सुबह चाय ठेले में मेरे मित्र सोहन शर्मा ने घोषणा की ये अन्ना हजारे तो मुख्य मांग ही भूल गये हैं लोकपाल के दफ़्तर की नींव मे गधे की ह्ड्डी गड़ाना कम्पलसरी होना चाहिये । सुनते ही जमावड़ा चौंक गया एक ने कहा उससे क्या होगा भाई । शर्मा जी ने प्रकाश डाला पुराने जमाने मे जेल और कोतवाली की नींव मे गधे की हड्डी गड़ाई जाती थी ताकि गुनहगार यदी बचने के लिये तंत्र मंत्र का सहारा ले तो गधे की हड्डी से उसका प्रभाव खत्म हो जाये ।
इतना सुनते ही हंगामा मच गया हंसी ठहाके और चुहल के बीच आसिफ़ भाई जिनसे शर्मा जी काफ़ी सामान खरीदते थे उन्होने ग्राहक बचाओ आंदोलन के तहत ये सुझाव दिया कि शर्मा जी की बात एकदम से काटना ठीक नही । लंबी बहस के बाद सबसे कम पढ़ा और सबसे ज्यादा लिखा होने के कारण निर्णय जिम्मेदारी मुझ पर डाली गयी । गाहे बगाहे शर्मा जी साहित्य सेवा के तहत मुझे कुछ पिला खिला दिया करते थे ऐसे मे बीच का रास्ता निकालना ही उचित था । मैने कहा अब वो तांत्रिक रहे कहां जो वो सब कलाएं जानते थे लेकिन आजकल मार्डन तंत्र मंत्र जरूर चल रहा है अब उसकी काट गधे की हड्डियां कर पायेंगी कि नही ये मुझे नही मालूम । मेरे इतना कहते ही सारे शब्द बाण मेरी ओर मुड़ गये और शर्मा जी की जगह मेरी छीछालेदर शुरू हो गयी ।
फ़जीहत से बचने के लिये मैने दमदार तर्क देना शुरू किया - दोस्तो लोकपाल का गधे की हड्डी और कुत्ते की दुम से बड़ा गहरा संबध है और तंत्र मंत्र आज भी जारी है । देखो जब भी कोई अपराधी गिरफ़्त मे आता है तो सबसे पहले तंत्र का इस्तेमाल करता है तंत्र याने शासन तंत्र तक अपनी पूरी पहुंच लगाकर छूटने की कोशिश करता है । इसमे असफ़ल होले पर वह मंत्र का इस्तेमाल करता है और आज की तारीख मे सबसे शक्तिशाली मंत्र लक्ष्मी मंत्र है । आम तौर पर इस मंत्र के प्रभाव से कोई भी व्यक्ती नही बच सकता है । इसीलिये ये कहना तंत्र मंत्र आज भी जारी है गलत न होगा ।
दीपक बोल उठा यार गधे की हड्डी का क्या चक्कर होगा । मैने कहा जहां जिसकी हड्डी गड़ती है उसकी आत्मा वहीं मंडराने लगती होगी कि नही और आत्मा अपने शरीर पर होते अत्याचार को सहन नही कर सकती है । अब लोकपाल के दफ़्तर मे कुछ भी गलत होगा तो आत्मा गलती करने वाले को छोड़ेगी नही । सवाल आया पर गधे की हड्डी ही क्यों । मैने कहा प्यारे भारत मे गधा कौन है जवाब मिला आम आदमी मैने पूछा लोकपाल किस पर हुये अनाचार की जांच करेगा जवाब मिला आम आदमी के । मैने विजयी मुद्रा से चारो तरफ़ देखा कोई मेरी बात नही काट पा रहा था । तभी एक ने पूछा भाई ये कुत्ते की दुम वाली बात भी बता दो ।
मैने कहा कुत्ते की दुम क्या नही होती जवाब मिला सीधा नही होती मैने कहा और इस देश मे कौन सीधा नही हो सकता जवाब मिला नेता । तो मैने कहा जब तक देश मे ऐसे नेता रहेंगे लोकपाल का दफ़्तर भी आबाद रहेगा और गधे की हड्डी को भी काम मिलता रहेगा । फ़िर मैने दार्शनिक मुद्रा मे कहा यार तुम लोग तो एक से बढ़ कर एक थिंक टैंक हो सारा बात तो जानते ही थे खामखा मेरे मुह से झूठी सच्ची बाते बुलवाते हो । अब खुद को थिंक टैंक मानकर मित्र गण खुश हो गये और मै चैन से यूरिया वाली चाय पीने मे व्यस्त हो गया । जाते जाते मैने शर्मा जी से शाम को बार का प्रोग्राम फ़िक्स किया और सलाह दी यार शर्मा जी ये इंडिया टी वी देखना बंद करो कब तक मै आपको बचाता रहूंगा ।
बहुत ही सुन्दर ..... मैं भी इन्डिया टी वी नहीं देखता.
ReplyDeleteक्या ये कमेंट अन्ना हजारे के समर्थकों के लिए भी है जो आज अन्ना हजारे के लिए नंगे पाव तपती धूप में सड़क पर खड़े होने को तैयार है।
ReplyDeleteमनोज जी के सवाल को आगे बढाते हुए मेरा भी एक सवाल है कि आपका यह हास्य व्यंग्य क्या अन्ना हजारे जी के जन -आंदोलन पर है,जिसका लगातार विस्तार होता जा रहा है ? भ्रष्टाचार की गम्भीर राष्ट्रीय समस्या पर अगर कहीं जनता के आक्रोश की अभिव्यक्ति हो रही है ,तो उसे हँसी-मजाक का विषय बनाने पर आखिर फायदा किसे पहुंचेगा ?
ReplyDeleteभ्रष्ट्राचार पर लगाम लगाना बहुत ही कठिन है....
ReplyDeleteचोर दूसरा कोई रास्ता ढूंढ़ लेंगे.......
bahut khub likhe ho...................!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर .....
ReplyDeleteअच्छा व्यंग्य है…
ReplyDeleteअन्ना हजारे अगर सचमुच कुछ करना चाहता है, तो तंत्र का हिस्सा क्यों नहीं बनता । बहुत बढ़िया लिखा है साहब ।
ReplyDeleteaaj aana hajare ka naam bhi nahi kisi bhi News channel par....ye hi hai bharat ki raajniti aur kabhi na seedhe hone waali dum...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और सटीक व्यंग्य लिखा है आपने।
ReplyDeleteअनर्गल टिप्पणियाँ हटा दी जाएगी
ReplyDeleteअब जो टिप्पड़ियां आई है शायद आपको पसंद आई इसीलिए चिपकी हुई हैं
आपने जबाब भी नहीं दिया ब्लॉग लेखन की प्रक्रिया में जबाब देना जरूरी है
क्योकि ये आपका व्यक्तिगत पन्ना है
वैसे तंत्र मंत्र पर आपके विचार और बीच का रास्ता खोजने की कोशिश अच्छी लगी
अब कुत्ते की दम तो सीधी होने से रही