साहब, नुक्कड़ में भोलू हमारे पास आया, बोला- "दादा, कोई ऐसा काम बताईये, जिसमे लागत न के बराबर हो और प्राफ़िट हाई फ़ाई।" हमने कहा- वाह रे बुड़बक, ऐसा धंधा मालूम हो तो हम नही कर लें। बेटा भोलू, मेहनत से ही सफ़लता मिलती है। भोलू बड़ा ज्ञानी था, हमको ही चित कर दिया बोला - "राहुल गांधी एतना मेहनत किये यूपी चुनाव में क्या मिला उनको।" हमने कहा- रै भोलू तब तो तेरे लायक एक ही धंधा बाकी बचता है, तू बाबा बन जा।"
भोलू ने बात पर गंभीरता से गौर किया बोला - दादा, हम तो केजरीवाल टाईप सिविल सोसाईटी बनने का सोच रहे हैं। वो लोकपाल के लिये लड़ा, हम ठोक पाल के लिये लड़ेंगे। आम आदमी का पैसा खाने वाले नेता अधिकारियो की पब्लिक ठोकाई के अधिकार का कानून पास करायेंगे।" हमने इनकार में सर हिलाया - मियां, सरकार से भिड़ने में बहुत लोचा है रे भोलू और तू तो भोला भाला है।" भोलू बोला- टीवी में आयेगा "भोलू देश के लिये चार दिन से भूखा है, गांधी का अवतार है।"" इतना कह भोलू सपनो में तैरने लगा। हमने तुरंत झटका दिया कहा - अबे ओ शेख चिल्ली, होश में आ। उससे तो अच्छा है, चार न्यूस चैनलो को सेट कर, पानी टंकी में चढ़ जा। भ्रष्ट मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा मांगना। कवरेज फ़ुल मिलेगा, टीवी वाले घंटे के हिसाब से रोजी देंगे। मुख्यमंत्री भी उतरने का कुछ न कुछ दे ही देगा।"
भोलू खिसिया कर बोला- "क्या दादा, आप बात मजाक मे ले ले रहे हो।" हमने समझाया -" देख भाई भोलू ये सिविल सोसाईटी, सब टेम्परेरी है रे भाई। चार दिन की चांदनी फ़िर अंधेरी रात। अब देख अन्ना टीम को, राजनैतिक दल बनाना पड रहा है कि नही। इस देश में जात, पात धर्म के नाम पर आंदोलन करोगे तो धकापेल समर्थन मिलेगा। कानून वानून से देश वासियो को क्या लेना देना प्यारे। भोलू ने समस्या रखी - "बाबा बन जाउंगा तो क्या चंदे का हिसाब नही मांगेगे।" हमने मुस्कुरा कर कहा- "प्यारे तू बाबा बनते ही भोलू से उपर उठ श्रद्धेय बाबा भोलादेव बन जायेगा। भगवा कपड़ा पहनते ही आदमी जी से प्रमोट होकर श्रद्धेय बन जाता है। उसको मिला कोई भी चंदा दान की श्रेणी प्राप्त कर लेता है। और दान लेना देना इस देश मे पुण्य की श्रेणी में आता है और पुण्य की जांच करना हिंदु धर्म की की आबरू पर किया गया हमला साबित हो जाता है।
भोलू ने अपना तर्क रखा - बाबा बनने मे भी रिस्क है। देखा नही कैसे सलवार पहन मंच कूद भागना पड़ा था बाबा रामदेव को। कम से कम सिविल सोसाईटी में पिटाई तो नही होगा।" हमने भोलू को समझाया- " रे भाई भोलू , तुझे बाबा माल अंदर करने के लिये बनना है कि कालाधन बाहर निकलवाने। आंदोलन करने का शौक चर्राये तो सरकार से आंदोलन के मुद्दे से लेकर समझौते की रूप रेखा सब एडवांस में तय करके अनशनियाना। और नही त अपने बाबा रामदेव की तरह विपक्षी दल से सेटिग कर लेना। वहा सेटिंग बाबाओ के लिये ज्यादे बेहतर रहती है,
हिंदु तन मन, हिंदु जीवन, हिंदु बाबा की दुकान है।
हिंदु ठगा हिंदु ठगाया सरकार क्यूं परेशान है॥
इस नारे के आगे बेटा भोलू बड़ा से बड़ा जांचकर्ता भी सकपका जाता है। तू बाबा बनेगा, बात फ़ाईनल समझ।"
