भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी नुक्कड़ पर दीदार फ़िल्म मे दिलीप कुमार की तर्ज पर "ए भाई कोई तो बाबा को जूस पिला दो भाई " कहते घूम रहे थे उनकी हंसी रोके नही रुक रही थी । दूसरी ओर दीपक भाजपाई हाथ मे ग्लूकोस की बोटल लिये बाबा का अनशन जारी है का नारा लगा रहे थे । इस मंजर को देख भीड़ आश्चर्य चकित थी कि हो क्या रहा है । आसिफ़ भाई ने दुखी स्वर मे कहा देख रहे हो दवे जी देश की हालत अब ये दिन देखना बाकी था । इस बाबा को भी क्या पड़ी थी आज उनका कोई फ़ायदा उठा रहा है कोई मजा ले रहा हैं । आप बताईये मसले का हल क्या हो सकता है और भ्रष्टाचार का मामला सलटेगा कैसे ।
मैने कहा भाई जब देश की मीडिया ही एकमत नही है तो जनमत बनेगा कैसे आसिफ़ भाई हड़बड़ाये मीडिया का जनमत से क्या लेना देना । मैने कहा भाई इस देश मे लोगो की सोच मीडिया ही बनाती है जैसी सोच बनवाने का पैसा मिलता है मीडिया भी देश को उसी ओर मोड़ देती है टीवी पर अखबारो मे उसी के अनुसार लेख छपने चालू हो जाते हैं । हाल सिर्फ़ यही का नही है विश्व का भी यही हाल है जब तक कोई देश अमेरिका यूरोप का चेला बना रहेगा तब तक वह अंतराष्ट्रीय मीडिया को स्वर्ग नजर आयेगा मामला पलटते ही लीबिया बनने मे देर न होगी ।
आसिफ़ भाई भुनभुनाये यार दवे जी दो बात पूछी नही कि होशियारी झाड़ने लगते हो अभी बात भ्रष्टाचार की हो रही है और लगे सर दुखाने ये बताओ सोनिया मम्मी भ्रष्टाचार पर रोक क्यों नही लगाती क्या ऐसी भद पिटना उनको अच्छा लग रहा है । मैने कहा आसिफ़ भाई सोनिया मम्मी हो या आडवानी चाचा इनका ताउ भी भ्रष्टाचार पर रोक नही लगा सकता इनका खुद का दामन तो दागो से भरा हुआ है । पिछले तो छोड़ो अगले होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक नही लगा सकते ये सब इनके हाथ मे है ही नही । देश मे भ्रष्टाचार को न होने देना सिर्फ़ और सिर्फ़ सिविल सर्विसेस के अधिकारियों के हाथ मे है । पूरे देश को और लोकतंत्र को असफ़ल केवल उन लोगो ने ही बना रखा है उनकी ताकत और दौलत अकल्पनीय है । उनके खिलाफ़ मुह खोलने से पहले पत्रकार भी सौ बार सोचते हैं और आम जनता तो बेचारी खेला जानती ही नही फ़ोकट इन बेचारे नेताओं को गाली बकती है । बेचारे सांसद अपनी तंख्वाह थोड़ा बढ़ा लेते हैं तो हल्ला मच जाता है वहीं ये अफ़सर हर वेतन आयोग मे अपनी तंख्वाह दुगनी कर लेते हैं तो कोई नही पूछता । ये बात याद रखो राजा ने अगर दस हजार करोड़ खाये होंगे तो निश्चित सचिव से लेकर नीचे तक पुछल्ले अफ़सरो ने पचास हजार करोड़ दबाये होंगे इन बेचारे नेताओ को तो संगंठन को पैसा देना पड़ता है ।अफ़सरों का तो इनकमिंग फ़्री है आउट गोंईग का सवाले नही उठता ।
राजा तो आना जाना है पर ये अफ़सरासुर तो सदैव दांत गड़ाये वहीं बैठा रहेगा । बिना इनकी साईन के कोई काम हो ही नही सकता सचिव इमानदार हो तो कोई नेता बेईमानी कर ही नही सकता जिस अफ़सर के घर चले जाओगे उनको पापा मम्मी कहने वाले दलालो और निचले अधिकारियों की फ़ौज आपको मिल जायेगी । और जिस की नजर आप पर तेढ़ी हो गयी तो आसिफ़ भाई विनायक सेन बना दिये जाओगे आपके दोस्त ही धिक्कारेंगे आपको । आपको चाहने वाले बुरा भला कहेंगे तो भी रमन सिंग को उस अफ़सर को नही । जिस दिन देश मे भ्रष्टाचार खत्म करना है । आईएएस आईपीएस अफ़सरो पर जुर्म साबित होने पर मौत की सजा हो जाये और हर साल नार्को एनालिसिस हो फ़िर देखो भ्रष्टासुर भारत से कैसे गायब होता है नेताजी लोगो को पार्टी चलाना भारी पड़ेगा ।
