Wednesday, November 30, 2011

ऐ भिखारी कौन प्रदेश का है रे






दिल्ली के व्यस्त इलाके में लालबत्ती पर एक कार रुकी। एक भिखारी एक करोड़ की कार के मालिक को खुदा द्वारा उपलब्ध कराया गया सुनहरा मौका मान तड़ से पहुंच गया । गाड़ी का शीशा नीचे हुआ अंदर स्वयं राहुल बाबा उर्फ़ अमूल बेबी बैठे हुये थे। भिखारी कातर स्वर में बोला - " अल्लाह के नाम पर दे दे बाबा।"  राहुल बाबा ने कहा -" भाई मै धर्म निरपेक्ष पार्टी का हूं, सो भगवान या अल्लाह के नाम से नही दे सकता।" भिखारी अचकचाया, अपने जीवन काल में उसने बहुत से टरकाउ देखे थे,  पर ऐसा अदभुत बहाना किसी ने नही बनाया था। खैर जो ढीठ न हो वो भिखारी कैसा सो उसने कहा -"जो चाहो उस नाम से दे दो बाबा, चाहो तो बिना नाम के भी दे दो।"  राहुल बाबा बोले - "भाई यह बताओ, कहां के रहने वाले हो।"


भिखारी बोला -" भारत का रहने वाला हूं बाबूजी और इंडिया में भीख मांगता हूं।"  तभी बाजू मे खड़ी कार से भगवा नेता चिल्लाया- " अरे निर्लज्ज हिंदुस्तान कहने मे क्या शर्म आती है  तुझे,  मुसलमान है क्या रे।" भिखारी हाथ जोड़ कर बोला- "बाबूजी बचपन से अनाथ हूं , जात का तो पता नही।"  भगवा नेता ने अफ़सोस जाहिर करते हुये कहा - "फ़िर तो तुझे भीख देना बड़ा मुश्किल है,  इसाई  भी होता तो घर वापसी अभियान के अंतर्गत तुझे मैं कुछ दे देता। चल एक काम कर वंदे मातरम और भारत माता की जय का नारा लगा दे,  मैं तुझे कुछ दे दूंगा।"  भिखारी बोला -"बाबूजी जय जय कार करने वाले नारे वे लगाते हैं जिनके पेट भरे होते है जिस देश मे बूढ़े और मासूम बच्चे भीख मांग कर गुजारा करते हैं,  उसकी जय तो मैं बिल्कुल नही करूंगा।


तभी राहुल बाबा ने दखल दिया - " यार तुम यूपी के होते तो मै कुछ कर सकता था।" तभी वहां पहुंचा दूसरा भिखारी बोले -"माई बाप, मै यूपी का हूं।" राहुल बाब प्रसन्न होकर बोले - "आपको पता नही है कि आपको भिखारी क्यों बनना पड़ा। हमने केंद्र से बहुत सा पैसा भेजा था कि आप फ़लो, फ़ूलो,  पर लखनउ में बैठी हथिनी उसे हजम कर जाती है।" दूसरा भिखारी बोला- " अब तो आप हमसे मिल गये हो माई बाप, यहीं दे दो।" राहुल बाबा बोले- "अगले चुनाव में, आप हमें वोट दीजियेगा। उसके बाद यूपी मे किसी को भीख मांगने की जरूरत नही पड़ेगी। अभी यूपी मे हमारा शासन नही है इसलिये हम आपकी मदद नही कर सकते।"  तभी एक तीसरा भिखारी चिल्लाया - " मै राजस्थान का हूं राहुल बाबा, मेरी मदद कर दीजिये , वहां आप ही की सरकार है।" राहुल बाबा बोले - " भाई मै यूपी का प्रभारी महासचिव हूं राजस्थान के बारे में कुछ नही कह सकता।"

