Friday, April 29, 2011

खलमाड़ी - मम्मी मै बेकसूर हूं

सीबीआई की हवालात में खलमाड़ी ने हवलदार को आवाज लगाई  हवलदार पुराना चांवल था नजदीक आकर बोला मुझे अपने जैसा समझ रखा है क्या मै कोई ऐसा काम नही करता की फ़ंस जाउं ।  भाई केवल मुझे एक पत्र भेजना है वो लिख कर भेज दो मै आजीवन आभारी रहूंगा । हवलदार बोला आभारी लोग भारी पड़ते हैं भाई बाद मे आवाज आती है ऐसा कौन सा है सगा जिसे हमने नही ठगा और तू तो खांग्रेसी है । बेचैन खलमाड़ी बोला मेरा रिकार्ड अच्छा है चाहो तो मेरे पुराने सुरक्षा कर्मियो से पूछ लो और मेरी गारंटी भी वही लोग ले लेंगे और मनभावन कैश भी देंगे ।

सहप्रजातियो की गारंटी ने हवलदार को संतुष्ट किया बोला क्या लिखना है बता खलमाड़ी ने कहा मम्मी जी इतना सुनते ही हवलदार छिटक गया भाई मै पूना तो किसी कीमत मे नही जाउंगा । खलमाड़ी बोले अरे भाई अपनी मां को कौन खांग्रेसी मम्मी  बोलता है मै तो आदरणीय मम्मी जी को  पत्र लिखवा रहा  हूं । हवलदार ने कहा आगे बोल खलमाड़ी ने शुरू किया आदरणीय मम्मी आपको मेरे बारे मे दुशमनो ने भड़काया है हवलदार फ़िर रूक गया बोला विदेशियो की साठ गांठ मे मै शामिल नही हो सकता  । खलमाड़ी ने कहा अरे भाई देश के अंदर भी दुश्मन हैं राजनीतिक यार तू अपना काम कर पूरा होगा तब दिमाग लगाना ।
खलमाड़ी चालू हुये मम्मी जी  मैने कुछ भी गलत नही किया है  हवलदार फ़िर खड़ा हो गया बोला साले देश की इज्जत बेच खाया सब जगह फ़जीहत हो गयी बोलता है चीन मे चूहे थे तो यहां भी होंगे । खलमाड़ी बोला यार तू हवलदार है की पत्रकार सबका जवाब तू ही देगा तो पैसे क्या फ़ोकट के लेगा । खलमाड़ी फ़िर से बोले मम्मी मैने तो पार्टीधर्म का पालन किया है सारे निर्णयो मे सबको साथ लिया है और पार्टी को दिया भी है । कौन कह सकता था कि मै चोर हूं अगर आपकी महिला नेत्री ज्यादा खाने के चक्कर मे देर न करती और अकेले न खाती तो क्या ये मामला बनता । मै तो कुछ सौ करोड़ का आपका सहकर्मी हूं मोहतरमा तो हजारो करोड़ की रंगकर्मी हैं । उसी के लालच के  कारण ही देरी हुई और सार भेद खुल गया ।


हवलदार बोला अबे सुन तेरी पार्टी बेशर्मी की हद लांघ चुकी है और तू पुराना इतिहास बता रहा है । जब तेरी पार्टी संसदीय परंपरा लोकतंत्र और नैतिकता  को भूल गयी तो तुझे क्या याद रखेगी । तू भी क्या याद रखेगा ले सुन मेरी शायरी


यहां अब नही रहे लाल बहादुर और आज़ाद ।
   तेरी पार्टी हो चुकी है बरबाद ।।

      प्रवक्ता हैं महान  अकड़ू नीश तिवारी ।
          तेरी पार्टी जल्दी ही हॊगी भगवान कॊ प्यारी ।।

             आज संसदीय समिती की बैठक मे मारपीट हो चुकी है ।
              और तेरी पार्टी अपनी शर्मो  हया खो चुकी है ॥

     तू आज की डेट मे इतिहास का है पन्ना ।
तेरा दल हर  घोटाले से है चौकन्ना  ।।

  और सुन मेरे प्यारे भाई ।
     भूल गयी है तुझे खांग्रेस आई ॥

        तेरी अकड़मती मम्मी के पाप का घड़ा भर रहा है बेटा ।
          बाहर आया तो किसी और केस मे जायेगा लपेटा ॥


     और सुन ले बेटा खलमाड़ी  खोल के अपने कान ।

       हर हफ़्ते तेरी पार्टी के नेता अंदर आना तय मान


   हो जा चौकन्ना और खबरदार ।

बन जा सीबीआई हवालात का नंबरदार ॥

  करोड़ों न सही दाल रोटी तो चलती रहेगी ।

     और घूस खाने की तेरी इच्छा भी पलती रहेगी ॥


इतनी शायरी सुना हवलदार मुड़ा और साथी से बोला यार ये सीबीआई की पोस्टिंग ठीक है जी भर के कैसी भी घटिया तुकबंदी सुनाओ शायरी सुनाओ ये बेचारे हवालती कही भाग भी नही पाते




Comments
7 Comments

7 comments:

  1. तेरी अकड़मती मम्मी के पाप का घड़ा भर रहा है बेटा ।
    बाहर आया तो किसी और केस मे जायेगा लपेटा ॥

    Nice post.

