग्रेस ने स्वयंवर मे मुझे जीत लिया जीतकर जब वह मां के पास पहुंचा तो मां ने आदेश दिया कि पांचो भाई आपस मे बांट लो । तब से आज तक ये पांचो भाई मिल बाट कर मेरा सुख उठा रहे हैं । पर आप चिंतित न होना मुझे उर्वशी की तरह चिर यौवना होने का आशीर्वाद प्राप्त है।

जब आप मेरा हरण करने आयेंगे तब ये पांचो भाई अपने ठेकेदार दलाल आदि महारथी मित्रो के साथ आपसे भीषण युद्ध करेंगे इस युद्ध मे कोई नियम न होंगे। और हां यह बात भी याद रखें इनमे से किसी भी भाई से समझौता आपके पक्ष मे लड़ रहे योद्धाओ को तितर बितर कर देगा। आप जीत भी गये तो एक अड़चन होगी हमने अफ़सर और बाबू  की मां से वादा किया था कि हम इन्हे सदैव अपने आगोश मे रखेंगे और इनको नौकर कभी न कहेंगे सदैव अधिकारी कह ही बुलायेंगे आप को  इन पर स्नेह पूर्वक व्यहवार रखना ही होगा वरना आप हम से फ़िर दूर हो जायेंगे।

पर इन पाखंडवो से मुझे उतना भय नही जितना अपने सौतेले भाई मीडियासुर से है। वह  एक ऐसा योद्धा है जो कभी प्रत्यक्ष युद्ध मे भाग तो नही लेता पर अपने झूठ अफ़वाह जैसे महाअस्त्रो और बयान को तोड़ मरोड़ देने वाले ब्रह्मास्त्र से किसी भी योद्धा को मैदान मे उतरने से पहले ही परास्त कर सकता है। इसकी कपटी चालो का किसी के पास कोई तोड़ नही और इसे शिव जी से वरदान प्राप्त है कि जब तक  इंटरनेट नामक महाशक्ती  राज्य के गरीब से गरीब व्यक्ति को न मिल जाये तब तक इसे कोई नही हरा पायेगा और जिस दिन ऐसा होगा उस दिन यह स्वतः ही भस्म हो जायेगा। हमारे प्यारे बाबा हम इससे बचने का आपको एक उपाय बता देते हैं। सोनिया मम्मी की तरह आप कभी कोई बयान देना ही नही वरन घटिया बयानो के लिये दिग्गी मामू और अच्छे बयानो के लिये प्रनव दादा सरीखे अपने कार्यकर्ता खड़े कर देना सारे अच्छे बयानो का श्रेय आपको जायेगा,  और आपके समस्त घटिया बयानो का जहर दिग्गी मामू टाईप का कार्यकर्ता पचा जायेगा आप पर आंच भी न आयेगी

हमारे प्यारे बाबा हम कब से बेकरार हैं कि आप आयें और देश की गरीब जनता को तीन रूपये किलो मे पतंजली का च्वय्नप्राश खिलाये। वैसे एक बात कहें हम आपको हमारे  नजदीक आने देने के खयाल से  हमारी मां  के दिल मे बेचैनी सी होने लगती है। हमारी इटली माता कहती हैं कि इस  स्वामी ने आज तक देश सेवा मे किया क्या है महंगी टिकट बेच योग नही योगा सिखाना महंगे दामो मे दवाई बेचना। हमसे वे पूछती है कि इस बाबा ने आज तक जन सेवा का काम कौन सा किया है,  जन सेवा के नामो से सरकारो से बस जमीने ली हैं।  वे यह भी कहती है इसने जीवन मे जितने मरीज ठीक किये हैं,  उससे ज्यादा तो किसी भी जिले के सरकारी हस्पताल का डाक्टर भी कर चुका होगा।  खाली भूल चुके भारतीयो को उनके इतिहास और विद्या से परिचित कराया है इसने । पर हम साफ़ साफ़ उनसे कहते हैं हे मां इन पाखंडवो से तो अटल जी जैसा यह ब्रह्मचारी ही क्या बुरा है इसके भट्टाचार्य जैसा कोई दत्तक दामाद भी नही है खाली भाई वगेरह हैं पर वे भी कितना खा लेंगे पहले ही हजारो करोड़ बिखरा पड़ा है

