Friday, January 13, 2012

सम्मोहन भागवत - " हमारा बाप चोर है"

साहब हम नुक्कड़ पर टैटू बनाने की मशीन लेकर खड़े थे कि तभी  संघ के बड़े कार्यकर्ता सम्मोहन भागवत जी दिखे,  हमने आवाज देकर बुला लिया। उनके आते ही हमने कहा - "भागवत जी,  जरा हाथ दिखाईये कुछ लिखना है।" भागवत जी बोले -" क्या लिखोगे दवे जी।"  हमने कहा -" हम संघ के हर कार्यकर्ता के हाथ में ’हमारा बाप चोर है’  लिख रहे है।"  भागवत जी भड़क गये- "आपका दिमाग खराब तो नही हो गया; कुछ भी अंटशंट कह रहे हो। " हमने कहा-  "भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी है कि नही; और कल ही आप लोग उनको गाली बक रहे थे कि उस चोर के कारण देश का बटवारा हो गया। सो ’हमारा बाप चोर है’, लिखवाने में क्या आपत्ति।  भागवत जी  फ़िर भड़क गये - "कौन कहता है वो राष्ट्र पिता है, हम नही मानते।"

हमने कहा - " चलिये हम आपके हाथ में ’हमारा बाप कोई और है’ लिख देते हैं।"  भागवत जी बोले- " भाड़ में गया आपका टैटू , महात्मा गांधी ने मां भारती को खंड खंड करवा दिया। उसको राष्ट्रपिता बना दिये ये कांग्रेसी लोग।  इस गांधी ने सत्ता नेहरू को सौपने के लिये बटवारा करवाया, वही नेहरू जिसका दादा मुसलमान था  नहर के किनारे रहता था और नाम बदल कर नेहरू कर लिया था।"  हमने कहा- " ऐसे इल्जाम तो कोई भी लगा सकता है, आपको ही ले लो कोई कह दे आपका दादा मुसलमान था भांग की  दुकान के बाजू रहता था नाम बदल भांगवत रख लिया जो धीरे धीरे भागवत हो गया।  भाजपा के महान नेता श्रद्धेय आडवानी जी को कह दे कि अंडा दुकान के बाजू का होने के कारण आडवानी रख लिया।"


भागवत जी बोले- "मां भारती के टुकड़े  किये की नही, पाकिस्तान मुसलमानो को दिया कि नही।" हमने कहा -" मां भारती तो हजारो टुकड़ो में बटी हुयी थी, हर टुकड़ा अलग राज्य था भाई। गांधी जी ने ही तो घूम घूम इस देश को स्वाधीनता के सूत्र में पिरोया था।  हिंदू मुसलमान भाई भाई का नारा दिया, दलित उद्धार के लिये कार्यक्रम चलाया।  फ़ूट डालो राज करो की नीती के कारण बटा हुआ भारत एक हुआ और अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ा।

देश को बटवाया तो जिन्ना ने,  वैसे हम लोगो को तो जिन्ना की मूर्ती लगानी चाहिये हर गली चौराहे में। भागवत जी फ़िर भड़क गये-  उस देश द्रोही की मूर्ती लगाये जिसने मां भारती के टुकड़े टुकड़े करवा दिये? हमने कहा हां भाई उस पुण्यात्मा के कारण ही तो हम आज पाकिस्तान जैसी मुसीबत से बचे हुये हैं। देख नही रहे वहा का हाल मस्जिदो  दरगाहो पर आत्मघाती हमले हो रहे है और हमारे यहा कितनी शांती है विकास है। हम तो कहते है कि बटवारा हुआ उसमे ही भलाई,  श्रद्धेय आडवानी जी भी यह बात समझ चुके थे। वे भी जिन्ना को महान आदमी बता आये थे लेकिन करे क्या हमारे देश के लोग समझते कहा है। और समझना भी चाहे तो कुछ लोग समझने नही देते उल्टे और बड़ा वाला हिदु राष्ट्र का नकशा बना देते हैं। इरान से लेकर इंडोनेशिया तक जनता भी नही गिनते कि इतना बड़ा वाला हिदु राष्ट्र बन जायेगा हिंदु ही अल्पसंख्यक बन जायेंगे। वैसे आज कल अल्पसंख्यक होना इतना बुरा भी नही है कांग्रेस आरक्षण देने वाली है नौ परसेन्ट।