    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/blog-fixing_28.html

    दोनों साहिबान को इस इंटरव्यू का लिंक सुबह ही भेज दिया गया था लेकिन आज शाम तक भी उनका कोई ओपिनियन नहीं मिला तो फिर से उपरोक्त आशय का एक पत्र द्वारा ईमेल भेजा गया।
    पाठकों की सूचनार्थ उस मसव्विदे को मंज़रे आम पर लाया जा रहा है ताकि ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की नीतियां सबके सामने स्पष्ट रहें।

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  2. अरे ममी को बचाने के लिये ही तो तु बलि का बकरा बना हे, चल चुप चाप आराम कर वर्ना.... समझ गया ना.

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  3. वो तो पता चल ही जायेगा कि जब खलमाडी की खाल उतारी जाएगी

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  4. दिलचस्प व्यंग्य . आभार .

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  5. 'भारत माता' क्या बनेगी RSS की देवदासी ??

    'हिन्दू राष्ट्र' की कल्पना तो मुस्लिम लीग के 'मुस्लिम राष्ट्र' जैसी ही एक परिकल्पना है, पर हिन्दू राष्ट्र की कल्पना करने वाले इतने बड़े कायर और नपुंसक थे , कि अपने उद्देश्य कि पूर्ति हेतु उन्होंने अंग्रेजों के तलवे चाटने के अलावा कुछ किया नहीं....विभाजन के बाद उन्होंने अपनी हताशा और अपराध भावना से मुक्ति पाने के लिए महात्मा गाँधी की हत्या कर दी....जैसे माता रेणुका देवी की हत्या के बाद भी परशुराम को अपने अपराध का अहसास नहीं हुआ था, ठीक उसी प्रकार परशुराम की इन कथित औलादों को राष्ट्रपिता की हत्या के उपरांत भी अपने अपराध का कोई अहसास नहीं हुआ और ये भारत माता के साथ और घृणित और कुत्सित अपराध करने की योजना बनाते रहे.....

    १९९२ में 'अयोध्या में बाबरी विध्वंस जैसे राष्ट्रदोह' और २००२ में 'RSS का गुजरात प्रयोग' जैसे यज्ञों का आयोजन किया, इन नरभक्षियों ने अपनी रक्त-पिपासा शांत करने हेतु....पर नरभक्षी की रक्त पिपासा कभी शांत नहीं होती , अपितु नरभक्षी को ही शांत कर दिया जाता है, दुर्भाग्यवश इतनी सी बात न तो भारतीय जनमानस समझ पा रहा है....और न यहाँ का मूढ़ मीडिया....न्याय-पालिका की हालत तो और भी बदतर है जब उसने न्याय के तमाम सिद्धांतों की धज्जियाँ उड़ाते हुए अडवाणी और जोशी जैसे अयोध्या कांड के अभियुक्तों पर षड़यंत्र सम्बन्धी आरोप ख़ारिज कर दिए, अपितु दीवानी मामले में इनके हास्यास्पद तर्कों को स्वीकार तक कर लिया.....

    २००९ का चुनाव हरने के बाद तो हद हो गई जब RSS के पुरोहितों ने भारत की दूसरी सबसे पार्टी BJP को जबरदस्ती अपनी देवदासी बना लिया ( BJP = Babies & Jokers Party of Rss ) .....मैंने तब भी बहुत हाथ-पैर पटके थे...कि यह Rss के पापी पुरोहित एक दिन इसी प्रकार भारत माता को भी अपनी देवदासी बनाकर ही दम लेंगे...पर किसी ने ना सुनी....अब भारत में लोकतंत्र चंद दिन का ही मेहमान है....अन्ना Gang की blackmailing के कारण सरकार, RSS के 'लोक-पुरोहित' और 'सिविल सोसाइटी' जैसे अधिनायकवादी प्रस्ताव को स्वीकार कर ही चुकी है.....RSS के पुरोहित जिस प्रकार अपनी झूठी-मूठी सत्यनारायण कथा से 'सिविल सोसाइटी' और 'मीडिया' को बरगला लेते हैं, उससे ज्यादा कुछ तर्क-वर्क, भारत की न्यायपालिका को भी नहीं चाहिए..अपनी तटस्थता तोड़ कर RSS के भगवे तले खड़े हेतु. बाबरी और अन्य अनेक मामलों न्यायपालिका के निर्णयों से यह स्वयंसिद्ध हो चूका है ......अब बचे भारत के तिरंगे के मानिंद, भारत के गौरव का प्रतीक, 'तिरंगी सेनाओं' के प्रमुख.....जिनको राजी करना यद्यपि आसन नहीं पर नामुमकिन भी नहीं.....क्यूंकि RSS के लोग सेना की निष्ठां कमज़ोर करने के काम में तो आज़ादी के बाद से ही लगे हैं..... न्यायपालिका और मीडिया तो आज ताकतवर हैं ....पहले कौन पूछता था इनको....

    2G स्पेक्ट्रम पर, CAG और Supreme कोर्ट के कुछ Judge के साथ घिनोना षड़यंत्र करके Rss के षड्यंत्रकारी पुरोहित आज ऐसी स्थिति में पहुँच गए हैं, कि वे किसी भी क्षण इस देश के लोकतंत्र का गला घोंट सकते हैं.....और फिर एक STUPID NATION के हिस्से में aayega, सिर्फ वन्दे मातरम.............haha

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