आसिफ़ भाई ने सर खुजाया यार हवा मे कहां से कहां उड़ जाता है ये बता ये बाबा की जांच क्यो करवा रही है कांग्रेस खुद तो बेईमान हैं कि नही । मैने कहा आसिफ़ भाई बाबा को देश का नेता बनना है गांधी बनना है तो अग्नी परीक्षा देनी होगी की नही फ़िर धीरे से उन के कान मे फ़ुसफ़ुसाया मियां परसो जो मुहावरे रट रहे थे पढ़ दो नुक्कड़ मे धाक जम जायेगी इतना सुनते ही आसिफ़ भाई सीना फ़ुला चालू हो गये ceaser's wife should be above suspicion ------
मैने कहा भाई जब देश की मीडिया ही एकमत नही है तो जनमत बनेगा कैसे आसिफ़ भाई हड़बड़ाये मीडिया का जनमत से क्या लेना देना । मैने कहा भाई इस देश मे लोगो की सोच मीडिया ही बनाती है जैसी सोच बनवाने का पैसा मिलता है मीडिया भी देश को उसी ओर मोड़ देती है टीवी पर अखबारो मे उसी के अनुसार लेख छपने चालू हो जाते हैं । हाल सिर्फ़ यही का नही है विश्व का भी यही हाल है जब तक कोई देश अमेरिका यूरोप का चेला बना रहेगा तब तक वह अंतराष्ट्रीय मीडिया को स्वर्ग नजर आयेगा मामला पलटते ही लीबिया बनने मे देर न होगी ।
आसिफ़ भाई भुनभुनाये यार दवे जी दो बात पूछी नही कि होशियारी झाड़ने लगते हो अभी बात भ्रष्टाचार की हो रही है और लगे सर दुखाने ये बताओ सोनिया मम्मी भ्रष्टाचार पर रोक क्यों नही लगाती क्या ऐसी भद पिटना उनको अच्छा लग रहा है । मैने कहा आसिफ़ भाई सोनिया मम्मी हो या आडवानी चाचा इनका ताउ भी भ्रष्टाचार पर रोक नही लगा सकता इनका खुद का दामन तो दागो से भरा हुआ है । पिछले तो छोड़ो अगले होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक नही लगा सकते ये सब इनके हाथ मे है ही नही । देश मे भ्रष्टाचार को न होने देना सिर्फ़ और सिर्फ़ सिविल सर्विसेस के अधिकारियों के हाथ मे है । पूरे देश को और लोकतंत्र को असफ़ल केवल उन लोगो ने ही बना रखा है उनकी ताकत और दौलत अकल्पनीय है । उनके खिलाफ़ मुह खोलने से पहले पत्रकार भी सौ बार सोचते हैं और आम जनता तो बेचारी खेला जानती ही नही फ़ोकट इन बेचारे नेताओं को गाली बकती है । बेचारे सांसद अपनी तंख्वाह थोड़ा बढ़ा लेते हैं तो हल्ला मच जाता है वहीं ये अफ़सर हर वेतन आयोग मे अपनी तंख्वाह दुगनी कर लेते हैं तो कोई नही पूछता । ये बात याद रखो राजा ने अगर दस हजार करोड़ खाये होंगे तो निश्चित सचिव से लेकर नीचे तक पुछल्ले अफ़सरो ने पचास हजार करोड़ दबाये होंगे इन बेचारे नेताओ को तो संगंठन को पैसा देना पड़ता है ।अफ़सरों का तो इनकमिंग फ़्री है आउट गोंईग का सवाले नही उठता ।
राजा तो आना जाना है पर ये अफ़सरासुर तो सदैव दांत गड़ाये वहीं बैठा रहेगा । बिना इनकी साईन के कोई काम हो ही नही सकता सचिव इमानदार हो तो कोई नेता बेईमानी कर ही नही सकता जिस अफ़सर के घर चले जाओगे उनको पापा मम्मी कहने वाले दलालो और निचले अधिकारियों की फ़ौज आपको मिल जायेगी । और जिस की नजर आप पर तेढ़ी हो गयी तो आसिफ़ भाई विनायक सेन बना दिये जाओगे आपके दोस्त ही धिक्कारेंगे आपको । आपको चाहने वाले बुरा भला कहेंगे तो भी रमन सिंग को उस अफ़सर को नही । जिस दिन देश मे भ्रष्टाचार खत्म करना है । आईएएस आईपीएस अफ़सरो पर जुर्म साबित होने पर मौत की सजा हो जाये और हर साल नार्को एनालिसिस हो फ़िर देखो भ्रष्टासुर भारत से कैसे गायब होता है नेताजी लोगो को पार्टी चलाना भारी पड़ेगा ।
आसिफ़ भाई ने सर खुजाया यार हवा मे कहां से कहां उड़ जाता है ये बता ये बाबा की जांच क्यो करवा रही है कांग्रेस खुद तो बेईमान हैं कि नही । मैने कहा आसिफ़ भाई बाबा को देश का नेता बनना है गांधी बनना है तो अग्नी परीक्षा देनी होगी की नही फ़िर धीरे से उन के कान मे फ़ुसफ़ुसाया मियां परसो जो मुहावरे रट रहे थे पढ़ दो नुक्कड़ मे धाक जम जायेगी इतना सुनते ही आसिफ़ भाई सीना फ़ुला चालू हो गये ceaser's wife should be above suspicion ------
भाई श्री अरुणेशजी...
