Wednesday, June 22, 2011

लोकपाल बिल पर खांग्रेस की प्रसव पीड़ा

नुक्कड़ पर खांग्रेस छटपटा रही थी उसके चेहरे मे दर्द और हाव भाव मे दबंगई साफ़ देखी जा सकती थी । उनके मुह से अपनो के लिये ठग जोकर धूर्त ढोंगी आदि शब्द धाराप्रवाह बह रह थे । हालांकि कसाब और ओसामा बिन लादेन  जैसे भूतो को वे जी आदरणीय कह पुकारती जा रही थी । उसकी इस अजीब सी हरकत से नुक्कड़ के लोग बहुत नाराज हो रहे थे । गुप्ता जी ने पू्छ लिया  भाई इसकी पीड़ा क्या है चेहरे मे दर्द होठो मे गाली और परायो को अपनाने की खामख्याली  है दवे जी मामला समझाओ बात क्या है यह बताओ ।

मैने कहा भाई ये अनचाहे गर्भ से पीड़ित हैं गर्भपात  करवा नही पा रही हैं । इसलिये खुद को गर्भवती करने वाले लोगो को गरिया रही हैं । और अपने आप गर्भपात हो जाये और उसके बाद उनकी सुंदरता मे कमी न आये इस लिये भूत पिशाचो की स्तुती कर रही हैं । आसिफ़ भाई ने सर खुजाया मिया ये क्या बड़बड़ा दिया गर्भवती किसने किया क्यों किया क्या उनकी सहमती न थी चक्कर क्या है साफ़ साफ़ कहो ।

मैने कहा भाई गर्भवती किया सिविल सोसाईटी वाले लोगो ने जबकि खांग्रेस जी का कहना था कि गर्भवती करने का अधिकार केवल संसद को है । और निश्चित ही लोकपाल बिल नामक बच्चे के पिता के नाम के कालम मे संसद का नाम ही लिखा जायेगा । अब संसद और उसके तमाम रिश्तेदार तैयार बैठे हैं कि डीएनए टेस्ट करा कर बच्चे को अस्वीकार कर दे । और येन केन प्रकारेण खांग्रेस उसे स्वीकार करा भी दे तो बच्चा तो अपने बाप पर ही जायेगा जग के सामने अपनी मां और नकली  बाप की नाक कटवायेगा । और अब तकलीफ़ यह है कि जग जान चुका है की खांग्रेस जी को सात महिने का गर्भ है । अब वो बच्चे को पैदा कर गुमनामी के अनाथालय भी नही छोड़ सकती । आप बात की बात समझो खांग्रेस जी कुलटा साबित होने के आसन्न संकंट से गुजर रही हैं । आसिफ़ भाई अभी भी उलझन मे थे बोले संसद के रहते ये सिविल सोसाईटी वालो की हिम्मत कैसे हुयी गर्भाधान कराने की यह तो अपराध है । मैने कहा मियां महाभारत से लेकर माडर्न सांईस मे प्रावधान है जब पति गर्भ धारण करने मे असफ़ल रहे या इच्छुक न हो तो गर्भ दान किया जाता है । और संसद मियां को तो पचास साल का मौका था इनसे कुछ हुआ ही नही या इन्होने ने किया ही नही । और ये खांग्रेस ने भी कुछ होना जाना नही है सोच कर फ़्लर्ट कर लिया था ।  ऐसे फ़्लर्ट तो ये नक्सलवादियो से लेकर एलटीटीई भिंडरावाले कितनो के साथ कर चुकी थी जब ऐसे आशिक गले पड़ते थे तो डंडे से मार भगा देती थी । पर सिविल सोसाईटी वाले भारी पड़ गये इश्क किया नही और गर्भवती कर दिया सो अलग । एक बाबा भी ऐसे ही गले पड़ने वाला था वो तो अच्छा हुआ कि गलत रथ मे बैठ कर आया था । रथ रुका ही नही वापस उसके गांव असली प्रेमिका  के पास छोड़ आया

