नुक्कड़ पर दीपक भाजपायी बेचैनी से टहल रहे थे टहलते टहलते बड़बड़ा भी रहे थे । "अब किस बाबा को आगे करूं कैसे अन्ना के पीछे लगूं रामदेव बाबा कब तक वापस तगडे होंगे उनको कैसे तगड़ा करूं मै क्या करूं " । इतने मे किसी ने उनको समझाया भाई किसी से सलाह लेते क्यो नही बात दीपक भाजपायी को जम गयी सीधे मेरे और आसिफ़ भाई के पास पहुंच गये और व्यथा बताई कहने लगे राह बताओ भाई मै क्या करूं तीन साल काटना बड़ा मुश्किल हो रहा है । मैने मुस्कुराकर कहा इतनी जल्दी क्या है प्यारे जब जीना है बरसो दीपक जी भड़क गये बोले दवे जी हर वक्त मजाक अच्छा नही लगता अभी मामला गंभीर है । मैने कहा भाई तुम लोगो की मुसीबत तुम लोग खुद हो । खुद ही खुद को ठीक कर सकते हो यहा वहां घूमने का कोई जरूरत नही है ।
देश की जनता वैसे ही कांग्रेस से त्रस्त है उसको सत्ता से निकाल बाहर करना चाहती है । बाबा रामदेव ही लाईन मे ले आते खामखा तुम लोग उन के साथ जुड़ गये साध्वी को बैठा दिया वो अलग । आम खाने का इंतजार करते काहे पेड़ ही काट दिया । दीपक भाजपायी फ़िर भड़क गये हद करते हो लोकतांत्रिक देश है हर किसी को हक है आंदोलन मे भाग लेने का हमने भाग लिया तो दोषी और बाकी सब ले लेते तो ठीक लालू और नायडू बाबू आते ते कोई कुछ न कहता साध्वी चली गयी तो गुनाह हो गया । दवे जी आप तो छदम धर्मनिरपेक्ष मीडिया और कांग्रेस टाईप बात करते हो ।
मैने मुस्कुराते हुये कहा भाई तुम लोग अकेले कहीं कहां जाते हो साथ तुम्हारे साथ मुसीबत भी आती है पहली मुसीबत अभी जनता की लड़ाई भ्रष्टाचार से है और तुम लोग भी बराबर से खा पी रहे हो ऐसे मे कांग्रेस बाबा को छोड़ तत्त्काल तुम्हारा चेहरा सामने ले आती है । अब जनता एक चोर के खिलाफ़ लड़ाई मे दूसरे चोर का साथ दे तो कैसे । इतने मे आसिफ़ भाई बोल पड़े दूसरी मुसीबत तुम्हारे पुछल्ले हैं जहा जाते हैं धार्मिक नारे लगाने लगते हैं । वैसे मे मेरे जैसे अल्पसंख्यक वर्ग के लोग उस आंदोलन से दूर हो जाते है । भाई हिंदुओ की कोई समस्या है तो कोई मांग है तो संविधान के अंदर रह कर उसके लिये लड़ो । देश का मुसलमान आज कांग्रेस से त्रस्त है इसने लालीपाप दिखा दिखा कर पचास साल से उनका शोषण लिया है । तुम एक कदम आगे तो बढ़ाओ कांग्रेस तो छोड़ उसका दफ़्तर भी इस देश मे नही दिखेगा ।
मैने कहा तीसरी और अंतिम सलाह यह है दीपक भाई कि अब अन्ना से दूर ही रहना कुछ करना ही हो तो गरीबो मे दान दक्षिणा बाट देना भगवान खुश होकर अन्ना को सफ़ल कर देंगे । प्यारे मोहन ये कांग्रेस खुद ही अपने कर्मो से मरी जाती है क्यो तुम बाबाओ को यतिओं को सामने रख इसको प्राण वायु देते हो । जब चुनाव होगा तो कांग्रेस से त्रस्त आम आदमी सत्ता का आम तुम्हे ही चूसने देगा और है कौन तुम्हारे अलावा । खाली अन्ना की जो मांगे है उनके पक्ष मे संसद मे वोट दे देना बस इससे आगे कूदने जाओगे प्यारे भाजपाई काम बिगड़ जायेगा आम का पेड़ कट जायेगा ।
इतना सुनते ही दीपक भाजपायी प्रसन्न हो चल पड़े इधर आसिफ़ भाई ने मुस्कुरा कर पूछा यार दवे जी मोदी जी को नेता बनायेंगे तो पक्का सत्ता पायेंगे ये सलाह क्यों नही दी इनका काम जल्दी हो जाता । मैने भी मुस्कुराकर कहा मियां ये सलाह मानते ही कहां है किसी की । सलाह मानना ही होता तो संघ के उन कार्यकर्ताओ की मानकर ईमानदारी पूर्वक आचरण करते जिन्होने भाजपा को शून्य से आकाश तक पहुंचाया था । खुद की शाईंनिंग हो गयी तो इंडिया शाईनिंग समझने लगे हालत यह है कि दो बार लगातार चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के इतने भ्रष्ट और निरंकुश शासन के बाद भी ये लोग चुनाव जीत ही जायेंगे इस पर सहज भरोसा नही होता है ।
वैसे आसिफ़ भाई ये तो बताओ मीडियासुर को कांग्रेस की कमीज दीपक भाजपाई की कमीज से सफ़ेद कैसे नजर आती है । ये इतना कमा रहे हैं जरा खर्चा करते मैनेज करते क्यों सारा माल खुदे हजम कर जाते हैं ।
