अपने चुन्नु भाई ब्लाग जगत में गुस्साये घूम रहे थे हमने पूछ लिया - " क्या हुआ चुन्नू भाई सब खैरियत तो है।" वे भड़क गये, बोले -" दवे जी पिछले साल छह लाख लोगो ने आत्म हत्या कर ली। ये बेगैरत और मर जाता तो कितना अच्छा होता।" हमने कहा - " मियां बात साफ़ करो कौन मर जाता, क्यों मर जाता।" चुन्नू भाई बोले - "अरे यही मुआ अनवर धमाल, दिन रात हमारे धर्म के लिये अनाप शनाप लेख लिखता है।" हमने कहा- "यार सुनो इस तरह किसी के आत्महत्या करने की बात सोचना अच्छी बात नही और ये अनवर धमाल तो बड़ा खतरनाक आदमी है। अभी तड़ से पोस्ट लगा देगा "हिंदू दूसरों के आत्महत्या की बात सोचते हैं" खामखा आपके कारण पूरी हिंदू कौम बदनाम हो जायेगी।" चुन्नू भाई भड़के हुये थे बोले - " चाहे जो हो जाये दवे जी, हम अपना स्टैंड नही बदलेंगे। ये तो अपने आप को उच्च शिक्षित भी कहता है और यह भी कहता है कि उच्च शिक्षा पाने वाले आत्म हत्या कर लेते हैं।" हमने उनको याद दिलाया - " उनके अनुसार वो बात केवल हिंदूओं पर लागू होती है।" चुन्नू भाई बोले - " अरे दवे जी आप भी क्या बात कहते हो, क्या मुस्लिम आत्महत्या नही करते और नही भी करते हों तो इसको तो हम ही निपटा देंगे।"
हमने कहा - " चुन्नू भाई आप जरूर आईएसआई के एजेंट हो वरना अनवर धमाल के बारे में ऐसी बाते न करते।" चुन्नू भाई भड़क गये- " आपका दिमाग तो खराब नही हो गया हम और पाकिस्तानी एजेंट हम तो कट्टर हिंदूवादी आदमी है भाई।" हमने कहा- " कटटर हिंदूवादी होते तो कभी ऐसी बात नही करते। अपने इतने काम के आदमी कोई मारता है भला।" चुन्नू जी सकपकाये बोले - " दवे जी, तबीयत तो ठीक है, कैसी बहकी बहकी बाते कर रहे हो।" हमने कहा - " हम बिल्कुल ठीक है भाई, आप मामला नही समझते हो। देखो कट्टरहिंदू वादी साठ सालों से कलम घिसते घिसते थक गये कि मुसलमान हिंदूओं के दुश्मन हैं, बटवारे में हिंदूओ के साथ ऐसा हुआ था, फ़लां जगह वैसा हो रहा है, देश में लव जिहाद चल रहा है। पर ये लोग भारत में हिंदू मुस्लिम एकता को नही तोड़ पाये। अब इस अनवर धमाल के एक एक लेख से सैकड़ो हिंदू मुसलमानों से नफ़रत करने लगते है। मियां अगर कट्टर हिंदू हो और मुसलमानों के खिलाफ़ देश मे आक्रोश खड़ा करना चाहते हो तो अनवर धमाल जैसे लेखकों को खोजो, पालो और इनके लेख अखबारों मे पैसा देकर छपवाओ। फ़िर देखो कैसे देश में नफ़रत की आग भड़क उठती है।" चुन्नू भाई बोले - "नही भाई हम भी देश मे प्रेम और सदभाव का वातावरण चाहते हैं, हमें देश मे आग नही लगानी।" हमने कहा- " भाई, अगर आप शांती चाहते हो तो फ़िर उन लेखकों को भी रोकना होगा जो मुसलमानो और इस्लाम के बारे में दुष्प्रचार करते हैं। क्योंकि वे लोग भी आईएसआई के एजेंट हैं और देश के मुसलमानों को भड़का कर देश में अशांती लाना चाहते हैं।"