प्यारे बाबा जवाहर लाल से मनमोहन तक आज तक हमें कोई युवा न मिला है। राहुल बाबा तो फ़्रेम मे नजर ही नही आते हैं वे तो करण जौहर जैसे बैचलर ही रहेंगे ऐसा लगता है।  पर आप मुझ तक पहुंचने से पहले यह याद रखें बाबा मेरे स्वयं वर का धनुष तोड़ते ही योद्धा राजीव गांधी की तरह शापित हो जाता है। और तो और मेरे आलिंगन मे बिंध सत्ता सुरा का मद आम आदमी की कौन कहे बाबाओ तक को उड़ा ले जाता है। मेरे आलिंगन मे बंध जो संयम रख सके जो निर्मोही हो और जो स्वामी हो न कि दास हो जाये ऐसे आदमी को ही भारत की जनता कालजयी स्नेह प्रदान करती है। जो राजधर्म का पालन करे और स्वयं का नुकसान होने पर भी अधर्म का साथ न दे वही मेरा चिर प्रियतम हो सकता है।  प्यारे बाबा पाखंडवो से ग्रसित भारत की जनता सहज ही टोल फ़्री नंबर पर मिस्ड काल कर आपके ध्वज तले युद्ध करने आती है संताप इतना है कि मिस्र की भाती परिणाम की चिंता भी नही है। पर मै यह भी सोचती हूं जो परिणाम इन पाखंडवो ने दिये हैं उससे बुरे तो आप चाह कर भी नही दे सकते यही सोच आपकी प्रतीक्षा मे रत।

आपकी हो सकने वाली

सत्ता सुंदरी

पुनःश्च

प्यारे बाबा याद रखें,  हरे और भगवा,  दलित और ब्राह्मण,  माओवादॊ से लेकर अतिवादी तक सब आपसे तभी प्रेम करेंगे जब आप समग्र हित का काम करेंगे । लालच मे किसी का साथ या किसी का त्याग क्षणिक लाभकारी है प्यारे बाबा पर लंबे समय मे आंखे फ़ड़्फ़ड़ाने से भी दोष दूर न होगा
Comments
21 Comments

21 comments:

  1. सुन्दरियाँ तो सबी को लुभाती हैं!
    फिर सत्ता की तो बात ही निराली होती है!

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  2. राजनीति के बड़े पुत्र कांग्रेस ने स्वयंवर मे मुझे जीत लिया जीतकर जब वह मां के पास पहुंचा तो मां ने आदेश दिया कि पांचो भाई आपस मे बांट लो । तब से आज तक ये पांचो भाई मिल बाट कर मेरा सुख उठा रहे हैं । सटीक लिखा अरूणेश,सत्ता का सच भी यही है।

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  3. हास परिहास के बीच सशक्त वार्ता... अच्छे कटाक्ष... आपने तो पूरा वंश वृक्ष खिंच दिया अरुणेश भाई.... सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें...

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  4. भाषा की शुद्धता का ध्‍यान रखेंगे तो हि‍न्‍दी मॉं का आशीष मि‍लेगा। बाकी हास परि‍हास बेहतर है।

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  5. यही अंतर है बाबा और कांग्रेसियों में ..
    कांग्रेसी सत्ता सुंदरी ये यौवन रस का पान करने में इतना खो गए की देश रसातल में पहुच गया ...वैसे ये आदत उन्हें अनुवांशिक मिली है...ज्यादा लिख्दुन्गा तो एडविना की आत्मा को कष्ट होगा..
    बाबा ने इस सत्ता सुंदरी को शक्ति साध्वी का रूप दे दिया है...जब ये सुंदरी शक्ति साध्वी स्वरुप को स्वीकार लेगी..बाबा का इसका मिलन परमात्मा तक से हो जाएगा...


