हा केजरीवाल, ये क्या कर डाला भाई, युगो युगो से इस धरा पर जीजाओं को सर माथे पर बैठाया जाता है। आज आपसे वाड्रा जीजा का फ़लना फ़ूलना ही न देखा गया। अरे जीजा कमाता है, त दीदी और भांजा भांजी को ही न खुश रखता है। उनको तमाम सुख सुविधाये प्रदान करता है। खुद तो जीजा के लिये कभी कुछ किये नही, डीएलएफ़ वाले बेचारे जीजा को काम धंधे से लगा दिये त आपका पेट दुख रहा है। भाजपाई बोलते हैं कि जीजा होगा कांग्रेसियो का हमारा नही है। पर ये हिंदुत्व की अवधारंणा वसुदैव कुटुंबकम को भूल रहे हैं। अरे जब पूरा विश्व कुटुंब है त कांग्रेसी भी न इसी कुटुंब मे आते है। और उनका जीजा भी त आपका जीजा हुआ कि नही। ऐसे शाखा में गला फ़ाड़ के गायेंगे "सर्वे भवन्तु सुखिनः" और कांग्रेसियों का जीजा सुखी हो रहा है तो देखिये साहब ये दुखी हो रहे हैं।
और बाबा रामदेव भी लगे हैं आरोप लगाने, ऐसे तो स्वदेशी, स्वदेशी गाते हैं। जीजा स्वदेशी कंपनी से स्वदेशी लोन लिया, जमीन भी स्वदेश में ही लिया, फ़्लैट भी। कालाधन छुआ भी नही, जिससे लिये लौटती डाक से वापस दे दिया। अब काली जमीन काला फ़्लैट का बात आज तक बाबा बोले हों त कोई कहे। चलो ये केजरीवाल और बाबा रामदेव तो नये लोग है राजनीती में। ये वामपंथी तो पुराने है इनको समझ नही आता कि जीजा ने कितना मासूम सा खेल किया है। स्व. नरसिम्हा राव के लडके कि तरह पांच % कमीशन लेकर अमेरिकियो को यूरिया की पेमेंट एडवांस में करवा देते। वे पईसा लेकर रफ़ू चक्कर हो जाते तब क्या करते ? जब श्रीकांत वर्मा का लड़का देश की खुफ़िया जानकारी बेच सकता है, तो जीजा जी तो क्या से क्या कर सकते थे। हवाई जहाज से लेकर टैंक तक, जिधर हाथ रख देते वही माल खरीद लिया जाता। फ़ेर रहते एड़ी अलगा अलगा के भाषण देने में। ऐसे भी आज कल वामपंथियो की सुनता कौन है साहब।
और मै देश वासियो से भी पूछना चाहता हूं कि बेटी जब विदा होती है तो गाना गाते हो कि नही "बाबुल की दुआएं लेती जा"। लोग चिंतित रहते है कि पता नही ससुराल वाले कैसे रखेंगे। वाड्रा जीजा ने त अपना मायका, बाप, भाई सब त्याग दिया। ऐसे त्याग शील दामाद के लिये तो जो किया जाये सो कम है। ऐसा हीरा घरजमांई किस्मत वालो को ही मिलता है भाई। और जीजा तो शराबी, जुआंरी भी निकल जाये तो लोग दीदी और बच्चो के भविष्य की खातिर बर्दाश्त करते है। ये जीजा तो देश को राजकुमार राजकुमारी देने वाला है भाई। आखिर अपना अमूल बेबी तो कुवांरा बाप बनने से रहा।
आखिर में चलते चलते- "हे वाड्रा जीजा, जो हुआ उस पर मिट्टी डालो। कहा सुना माफ़ कर दो, आप तो जानते ही हो बदमाशो का गांव अलग से नही होता, हर गांव मे रहते है। ऐसे ही आपके कुछ बुरे साले भी है इस देश में। ऐसे दुष्टो की बातो का क्या बुरा मनाना, आपके सलमान खुर्शीद टाईम कितने जीजा भक्त साले भी तो इसी देश में हैं। जो आपके लिये जान, आन- बान देने को सदा तैयार रहते है। आप पर इन बेशर्मो ने जो आरोप लगाये है उसके बचाव मे देखिये तो कैसे सब कूद पड़े है। मै आपका दर्द समझ सकता हूं आपने जो अपने को बनाना ससुराल मे मैगो दामाद बताया है उससे आपकी पीड़ा जाहिर है। पर आप भी बात समझ ही गये होंगे आखिर ससुराल गेंदा फ़ूल जो ठहरा।
नोट - वाड्रा को जीजा मानने से इंकार करने वाले दुष्टो , तुम्हारे न मानने से का होता है? आखिर शोएब मलिक भी तो सानिया मिर्जा को उड़ा ले जाने के बाद जीजा बन ही गया था कि नही।
teekha vyanagy....jabardast lekh.
ReplyDeleteHahaha bilkul sahi kaha, yeh chor jija hai, aur woh bore jija hai
ReplyDelete