Monday, January 30, 2012

माई लार्ड, ये कालू गरीब खेतो में हगने न जाये

 इतिहास में आज तक ऐसा मुकदमा भारत में नही हुआ था। आरोप यह था कि कालू गरीब और इसके जैसे करोड़ो गरीब खुले में शौच करते है,  इस से बीमारिया फ़ैलती है, महिलाओ की इज्जत पर खतरा रहता है।  अतः यह अदालत आदेश पारित कर खेतो में हगने पर प्रतिबंध लगाया जाये और पकड़े जाने पर जुर्माने की रकम तय हो। कालू गरीब के वकील बाबा रामदेव बोले - "माई लार्ड, यह सरकार सदियो से  स्वदेशी तरीके से मल त्याग करते आदमी के मौलिक अधिकारो का हनन कर विदेशी तरीको से मल त्याग करने पर मजबूर कर रही है।यह भ्रष्ट सरकार मुफ़्त शौचालय योजना में भ्रष्टाचार कर धन कमायेगी। वही दूसरी ओर इन गरीबो पर जुर्माना लगा पैसा कमायेगी। सरकार इसके बजाये अगर देश का लूटा हुआ चार सौ लाख करोड़ रूपये वापस लाने में ध्यान दे।  फ़िर यह कालू और इसके जैसे एक सौ इक्कीस करॊड़ भारतीय मन चाहा टायलेट बनवा उसमे जाये या खेतो में जाये उनकी मर्जी।"

सरकारी वकील दवे जी याने की हम थे, हमने कहा - माई लार्ड बाबा रामदेव मूल मुद्दे को भटका कर कही और ले जा रहे है। मुख्य बात तो महिलाओ की इज्जत की है। खुले मे शौच जाना उनकी सुरक्षा के लिये ठीक नही।
बाबा रामदेव बोले - "माई लार्ड, महिलाओ पर जितने अपराध गावो में होते है। उससे कई गुना शहरो मे होते है। जबकी वहां तो लोग अपने घरो में ही मल त्याग करते हैं।"

हमने कहा- " माई लार्ड, इस बात को तो बाबा ने सफ़ाई से घुमा दिया, पर क्या वे स्वीकार नही करेंगे कि मल मूत्र से खुले स्थान पर त्याग करने से बीमारिया फ़ैलती है। बाबा रामदेव बोले -" सरकार जो शौचालय बना कर देती है। उसका सामान तो सीधे घर के बाहर की नाली मे गिरता है। क्या  मनुष्य उससे बीमार नही होगा।  माई लार्ड धरती में मलत्यागासन लगा कर त्यागने से अतड़िया पूरी तरह साफ़ हो जाती है। शौच से पहले चलने और बाद में फ़िर घर लौटते वक्त चलने से बीमारिया मनुष्य से दूर रहती है। और यह भ्रष्ट सरकार आदमी की प्राकृतिक दिनचर्या को बिगाड़ कर उसे बीमार बनाना चाहती है। ताकि विदेशी मुनाफ़ाखोर दवाई कंपनिया अपनी दवाईया बेच अरबो रूपये मुनाफ़ा कमा ले।"



हमने कहा- "माई लार्ड, बचाव के काबिल वकील इस बात को सफ़ाई से भूल गये कि खुले में शौच जाने वाला  जलाशय मे ही साफ़ सफ़ाई करता है जिससे पानी प्रदूषित होता है।  " बाबा रामदेव उठ खड़े हुये - "माई लार्ड,लगता है काबिल वकील साहब अमूल बेबी उर्फ़ राहुल बाबा की तरह कभी गांव नही गये और उन्होने डब्बा लेकर दिशा मैदान जाता हुआ आदमी नही देखा। इनकी सरकार इतनी विद्वान है कि कहती है तालाबो में पशु मत नहलाओ पानी गंदा होता है। फ़िर इनका मछली पालन अधिकारी आकर समझाता है कि प्रति एकड़ तालाब मे पशु गोबर पचास किलो मिलाओ तो मछली की पैदावार डेढ़ गुना बढ़ जाती है। याने डीजल जला ट्रक्टर में ला पशु गोबर मिलाने से मछली बढ़ेगी और पशु यदि जल में सीधा कर दे तो पानी गंदा हो जायेगा।"