चुन्नू भाई बोले -" उनका विरोध तो हम कर लेंगे पर इस अनवर धमाल का क्या करें इसके लेख हमको भड़का देते हैं।" हमने कहा - " भाई आप ही लोग तो हो जो ऐसे मूर्खों के ब्लाग पर जा जा कर टिप्पणी देते हो और इनके ब्लाग चर्चित की सूची में टाप पर आ जाते हैं। आप लोग ऐसे लोगो को पढ़ो ही ना, टिप्पणी ही न करो तो चार घंटे में इनका लेख कहां गायब हो जाये मालूम ही न पड़े। फ़िर भी मन नही माने तो ऐसे लोगो इमेल के जरिये अपनी भावनाएं पहुंचा दिया करो पर ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी कभी मत करो।" चुन्नू भाई प्रसन्न होकर बोले - " वाह दवे जी आपने तो जबरदस्त आईडिया दिया है मन प्रसन्न हो गया।" हमने कहा- " मियां, मन प्रसन्न हो गया तो फ़टाफ़ट हमारे ब्लाग पर टिप्पणी चिपका आओ "।
खैर साहब बात तो थी चुन्नू भाई की पर लागू हम सब पर होती है। और बात सिर्फ़ ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी न करने पर ही खत्म नही होती है। ये लोग तो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये ऐसा लेखन करते हैं। हम सब को किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय को आहत करने वाला लेखन नही करना चाहिये । कुरान में उल्लेख है कि " किसी के खुदा को बुरा मत कहो कि वह तुम्हारे खुदा को बुरा कहेगा।" जाहिर है सम्मान देने से ही मिलता है। इतिहास में क्या हो चुका है यह हमारे हाथ में नही है पर भविष्य हम खुद बना सकते हैं।
हमने कहा - " चुन्नू भाई आप जरूर आईएसआई के एजेंट हो वरना अनवर धमाल के बारे में ऐसी बाते न करते।" चुन्नू भाई भड़क गये- " आपका दिमाग तो खराब नही हो गया हम और पाकिस्तानी एजेंट हम तो कट्टर हिंदूवादी आदमी है भाई।" हमने कहा- " कटटर हिंदूवादी होते तो कभी ऐसी बात नही करते। अपने इतने काम के आदमी कोई मारता है भला।" चुन्नू जी सकपकाये बोले - " दवे जी, तबीयत तो ठीक है, कैसी बहकी बहकी बाते कर रहे हो।" हमने कहा - " हम बिल्कुल ठीक है भाई, आप मामला नही समझते हो। देखो कट्टरहिंदू वादी साठ सालों से कलम घिसते घिसते थक गये कि मुसलमान हिंदूओं के दुश्मन हैं, बटवारे में हिंदूओ के साथ ऐसा हुआ था, फ़लां जगह वैसा हो रहा है, देश में लव जिहाद चल रहा है। पर ये लोग भारत में हिंदू मुस्लिम एकता को नही तोड़ पाये। अब इस अनवर धमाल के एक एक लेख से सैकड़ो हिंदू मुसलमानों से नफ़रत करने लगते है। मियां अगर कट्टर हिंदू हो और मुसलमानों के खिलाफ़ देश मे आक्रोश खड़ा करना चाहते हो तो अनवर धमाल जैसे लेखकों को खोजो, पालो और इनके लेख अखबारों मे पैसा देकर छपवाओ। फ़िर देखो कैसे देश में नफ़रत की आग भड़क उठती है।" चुन्नू भाई बोले - "नही भाई हम भी देश मे प्रेम और सदभाव का वातावरण चाहते हैं, हमें देश मे आग नही लगानी।" हमने कहा- " भाई, अगर आप शांती चाहते हो तो फ़िर उन लेखकों को भी रोकना होगा जो मुसलमानो और इस्लाम के बारे में दुष्प्रचार करते हैं। क्योंकि वे लोग भी आईएसआई के एजेंट हैं और देश के मुसलमानों को भड़का कर देश में अशांती लाना चाहते हैं।"
