नुक्कड़ से आसिफ़ भाई का फ़ोन आया दवे जी जल्दी आओ शर्मा जी को बचाओ । आनन फ़ानन मे नुक्कड़ पहुंच माजरे को समझने की कोशिश करने लगा मामला समझ के बाहर था खाली कसाब और कबाब की आवाजें आ रही थी । मैने बीच बचाव करने की कोशिश की तो मुझे भी भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी के बाजू लगा दिया गया । दीपक भाजपाई बोले दवे जी कांग्रेसीयो की तरह फ़र्जी धर्मनिरपेक्ष आदमी है सच तो इनसे कहा न जायेगा लोग ऐसे ही थोड़ी इनको पीटना चाहते हैं ।
आसन्न संकट को भांपते हुये मै जोर से चिल्लाया भाई मामला क्या है यह तो बताओ । दीपक भाजपाई ने कमान अपने हाथ ले रखी थी जोर से बोले ये सेकूलर लेखक लोग भी इस स्थिती के लिये जिम्मेदार है । हिम्मत जुटा मै भी भड़का दीपक जी क्या यही सीखा संघ की शाखा मे सामने वाले को बात ही नही बताना सफ़ाई का मौका नही देना सीधे हमला भाजपाई हो या बजरंग दल के नेता ।
इस हमले को दीपक जी तैया न थे हड़बड़ाकर बोले तथाकथित कसाब जी के मुंबई हमलो मे शामिल होने की बात साबित होने के बाद भी उन्हे फ़ांसी क्यो नही दी जा रही और कबाब भी खिलाये जा रहे हैं । असीमानंद को जबरजस्ती फ़सांया जा रहा है और जेल मे सूखी रोटी खिलाई जा रही है क्या ये सही नही है कि ये कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण करती है। मैने पूछा भाई सच सुनना है कि दबाव मे जैसे माया और मुलायम कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं वैसा ही समर्थन चाहते हो । सच मीडिया की सनसनी से बहुत दूर है सच यह है कि भारत एक संविधान के तहत काम करता है । न्याय की भी एक प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया मे हर आदमी को अपने को निर्दोष साबित करने का पूरा मौका होता है । पैसा न होने पर वकील भी सरकार नियुक्त कर के देती है और पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जा सकता है । ऐसी व्यवस्था न होने पर देश अंधेर नगरी चौपट राजा हो जायेगा । रही बात असीमानंद और साध्वी की दाल मे कुछ काला अवश्य है साध्वी के खिलाफ़ तो पुख्ता सबूत है । वरना इतने हाईप्रोफ़ाईल मामले मे पुलिस एकदम फ़र्जी केस खड़ा नही कर सकती । अगर फ़िर भी निर्दोष हैं तो वकील किये हैं कागज पत्तर ठीक ही बनाये होंगे प्रक्रिया के तहत छूट जायेंगे ।
रही बात कबाब और अंडा खिलाने की तो जेल मैनुअल मे प्रावधान है कि विदेशी कैदियो को विशेष सुविधाएं दी जाती है यह प्रावधान अंग्रेजो के काल मे यूरोपीय कैदियों को ध्यान मे रखकर बनाया गया था । ये क्या पूरा संविधान ही उस समय के कानूनो से भरा पड़ा है । कांग्रेस और बीजेपी दोनो के राज मे ऐसे प्रावधानो को बदलने या सुधारने की जहमत नही उठाई गयी क्योंकि इसमे कोई वोट तो मिलना नही है । दीपक जी यदी आप चाहते हो तो पार्टी को लगाओ मैनुअल के सुधार के आंदोलन मे और शुरूवात अपने राज्यो से करो ।
दीपक भाजपाई आज हारने के मूड मे नही थे बोले अफ़जल गुरू के बारे मे आप क्या कहेंगे उसमे तो सारी प्रक्रियायें पूरी हो चुकी है उसे फ़ांसी क्यो नही दी जा रही। मैने कहा हां भाई आप सही कहते हो लेकिन एक बात भूल जाते हो भारत के अभिन्न अंग कश्मीर जहां का यह निवासी है वहां तनाव फ़ैला हुआ है । अलगाववादी ताकतें हरदम मौके की तलाश मे रहते हैं किस बात पर जनता को भड़काया जाय । ऐसे मे अगर इसे फ़ांसी दे दी गयी तो शांती प्रक्रिया को क्या झटका न लगेगा । क्या अलगाव वादी ताकतें जनता को भड़्काने मे सफ़ल न हो जायेंगे अफ़जल गुरू की एक जान के बदले हमारे कितने सैनिक कितने देश वासियो को जान से हाथ धोना पड़ेगा । और ये कसाब और अफ़जल गुरू क्या जेल मे ऐश कर रहे हैं काल कॊठरी मे बिना किसी से बात किये जीना कैसा होगा कभी सोचा है आपने ।