फ़िर बाबा रामदेव ने विजयी मुस्कान बिखेरी और सीना चौड़ा कर बोले - "माई लार्ड ये इंसानी मल जो है वो पीला सोना है सोना। माई लार्ड ये पेड़ पौधे जो भी देते है, वो हमारा भोजन है। और हम जो भी त्यागते है वो पेड़ पौधो का भोजन है। मूत्र से उनको नाईट्रोजन मिलता है, मल तो सीधा खाद है ही। इंसान घर में मल त्यागे, फ़िर इस सरकार के आगे रसायनिक उर्वरक के लिये गिड़गिड़ाये। और विदेशी कंपनिया नेता अफ़सर ठेकेदार उसमे मुनाफ़ा कमाये। वाह रे भ्रष्ट सरकार, स्वदेशी छोड़ अपना घर बेच विदेशी माल के लिये लालायित रहती है।
जज ने जलती हुयी आखो से  घूरा कर बोले - "सरकारी वकील साहब कोर्ट का समय खराब न करें। मै केस खारिज करता हूं। बेकार की बहस की तो अदालत की अवमानना का मामला बना दूंगा।"

हमने गंभीरता से खड़े होकर कहा - " माई लार्ड आपको फ़ैसला सुनाने से पहले भारतीय संविधान की मूल भावना याने समानता का अधिकार को ध्यान में रखना होगा। माई लार्ड ये जो कालू गरीब है। यह केवल पिछड़े दलितो और आदिवासियो मुसलमानो में पाया जाता है। हम मानते है कि इंसानी मल पीला सोना है। इस पीले सोने का लाभ समाज के सभी वर्गो को बराबरी से मिलना चाहिये। इसलिये पीले सोने को डाईरेक्ट खेतो में गिराने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।

होता यह है माई लार्ड कि गाव से लगे सभी खेत स्वर्णो और अगड़ी जातियो के होते है। दलितो,पिछड़ो,मुसलमानो के खेत दूर दूर स्थित हैं। और माई लार्ड गांव वाले सुबह जल्दी काम पर जाने के चक्कर मे गाव से लगे खेतो में ही निपट लेते है। इस तरह गरीब, दलित, पिछड़ो, अल्पसंख्यको को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। इसलिये अब इस पीले सोने को गांव के एक बड़े सेप्टिक टैंक मे जमा कर। उसमे से पचास प्रतिशत आरक्षित पीला सोना गरीब दलित पिछड़ो अल्पसंख्यको के खेतो में डलवाया जायेगा। इस लिये आपसे अनुरोध है कि बाबा रामदेव की जनहित याचिका को खारिज कर कालू गरीब के खुले मे पीला सोना टपकाने पर प्रतिबंध लगा दीजिये। "

न्यायाधीश ने फ़ैसला दिया -" यह अदालत सारी दलीलो और बयानो को मद्देनजर रखते हुये इस नतीजे पर पहुंची है कि सरकार की योजना और निर्णय संविधान सम्मत है। लेकिन यह अदालत यह भी फ़ैसला सुनाती है कि कालू गरीब चूकी अब पीला सोना टपकाने के दौरान हो रहे श्रम से वंचित हो जायेगा। इसलिये वह बाबा रामदेव से इसकी भरपायी के लिये अनुलोम विलोम और कपाल भांती सीख प्रतिदिन घर पर करे। और सरकार को यह सख्त ताकीद करती है यह पीला सोना किसी भी कीमत पर देश के बाहर न भेजा जाये।"

Friday, January 13, 2012

सम्मोहन भागवत - " हमारा बाप चोर है"