बात भोलू के भेजे में घुस गयी है। आशा है देश को अब एक नया चमत्कारी बाबा मिल जायेगा। अब ये भोलू टैक्स फ़्री -योगा बाबा बने, जड़ी बूटी बाबा बने, या दुखियारो को सरलतम उपाय प्रदान करने वाले इनकम टैक्स पेयी निर्मल बाबा की तरह क्विक हीलिंग बाबा बनेगा। यह मीडिया कन्सलटेंट से पूछ कर ही तय किया जायेगा।
भोलू ने बात पर गंभीरता से गौर किया बोला - दादा, हम तो केजरीवाल टाईप सिविल सोसाईटी बनने का सोच रहे हैं। वो लोकपाल के लिये लड़ा, हम ठोक पाल के लिये लड़ेंगे। आम आदमी का पैसा खाने वाले नेता अधिकारियो की पब्लिक ठोकाई के अधिकार का कानून पास करायेंगे।" हमने इनकार में सर हिलाया - मियां, सरकार से भिड़ने में बहुत लोचा है रे भोलू और तू तो भोला भाला है।" भोलू बोला- टीवी में आयेगा "भोलू देश के लिये चार दिन से भूखा है, गांधी का अवतार है।"" इतना कह भोलू सपनो में तैरने लगा। हमने तुरंत झटका दिया कहा - अबे ओ शेख चिल्ली, होश में आ। उससे तो अच्छा है, चार न्यूस चैनलो को सेट कर, पानी टंकी में चढ़ जा। भ्रष्ट मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा मांगना। कवरेज फ़ुल मिलेगा, टीवी वाले घंटे के हिसाब से रोजी देंगे। मुख्यमंत्री भी उतरने का कुछ न कुछ दे ही देगा।"
भोलू खिसिया कर बोला- "क्या दादा, आप बात मजाक मे ले ले रहे हो।" हमने समझाया -" देख भाई भोलू ये सिविल सोसाईटी, सब टेम्परेरी है रे भाई। चार दिन की चांदनी फ़िर अंधेरी रात। अब देख अन्ना टीम को, राजनैतिक दल बनाना पड रहा है कि नही। इस देश में जात, पात धर्म के नाम पर आंदोलन करोगे तो धकापेल समर्थन मिलेगा। कानून वानून से देश वासियो को क्या लेना देना प्यारे। भोलू ने समस्या रखी - "बाबा बन जाउंगा तो क्या चंदे का हिसाब नही मांगेगे।" हमने मुस्कुरा कर कहा- "प्यारे तू बाबा बनते ही भोलू से उपर उठ श्रद्धेय बाबा भोलादेव बन जायेगा। भगवा कपड़ा पहनते ही आदमी जी से प्रमोट होकर श्रद्धेय बन जाता है। उसको मिला कोई भी चंदा दान की श्रेणी प्राप्त कर लेता है। और दान लेना देना इस देश मे पुण्य की श्रेणी में आता है और पुण्य की जांच करना हिंदु धर्म की की आबरू पर किया गया हमला साबित हो जाता है।
भोलू ने अपना तर्क रखा - बाबा बनने मे भी रिस्क है। देखा नही कैसे सलवार पहन मंच कूद भागना पड़ा था बाबा रामदेव को। कम से कम सिविल सोसाईटी में पिटाई तो नही होगा।" हमने भोलू को समझाया- " रे भाई भोलू , तुझे बाबा माल अंदर करने के लिये बनना है कि कालाधन बाहर निकलवाने। आंदोलन करने का शौक चर्राये तो सरकार से आंदोलन के मुद्दे से लेकर समझौते की रूप रेखा सब एडवांस में तय करके अनशनियाना। और नही त अपने बाबा रामदेव की तरह विपक्षी दल से सेटिग कर लेना। वहा सेटिंग बाबाओ के लिये ज्यादे बेहतर रहती है,
हिंदु तन मन, हिंदु जीवन, हिंदु बाबा की दुकान है।
हिंदु ठगा हिंदु ठगाया सरकार क्यूं परेशान है॥
इस नारे के आगे बेटा भोलू बड़ा से बड़ा जांचकर्ता भी सकपका जाता है। तू बाबा बनेगा, बात फ़ाईनल समझ।"
बात भोलू के भेजे में घुस गयी है। आशा है देश को अब एक नया चमत्कारी बाबा मिल जायेगा। अब ये भोलू टैक्स फ़्री -योगा बाबा बने, जड़ी बूटी बाबा बने, या दुखियारो को सरलतम उपाय प्रदान करने वाले इनकम टैक्स पेयी निर्मल बाबा की तरह क्विक हीलिंग बाबा बनेगा। यह मीडिया कन्सलटेंट से पूछ कर ही तय किया जायेगा।
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