Thursday, May 24, 2012

सरकारी बलात्कार टल न सके तो मजा लो

इस कथन पर अमूमन महिलाये क्रोध से भर जाती हैं, और कुछ पुरूषों के चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है। खैर अब पुरूषो को भी सावधान हो जाना चाहिये। ये "गे" वाला लफ़ड़ा जोरो पर है। और अब तो सुप्रीम कोर्ट भी शायद "गे" बनने की इजाजत दे दे। ऐसे में नवाबी शौक वाले "गे" गुंडे के लिये, अकेला अबला पुरूष आसान शिकार बन सकता है। ऐसे नाजुक वक्त में यदि उस अबला पुरूष से कोई कहे कि मियां बलात्कार टल न सके तो मजा लो। तब उसके मुंह से जो  उद्गार निकलेंगे वो दुनिया की किसी सेंसर बोर्ड से पास नही कराये जा सकते।

खैर साहब आज हम पूरे देश के लिये स्टॆटमेंट जारी कर रहे है। कि मेरे भाईयो और बाबा रामदेव की बहनो, ये जो आर्थिक बलात्कार भ्रष्टाचार की शक्ल में हम लोगो के साथ हो रहा है। वो किसी भी सूरत में टल नही सकता। सो आराम से लेट कर इसका लुफ़्त उठाओ। काहे घड़ी घड़ी अपना खून जलाते हो। वैसे ही इस महंगाई में नया खून बनाना शरीर और जेब की औकात के बाहर ही नजर आता है। सो इस लूट के खेल को आईपीएल के मैच की तरह इन्जाय करना चाहिये। साथ ही सट्टा भी लगाना चाहिये। कारण कि सट्टा लगाओ तो रोमांच बढ़ जाता है। मानो आपने 2 G घोटाले के सबसे बड़ा होने पर दस रूपये लगाये और मैने कोयला घोटाले पर दस लगा दिये। तब हर रोज अखबार पढ़ कर दर्द नही होगा। बल्कि आप अपने खिलाड़ी के रेटिंग पता करने में मशगूल हो जायेंगे। मान लो राजा जीत जाये तो आपको मिलने वाले दस रूपये की खुशी, लाखो करोड़ो के घोटाले का दर्द जड़ मूल से गायब कर देगी। और हार गये तो गाली देंगे, मसलन - बेवकूफ़, कमीना राजा दु लाख करोड़ का खेल किया। बीस हजार करोड़ का और कर देता, क्या जाता साले के बाप का। फ़ोकट दस रूपये गल गये। सोचिये तो कैसा मजा रहेगा। बाजार की तरह फ़्यूचर आप्शन ट्रेडिंग भी हो सकती है कि इस नयी सरकार का कौन कौन मंत्री घोटाला करने वाला है। सरकार इसको आफ़िशियल कर दे तो रेव्न्यू कलेक्शन का नया स्त्रोत खुल जायेगा।

अब आप कहेंगे कि घोटालो का तो लुफ़्त लिया जा सकता है। पर इस मुई महंगाई का क्या करें। तो भाई ये महंगाई नही देश के लिये वरदान है। नही समझे, अरे भाई आज कल हेल्थ प्रब्लम कितना फ़ैल रहा है, चारो ओर।  सुनते है अब तो जवानो को भी हार्ट अटैक आने लगा है। सो इस लिये दयालु  नेताओं ने हमें ये नेमत बख्शी है। ऐसी महंगाई में अब कौन तेल घी खायेगा भला। मिठाई पकवान की तो बात ही छोड़ दीजिये। बिना जिम गये, वजन अपने आप बीस प्रतिशत कम हो जायेगा, वो भी मुफ़्त। यही नही देखिये तो आज कैसा कलजुग है। दूध में मिलावट सब्जी में जहर मसालो में गधे की लीद। ऐसे मे भले इंसान न खाये कम खाये। पर ज्यादा जहरीली चीजें खाकर मरेगा तो नही। और डिमांड कम होगी तो अपने आप दुकानदार मिलावटी माल बेचना बंद कर देंगे। अरे भाई जब चीज बिक ही नही रहा। तो कौन गधा खोजे, उसकी गंदी फ़ुंदी लीद उठाये,  सुखाये, मिलाये। पेट्रोल महंगा तो लोग साईकल में आ जायेंगे। फ़िर चालीस कमर को बत्तीस बनने में क्या समय लगता है भला। सवारी गाड़ी से लेकर मालवाहक आटो तक सब चलना बंद हो जायेंगे। तो फ़िर ठेला, रिक्शा, बैलगाड़ी वालो को काम मिलने लगेगा कि नही। ऐसी रोजगार मूलक, पर्यावरण बचाउ महंगाई को क्यों कोसते हो भाई। ऐसी दूर दृष्टि वाली कांग्रेस आई और उनकी मम्मी  सोनिया माई को क्यो कोसते हो भाई। तो चलो भाईयों,  मेरे साथ नारा लगाये सोनिया मम्मी कीऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।