साहब हम नुक्कड़ पर टैटू बनाने की मशीन लेकर खड़े थे कि तभी  संघ के बड़े कार्यकर्ता सम्मोहन भागवत जी दिखे,  हमने आवाज देकर बुला लिया। उनके आते ही हमने कहा - "भागवत जी,  जरा हाथ दिखाईये कुछ लिखना है।" भागवत जी बोले -" क्या लिखोगे दवे जी।"  हमने कहा -" हम संघ के हर कार्यकर्ता के हाथ में ’हमारा बाप चोर है’  लिख रहे है।"  भागवत जी भड़क गये- "आपका दिमाग खराब तो नही हो गया; कुछ भी अंटशंट कह रहे हो। " हमने कहा-  "भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी है कि नही; और कल ही आप लोग उनको गाली बक रहे थे कि उस चोर के कारण देश का बटवारा हो गया। सो ’हमारा बाप चोर है’, लिखवाने में क्या आपत्ति।  भागवत जी  फ़िर भड़क गये - "कौन कहता है वो राष्ट्र पिता है, हम नही मानते।"

हमने कहा - " चलिये हम आपके हाथ में ’हमारा बाप कोई और है’ लिख देते हैं।"  भागवत जी बोले- " भाड़ में गया आपका टैटू , महात्मा गांधी ने मां भारती को खंड खंड करवा दिया। उसको राष्ट्रपिता बना दिये ये कांग्रेसी लोग।  इस गांधी ने सत्ता नेहरू को सौपने के लिये बटवारा करवाया, वही नेहरू जिसका दादा मुसलमान था  नहर के किनारे रहता था और नाम बदल कर नेहरू कर लिया था।"  हमने कहा- " ऐसे इल्जाम तो कोई भी लगा सकता है, आपको ही ले लो कोई कह दे आपका दादा मुसलमान था भांग की  दुकान के बाजू रहता था नाम बदल भांगवत रख लिया जो धीरे धीरे भागवत हो गया।  भाजपा के महान नेता श्रद्धेय आडवानी जी को कह दे कि अंडा दुकान के बाजू का होने के कारण आडवानी रख लिया।"


भागवत जी बोले- "मां भारती के टुकड़े  किये की नही, पाकिस्तान मुसलमानो को दिया कि नही।" हमने कहा -" मां भारती तो हजारो टुकड़ो में बटी हुयी थी, हर टुकड़ा अलग राज्य था भाई। गांधी जी ने ही तो घूम घूम इस देश को स्वाधीनता के सूत्र में पिरोया था।  हिंदू मुसलमान भाई भाई का नारा दिया, दलित उद्धार के लिये कार्यक्रम चलाया।  फ़ूट डालो राज करो की नीती के कारण बटा हुआ भारत एक हुआ और अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ा।

देश को बटवाया तो जिन्ना ने,  वैसे हम लोगो को तो जिन्ना की मूर्ती लगानी चाहिये हर गली चौराहे में। भागवत जी फ़िर भड़क गये-  उस देश द्रोही की मूर्ती लगाये जिसने मां भारती के टुकड़े टुकड़े करवा दिये? हमने कहा हां भाई उस पुण्यात्मा के कारण ही तो हम आज पाकिस्तान जैसी मुसीबत से बचे हुये हैं। देख नही रहे वहा का हाल मस्जिदो  दरगाहो पर आत्मघाती हमले हो रहे है और हमारे यहा कितनी शांती है विकास है। हम तो कहते है कि बटवारा हुआ उसमे ही भलाई,  श्रद्धेय आडवानी जी भी यह बात समझ चुके थे। वे भी जिन्ना को महान आदमी बता आये थे लेकिन करे क्या हमारे देश के लोग समझते कहा है। और समझना भी चाहे तो कुछ लोग समझने नही देते उल्टे और बड़ा वाला हिदु राष्ट्र का नकशा बना देते हैं। इरान से लेकर इंडोनेशिया तक जनता भी नही गिनते कि इतना बड़ा वाला हिदु राष्ट्र बन जायेगा हिंदु ही अल्पसंख्यक बन जायेंगे। वैसे आज कल अल्पसंख्यक होना इतना बुरा भी नही है कांग्रेस आरक्षण देने वाली है नौ परसेन्ट।

