अरे साहब क्या जमाना आ गया है, कोई भी मुंह उठा के कुछ भी कह देता है। और ये तथाकथित बुद्धीजीवी इनको हिंदु पौराणिक पात्र ही मिलते है, बदनाम करने को। अरे भाई जरा मुसलमान या इसाई पौराणिक पात्रो को ऐसे बदनाम कर के तो बताओ, तब जाने कि धर्म निरपेक्ष हो। भूषणवा का हिम्मत कैसे हुआ इस मन्नू का शिखंडी से तुलना करने का। अरे कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली। और ये भाजपा वाले भी अईसे बड़े हितैषी बनते है हिंदुओ के। पर इस अपमान पर चोंच नही खुल रहा है। प्रवक्ता रूढ़ी बाबू कह रहे थे कि पद का सम्मान करन चाहिये, शिखंडी नही कहना चाहिये। अरे स्वयंभू हिंदु रक्षको काहे नही धर्म ग्रंथ पढ़ते। पढ़े होते तो जान जाते। कितना तप करने के बाद वो राजधर्म की रक्षा के लिये और अपने अपमान का बदला लेने के लिये शिखंडी के रूप में जन्मे थे। और इ ससुर मन्नू तो जिंदगी ऐश किया बड़े बड़े पदो में और फ़ोकट प्रधानमंत्री बन गया। और ये तो राजअधर्म की रक्षा के लिये बनाया गया है। दोनो की तुलना हो कैसे सकती है।
और देखिये शिखंडी जी महाभारत का युद्ध लड़े थे कि नही पूरा वीरता से। भीष्म जी को दिव्यज्ञान से पता था कि वो पिछले जन्म में महिला थे, इसलिये शस्त्र नही उठाये। बाकी लोग तो लड़िये रहे थे शिखंडी जी से। उनका गिनती भी युद्ध के महारथियो में आता था। और इ मन्नू कौन युद्ध लड़ के आया है रे भाई। मुंह छुपा के पिछला गेट से राज्यसभा सांसद बना दिये है। एक बार लड़ने भी गया था चुनाव समर में, चारो खाने चित्त होकर लौटा। अब आ जाईये इ भ्रष्टाचार का बात में। जिसके लिये शिखंडी जी के नाम का प्रयोग किये हैं। अमा मन्नू कहाँ से शिखंडी जी हो गया? .यहाँ पर मान भी लिया जाये कि भूषनवा लोकतंत्र को भीष्म बता कर मन्नू को शिखंडी जी करार दे रहे हैं। पर महाभारत काल में नारी पर शास्त्र न उठाने का प्रचलन था। ,इसी वजह से अर्जुन जी ने शिखंडी जी के पीछे छुप कर निशाना लगाया था। पर यहाँ तो तस्वीर ही उलटी है..मन्नू जी के कांधे पर रख कर बन्दूक चलने वाली ही महिला बोले तो भारत की प्रधान मम्मी हैं। हुई न स्थिति बिलकुल उलट...तो फिर शिखंडीजी जैसे पूज्यनीय पौराणिक पात्र की तुलना मन्नू जैसे से करने की हिम्मत कैसे हुई। भूषणवा ने माफ़ी न मांगी तो ठीक न होगा, हम कहे देते हैं। फ़िर न कहना कि दवे जी कहे नही थे।
अब आ जाईये हिंदु धर्म के स्वयंभू ठेकेदार संघ पर। काहे भाई, दिन भर बैठ कर इहां उहां का फ़र्जी क्लेम करते रहते हो। कि हिंदु लोग इतना हजार साल पहले बैटरी खोज लिये थे, बिजली खोज लिये थे। और ये खोजा खोजाया सत्यापित चीज नजर नहीं आ रहा है। कि हम हिंदुओ को दहेज में मिला हुआ खजाना जान लिये हो। कि जहां मर्जी होगा वही हल्ला मचाओगे, फ़लां मदिर का घंटा बजाने नही दे रहे। ढिकां जगह लव जेहाद हो रहा है। और यहां महाभारत के इतने महान शिखंडी जी का अपमान हो गया। हिंदुओ की आत्मा फ़ूट फ़ूट कर रो रही है। तो मुंह से बोले नही फ़ूट रहा है। आप लोगो को भी हम चेताये दे रहे है। राम के नाम से आनंद उठाते उठाते चर्बी चढ़ गया दिखता है। एक सप्ताह के अंदर इस मामला में भारत बंद नही किये। उ भूषणवा का पुतला नही जलाये। तो जान लेना कि हम नया राष्ट्रीय हिंदुरक्षक दल ( दवेवादी) बना लेंगे। फ़ेर न कहना कि दवे जी बेरोजगार कर दिये और चेताये भी नही थे।
और बुद्धीजीवियो, पत्रकारों तुम लोग भी कान खोल कर सुन लो। मन्नू को पाखंडी कहो, कोयला चोर कहो, चमचा कहो, बेशरम कहो तब तक त ठीक है। लेकिन हमारा महा पुरूषो\ स्त्रियों को बदनाम करोगे तो अईसा धुलाई करेंगे सारा बुद्धी भुला जायेगा। जनता के दिल का बात बताने के लिये एक शेर और कहे देते हैं उससे समझ लेना, वैसे तो समझे हुये हो, पढ़े लिखे हो, फ़ेर भी चेता दे रहे हैं। नही तो कहोगे कि दवे जी एलर्ट नही किये थे। सुनो और बिना हुज्जत किये गांठ बांध लेना
तुम जनता को न चाहो त कोई बात नही
भ्रष्टाचारियों को चाहोगे, तो दिक्कत होगा
हिन्दुओं के लिये तो कुछ भी कहना बहुत आसान है, आदमी तभी सच्चा धर्मनिरपेक्ष बनता है जब हिन्दुओं के देवी-देवताओं पर चुटकुले बनाये, उन्हें पूरा जातिवादी बताये, तमाम के तमाम अवगुण बताये. एक बार सामने वाले के बारे मे सच्चाई लिखकर देखिये, आनन्द आ जायेगा.
ReplyDeleteबहुत उम्दा करारा चपेटा है भतीजे, जरा देखना उनके रुखसार की हालत क्या है? :))
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - कहीं छुट्टियाँ ... छुट्टी न कर दें ... ज़रा गौर करें - ब्लॉग बुलेटिन
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