दिल्ली के व्यस्त इलाके में लालबत्ती पर एक कार रुकी। एक भिखारी एक करोड़ की कार के मालिक को खुदा द्वारा उपलब्ध कराया गया सुनहरा मौका मान तड़ से पहुंच गया । गाड़ी का शीशा नीचे हुआ अंदर स्वयं राहुल बाबा उर्फ़ अमूल बेबी बैठे हुये थे। भिखारी कातर स्वर में बोला - " अल्लाह के नाम पर दे दे बाबा।" राहुल बाबा ने कहा -" भाई मै धर्म निरपेक्ष पार्टी का हूं, सो भगवान या अल्लाह के नाम से नही दे सकता।" भिखारी अचकचाया, अपने जीवन काल में उसने बहुत से टरकाउ देखे थे, पर ऐसा अदभुत बहाना किसी ने नही बनाया था। खैर जो ढीठ न हो वो भिखारी कैसा सो उसने कहा -"जो चाहो उस नाम से दे दो बाबा, चाहो तो बिना नाम के भी दे दो।" राहुल बाबा बोले - "भाई यह बताओ, कहां के रहने वाले हो।"
भिखारी बोला -" भारत का रहने वाला हूं बाबूजी और इंडिया में भीख मांगता हूं।" तभी बाजू मे खड़ी कार से भगवा नेता चिल्लाया- " अरे निर्लज्ज हिंदुस्तान कहने मे क्या शर्म आती है तुझे, मुसलमान है क्या रे।" भिखारी हाथ जोड़ कर बोला- "बाबूजी बचपन से अनाथ हूं , जात का तो पता नही।" भगवा नेता ने अफ़सोस जाहिर करते हुये कहा - "फ़िर तो तुझे भीख देना बड़ा मुश्किल है, इसाई भी होता तो घर वापसी अभियान के अंतर्गत तुझे मैं कुछ दे देता। चल एक काम कर वंदे मातरम और भारत माता की जय का नारा लगा दे, मैं तुझे कुछ दे दूंगा।" भिखारी बोला -"बाबूजी जय जय कार करने वाले नारे वे लगाते हैं जिनके पेट भरे होते है जिस देश मे बूढ़े और मासूम बच्चे भीख मांग कर गुजारा करते हैं, उसकी जय तो मैं बिल्कुल नही करूंगा।
तभी राहुल बाबा ने दखल दिया - " यार तुम यूपी के होते तो मै कुछ कर सकता था।" तभी वहां पहुंचा दूसरा भिखारी बोले -"माई बाप, मै यूपी का हूं।" राहुल बाब प्रसन्न होकर बोले - "आपको पता नही है कि आपको भिखारी क्यों बनना पड़ा। हमने केंद्र से बहुत सा पैसा भेजा था कि आप फ़लो, फ़ूलो, पर लखनउ में बैठी हथिनी उसे हजम कर जाती है।" दूसरा भिखारी बोला- " अब तो आप हमसे मिल गये हो माई बाप, यहीं दे दो।" राहुल बाबा बोले- "अगले चुनाव में, आप हमें वोट दीजियेगा। उसके बाद यूपी मे किसी को भीख मांगने की जरूरत नही पड़ेगी। अभी यूपी मे हमारा शासन नही है इसलिये हम आपकी मदद नही कर सकते।" तभी एक तीसरा भिखारी चिल्लाया - " मै राजस्थान का हूं राहुल बाबा, मेरी मदद कर दीजिये , वहां आप ही की सरकार है।" राहुल बाबा बोले - " भाई मै यूपी का प्रभारी महासचिव हूं राजस्थान के बारे में कुछ नही कह सकता।"
तभी बाबा रामू पहुंच गये बोले - "भाई भिखारी, एक बार हमारा आंदोलन सफ़ल हो जाये तो हम प्रमाणिकता के साथ गांव गांव को स्वर्ग बना देंगे, तीन सौ तीस लाख करोड़ आ जाये तो भारत वासियो के पास दुनिया भर के सुख होंगे। कोई गरीब न रहेगा, भारत वर्ष सुपर पावर बन जायेगा, हम भारत को सोने की चिड़िया बना देंगे।" मुग्ध होकर भिखारी बोला- "बाबा फ़िर तो हमें कोई कमी न होगी पर यदि फ़िर भी कभी कभार भीख मांगने का दिल हुआ तो।" बाबा रामू बोले - "कालाधन आ जाने के बाद आपको कमी क्या होगी जो भीख मांगो। फ़िर भी दिल करे तो अपनी मर्सीडीज बेंज मे बैठ कर प्रमाणिकता के साथ भीख मांगना। दस हजार रूपये की भीख से कम जो दे आप उसे ही पांच हजार दे देना कि ले भाई मुझसे ज्यादा तुझे इसकी जरूरत है।"
तभी वहां एक हाथी आकर रुका, उस के उपर एक बहन जी बैठी हुयी थी। हाथी के आजू बाजू समर्थक नारे लगा रहे थे- "बाबा रामू शंख बजायेगा, हाथी दिल्ली जायेगा।" बहन हाथी पर से बोलीं- "अरे भिखारी तू जरूर अगड़ा गरीब या पिछड़ा मुसलमान है।" हमने केंद्र सरकार से कह दिया है कि दलितो का तो हमने उद्धार कर दिया है, आप लोगो को भी आरक्षण दिया जाना चाहिये।" इसके अलावा हम एक के चार राज्य बनवा रहे हैं। जब तक आरक्षण न मिले, तब तक घूम घूम कर भीख मागने की सुविधा हो जायेगी। इस चिकने राहुल बाबा उर्फ़ बबलू के चक्कर में मत आना। यह गरीबो का मजाक उड़ाने ही आता है। आप से हाथ मिला भी ले, तो घर जाकर विदेशी साबुन से नहाता है। और बाबा रामू बोल भी चुके हैं कि इससे बेहतर प्रधानमंत्री मैं साबित होउंगी।"
