साहबान, जब सौ लेख लिखने के बाद भी दवे जी याने हमको फ़ूटी कौंड़ी न मिली। तो हमने सोचा, जब फ़ेंकना ही है तो क्यो न ज्योतिष बन जाये। जजमानो को यहां वहां की फ़ेकेंगे, कम से कम पचास सौ तो मिल ही जायेगा। यही सोच हमने ज्योतिषाचार्य दवेजी का बोर्ड लगाया और जम गये। एक शादी योग्य कुंवारा हमारे पास आया, अपनी कुंडली थमाई। हमने पूरे मनोयोग से कुंडली को पढ़ने के बाद फ़रमाया - "वाह जनाब, आप तो बड़े दयालु हृदय के हैं, जब तक आपको भड़काया न जाये कभी क्रोध नही करते। जबान के बड़े पक्के आदमी है, बेईमानी तो आपसे कोसो दूर है।" अब कुंवारा क्या मना करता, ऐसी बाते सुन कर अपना ए. राजा( वही 2G वाला) भी सर हिलाता, कह्ता- "वाह महाराज आप तो सब जान लेते हैं।" खैर प्रसन्न चित्त लड़के ने कहा- " सही कहा महाराज, मुझे यह बताईये कि मेरी होने वाली पत्नी देखने मे कैसी होगी।" हमने कुंडली देखी और आंखे बंद की और कहने लगे -" घनी, काली, लंबी, नर्म जुल्फ़े होंगी। धनुषाकार भौहे, कैटरीना कैफ़ टाईप पलकें, बड़ी बड़ी नशीली आंखे, सुंदर रसीले होंठ, होठो को उपर काला तिल, झिममिल करते दांत। जब वो हसेंगी तो गालो में कातिल गढढे पड़ जायेंगे, खूबसूरत लंबी ग्रीवा होगी, गोरे सुगठित कंधे होंगे। बाये कंधे पर भी काला तिल होगा........" हमारे यहां तक पहुंचते ही कुंवारा उछल कर हमारे पास आ गया, हमे झिंझोड़ते हुये बोला - "बस बस महाराज बाकी शादी के बाद हम खुद ही देख लेंगे कैसी दिखती है।" हमने कहा- "मियां मोटी होगी या पतली उतना तो देख लेने दो।" कुंवारे ने सर हिलाया- "नही महाराज इतनी सुंदर है फ़िर मोटी हो या पतली हम चला लेंगे।"
कुंवारा आगे सकुचाते हुये बोला - "महाराज हमको फ़्रेश मिलेगी कि नही।" हमने कहा- "भाई दो गली छोड़ कर मेन रोड मिलेगी, वहां रिलायंस फ़्रेश की सब्जी दुकान है जो चाहो फ़्रेश मिल जायेगा लौकी, परवल, कुंदरू।" कुंवारा बोल पड़ा - "महाराज हम होने वाली पत्नी के बारे मे पूछ रहे हैं।" हमने कहा- "मिया आदमी हो या औरत फ़्रेश तो हर दिन होना पड़ता है।" कुंवारा अब तक झुंझला चुका था बोला - "महाराज बड़े घनचक्कर हो, सीधी बात नही समझते। हम कह रहे हैं कि क्या हमे पत्नी ऐसी मिलेगी जिसका किसी से चक्कर न रहा हो।" हमने कहा- " यार कौन से युग मे रहते हो, शादी के पहले क्या हुआ था इस चक्कर में पड़ोगे कि शादी के बाद क्या होगा इस चक्कर में। वह पूछॊ कि महाराज मेरी पत्नी मुझ से प्यार करेगी या नही, लगे हो दाये बाये के सवाल पूछने। अरे यहा तो लड़की किसी दो मीठी बात कर भी ले तो लोग उसके बारे मे अफ़वाहे उड़ाने लगते है सो इन सब चक्करो मे पड़ोगे मियां तो शादी और जिंदगी बरबाद। वैसे आपकी कुंडली मे आपसे बहुत प्यार करने वाली पत्नी का योग है भाई।
कुंवारा प्रसन्न हो गया उसने आगे पूछा- "महाराज ये बताईये मेरी पत्नी शादी के बाद खुश रहेगी या नही।" हमने कहा - "हां भाई राज करेगी राज आपके जैसे अच्छे इंसान की पत्नी का राज करना तो तय है ही भाई। कहो तो शादी के बीस साल बाद आपकी पत्नी कैसी दिखेगी बता दूं।" कुंवारे ने जोर से इनकार में सिर हिलाया - " नही महाराज आपकी नजर बड़ी तेज है, आपने इतना बता दिया वही बहुत है।" इतना कह कुंवारे ने प्रसन्न हो हमे पांच सौ का नोट दिया। पचास के बदले पांच सौ पा हम जरा ग्राहक भक्ती में फ़ंस गये, कहा - "भाई शादी के बीस साल बाद आप कैसे दिखोगे यह तो जान लो।" कुंवारा प्रसन्न होकर बोला -"बताईये महाराज, हम तो पूछना भूळ ही गये।"
