राहुल बाबा मम्मी के पास आकर रोने लगे मम्मी ने चुप कराते हुये पूछा क्या हुआ राजकुमार । राहुल बाबा ने शिकायत की मेरा यूपी बाल उद्यान एक दम उजड़ गया है । मम्मी ने कहा चिंता मत करो राजकुमार रामू काका को साथ ले जाओ वे उसे चमन कर देंगे । बाबा अचरज मे पड़ गये बोले अरे ये तो दिग्गी मामू हैं आप इन्हे रामू काका क्यों कह रही हैं । मम्मी ने घबरा कर यहां वहां देखा और बोली बेटा इनसे सार्वजनिक नजदीकी अच्छी नही इनको रामू काका ही कहना । राहुल बाबा अड़ गये पर रामू काका ही क्यों मम्मी ने समझाया बेटा कुछ नाम अमर हो जाते हैं । उदाहरण के लिये एक अमर सिंह साहब है जिनका नाम हरिराम नाई पड़ गया । बाबा अभी भी न समझे बोले ये सिंह अमर क्यों हो गये । मम्मी ने पौराणिक कथा सुनाई एक मुलायम परशुराम थे उन्होने कसम खायी मै धरती से सिंह को मिटा दूंगा । लड़ते लड़ते जब सिंह की तलवार घिस गयी तब वे रामू काका के पास गये काका ने सलाह दी इस घिसी हुई तलवार से तो केवल बाल ही काटे जा सकते हैं अतः आप नाई बन जाओ । कालांतर मे शोले फ़िल्म आयी तब से सिंह साहब का नाम हरिराम नाई हो गया । और ये वाले हरिराम आपको नये पौधे उगाने के लिये तरह तरह की खाद देंगे ।
राहुल बाबा खुशी खुशी यूपी बाल उद्यान पहुंचे रामू काका ने उन्हे एक पौधा दिया ये पौधा फ़लो से लदा हुआ था । देख्ते ही बाबा ने किलकारी भरी वाह ओसामा पौधा मजा आ गया । सकपकाये रामू काका ने यहां वहां देखा और बाबा को समझाया गजबे करते हैं राजकुमार ओसामा जी बोलिये वरना फ़ल गायब हो जायेंगे और इसमे कांटे उग जायेंगे । बाबा का मन न भरा बोले चलो ब्राह्मण वट व्रुक्ष लगायें रामू काका पसीना पसीना हो गये बाबा इसका पेड़ नही लगाना है केवल बोनसाई लगाना है आप तो पूरा बाग फ़िर से उजाड़ दोगे । आप एक काम करो मोहन दादा के साथ बुदेलखंड वाला हिस्सा घूमने जाओ और वहां आश्वासन के कई पेड़ लगा कर आना । राहुल बाबा बिफ़र गये मेरे पापा से भी आप लोगो ने यही कहा था वहां जाता हूं तो लोग कुछ बोलते तो नही हैं पर उनकी सूनी आखें 60 सालो का हिसाब मांगती हैं । हमारी राज परिवार के लगाये पेड़ फ़ल कब देंगे ।
रामू काका को बाबा के मुख से निकली गंभीर बाते अच्छी न लगी बोले चलो बाबा हाथी की सवारी कर आते हैं पूरे उद्यान मे उसकी मूर्ती लगी है । बाबा गुस्सा हो चुके थे बोले रामू काका अब मै केवल आयातित पेड़ लगाउंगा विकास का परमाणू पेड़ उगाउंगा रामू काका बोले बेटा अभी इस उद्यान को हरा भरा तो होने दो जब यहां का फ़ल हमको मिलेगा फ़िर हम सब कुछ करेंगे अभी तो हमको यहां बाटला हाउस का कैक्टस मालेगांव का बेशरम और ऐसे बहुत से पौधे उगाने होंगे । मुस्लिम तुष्टीकरण वाली घांस की तो जगह ही नही है उसके लिये माया की मूर्ती और साईकिल स्टैंड को तोड़ना हॊगा ।
और हमारे हरीराम नाई जी भी वक्त जरूरत छटाई का काम कए ही सकते हैं ।
अगला भाग
नमस्कार !
ReplyDeleteव्यथा को बहुत गहराई और संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है
मस्त जी...
ReplyDeletesateek,doggy ji ka asli chehra samne aa hi gaya hai.
ReplyDeletebahut achha :)
ReplyDeleteशानदार
ReplyDeleteमजा आ गया ..इटली के चमचो और तुष्टिकरण के दलालों पर सुन्दर व्यंग्य..
ReplyDeleteये राजकुमार और राजकुमारी तो राजशाही में होते हैं..वो तो कबकी ख़तम हो गयी भारत से..ये गद्दार क्या कर रहें हैं यहाँ..
और ये वाले हरिराम आपको नये पौधे उगाने के लिये तरह तरह की खाद देंगे..... great.
ReplyDeleteजय हो हरिराम जी की...
ReplyDeletemazedaar
ReplyDelete