भागवत जी बोले- "चलो आपका यह तर्क भी मान लिया जाये लेकिन जब मुसलमानो को अलग राष्ट्र दे दिया गया तो मुसलमानो को हिंदुस्तान से भगाया क्यो नही क्यो आज भी हमारी छाती पर मूंग दल रहे हैं।" हमने उनकी याददाश्त को ठीक करने की कोशिश की कहा - "भाई बटवारा हिंदु मुस्लिम आधार पर नही हुआ था बटवारा हिंदु बहुल और मुस्लिम बहुल क्षेत्रो के आधार पर हुआ था और जैसे हिंदुस्तान में मुसलमान रह रहे है वैसे ही पाकिस्तान और बंग्लादेश में भी करोड़ो हिंदु रह रहे है। जिन्ना ने पाकिस्तान के संविधान को धर्मनिरपेक्ष बनाया था इस्लामिक राष्ट्र नही।


खैर साहब सम्मोहन भागवत जी  हमारी बात नही माने, बिना कुछ कहे तमतमाते चले गये। लेकिन अगले दिन हमको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वालो ने घेर लिया बोले -  "क्यो तू संघियो के हाथ मे ’हमारा बाप चोर है’ लिखते घूम रहा है।" हमने कहा - "पर वो आप लोगो पर थोड़ी कहा भाई।  भारत में तो लाखो संघ है,  रिक्शा चालक संघ, हमाल संघ, व्यापारी संघ और आप लोग तो गांधी जी की बहुत इज्जत करते हो, गोड़से से आपका कोई लेना देना नही था। आपके बाबा रामदेव पर हमला हुआ तो  भाजपा ने तो राज घाट पर ही धरना दिया था और उत्साह बढ़ाने के लिये ’ये देश है वीर जवानो का  गाना  भी गाया था।"

हमारे लाख सफ़ाई देने पर भी जब भाई लोग नही माने  तो हम भी भड़क गये, कहा - " अरे गरीब लेखक मिल गया तो पीटने आ गये, क्यों नही पीटते अपने दुश्मन नंबर वन दिग्विजय सिंग को । आपके बाबा को ठग कहता है और आप लोगो को आतंकवादी। और तो और बाटला हाउस इनकाउंटर को  भी फ़र्जी बता रहा है जबकि उस समय दिल्ली मे भी कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र मे भी।" फ़िर हमने उनके नेता को धीरे से कान में कहा - "गुरू पते की बात यह है कि दिग्विजय सिंग आधे घंटे बाद नुक्कड़ से गुजरने वाला है।" भाई लोग फ़िर भी उलझन में थे। हमने कहा - " इस बार अकेले है न कमांडो साथ में है न समर्थक। हमको पता है पिछली बार इनके साथ था तो उज्जैन में आप लोगो को ही पीट गया था।  आपको फ़िर पिटने थोड़े न भेजेंगे।"

खैर साहब इस बार तो लारी लप्पा देकर बच गये और इस देश में ऐसे मुद्दो पर कुछ बोलना ही बेकार है। लेकिन करे क्या, जब कोई हम लोगो के बापू को कोसता है तो थोड़ा दिल में दर्दे डिस्को होने लगता है। भाई ’गांधी’ सरनेम से दिक्कत है तो फ़िरोज गांधी की तरह खुद लगा लो। लालकॄष्ण गांधी सुनने मे फ़िट भी बैठता है और नही तो इंपोर्टेड वरूण गांधी तो हैइये है इनके पास। खामखा मृतात्मा को कोस कर हिंदु धर्म की फ़जीहत करते हैं।