आयं एक भी नारा नही लगा। क्यों भाई, मेरे इतना समझाने पर भी आप लोग नही समझे। क्या कहा ?? इस भ्रष्ट तंत्र को बदल के रहोगे। ले भाई ये मुंह और मसूर की दाल। मियां शेख चिल्ली मत बनो, भारत में रहते हो भूल गये। अभी बड़ा खून खौलेगा कि मियां ऐसी की तैसी इस भ्रष्टाचार की। फ़िर खून खौलते ही आंदोलन करना होगा। यही पर आकर हिंदुस्तान में पंगा पड़ जाता है। कि भाई आंदोलन का नेता कौन हो। मसलन  "X"  को नेता बना दिया। तो फ़ेर सवाल पैदा होगा कि इस X   ने जिंदगी में क्या क्या पाप किये हैं। नेता लोग भिड़ जायेंगे कि साहब "X" तो खुद सर से कमर तक भ्रष्टाचार में डूबा है किस मुंह से भ्रष्टाचार की बात करता है। चलिये अपना "X" इस फ़ंदे में नही आया। त सवाल उठेगा कि ये  किस पार्टी का मोहरा है। कांग्रेस आरोप लगायेगी कि "X" के पीछे संघ का हाथ है। "X" बयान देगा कि भाई हमारा संघ से कोई लेना देना नही है। चलो कोई बात नही "X" एक नही सभी पार्टियो के भ्रष्टाचार के खिलाफ़ हमला कर दे। कड़े कानून की मांग लेकर पिल जाये। इसके बाद वो लोग भी तो हैं जो भ्रष्टाचार के आंदोलन के पीछे छुप अपना एजेंडा लाना चाहते होंगे। अब "X"  उनके इरादे को कैंसल कर दे और सीधा लाईन पर टिका रहे। तो शुरू "X" को कोसने का अभियान। कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा है। तो एक्स को हिंदु विरोधी, कांग्रेस का एजेंट, बुखारी का तलवा चाटने वाला करार दिया जायेगा। कट्टर मुस्लिम एजेंडा है। तो संघ का एजेंट, मुस्लिम विरोधी, भाजपा का तलवा चाटने वाला करार दो। अब यहां तक आते आते X भी हांफ़ने लगेगा लेकिन उसकी मुश्किले कम नही होंगी। अभी दलित, आदिवासी बुद्धीजीवी "X" को स्वर्ण, अगड़ो, मध्यम वर्ग की चाल बताये कहां हैं। मीडिया का घूमता कैमरा भी X की एक लाईन को चमका धमका के सनसऽऽऽनी बनाने में पीछे रहने वाला नही है। अभी "X" की जात धर्म भी गुप्त है, उसके प्रकट होते ही नया मसाला आयेगा, वो अलग। फ़ेर "X" के संगी साथी भी तो होंगे। जिनमे से कुछ के गलत कारनामे भी होंगे। सो "X" सही है, पर "X" को गलत लोगो ने घेर रखा है का नारा भी बुलंद होगा ही। फ़िर संगी साथियो में पईसा खाकर बिकने वालो की क्या कमी। कोई कुछ कहेगा, कोई कुछ, जनता बेचारी असमंजस में। फ़िर कांग्रेस से इतर बाकी राजनैतिक पार्टियां भी उसी भ्रष्ट तंत्र के भरोसे चल रही हैं कि नही। जो साथ देगा भी,  तो केवल अपने नफ़े नुकसान के मद्दे नजर। और कोई खंडूरी टाईप इमानदार भी निकल कड़े कानून लागू कर दे। तो भी चुनाव में जनता उसको निपटा ही देगी। आखिर गरीब आदमी को क्या पता कि देश में क्या हो रहा है। वो तो मजदूरी कमाने में व्यस्त और तीन रूपया किलो वाला चांवल खाने में मस्त है। वोट के लिये दारू, पईसा पाता है वो अलग।

तो मियां समझ में आ गयी होगी बात, फ़ुल डिटेल में। बलात्कार का आनंद लेने का हमारा फ़ार्मूला अपनाओ और जीवन सुखी बनाओ। अब इतना निराश भी मत हो भाई। अपने बच्चो के लिये अच्छा भारत चाहते हो? तो अनाथालय जाकर दस बच्चो को लेकर उनको रेडी करो, आंदोलन के लिये। पूरी नजर रखना कि कही कोई कानून का उल्लंघन न कर पायें। और उनको किसी धर्म का भी मत बनाना। नाम रखना भी तो राम अली क्राईस्ट टाईप का। फ़ूल प्रूफ़ प्लानिंग से काम होगा तो पच्चीस साल बाद लड़ने लायक नेता रेडी हो ही जायेंगे। 




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3 Comments

3 comments:

  1. अच्छा तरीका है ज्वालामुखी में भी cool रहने का....इसे कहते हैं..असली हिन्दुस्तानी..जय हो !

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  2. afsos haen ki aap balatkaar jaese shabd ko laekar vyang likhna chahtey haen

    very disgusting i must say and repulsive to read

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  3. सत्यानाश कर दिया इन नेताओं ने देश का, करारा व्यंग्य है देश की वर्तमान दशा पर।

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