शशी थरूर ठीक कहते है कि बेशकीमती होती है। जो नही माने उसको वाड्रा से पूछ लेना चाहिये। उसका बियाह तो स्वयं सत्ता सुंदरी उर्फ़ प्रियंका गांधी से हुआ है। मोदी जी भी बेचारे बैचलर आदमी, यह सब खेला जाने तो कैसे। उनको क्या पता नाजुक क्षणों में पत्नी कितनी बेशकीमती हो जाती है। जो उसके मुख से निकले, आदमी आगे पीछे नही सोचता। डाईरेक्ट "यस माई लव" कहता है भाई। और ये मोदी जी भी न प्यार ही नही किये आज तक। लेकिन "प्यार में आदमी अंधा हो जाता है" यह मुहावरा तो सुने होंगे कि नही। अब देखो सुबोधकांत सहाय को भाई के प्यार में कोयला खदान दिलवा दिये, मंत्रीपद चला गया। संघ के मोहन भागवत से ही सीख लेते। गड़करी से प्यार है तो भाजपा का चाल चेहरा चरित्र सब घिया जाये। पर मजाल है कि इस्तीफ़ा कोई मांग ले। कांग्रेसियो को ही देख लो जीजा का इतना मोह है कि आरोप लगा नही सारे के सारे भिड़ गये बचाव में।। अब ये मोदी जी कहेंगे कि भ्रष्टाचार हो रहा है, देश लुटा जा रहा है। पर भाई प्यार तो प्यार है, उसमे आगा पीछा नही सोचा जाता है। और मोदी जी को भ्रष्टाचार रोकना है तो कानून बनाना होगा कि भ्रष्टाचार करे पति पर सजा हो पत्नी को। फ़ेर देखिये जैसे बीबीया सीबीआई से ज्यादा सतर्क हो जाती। फ़रमाईश करना तो भूल ही जाईये पति को भी गांधी वादी बना कर छोड़ेंगी।
खैर साहब बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद वाली बात है। मोदी जी त दिन भर विकास, इनवेस्टमेंट, डेवेलपमेंट भजते रहते हैं। ऐसे आदमी के अंदर प्यार का अंकुर फ़ूटे तो भी कैसे। बयान दे दिया फ़ंसा गया देश का हर आदमी, सबकी जान सांसत में। कहीं हमारी प्रमिका या पत्नि अपनी कीमत न पूछ बैठे। कीमत उंची बताई नही कि उतनी उंची फ़रमाईश जड़ दी जायेगी।
एक बात पर हम और उद्वेलित है, गड़करी जी बयान दिये हैं कि केजरीवाल डाईरेक्टर का नौकरी मांगने आया था। अयोग्य था, हम नही दिये तो आरोप लगा रहा है। केजरीवाल को पता होना चाहिये था कि गड़करी साहब पहले छोटा पोस्ट में लगाते है। ड्राईवर बनो, चपरासी बनो, धोबी बनो। काम देखा जाता है, आदमी पहचाना जाता है, तब न डाईरेक्टर बनाते है, उसके नाम से करोड़ो का इनवेस्टमेंट करते हैं। चले गये मुंह उठा के डाईरेक्टर बनने। गड़करी जी यह भी कहे कि केजरीवाल को विदेश से संदिग्ध पैसा आ रहा है। कुछ दिन पहले यही बात दिग्विजय सिंग भी कह रहे थे। केजरीवाल कह रहे हैं कि हमारा हिसाब आन लाईन है, चेक कर लो। काहे यह सब कहना भाई केजरीवाल? प्रेस कांफ़्रेस बुलाओ और जनता से कहो -"हां हम सीआईए से पैस ले रहे है, आईएसआई से भी ले रहे है। और देखो ये साले निकम्मे कांग्रेसी और भाजपाई हमको पकड़ नही पा रहे। ये इतना नकारे है कि जब मुझ जैसे वाट लगाने वाले राजनैतिक विरोधी को नही पकड़ सकते। तो किसी आतंकवादी, कालाधन वाले को कैसे पकड़ पायेंगे। देश वासियो हम बिना सत्ता मे आये सबकी पोल खोल रहे है सत्ता मे आयेंगे तो सोचो बेईमानो का क्या हाल कर देंगे। " खैर साहब कलयुग है, पता नही कैसे कैसे बयान सुनने को मिले आगे।