भागवत जी बोले- "चलो आपका यह तर्क भी मान लिया जाये लेकिन जब मुसलमानो को अलग राष्ट्र दे दिया गया तो मुसलमानो को हिंदुस्तान से भगाया क्यो नही क्यो आज भी हमारी छाती पर मूंग दल रहे हैं।" हमने उनकी याददाश्त को ठीक करने की कोशिश की कहा - "भाई बटवारा हिंदु मुस्लिम आधार पर नही हुआ था बटवारा हिंदु बहुल और मुस्लिम बहुल क्षेत्रो के आधार पर हुआ था और जैसे हिंदुस्तान में मुसलमान रह रहे है वैसे ही पाकिस्तान और बंग्लादेश में भी करोड़ो हिंदु रह रहे है। जिन्ना ने पाकिस्तान के संविधान को धर्मनिरपेक्ष बनाया था इस्लामिक राष्ट्र नही।


खैर साहब सम्मोहन भागवत जी  हमारी बात नही माने, बिना कुछ कहे तमतमाते चले गये। लेकिन अगले दिन हमको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वालो ने घेर लिया बोले -  "क्यो तू संघियो के हाथ मे ’हमारा बाप चोर है’ लिखते घूम रहा है।" हमने कहा - "पर वो आप लोगो पर थोड़ी कहा भाई।  भारत में तो लाखो संघ है,  रिक्शा चालक संघ, हमाल संघ, व्यापारी संघ और आप लोग तो गांधी जी की बहुत इज्जत करते हो, गोड़से से आपका कोई लेना देना नही था। आपके बाबा रामदेव पर हमला हुआ तो  भाजपा ने तो राज घाट पर ही धरना दिया था और उत्साह बढ़ाने के लिये ’ये देश है वीर जवानो का  गाना  भी गाया था।"

हमारे लाख सफ़ाई देने पर भी जब भाई लोग नही माने  तो हम भी भड़क गये, कहा - " अरे गरीब लेखक मिल गया तो पीटने आ गये, क्यों नही पीटते अपने दुश्मन नंबर वन दिग्विजय सिंग को । आपके बाबा को ठग कहता है और आप लोगो को आतंकवादी। और तो और बाटला हाउस इनकाउंटर को  भी फ़र्जी बता रहा है जबकि उस समय दिल्ली मे भी कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र मे भी।" फ़िर हमने उनके नेता को धीरे से कान में कहा - "गुरू पते की बात यह है कि दिग्विजय सिंग आधे घंटे बाद नुक्कड़ से गुजरने वाला है।" भाई लोग फ़िर भी उलझन में थे। हमने कहा - " इस बार अकेले है न कमांडो साथ में है न समर्थक। हमको पता है पिछली बार इनके साथ था तो उज्जैन में आप लोगो को ही पीट गया था।  आपको फ़िर पिटने थोड़े न भेजेंगे।"

खैर साहब इस बार तो लारी लप्पा देकर बच गये और इस देश में ऐसे मुद्दो पर कुछ बोलना ही बेकार है। लेकिन करे क्या, जब कोई हम लोगो के बापू को कोसता है तो थोड़ा दिल में दर्दे डिस्को होने लगता है। भाई ’गांधी’ सरनेम से दिक्कत है तो फ़िरोज गांधी की तरह खुद लगा लो। लालकॄष्ण गांधी सुनने मे फ़िट भी बैठता है और नही तो इंपोर्टेड वरूण गांधी तो हैइये है इनके पास। खामखा मृतात्मा को कोस कर हिंदु धर्म की फ़जीहत करते हैं।
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9 Comments

9 comments:

  1. जब कोई हम लोगो के बापू को कोसता है तो थोड़ा दिल में दर्दे डिस्को होने लगता है ha ha ha ha , bahut achchaa, ......... ...waise us godane wale ko tab apne haath pe kikhwana tha , mera baap desh ka baap . ya mera bap sabse mahan baki sab shaitan , waise ek mashala aap ne bhi mujhe de diya hai :D