आसिफ़ भाई अब मामला समझने लगे थे बोले यार इस बेचारी खांग्रेस की जान छूटेगी कैसे ये बता दो और ओसामा टाईप भूतो की सेवा से क्या होगा यह भी । मैने कहा भाई इसका समाधान प्रसव के समय बच्चे को बदलने से होगा । जिससे बदला जायेगा नाम उसका लोकपाल बिल ही होगा पर बड़ा ही आज्ञाकारी बच्चा होगा और सदैव अपने मां बाप की बात मानेगा । इस पर जानकार लोग बहुत हल्ला गुल्ला मचायेंगे असली बच्चे का बाप तो तूफ़ान खड़ा कर देगा ऐसे मे खांग्रेस को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा । ऐसे मे ओसामा टाईप के भूतो को प्यार करने वाली जनता खांग्रेस के  समर्थन मे आ खड़ी होगी और वैसे भी देश की साठ प्रतिशत जनता तो इस मामले को जानती ही न होगी बेचारे दिन भर कमर तोड़ मेहनत के बाद समय मिलेगा तो ईंडिया टीवी पर मौत का तमाशा देखेंगे की अंग्रेजी चैनलो पर बड़े लोगो की बक बक सुनेंगे । चेपटी साड़ी तो वैसे भी खांग्रेस ही देती है उनको  ऐसे मे कांग्रेस का सोचना है कि जोड़ तोड़ कर वह इस मामले से छुटकारा पा लेगी और एक बार फ़िर प्रसव पूर्व नवयौवना के रूप मे चमकने लगेगी ।
Comments
9 Comments

9 comments:

  1. बहुत सही!
    देख लेना जी!
    प्रसवपीड़ा के बाद तो सपोले ही जन्म लेंगे!

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  2. वैसे भी देश की साठ प्रतिशत जनता तो इस मामले को जानती ही न होगी बेचारे दिन भर कमर तोड़ मेहनत के बाद समय मिलेगा तो ईंडिया टीवी पर मौत का तमाशा देखेंगे की अंग्रेजी चैनलो पर बड़े लोगो की बक बक सुनेंगे । सच्चाई यही है और इसे समझे बिना कुछ भी नही किया जा सकता।

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  3. कांग्रेसी श्वानो को प्रसव पीड़ा हो रही है जो हर रोज अपना बिस्तर बदलते हैं..
    कही इटली से आयतित जड़ी बूटी का साइड इफेक्ट तो नहीं है..क्यकी बाबा की जड़ी खा ली होती तो प्रसव पीड़ा से मुक्ति मिल जाती...बेशक बच्चे का सिंहासन छीन जाता

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  4. सब एक ही थाली के चटटे बटटे है, क्‍या कांग्रेस क्‍या दिगर पार्टियां

    जिसे मौका मिला उसने लूटने का अवसर नहीं गवांया
    बहरहाल अच्‍छी पोस्‍ट

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  5. दाम तो पूरा ले के स्विस बैंक में जमा करा दिया इस सुंदरी ने .........अब सर्विस देने में इतना चिल्ला क्यों रहे है ..........

    अभी भी वक्त है ......... दाई से पेट छिपाएंगे तो बच्चे कौन पैदा करवाएगा .......

    अच्छी रचना है .........बधाई ....

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  6. वैसे भी देश की साठ प्रतिशत जनता तो इस मामले को जानती ही न होगी बेचारे दिन भर कमर तोड़ मेहनत के बाद समय मिलेगा तो ईंडिया टीवी पर मौत का तमाशा देखेंगे की अंग्रेजी चैनलो पर बड़े लोगो की बक बक सुनेंगे.
    यही सत्य है और इसीलिये कुछ होता नहीं.

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  7. wonderful dear....nice shots..

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  8. COngress ye desh ko China & POrkistan ke hatho Bechne k liye tuli hai.

    Asha rakhte hai unke baad aane wali partiya atleast aisa to nahi hi karegi.......

    Lekin POLITICIAN ki jaat aur naam hi itna ganda kar diya hai in logone.......kya aasha rakh sakte hai!!!! :(

    Inn NamakHaraamo ko Top k aage bandh k uda dena hi thik hoga.......

    DETH TO POLITICIANS - The only Solution

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  9. जून माह की गतिविधियाँ देखकर तो सच कहूँ , मेरा हौसला दम तोड़ रहा है। कुछ अच्छा होने की उम्मीद नहीं है। जो लोग अन्याय और अनाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं , उन्हें भी सख्ती से दमन कर दिया जाता है। मैं निराशा की बातें करना पसंद नहीं करती , लेकिन आज अपनी सरकार के रवैय्ये से पूरी तरह निराश हो चुकी हूँ। इसलिए कमेन्ट में भी निराशा है ।

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