दीपक भाजपायी ने शिकायती निगाहो से मुझे देखा आखिर शर्मा जी को नीचा दिखाने का सुनहरा अवसर जो मैने छीन लिया था । मैने तत्काल क्षतीपूर्ती कर दी कहा वैसे कसाब को कसाब जी कहना ओसामा जी कहना और मुंबई हमलो मे शामिल लोगो को आतंकवादी न कहना जैसी शर्माजी और राहुल बाबा के मामू दिग्गी की हरकत के बारे मे शर्मा जी के विचार पूछे जा सकते हैं । बस क्या था पूरा नुक्कड़ फ़िर शर्मा जी की फ़जीहत मे जूट गया ।
आसिफ़ भाई ने मुझे अलग ले जाकर पूछा मियां आपकी आखिरी चाल समझ न आयी । मैने कहा शर्मा जी ने पिछली तीन पार्टियां नही दी हैं कल कह रहे थे कि मुझे बचाने मे आपका कोई योगदान नही रहता है । आसिफ़ भाई ठठाकर हसें बोले ये बात ठीक है कांग्रेसियो को बीच बीच मे झटका न दो तो हवा मे उड़ने लगते हैं ।
आसन्न संकट को भांपते हुये मै जोर से चिल्लाया भाई मामला क्या है यह तो बताओ । दीपक भाजपाई ने कमान अपने हाथ ले रखी थी जोर से बोले ये सेकूलर लेखक लोग भी इस स्थिती के लिये जिम्मेदार है । हिम्मत जुटा मै भी भड़का दीपक जी क्या यही सीखा संघ की शाखा मे सामने वाले को बात ही नही बताना सफ़ाई का मौका नही देना सीधे हमला भाजपाई हो या बजरंग दल के नेता ।
इस हमले को दीपक जी तैया न थे हड़बड़ाकर बोले तथाकथित कसाब जी के मुंबई हमलो मे शामिल होने की बात साबित होने के बाद भी उन्हे फ़ांसी क्यो नही दी जा रही और कबाब भी खिलाये जा रहे हैं । असीमानंद को जबरजस्ती फ़सांया जा रहा है और जेल मे सूखी रोटी खिलाई जा रही है क्या ये सही नही है कि ये कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण करती है। मैने पूछा भाई सच सुनना है कि दबाव मे जैसे माया और मुलायम कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं वैसा ही समर्थन चाहते हो । सच मीडिया की सनसनी से बहुत दूर है सच यह है कि भारत एक संविधान के तहत काम करता है । न्याय की भी एक प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया मे हर आदमी को अपने को निर्दोष साबित करने का पूरा मौका होता है । पैसा न होने पर वकील भी सरकार नियुक्त कर के देती है और पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जा सकता है । ऐसी व्यवस्था न होने पर देश अंधेर नगरी चौपट राजा हो जायेगा । रही बात असीमानंद और साध्वी की दाल मे कुछ काला अवश्य है साध्वी के खिलाफ़ तो पुख्ता सबूत है । वरना इतने हाईप्रोफ़ाईल मामले मे पुलिस एकदम फ़र्जी केस खड़ा नही कर सकती । अगर फ़िर भी निर्दोष हैं तो वकील किये हैं कागज पत्तर ठीक ही बनाये होंगे प्रक्रिया के तहत छूट जायेंगे ।
रही बात कबाब और अंडा खिलाने की तो जेल मैनुअल मे प्रावधान है कि विदेशी कैदियो को विशेष सुविधाएं दी जाती है यह प्रावधान अंग्रेजो के काल मे यूरोपीय कैदियों को ध्यान मे रखकर बनाया गया था । ये क्या पूरा संविधान ही उस समय के कानूनो से भरा पड़ा है । कांग्रेस और बीजेपी दोनो के राज मे ऐसे प्रावधानो को बदलने या सुधारने की जहमत नही उठाई गयी क्योंकि इसमे कोई वोट तो मिलना नही है । दीपक जी यदी आप चाहते हो तो पार्टी को लगाओ मैनुअल के सुधार के आंदोलन मे और शुरूवात अपने राज्यो से करो ।