तभी बाबा रामू पहुंच गये बोले - "भाई भिखारी,  एक बार हमारा आंदोलन सफ़ल हो जाये तो हम प्रमाणिकता के साथ गांव गांव को स्वर्ग बना देंगे, तीन सौ तीस लाख करोड़ आ जाये तो भारत वासियो के पास दुनिया भर के सुख होंगे। कोई गरीब न रहेगा, भारत वर्ष सुपर पावर बन जायेगा,  हम भारत को सोने की चिड़िया बना देंगे।" मुग्ध होकर भिखारी बोला- "बाबा फ़िर तो हमें कोई कमी न होगी पर यदि फ़िर भी कभी कभार भीख मांगने का दिल हुआ तो।" बाबा रामू बोले - "कालाधन आ जाने के बाद आपको कमी क्या होगी जो भीख मांगो। फ़िर भी दिल करे तो अपनी मर्सीडीज बेंज मे बैठ कर प्रमाणिकता के साथ भीख मांगना। दस हजार रूपये की भीख से कम जो दे आप उसे ही पांच हजार दे देना कि ले भाई मुझसे ज्यादा तुझे इसकी जरूरत है।"


तभी वहां एक हाथी आकर रुका, उस के उपर एक बहन जी बैठी हुयी थी। हाथी के आजू बाजू समर्थक नारे लगा रहे थे- "बाबा रामू शंख बजायेगा, हाथी दिल्ली जायेगा।" बहन हाथी पर से बोलीं-  "अरे भिखारी तू जरूर अगड़ा गरीब या पिछड़ा मुसलमान है।" हमने केंद्र सरकार से कह दिया है कि दलितो का तो हमने उद्धार कर दिया है, आप लोगो को भी आरक्षण दिया जाना चाहिये।" इसके अलावा हम एक के  चार राज्य बनवा रहे हैं। जब तक आरक्षण न मिले,  तब तक घूम घूम कर भीख मागने की सुविधा हो जायेगी। इस चिकने राहुल बाबा उर्फ़ बबलू के चक्कर में मत आना। यह गरीबो का मजाक उड़ाने ही आता है।  आप से हाथ मिला भी ले,  तो घर जाकर विदेशी साबुन से नहाता है। और बाबा रामू बोल भी चुके हैं कि इससे बेहतर प्रधानमंत्री मैं साबित होउंगी।"

तभी भाजपा नेता बीच में कूद पड़े  - "भाईयो ये राहुल बाबा वालमार्ट नामक विदेशी कंपनी को ला रहा है। उसके आने से हजारो दुकाने बंद हो जायेंगी। इसमे आपका कितना नुकसान है, हर दुकान से एक एक रूपया भीख भी मिलती तो हजारो रूपये हो जाते। और ये वालमार्ट वाला तो राहुल बाबा की तरह इसाई है, देगा नही। दे भी देगा तो हद से हद दस रूपये। सो इस राहुल बाबा के जाल मे न फ़सना, हमे ही वोट देना। इतने बड़े बड़े भिखारियों को देख कर गरीब भिखारियों का कलेजा कांप गया। आपस में मशवरा किया कि भाई इनसे कुछ मिलने वाला नही। हम तो पेट भरने के बाद दूसरो को दे भी देते हैं। इनका तो पेट ही नही भरता हमे क्या देंगे भला।

तभी मजमा जमा देख कर एक हवलदार आ गया बोला -" अरे भिखारियों तुम लोगो कितनी बार भगाता हूं फ़िर भीख मांगने पहुंच जाते हो शर्म नही आती। एक भिखारी ने जवाब दिया - "दरोगा जी जब हम जैसे बूढ़े और मासूम बच्चो को भीख मांगते देख हमारे देश वासियो को शर्म नही आती। तो हम तो लाचार हैं माई बाप , जीवन में कोई सहारा नही। और हम न रहें तो इन घूस खोरो मुनाफ़ाखोरों को इनके पापो से मुक्ति दिलाने का जरिया कौन बनेगा।  आखिर हमें  भीख देकर ही न ये लोग पुण्य कमाते और पाप काटते हैं।"