    ४ जून को जंतर मंतर पर दिल्ली आयें..अगर न आ सके तो अपने क्षेत्र में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने झंडा उठायें..

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  6. अच्छे कटाक्ष|सार्थक पोस्ट के लिए बधाई|

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  7. बहुत सटीक कटाक्ष...

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  8. बहुत ही सुन्दर ढंग से जनहित की बात. साधुवाद.

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  9. बाबा ही देश को बचा सकते हैं...

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  10. एक सशक्त व्यंगात्मक आलेख......

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  11. भईया लिख्खाड़, राहुल भी कुँआरे नही हैं जिसेके साथ वह बरतानिया में १.६०लाख ड़ालर के साथ पकरे गये थे नाम वेरोनिका है और इटली के एक माफिया की दुलारी है कभी कभी उनके तुगलक रोड़ वाले बंगले पर देखी जाती है...यह हम नहीं कह रहे है स्वामी सुबरामनियम कह रहे है। यू ट्यूब पर झांको....सब मिल जायेगा

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  12. बहुत सटीक लिखा अरूणेश जी आपने तो देखिये बाबा इस सत्ता सुंदरी के खेल में फंसते है या ...

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  13. ek sashakt vyangaatmak lekh.pahli bar aapa blog dekha achcha laga.aapki lekhni me ek rosh hai.shubhkamnaayen.

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  14. @ Kasu kahun.
    @ श्री ललित शर्मा सा.,
    @ Shri Arunesh C. Dzwe
    @ सूश्री रश्मि प्रभाजी
    आपका यह आरोप शब्दशः सही है कि जिन्दगी के रंग ब्लाग पर प्रसारित प्रसंग रिश्वत का दौर नईदुनिया में प्रकाशित हो चुकी कथा रही है । किन्तु मेरा निवेदन मात्र इतना ही है कि इस ब्लाग पर मेरी अधिकांश सामग्री कहीं न कहीं से पढी हुई ही आप पाएँगे । मुझे दुःख है कि सूश्री कविताजी का सन्दर्भ मेरी जानकारी में नहीं आ पाया और इसी कारण लेखक के रुप में उनके नाम का इजहार यहाँ होना छूट गया जबकि पूर्व की कई पोस्ट में आप इस प्रकार की अधिकांश पोस्ट के अन्त में सन्दर्भ नाम देख सकते हैं । क्षमायाचना के साथ मैं इस पोस्ट को इस ब्लाग पर से तत्काल हटा रहा हूँ । इस सन्दर्भ में किसी भी ब्लागर के मानसिक संताप के लिये मैं विनम्रतापूर्वक पुनः क्षमा चाहता हूँ ।

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  15. भाई जी, आपका तीर, सही समय पर, सही जगह पर लगा हैl दिशा और दशा के साथ निशाना साधा हैl चुक कि गुन्जाईश नही छोडीl आपके इस लेख को सम्पुर्ण समर्थन 10/10.......

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  16. अच्‍छा व्‍यंग्‍य है, धारदार और असरदार।

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  17. एक दिन सोनिया गांधी के सपने में महात्मा गांधीजी आकर बोले, “मैने मरते समय कॉंग्रेस को सादगी, ईमानदारी, टोपी, चश्मा और डंडा दिया था, कहॉं है वो?” सोनियाने अत्यंत विनम्रतासे कहा, “टोपी तो राहुल लोगोंको पहना रहा है. सादगी मेरे और प्रियंका के पास है. चश्मा मनमोहन के पास है. ईमानदारी स्विस और ईटली के बैंक में सेफ है और डंडा आम आदमी की सेवा में लगा रखा है|

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  18. बहुत ही सुन्दर रचना पर जिनपे कटाक्छ है उनका कवच बहत मोटा hai,

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