Thursday, January 5, 2012

ज्योतिषाचार्य दवे जी और कुंवारे की कुंडली

साहबान, जब सौ लेख लिखने के बाद भी दवे जी याने हमको फ़ूटी कौंड़ी न मिली। तो हमने सोचा,  जब फ़ेंकना ही है तो क्यो न ज्योतिष बन जाये। जजमानो को यहां वहां की फ़ेकेंगे,  कम से कम पचास सौ तो मिल ही जायेगा। यही सोच हमने ज्योतिषाचार्य दवेजी का बोर्ड लगाया और जम गये। एक शादी योग्य कुंवारा  हमारे पास आया, अपनी कुंडली थमाई। हमने पूरे मनोयोग से कुंडली को पढ़ने के बाद फ़रमाया - "वाह जनाब, आप तो बड़े दयालु हृदय के  हैं,  जब तक आपको भड़काया न जाये कभी क्रोध नही करते। जबान के बड़े पक्के आदमी है,  बेईमानी तो आपसे कोसो दूर है।" अब कुंवारा क्या मना करता,  ऐसी बाते सुन कर अपना ए. राजा( वही 2G वाला) भी सर हिलाता, कह्ता- "वाह महाराज आप तो सब जान लेते हैं।" खैर प्रसन्न चित्त लड़के ने कहा-  " सही कहा महाराज, मुझे यह बताईये कि मेरी होने वाली पत्नी देखने मे कैसी होगी।" हमने कुंडली देखी और आंखे बंद की  और कहने लगे -" घनी,  काली,  लंबी,  नर्म जुल्फ़े होंगी। धनुषाकार भौहे, कैटरीना कैफ़ टाईप पलकें,  बड़ी बड़ी नशीली आंखे,  सुंदर रसीले होंठ, होठो को उपर काला तिल,  झिममिल करते दांत। जब वो हसेंगी तो गालो में कातिल गढढे पड़ जायेंगे,  खूबसूरत लंबी ग्रीवा होगी, गोरे सुगठित कंधे होंगे। बाये कंधे पर भी काला तिल होगा........" हमारे यहां तक पहुंचते ही कुंवारा  उछल कर हमारे पास आ गया,  हमे झिंझोड़ते हुये बोला - "बस बस महाराज बाकी शादी के बाद हम खुद ही देख लेंगे कैसी दिखती है।" हमने कहा-  "मियां मोटी होगी या पतली उतना तो देख लेने दो।" कुंवारे ने सर हिलाया- "नही महाराज इतनी सुंदर है फ़िर मोटी हो या पतली हम चला लेंगे।"

कुंवारा आगे सकुचाते हुये बोला - "महाराज हमको  फ़्रेश मिलेगी कि नही।" हमने कहा-  "भाई  दो गली छोड़ कर मेन रोड मिलेगी, वहां रिलायंस फ़्रेश की सब्जी दुकान है जो चाहो फ़्रेश मिल जायेगा लौकी, परवल, कुंदरू।"  कुंवारा बोल पड़ा - "महाराज हम होने वाली पत्नी के बारे मे पूछ रहे हैं।" हमने कहा- "मिया आदमी हो या औरत फ़्रेश तो हर दिन होना पड़ता है।" कुंवारा अब तक झुंझला चुका था बोला - "महाराज बड़े घनचक्कर हो, सीधी बात नही समझते। हम कह रहे हैं कि क्या हमे पत्नी ऐसी मिलेगी जिसका किसी से चक्कर न रहा हो।" हमने कहा- " यार कौन से युग मे रहते हो, शादी के पहले क्या हुआ था इस चक्कर में पड़ोगे कि शादी के बाद क्या होगा इस चक्कर में। वह पूछॊ कि महाराज मेरी पत्नी मुझ से प्यार करेगी या नही,  लगे हो दाये बाये के सवाल पूछने। अरे यहा तो लड़की किसी दो मीठी बात कर भी ले तो लोग उसके बारे मे अफ़वाहे उड़ाने लगते है सो इन सब चक्करो मे पड़ोगे मियां तो शादी और जिंदगी बरबाद। वैसे आपकी कुंडली मे आपसे बहुत प्यार करने वाली पत्नी का योग है भाई।