ReplyDeleteसर्वप्रथम मैं आपसे या किसी से भी नाराज नहीं हूँ ये तो मानव मन है जो सदा एक सा नहीं रह पाता है । कभी खुश तो कभी उदास... जाने-अनजाने कारण कई हो ही जाते हैं ।
दूसरे अनगढ तरीके सी टाईपिंग में कलाई की जो समस्या दो प्रतिशत सामने आई वो अपने अन्य पूर्ववर्ती ब्लागर साथियों समान सौ प्रतिशत पर नहीं पहुँच जावे ये अज्ञात सा डर...
और तीसरे स्वास्थ्य-सुख ब्लाग में दी जाने वाली सामग्री कुछ अधिक प्रमाणिक हो ये सोच । यद्यपि वो भी विभिन्न स्त्रोतों से जुटाई गई ही होती है जिसका उल्लेख मैं इसी ब्लाग की अपनी प्रथम पोस्ट "बेहतर स्वास्थ्य अपना स्वयंसिद्ध अधिकार" पर कर भी चुका हूँ किन्तु फिर भी किसी को उंगली उठाने का मौका भी न मिले इस सोच के चलते ये कुछ कारण ऐसे हो रहे हैं जो मेरी स्पीड को बाधित कर रहे हैं किन्तु फिर भी आप शीघ्र ही इस ब्लाग पर भी नई पोस्ट देख सकेंगे । अलबत्ता आपकी रुचि यदि किसी विशेष शारीरिक समस्या के समाधान को जानने से जुडी हो तो कृपया उसका भी आप उल्लेख कर सकते हैं मैं प्रयत्न कर शीघ्र ही उस पर भी जानकारी इस ब्लाग पर उपलब्ध करवा सकूँगा । शेष आपके स्नेह के प्रति धन्यवाद सहित...
बाबा योगी पट्ठे हैं और नींबू व शहद तो ले ही रहे हैं इसलिये चिंता की विशेष बात नहीं है ।
ReplyDeleteदेश मे भ्रष्टाचार को न होने देना सिर्फ़ और सिर्फ़ सिविल सर्विसेस के अधिकारियों के हाथ मे है । पूरे देश को और लोकतंत्र को असफ़ल केवल उन लोगो ने ही बना रखा है उनकी ताकत और दौलत अकल्पनीय है -
ReplyDeleteek dam sach bat hai ye .bahut sateek vyangy prastut kiya hai aapne .badhai
बस थोड़ा और धीरज रखिए!
ReplyDeleteजब चार-चार सरकार के मन्त्री
एयरपोर्ट पर चापलूसी करने जा सकते हैं
तो एक गिलास जूस का भी इन्तजाम कर ही रहे होंगे!
भ्रष्टाचार मिटना ही चाहिये और उसके लिये जो कोई भी सामने आये उसके साथ हैं.
ReplyDeleteभ्रष्टाचार मिटना ही चाहिये और उसके लिये जो कोई भी सामने आये उसके साथ हैं.
ReplyDeleteBhartiy Nagrik...se sahmat hun....
@आईएएस आईपीएस अफ़सरो पर जुर्म साबित होने पर मौत की सजा हो जाये और हर साल नार्को एनालिसिस हो।
ReplyDeleteकरते क्यों नहीं हो?
देश मे भ्रष्टाचार को न होने देना सिर्फ़ और सिर्फ़ सिविल सर्विसेस के अधिकारियों के हाथ मे है । पूरे देश को और लोकतंत्र को असफ़ल केवल उन लोगो ने ही बना रखा है उनकी ताकत और दौलत अकल्पनीय है -
ReplyDeleteएकदम सच्ची बात!
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ReplyDeleteइस गुलाम भारत में कोई तो है जिसने पहल की है भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की । जन चेतना जगाती उनकी ये मुहीम सराहनीय है। जो भी देश हित में आगे आएगा , हम उसी के साथ होंगे। बाबा रामदेव हों या फिर कोई और , किसी का भी मखौल बनाना बुद्धिजीवियों को शोभा नहीं देता।
जो बाबा रामदेव ने किया , वो आम आदमी तो नहीं कर सकता है। मेरे दिल में हर उस शख्स के लिए सम्मान है जो राष्ट्रहित में सोचता है । यदि हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम किसी का मजाक तो न बनाएं।
आभार।
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जूस पी लिया है अब तो बाबा ने
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com