तभी भाजपा नेता बीच में कूद पड़े - "भाईयो ये राहुल बाबा वालमार्ट नामक विदेशी कंपनी को ला रहा है। उसके आने से हजारो दुकाने बंद हो जायेंगी। इसमे आपका कितना नुकसान है, हर दुकान से एक एक रूपया भीख भी मिलती तो हजारो रूपये हो जाते। और ये वालमार्ट वाला तो राहुल बाबा की तरह इसाई है, देगा नही। दे भी देगा तो हद से हद दस रूपये। सो इस राहुल बाबा के जाल मे न फ़सना, हमे ही वोट देना। इतने बड़े बड़े भिखारियों को देख कर गरीब भिखारियों का कलेजा कांप गया। आपस में मशवरा किया कि भाई इनसे कुछ मिलने वाला नही। हम तो पेट भरने के बाद दूसरो को दे भी देते हैं। इनका तो पेट ही नही भरता हमे क्या देंगे भला।
तभी मजमा जमा देख कर एक हवलदार आ गया बोला -" अरे भिखारियों तुम लोगो कितनी बार भगाता हूं फ़िर भीख मांगने पहुंच जाते हो शर्म नही आती। एक भिखारी ने जवाब दिया - "दरोगा जी जब हम जैसे बूढ़े और मासूम बच्चो को भीख मांगते देख हमारे देश वासियो को शर्म नही आती। तो हम तो लाचार हैं माई बाप , जीवन में कोई सहारा नही। और हम न रहें तो इन घूस खोरो मुनाफ़ाखोरों को इनके पापो से मुक्ति दिलाने का जरिया कौन बनेगा। आखिर हमें भीख देकर ही न ये लोग पुण्य कमाते और पाप काटते हैं।"
चलिये साहब ये तो चर्चा थी बड़े और छोटे भिखारियों के बीच, ये भिखारी हमसे भी अकसर याचना करते हैं। देखियेगा कि कहीं पुण्य के चक्कर मे कोई पाप न हो जाये।
वाह जी वाह क्या गजब लिखा है
ReplyDeleteदरोगा जी जब हम जैसे बूढ़े और मासूम बच्चो को भीख मांगते देख हमारे देश वासियो को शर्म नही आती। तो हम तो लाचार हैं माई बाप , जीवन में कोई सहारा नही। और हम न रहें तो इन घूस खोरो मुनाफ़ाखोरों को इनके पापो से मुक्ति दिलाने का जरिया कौन बनेगा।
आखिर हमें भीख देकर ही न ये लोग पुण्य कमाते और पाप काटते हैं।"
जबरजस्त
ReplyDeleteरोचक.. असरदार व्यंग है ..बधाई ..!
ReplyDeleteशर्म हमे भी आनी चाहिये कि 21 सदी में भी हमारे देश में धर्म और जात के नाम पर वोट पड़ते हैं.
ReplyDeleteसबसे बड़ी बात तो यही है की सारे राजनीतिक दल धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करते रहते है .
jai ho jabardast lekhan ...satik
ReplyDeleteyahan par bhi aaye sir ...kasam se aap bhi has padenge
" bharatiy aatma tussi great ho : chitragupt "
http://eksacchai.blogspot.com/2011/11/blog-post_2173.html
जात-धरम से परे भिखमंगों की बात वो कर रहे हैं जो न जाने किस बात का कर्जा वसूलने के लिए छाती पर चढ़े हुए हैं.
ReplyDeleteधारदार - जोरदार ;दवे बाबू.
आजकल चलन सा कर लिया है राहुल नौटंकी ने दलितों व गरीबों के यहां खाने का। कवि सुरेन्द्र जी शर्मा के शब्दों में कहें तो ‘‘ अरे राजा को दलित के घर जाकर खाने की आवश्यकता नहीं है अपितु राजा को चाहिए कि सारी प्रजा वो खाये जो राजा खाता है।’’ केवल और केवल नौटंकी वोट के लिए।
ReplyDeleteप्रासंगिक....
ReplyDeleteलाजवाब कटाक्ष...
वाह...
कल शनिवार ... 03/12/2011को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बिलकुल सच्ची बात कही है आपने. जय हो.
ReplyDeleteआप की रचना बड़ी अच्छी लगी और दिल को छु गई
ReplyDeleteइतनी सुन्दर रचनाये मैं बड़ी देर से आया हु आपका ब्लॉग पे पहली बार आया हु तो अफ़सोस भी होता है की आपका ब्लॉग पहले क्यों नहीं मिला मुझे बस असे ही लिखते रहिये आपको बहुत बहुत शुभकामनाये
आप से निवेदन है की आप मेरे ब्लॉग का भी हिस्सा बने और अपने विचारो से अवगत करवाए
धन्यवाद्
दिनेश पारीक
http://dineshpareek19.blogspot.com/
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
वाह ! बहुत बढ़िया व्यंग्य ! पढकर मजा आ गया |
ReplyDeleteGyan Darpan
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अरे..! यह शानदार पोस्ट पढ़ने से कैसे रह गयी अरुणेश भाई, आश्चर्य है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर कटाक्ष किया है आपने...
सादर बधाई...
बहुत खूब ! बहुत सार्थक और सटीक प्रस्तुति...
ReplyDeleteशानदार पोस्ट
ReplyDeletevisitor:-Rajput status