कुंवारा प्रसन्न हो गया उसने आगे पूछा-  "महाराज ये बताईये मेरी पत्नी शादी के बाद खुश रहेगी या नही।" हमने कहा - "हां भाई राज करेगी राज आपके जैसे अच्छे इंसान की पत्नी का राज करना तो तय है ही भाई। कहो तो शादी के बीस साल बाद आपकी पत्नी कैसी दिखेगी बता दूं।"  कुंवारे ने जोर से इनकार में सिर हिलाया - " नही महाराज आपकी नजर बड़ी तेज है, आपने इतना बता दिया वही बहुत है।" इतना कह कुंवारे ने प्रसन्न हो हमे पांच सौ का नोट दिया। पचास के बदले पांच सौ पा हम जरा ग्राहक भक्ती में फ़ंस गये,  कहा - "भाई शादी के बीस साल बाद आप कैसे दिखोगे यह तो जान लो।" कुंवारा प्रसन्न होकर  बोला -"बताईये महाराज, हम तो पूछना भूळ ही गये।"

हमने आंखे बंद कर कहा - " मिया आप गंजे हो चुके होगे, कमर तेढ़ी हो चुकी होगी,  आपके बाजू में आपके दो बच्चे आपस में लड़ते नजर आ रहे हैं।  पीछे से पत्नी की गरजती बरसती आवाज आ रही है कि जल्दी से आप बरतन मांजिये, अभी झाड़ू पोछा भी करना बाकी है। फ़िर मुझसे ही कहेंगे कि तुम्हारे कारण आफ़िस जाने में देर हो जाती है।" कुंवारा थोड़ा सकपकाया, बोला - " महाराज आगे पीछे डेट कर के देखिये हो सकता है उस दिन पत्नी की तबीयत ठीक न हो।" हमने रिवाईंड और फ़ारवर्ड कर भी बता दिया, हाल वही था। बेचारा दिन रात पत्नी की सेवा मे पस्त था।" कुंवारा उदास हो गया- "किस मनहूस घड़ी में जन्म हुआ है महाराज, जो ऐसी खतरनाक बीबी मिली है।" हमने कहा- "भाई ये तो कोई दुखी होने वाली बात नही है, अंग्रेजी में कहावत है - "When it happens to all,  it happens to none"   जो भी शादी करेगा उसका अंजाम तो यही होना तय है।  कुंवारे ने सवाल दागा- "फ़िर लोग शादी ही क्यों करते हैं।" हमने कहा -"मियां जिसके भी घर के सामने घोड़ी सजती दिखे, तुरंत जान जाओ अंदर गधा सज रहा है।" कुंवारे के तर्क खत्म न हुये थे बोला -" फ़िर मां बाप अपने लड़के को ऐसी तकलीफ़ मे क्यो डालते है।" हमने कहा - "भाई, मूलधन से ब्याज प्यारा होता है, मां बाप को तो वंश आगे बढ़ाना होता है। अब गधे को ही ले लो, मां बाप मालूम ही होता है कि जिंदगी भर बोझा उठाना है पर फ़िर भी पैदा करते है कि नही।"


कुंवारा तन कर खड़ा हो गया, हमारे पैर छूकर बोला- "महाराज भला हुआ कि आपसे मिल लिया। वरना जिंदगी भर चाकरी करनी होती। अब मैं इस चक्कर मे नही पड़ूंगा।" कुंवारे के जाने बाद,  हम पांच सौ रूपये अपनी मालकिन याने श्रीमती को देने घर पहुंचे ही थे कि अघट घट गया। कुंवारे के मां बाप हमको पीटने घर पहुंच गये। श्रीमती के बीच बचाव करने पर कारण बताया कि आपके पती कुंवारे लड़को को भड़का रहे है कि शादी करने से जीवन खराब होता है कुंवारे रहो। कुंवारे की मां ने तो श्रीमती पर ही ताना जड़ दिया कि जरूर ये अपने पती पर इतना अत्याचार करती होगी कि पती दूसरों को शादी न करने की सलाह दे रहा है। खैर साहब कुंवारे के मां बाप तो खरी खोटी सुनाकर चले गये। पर उसके बाद हमारी श्रीमती ने हमारा क्या हश्र किया होगा, ये तो आप अनुमान लगा ही सकते हैं। खैर साहब हमारी ज्योतिष की दुकान तो उसी दिन बंद करा दी गयी कोई दूसरा अच्छा काम बताईयेगा जिसमे किसी कुंवारे से हमारा पाला न पड़े।

