Sunday, May 8, 2011

शिव पार्वती और कनिमोई की याचिका

कनिमोई की तपस्या से कैलाश हिलने लगा काफ़ी देर तक जब प्रभु ने आखें न खोली तो माता ने सोचा कौन है जरा देखा जाय । फ़रियादी को देख माता का दिल पसीज गया प्रभु से बोलीं सुनिये कितनी सुंदर और भोली लड़की है जरा इसकी प्रार्थना सुन लीजिये । प्रभु  बोले आदमी सुंदरता और भोलेपन मे ही तो फ़ंसता है वरना आज पतियों की ये दुर्दशा न होती  माता नाराज हो उठीं आपके कहने का मतलब क्या है । प्रभु आंख खोल मुस्कुराये अरे मै आपसे नहीं कह रहा था कल पत्नी पीड़ित संघ से संयुक्त रूप से बीस करोड़ प्रार्थनाएं आयीं थी उनका निपटारा करते करते मुंह से ये बात निकल गयी ।

माता की नाराजगी कम न हुयी थी  बोलीं इस बच्ची का प्रकरण पहले निपटाइये प्रभु ने मामले पर नजर डाली ।  बच्ची तो ये कहीं से नही है हां इसने आवेदन मे करूणानिधी की बच्ची हूं ऐसा अवश्य लिखा हुआ है । माता गुस्से में थी बोलीं महिला जेल जायेगी आपको अच्छा लगेगा प्रभु बोले महिलायें जेल भेज सकतीं हैं जा नही सकती ऐसा कहां लिखा हुआ है । माता ने भी डूसरा बाल फ़ेकी थी बोलीं आपकी क्रुपाद्रुष्टी के तहत लिखे गये संविधान मे । प्रभु ने हार्ड लाइन अख्तियार की वो सब बात पुरानी है आज कल मामला बराबरी का है समान अधिकार समान दंड । और पूरे मामले की मम्मी ये  लड़की ही है वो तो राडिया से इसकी बातचीत का टेप इस प्रकरण मे अभी नत्थी नही हुआ है वरना पूरी पोल अभी ही खुल जाती ।

माता ने पैतरा बदला ये तो जूनियर पार्टनर है कलईनार टीवी की इसका कैसा दोष । प्रभ बोले इसकी मां बूढ़ी है तो वो दोष मुक्त ये जूनियर पार्टनर है तो  दोष मुक्त माने नौकर लोग बिना मालिक से पूछे मालिक के हित के लिये धोखाधड़ी कर रहे थे वाह माते आजकल आप सोनिया मम्मी टाईप दयालु होती जा रंही हैं ।  माता बोलीं केस के फ़ैसले के समय आपसे न कहूंगी पर इसको अभी जमानत आपको दिलवानी ही होगी । प्रभु ने असहायता से जवाब दिया ये मेरे बस की बात नहीं हैं ।

माता ने पूछा बस की बात नही है या मैने सिफ़ारिश कर दी इसलिये आप इसे वरदान देना नही चाहते अगर ये मेरी प्रार्थना कर रही होती तो आपसे कहने की मुझे जरूरत ही क्या थी क्षण भर मे जज का निर्णय बदलवा देती । पर इस बेचारी को क्या मालूम कि वो एक पत्थर दिल भगवान को पूज रही है । प्रिये बात ऐसी नही है पर इसका निर्णय जज के हाथ मे नही है माता ने कहा जज के हाथ मे नही नही है तो जज जिससे भी पूछ कर निर्णय देता है उसका मन बदल दीजिये । प्रभु ने कहा ये एक आदमी के हाथ मे है ही नही है । माता ने कहा एक हो या दस आपके लिये क्या बड़ी बात है ।

प्रभु ने कहा ये दस बीस नही करोड़ो लोगो के हाथ मे था और वे निर्णय ले चुके हैं अब मतगणना बस की देर है तमिलनाडू का नतीजा आते ही फ़ैसला हो जायेगा कि कनिमोई अंदर रहेगी या बाहर । माता ने कहा चुनाव नतीजों से इस केस का क्या मतलब प्रभु ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया प्रिये अगर द्रमुक तमिलनाडू का चुनाव जीतती है तो फ़िर उसे केंद्र सरकार को समर्थन देने की मजबूरी नही रहेगी ऐसे मे कांग्रेस को झक मार के इसे जमानत दिलवानी पड़ेगी हां अगर द्रमुक चुनाव हार जाती है तो फ़िर समर्थन देते रहना उसकी मजबूरी हो जायेगी और कांग्रेस इसको अंदर करवा के अपनी इमानदारी का ढोल पीटेगी

माता समझने को तैयार फ़िर भी न हुई बोली एक तो देश मे इतनी कम महिलायें राजनीति मे हैं उपर से ये राज्यसभा की सदस्य भी है । इसके अंदर जाने से क्या महिलाओ की छवि धूमिल न होगी जरूर पत्नी पीड़ित संघ की अपीलो का आप पर असर हो गया है तभी आपको इतनी मासूम महिला की गुहार सुनाई न पड़ रही है ।  वरना संसार मे ऐसा कोई काम न है जो आपके बस मे न हो । प्रभु को क्रोध तो बहुत आया पर वे जानते थे कि कलियुग मे पत्नियो से पार पाना किसी पति के बस मे नही चाहे वो स्वयं महादेव क्यों न हो । भगवान भोलेनाथ ने अब आखिरी अस्त्र का सहारा लिया प्रिये अगर आप एक भी उदाहरण बता सको कि इस महिला ने आम जनता के हित मे कोई काम किया हो  या किसी दुखियारी महिला की मदद की हो तो मै पूरा मामला ही खारिज करवा दूंगा ।

कनिमोई के भविष्य का फ़ैसला होने मे अभी चंद दिन है । माता को अब तक कोई सफ़लता हाथ न लगी है आपमे से किसी को कनिमोई का कोई भी अच्छा काम नजर आये तो प्रिंट आउट निकाल कर माता पार्वती के मंदिर मे अवश्य पहुंचा आये ।
Comments
3 Comments

3 comments:

  1. जनता भी तो ऐसी ही है. जो गलत काम करता है वोट भी उसी को दे देती है.
    हो सकता है कि DMK की सरकार फिर से आ जाये, और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

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  2. kanimoi ke papa hi kar denge yah kam to ..ham kyon jhanjhat mol le .

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  3. वास्‍तव में भगवान शिव का आइडिया सटीक रहा... तमिलनाडू की जनता ने फैसला कर दिया...

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