चुन्नू भाई बोले -" उनका विरोध तो हम कर लेंगे पर इस अनवर धमाल का क्या करें इसके लेख हमको भड़का देते हैं।" हमने कहा - " भाई आप ही लोग तो हो जो ऐसे मूर्खों के ब्लाग पर जा जा कर टिप्पणी देते हो और इनके ब्लाग चर्चित की सूची में टाप पर आ जाते हैं। आप लोग ऐसे लोगो को पढ़ो ही ना, टिप्पणी ही न करो तो चार घंटे में इनका लेख कहां गायब हो जाये मालूम ही न पड़े। फ़िर भी मन नही माने तो ऐसे लोगो इमेल के जरिये अपनी भावनाएं पहुंचा दिया करो पर ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी कभी मत करो।" चुन्नू भाई प्रसन्न होकर बोले - " वाह दवे जी आपने तो जबरदस्त आईडिया दिया है मन प्रसन्न हो गया।" हमने कहा- " मियां, मन प्रसन्न हो गया तो फ़टाफ़ट हमारे ब्लाग पर टिप्पणी चिपका आओ "।
खैर साहब बात तो थी चुन्नू भाई की पर लागू हम सब पर होती है। और बात सिर्फ़ ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी न करने पर ही खत्म नही होती है। ये लोग तो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये ऐसा लेखन करते हैं। हम सब को किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय को आहत करने वाला लेखन नही करना चाहिये । कुरान में उल्लेख है कि " किसी के खुदा को बुरा मत कहो कि वह तुम्हारे खुदा को बुरा कहेगा।" जाहिर है सम्मान देने से ही मिलता है। इतिहास में क्या हो चुका है यह हमारे हाथ में नही है पर भविष्य हम खुद बना सकते हैं।
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteछठपूजा की शुभकामनाएँ!
इतिहास में क्या हो चुका है यह हमारे हाथ में नही है पर भविष्य हम खुद बना सकते हैं। सही कहा है आपने.
ReplyDelete:)
ReplyDeleteछठपूजा की शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteIshwar unki aatma ko Shanti De
ReplyDeleteKam se kam wahan wo shant rahen....
Om shanti
किसी भी धर्म-मजहब को गाली देने वाला असल में धर्म-मजहब का असली मकसद जानता ही नहीं.....सभी मजहब एक ही सन्देश देते हैं ......जियो और जीने दो.....इकबाल की एक पंक्ति याद आती हैं.....मजहब नही सिखाता आपस में बैर करना....
ReplyDeleteहमने कहा - " भाई आप ही लोग तो हो जो ऐसे मूर्खों के ब्लाग पर जा जा कर टिप्पणी देते हो और इनके ब्लाग चर्चित की सूची में टाप पर आ जाते हैं। आप लोग ऐसे लोगो को पढ़ो ही ना, टिप्पणी ही न करो तो चार घंटे में इनका लेख कहां गायब हो जाये मालूम ही न पड़े। फ़िर भी मन नही माने तो ऐसे लोगो इमेल के जरिये अपनी भावनाएं पहुंचा दिया करो पर ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी कभी मत करो।
ReplyDeletebilkul sahi farmaaya aapne!
mazhab nahi sikhata apas me baer rakhna
ReplyDeletehindi hain ham watan hai hindustan hamara
" किसी के खुदा को बुरा मत कहो कि वह तुम्हारे खुदा को बुरा कहेगा।" जाहिर है सम्मान देने से ही मिलता है। इतिहास में क्या हो चुका है यह हमारे हाथ में नही है पर भविष्य हम खुद बना सकते!!
bilkul sahi kaha hai