Sunday, January 1, 2012

बाबा रामदेव को सत्ता सुंदरी का विरह वेदना पत्र

प्यारे बाबा

जब से आप रामलीला मैदान में,  मंच से कूद सलवार पहन कर जान बचा कर भागे हो। तब से आपके इंतजार में मेरी रातो की नींद खो गयी है। ये मुई मीडिया भी आपके बारे में कुछ बताती ही नही और आपको देखे बिना मुझे चैन आता नही।  आपके चेले चपाटी तो मीडिया को बिकाउ भांड और दिग्गी को डागी कह अपनी भड़ास निकाल ही लेते है। लेकिन मैं अबला,  बेबस कांग्रेस के शोषण से त्रस्त और मंत्रियो की लूट खसोट से पस्त,  कर ही क्या सकती हूं। खाली आपकी वह फ़ोटू देख मन बहला लेती हूं जिसमे आपके चरणो में पांच पांच मंत्री दंडवत लोट रहे थे


आप मेरी वेदना के बारे मे क्या जानो, कसम से कहती हूं।  नेहरू जी से लेकर अटल जी तक अनेक राजनेताओं का साथ मुझे मिला है। यहा तक की मनमोहन जैसे  विश्व बैंक के बाबू को भी प्राप्त हो चुकी हूं। पर किसी बाबा के आलिंगन मे होने का टेस्ट कैसा होगा यही सोच सोच मेरा मन और विचलित हो जाता है। सोचिये तो कैसा अद्भुत दृष्य होगा,  कैबिनेट  की बैठक  अनुलोम विलोम से शुरू होगी।  कपालभांति कर,  कपाल से सारी बेईमानी को दूर कर चुके अफ़सर तन, मन और विदेशो से लौटे कालेधन के साथ देश की सेवा में लगे होंगे। आपके ट्रेनिंग कैंप से शस्त्र संचालन सीख चुकी और चरित्र निर्माण कर चुकी सेना सीमाओ में  देश के दुश्मनो को शीर्षासन करवा रही होगी।  गृह मंत्री स्वामी चिमटानंद होंगे जिनके मंत्रो और चिमटो के प्रहार से माओवादी से लेकर आतंकवादी तक त्राही त्राही कर उठेंगे। गह राज्यमंत्री असीमानंद तो आतंकवादियो के बिलो मे बम धमाका करवा के उनको खत्म कर ही देंगे।

वित्त मंत्री तो खैर आप ही होंगे,  सारे टैक्स हटाकर केवल दो % बाबा रामू ट्रांसैक्शन टैक्स लगेगा।  प्रमाणिकता के साथ देश मे महंगाई को दूर भगा राम राज्य की स्थापना होगी।  स्वास्थ मंत्री बाबा बालकॄष्ण,  अपनी आयुर्वेदिक पुड़िया और गोलियों की बदौलत,  देश से बिमारियां और लुटेरी विदेशी दवाई कंपनियो को  देश से दूर भगा रहे होंगे और सारे एलोपेथिक डाक्टर कंपाउंडरी कर घर चला रहे होंगे। महिला विकास मंत्री बाबा की प्यारी बहन,  साध्वी रितंभरा अपने ओजस्वी भाषणो से महिलाओ में जोश भर कर उन्हे रानी लक्ष्मी बाई बना रही होगी और बेचारे  भयभीत पतियो को बीते दिनो की याद आ रही होगी। विदेश मंत्रालय तो खैर इस्कान वाले संभाल ही लेंगे और दुखियारो का दर्द सामाजिक कल्याण मंत्री निर्मल बाबा हर लेंगे।  उनकी किरपा चहुं ओर फ़ैलेगी और उनका समागम अटेंड करने वाले या अपनी आय का दसवा हिस्सा उनको दसवंद के रूप में भेजने वालो की महिमा,  रतन टाटा और मुकेश अंबानी की कीर्ती हर लेगी।