चलिये साहब ये तो चर्चा थी बड़े और छोटे भिखारियों के बीच,  ये भिखारी हमसे भी अकसर याचना करते हैं। देखियेगा कि कहीं पुण्य के चक्कर मे कोई पाप न हो जाये। 

Comments
15 Comments

15 comments:

  1. वाह जी वाह क्या गजब लिखा है
    दरोगा जी जब हम जैसे बूढ़े और मासूम बच्चो को भीख मांगते देख हमारे देश वासियो को शर्म नही आती। तो हम तो लाचार हैं माई बाप , जीवन में कोई सहारा नही। और हम न रहें तो इन घूस खोरो मुनाफ़ाखोरों को इनके पापो से मुक्ति दिलाने का जरिया कौन बनेगा।
    आखिर हमें भीख देकर ही न ये लोग पुण्य कमाते और पाप काटते हैं।"

    ReplyDelete
  2. रोचक.. असरदार व्यंग है ..बधाई ..!

    ReplyDelete
  3. शर्म हमे भी आनी चाहिये कि 21 सदी में भी हमारे देश में धर्म और जात के नाम पर वोट पड़ते हैं.
    सबसे बड़ी बात तो यही है की सारे राजनीतिक दल धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करते रहते है .

    ReplyDelete
  4. jai ho jabardast lekhan ...satik

    yahan par bhi aaye sir ...kasam se aap bhi has padenge

    " bharatiy aatma tussi great ho : chitragupt "

    http://eksacchai.blogspot.com/2011/11/blog-post_2173.html

    ReplyDelete
  5. जात-धरम से परे भिखमंगों की बात वो कर रहे हैं जो न जाने किस बात का कर्जा वसूलने के लिए छाती पर चढ़े हुए हैं.
    धारदार - जोरदार ;दवे बाबू.

    ReplyDelete
  6. आजकल चलन सा कर लिया है राहुल नौटंकी ने दलितों व गरीबों के यहां खाने का। कवि सुरेन्द्र जी शर्मा के शब्दों में कहें तो ‘‘ अरे राजा को दलित के घर जाकर खाने की आवश्यकता नहीं है अपितु राजा को चाहिए कि सारी प्रजा वो खाये जो राजा खाता है।’’ केवल और केवल नौटंकी वोट के लिए।

    ReplyDelete
  7. प्रासंगिक....

    लाजवाब कटाक्ष...

    वाह...

    ReplyDelete
  8. कल शनिवार ... 03/12/2011को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  9. बिलकुल सच्ची बात कही है आपने. जय हो.

    ReplyDelete
  10. आप की रचना बड़ी अच्छी लगी और दिल को छु गई
    इतनी सुन्दर रचनाये मैं बड़ी देर से आया हु आपका ब्लॉग पे पहली बार आया हु तो अफ़सोस भी होता है की आपका ब्लॉग पहले क्यों नहीं मिला मुझे बस असे ही लिखते रहिये आपको बहुत बहुत शुभकामनाये
    आप से निवेदन है की आप मेरे ब्लॉग का भी हिस्सा बने और अपने विचारो से अवगत करवाए
    धन्यवाद्
    दिनेश पारीक
    http://dineshpareek19.blogspot.com/
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/

    ReplyDelete
  11. वाह ! बहुत बढ़िया व्यंग्य ! पढकर मजा आ गया |

    Gyan Darpan
    Matrimonial Site

    ReplyDelete
  12. अरे..! यह शानदार पोस्ट पढ़ने से कैसे रह गयी अरुणेश भाई, आश्चर्य है...
    बहुत सुंदर कटाक्ष किया है आपने...
    सादर बधाई...

    ReplyDelete
  13. बहुत खूब ! बहुत सार्थक और सटीक प्रस्तुति...

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणियों का स्वागत है..
अनर्गल टिप्पणियाँ हटा दी जाएगी.