देश की जनता वैसे ही कांग्रेस से त्रस्त है उसको सत्ता से निकाल बाहर करना चाहती है । बाबा रामदेव ही लाईन मे ले आते खामखा तुम लोग उन के साथ जुड़ गये साध्वी को बैठा दिया वो अलग । आम खाने का इंतजार करते काहे पेड़ ही काट दिया । दीपक भाजपायी फ़िर भड़क गये हद करते हो लोकतांत्रिक देश है हर किसी को हक है आंदोलन मे भाग लेने का हमने भाग लिया तो दोषी और बाकी सब ले लेते तो ठीक लालू और नायडू बाबू आते ते कोई कुछ न कहता साध्वी चली गयी तो गुनाह हो गया । दवे जी आप तो छदम धर्मनिरपेक्ष मीडिया और कांग्रेस टाईप बात करते हो ।
मैने मुस्कुराते हुये कहा भाई तुम लोग अकेले कहीं कहां जाते हो साथ तुम्हारे साथ मुसीबत भी आती है पहली मुसीबत अभी जनता की लड़ाई भ्रष्टाचार से है और तुम लोग भी बराबर से खा पी रहे हो ऐसे मे कांग्रेस बाबा को छोड़ तत्त्काल तुम्हारा चेहरा सामने ले आती है । अब जनता एक चोर के खिलाफ़ लड़ाई मे दूसरे चोर का साथ दे तो कैसे । इतने मे आसिफ़ भाई बोल पड़े दूसरी मुसीबत तुम्हारे पुछल्ले हैं जहा जाते हैं धार्मिक नारे लगाने लगते हैं । वैसे मे मेरे जैसे अल्पसंख्यक वर्ग के लोग उस आंदोलन से दूर हो जाते है । भाई हिंदुओ की कोई समस्या है तो कोई मांग है तो संविधान के अंदर रह कर उसके लिये लड़ो । देश का मुसलमान आज कांग्रेस से त्रस्त है इसने लालीपाप दिखा दिखा कर पचास साल से उनका शोषण लिया है । तुम एक कदम आगे तो बढ़ाओ कांग्रेस तो छोड़ उसका दफ़्तर भी इस देश मे नही दिखेगा ।
मैने कहा तीसरी और अंतिम सलाह यह है दीपक भाई कि अब अन्ना से दूर ही रहना कुछ करना ही हो तो गरीबो मे दान दक्षिणा बाट देना भगवान खुश होकर अन्ना को सफ़ल कर देंगे । प्यारे मोहन ये कांग्रेस खुद ही अपने कर्मो से मरी जाती है क्यो तुम बाबाओ को यतिओं को सामने रख इसको प्राण वायु देते हो । जब चुनाव होगा तो कांग्रेस से त्रस्त आम आदमी सत्ता का आम तुम्हे ही चूसने देगा और है कौन तुम्हारे अलावा । खाली अन्ना की जो मांगे है उनके पक्ष मे संसद मे वोट दे देना बस इससे आगे कूदने जाओगे प्यारे भाजपाई काम बिगड़ जायेगा आम का पेड़ कट जायेगा ।
इतना सुनते ही दीपक भाजपायी प्रसन्न हो चल पड़े इधर आसिफ़ भाई ने मुस्कुरा कर पूछा यार दवे जी मोदी जी को नेता बनायेंगे तो पक्का सत्ता पायेंगे ये सलाह क्यों नही दी इनका काम जल्दी हो जाता । मैने भी मुस्कुराकर कहा मियां ये सलाह मानते ही कहां है किसी की । सलाह मानना ही होता तो संघ के उन कार्यकर्ताओ की मानकर ईमानदारी पूर्वक आचरण करते जिन्होने भाजपा को शून्य से आकाश तक पहुंचाया था । खुद की शाईंनिंग हो गयी तो इंडिया शाईनिंग समझने लगे हालत यह है कि दो बार लगातार चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के इतने भ्रष्ट और निरंकुश शासन के बाद भी ये लोग चुनाव जीत ही जायेंगे इस पर सहज भरोसा नही होता है ।
वैसे आसिफ़ भाई ये तो बताओ मीडियासुर को कांग्रेस की कमीज दीपक भाजपाई की कमीज से सफ़ेद कैसे नजर आती है । ये इतना कमा रहे हैं जरा खर्चा करते मैनेज करते क्यों सारा माल खुदे हजम कर जाते हैं ।
आम खाओ मित्र,
ReplyDeleteपेड़ गिनने का काम तो वन विभाग कर ही रहा है।:)
बहुत सही!
ReplyDeleteन खायेंगे और न खानें देंगे!
aam ke aam guthali ke daam
ReplyDeleteबहुत ही सटीक व्यंग्य,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
किसी की माने या न माने पर अब ये विश्वास हो चला है की आप की ही मान ले तो भी इन का कल्याण जरुर होगा ........बहुत सटीक रचना है .
ReplyDelete1- भाजपाइयों आम खाओ पेड़ क्यों काटते हो ?
ReplyDelete2- जनता एक चोर के खिलाफ़ लड़ाई मे दूसरे चोर का साथ दे तो कैसे ?
Nice questions .
तीखा व्यंग............... सही लिखा आपने !!
ReplyDeleteअरुणेश जी ,
ReplyDeleteबहुत सधा हुआ सटीक व्यंग !
क्या आसिफ भाई जवाब दे पायेंगे आपके प्रश्न का ?
बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आया हूं. पहले नहीं आ सकने पर क्षमा करें.
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छा लिखा है. तराजू में दोनों पक्षों को पूरी तरह तोल दिया है.
बहुत खूब.
100 फोलोवर होने की बधाई.
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