प्यारे बाबा और क्या कहूं,  मेरी मां  भारती का फ़ोटू और देश भक्ति के नारे आप ले ही चुके हो। लेकिन फ़िर भी कुछ राय दे देती हूं,  कि मुझ तक पहुंचने की आपकी राह आसान हो जाये। फ़िल्हाल मैने आपको यह बताने के लिये पत्र लिखा है कि कांग्रेस की राहुल गांधी लोकपाल बिल गारंटी योजना ध्वस्त हो गई है और जनता नेताओ से त्रस्त हो चुकी है। प्यारे बाबा,  मैं सच कहती हूं कि अब अनशनियाने का स्वर्णिम मौका है। अन्ना भी लोकपाल छोड़,  परलोकपाल लाने में व्यस्त हो चुका है। और उनके मुंशी मैनेजरो का समूह फ़िल्हाल प्रमाणिकता खो चुका है।

आपके मैदान में आते ही, सारे देश की जनता आपके साथ हो लेगी। पर प्यारे बाबा मेरा दिल भी घबराता है कि आप पिछली गलतियां न दोहरा दें। सलवार आपको मैने अपनी निशानी के रूप मे दी थी और आप उसे पहन के भाग लिये। प्यारे बाबा, राजनैतिक अनशन में पुलिस आये तो गिरफ़्तारी देनी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट का कोई वकील साथ रख लेना कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ़्तार न कर सके और करने के बाद दिल्ली से बाहर न भेज सके। और आपको क्या कहूं खाली बूढ़े,  महिलाओ और बच्चो को अनशन मे मत बुलाना। न ही पूरे मोहल्ले को ले अनशनियाना और हां अन्ना से लंबे अनशन का फ़ार्मूला जरूर सीख आना। पिछली बार आप शहद लिंबू चाट कर भी पांच दिन भी नही टिक पाये थे। असली राज यह था कि आप तनाव में थे और सारा कार्यभार खुद संभाल रहे थे ऐसे शरीर की उर्जा जल्दी खत्म हो जाती है। वैसे भी भाजपा शासित राज्यो मे अनशन करने से कांग्रेस को फ़र्क नही पड़ता था। सो इस बार शांती से अनशन करना,  व्यव्स्था दूसरो को देखने देना और कम से कम बात करना ताकि अनशन लंबा खिंच सके।


प्यारे बाबा,  इन मीडिया वालो को कोसने भर से काम नही चलेगा।  कुछ सेटिंग गोटी भी फ़िट करनी होगी नही तो आप देख ही रहे हो चौसठ साल से संघ मीडिया हाय हाय कर रहा है, पर नतीजा ढाक के तीन पात ही है।  मै सच कहती हूं बाबा, कि आपकी फ़ौज के सेनापति आपको मुझ तक पहुंचाने से ज्यादा आपको और आपके समर्थको को पिटवाने में  आतुर है। ताकि देश में जनाक्रोश की लहर उठा खुद सत्ता पर सवार हो जाये। इसलिये प्यारे बाबा सेनापतियो का छटनी करके, अच्छे सलाहकार भर्ती कीजिये।  सीबीआई और बाकी जांच एजेंसियो से डरने की जरूरत नही है।  मेरे आगोश मे समाते ही आप आरोप प्रूफ़ हो जायेंगे और आपके दुश्मन तिहाड़ की हवा खायेंगे।


आपकी विरह वेदना मे व्याकुल

आपकी अपनी सत्ता सुंदरी

पुनःश्च-  प्यारे बाबा, जरा बयानबाजी से बचना हाल ही मे मैने एक सीरियल देखा था "तोल मोल के बोल" आप भी देखियेगा और बयानो के लिये आठ दस प्रवक्ता रख लीजियेगा।