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  2. अच्छा है ..पर एक बात जरा गंभीरता से सोचें .. भारत के अलग अलग रियासतों तो एक संघीय क्षेत्र में समेटने का कार्य दरअसल अंग्रेजो ने किया है ... बात जरा अटपटी लगती है लेकिन यही यथार्थ है .. अब जहाँ अंग्रेजो ने सारी रियासतों पर कब्जा कर अंग्रेजी हुकूमत चला रखी थी .. सो आजादी का आंदोलन अंग्रेजो के खिलाफ होने के कारण सबने मिल कर ये लड़ाई लड़ी ... केवल अकेले गाँधी की धोती में इतना दम नहीं था कि भूखे अनशन कर अंग्रेजों को खदेड़ सकते ! यदि वास्तव के किसी इंसान को संघीय भारत बनाने का श्रेय जाता है तो वो लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल थे ! ये अच्छा है जो भी अच्छे कार्य हैं वो गाँधी ने किया बाकी जो गलतियाँ हुई उसकी जिम्मेदारी बचे हुए लोगों पर है ... वैसे मैं व्यक्तिगत रूप से अपने हाथ में लिखवाने को तैयार हूँ कि मेरा बाप गाँधी नहीं है :-)

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  3. बहुत बढ़िया!
    लोहड़ी पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ!

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  4. सम्मोहन भागवत जी hi bachayein apke vicharon se.. :) .kahin hamien hi Tattoo ki dukan na lagani pade..Zabardast vyang..

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  5. बहुत खूब. शानदार वयंग्य.

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  6. खैर साहब इस बार तो लारी लप्पा देकर बच गये और इस देश में ऐसे मुद्दो पर कुछ बोलना ही बेकार है।
    sahi kaha aapne!!

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  7. जब कोई हम लोगो के बापू को कोसता है तो थोड़ा दिल में दर्दे डिस्को होने लगता है।
    बहुत बढ़िया .

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  8. "देश को बटवाया तो जिन्ना ने, वैसे हम लोगो को तो जिन्ना की मूर्ती लगानी चाहिये हर गली चौराहे में। भागवत जी फ़िर भड़क गये- उस देश द्रोही की मूर्ती लगाये जिसने मां भारती के टुकड़े टुकड़े करवा दिये? हमने कहा हां भाई उस पुण्यात्मा के कारण ही तो हम आज पाकिस्तान जैसी मुसीबत से बचे हुये हैं। देख नही रहे वहा का हाल मस्जिदो दरगाहो पर आत्मघाती हमले हो रहे है और हमारे यहा कितनी शांती है विकास है। हम तो कहते है कि बटवारा हुआ उसमे ही भलाई, श्रद्धेय आडवानी जी भी यह बात समझ चुके थे। वे भी जिन्ना को महान आदमी बता आये थे लेकिन करे क्या हमारे देश के लोग समझते कहा है। और समझना भी चाहे तो कुछ लोग समझने नही देते उल्टे और बड़ा वाला हिदु राष्ट्र का नकशा बना देते हैं। इरान से लेकर इंडोनेशिया तक जनता भी नही गिनते कि इतना बड़ा वाला हिदु राष्ट्र बन जायेगा हिंदु ही अल्पसंख्यक बन जायेंगे। वैसे आज कल अल्पसंख्यक होना इतना बुरा भी नही है कांग्रेस आरक्षण देने वाली है नौ परसेन्ट।"



    वाह बहुत खूब.... बधाई....

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  9. यदि वास्तव के
    किसी इंसान को संघीय भारत
    बनाने का श्रेय जाता है
    तो वो लौह पुरूष सरदार वल्लभ
    भाई पटेल थे ! ये अच्छा है
    जो भी अच्छे कार्य हैं
    वो गाँधी ने
    किया बाकी जो गलतियाँ हुई
    उसकी जिम्मेदारी बचे हुए
    लोगों पर है ... वैसे मैं व्यक्तिगत
    रूप से अपने हाथ में लिखवाने
    को तैयार हूँ कि मेरा बाप
    गाँधी नहीं है :-)

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