दीपक भाजपाई आज हारने के मूड मे नही थे बोले अफ़जल गुरू के बारे मे आप क्या कहेंगे उसमे तो सारी प्रक्रियायें पूरी हो चुकी है उसे फ़ांसी क्यो नही दी जा रही। मैने कहा हां भाई आप सही कहते हो लेकिन एक बात भूल जाते हो भारत के अभिन्न अंग कश्मीर जहां का यह निवासी है वहां तनाव फ़ैला हुआ है । अलगाववादी ताकतें हरदम मौके की तलाश मे रहते हैं किस बात पर जनता को भड़काया जाय । ऐसे मे अगर इसे फ़ांसी दे दी गयी तो शांती प्रक्रिया को क्या झटका न लगेगा । क्या अलगाव वादी ताकतें जनता को भड़्काने मे सफ़ल न हो जायेंगे अफ़जल गुरू की एक जान के बदले हमारे कितने सैनिक कितने देश वासियो को जान से हाथ धोना पड़ेगा । और ये कसाब और अफ़जल गुरू क्या जेल मे ऐश कर रहे हैं काल कॊठरी मे बिना किसी से बात किये जीना कैसा होगा कभी सोचा है आपने ।
दीपक भाजपायी ने शिकायती निगाहो से मुझे देखा आखिर शर्मा जी को नीचा दिखाने का सुनहरा अवसर जो मैने छीन लिया था । मैने तत्काल क्षतीपूर्ती कर दी कहा वैसे कसाब को कसाब जी कहना ओसामा जी कहना और मुंबई हमलो मे शामिल लोगो को आतंकवादी न कहना जैसी शर्माजी और राहुल बाबा के मामू दिग्गी की हरकत के बारे मे शर्मा जी के विचार पूछे जा सकते हैं । बस क्या था पूरा नुक्कड़ फ़िर शर्मा जी की फ़जीहत मे जूट गया ।
आसिफ़ भाई ने मुझे अलग ले जाकर पूछा मियां आपकी आखिरी चाल समझ न आयी । मैने कहा शर्मा जी ने पिछली तीन पार्टियां नही दी हैं कल कह रहे थे कि मुझे बचाने मे आपका कोई योगदान नही रहता है । आसिफ़ भाई ठठाकर हसें बोले ये बात ठीक है कांग्रेसियो को बीच बीच मे झटका न दो तो हवा मे उड़ने लगते हैं ।
mahaatma tulsi ne dushton ki vndna bhi khoob ki hai
ReplyDeleteaap bhi vndna ke layk ahin
कसब जी छोटे दामाद हैं हिन्दुस्थान की इटली से आयातित सरकार के..
ReplyDeleteये असीमानंद बिदेशी आतंकवादी लगता है..इसको भूखे ही मर देना चाहिए...बाकि रामू काका संभल लेंगे
Nice!
ReplyDeleteEk Rashtra me do vidhan..
ReplyDeleteयही तो विडम्बना है!
ReplyDeleteआपका आलेख सटीक है!
एक जयचन्द होता था और अनेकों देशभक्त... आज कहानी उल्टी है तो होगा क्या...
ReplyDeleteकांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण करती है
ReplyDeleteLekin kiska ?
शांति के लिए वेद कुरआन The absolute peace
डा० साहब के प्रश्न का जवाब है किसी के पास..
ReplyDeletekya kahne sach me pitne ki taiyari kar rahe ho secular lekhak ji,hahahahhahahaha achhi wat lagayi hai vyavastha aur rajneeti ki.
ReplyDeletesatik ...bahut hi satik vyang ..ek karara prahar kaha jaye ise ..mai to kahu vaat nahi magar vilye vaat lagai hai ..mast aalekh
ReplyDeleteअगर आपकी उत्तम रचना, चर्चा में आ जाए |
ReplyDeleteशुक्रवार का मंच जीत ले, मानस पर छा जाए ||
तब भी क्या आनन्द बांटने, इधर नहीं आना है ?
छोटी ख़ुशी मनाने आ, जो शीघ्र बड़ी पाना है ||
चर्चा-मंच : 646
http://charchamanch.blogspot.com/
असीमानन्द जी ( माफ करना मैं उन्हें कभी भी बिना जी के नहीं लिख सकती ) का दोष यह है कि उन्होंने अण्डमान से लेकर डांग (गुजरात) तक ईसाइयत के विरोध में कार्य किया, इसलिए उन्हें सजा तो मिलनी ही थी। ईसाई महारानी उन्हें सूखी रोटी दे रही है यह क्या कम है?
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