हमने आंखे बंद कर कहा - " मिया आप गंजे हो चुके होगे, कमर तेढ़ी हो चुकी होगी, आपके बाजू में आपके दो बच्चे आपस में लड़ते नजर आ रहे हैं। पीछे से पत्नी की गरजती बरसती आवाज आ रही है कि जल्दी से आप बरतन मांजिये, अभी झाड़ू पोछा भी करना बाकी है। फ़िर मुझसे ही कहेंगे कि तुम्हारे कारण आफ़िस जाने में देर हो जाती है।" कुंवारा थोड़ा सकपकाया, बोला - " महाराज आगे पीछे डेट कर के देखिये हो सकता है उस दिन पत्नी की तबीयत ठीक न हो।" हमने रिवाईंड और फ़ारवर्ड कर भी बता दिया, हाल वही था। बेचारा दिन रात पत्नी की सेवा मे पस्त था।" कुंवारा उदास हो गया- "किस मनहूस घड़ी में जन्म हुआ है महाराज, जो ऐसी खतरनाक बीबी मिली है।" हमने कहा- "भाई ये तो कोई दुखी होने वाली बात नही है, अंग्रेजी में कहावत है - "When it happens to all, it happens to none" जो भी शादी करेगा उसका अंजाम तो यही होना तय है। कुंवारे ने सवाल दागा- "फ़िर लोग शादी ही क्यों करते हैं।" हमने कहा -"मियां जिसके भी घर के सामने घोड़ी सजती दिखे, तुरंत जान जाओ अंदर गधा सज रहा है।" कुंवारे के तर्क खत्म न हुये थे बोला -" फ़िर मां बाप अपने लड़के को ऐसी तकलीफ़ मे क्यो डालते है।" हमने कहा - "भाई, मूलधन से ब्याज प्यारा होता है, मां बाप को तो वंश आगे बढ़ाना होता है। अब गधे को ही ले लो, मां बाप मालूम ही होता है कि जिंदगी भर बोझा उठाना है पर फ़िर भी पैदा करते है कि नही।"
कुंवारा तन कर खड़ा हो गया, हमारे पैर छूकर बोला- "महाराज भला हुआ कि आपसे मिल लिया। वरना जिंदगी भर चाकरी करनी होती। अब मैं इस चक्कर मे नही पड़ूंगा।" कुंवारे के जाने बाद, हम पांच सौ रूपये अपनी मालकिन याने श्रीमती को देने घर पहुंचे ही थे कि अघट घट गया। कुंवारे के मां बाप हमको पीटने घर पहुंच गये। श्रीमती के बीच बचाव करने पर कारण बताया कि आपके पती कुंवारे लड़को को भड़का रहे है कि शादी करने से जीवन खराब होता है कुंवारे रहो। कुंवारे की मां ने तो श्रीमती पर ही ताना जड़ दिया कि जरूर ये अपने पती पर इतना अत्याचार करती होगी कि पती दूसरों को शादी न करने की सलाह दे रहा है। खैर साहब कुंवारे के मां बाप तो खरी खोटी सुनाकर चले गये। पर उसके बाद हमारी श्रीमती ने हमारा क्या हश्र किया होगा, ये तो आप अनुमान लगा ही सकते हैं। खैर साहब हमारी ज्योतिष की दुकान तो उसी दिन बंद करा दी गयी कोई दूसरा अच्छा काम बताईयेगा जिसमे किसी कुंवारे से हमारा पाला न पड़े।
कुंवारा आगे सकुचाते हुये बोला - "महाराज हमको फ़्रेश मिलेगी कि नही।" हमने कहा- "भाई दो गली छोड़ कर मेन रोड मिलेगी, वहां रिलायंस फ़्रेश की सब्जी दुकान है जो चाहो फ़्रेश मिल जायेगा लौकी, परवल, कुंदरू।" कुंवारा बोल पड़ा - "महाराज हम होने वाली पत्नी के बारे मे पूछ रहे हैं।" हमने कहा- "मिया आदमी हो या औरत फ़्रेश तो हर दिन होना पड़ता है।" कुंवारा अब तक झुंझला चुका था बोला - "महाराज बड़े घनचक्कर हो, सीधी बात नही समझते। हम कह रहे हैं कि क्या हमे पत्नी ऐसी मिलेगी जिसका किसी से चक्कर न रहा हो।" हमने कहा- " यार कौन से युग मे रहते हो, शादी के पहले क्या हुआ था इस चक्कर में पड़ोगे कि शादी के बाद क्या होगा इस चक्कर में। वह पूछॊ कि महाराज मेरी पत्नी मुझ से प्यार करेगी या नही, लगे हो दाये बाये के सवाल पूछने। अरे यहा तो लड़की किसी दो मीठी बात कर भी ले तो लोग उसके बारे मे अफ़वाहे उड़ाने लगते है सो इन सब चक्करो मे पड़ोगे मियां तो शादी और जिंदगी बरबाद। वैसे आपकी कुंडली मे आपसे बहुत प्यार करने वाली पत्नी का योग है भाई।
कुंवारा प्रसन्न हो गया उसने आगे पूछा- "महाराज ये बताईये मेरी पत्नी शादी के बाद खुश रहेगी या नही।" हमने कहा - "हां भाई राज करेगी राज आपके जैसे अच्छे इंसान की पत्नी का राज करना तो तय है ही भाई। कहो तो शादी के बीस साल बाद आपकी पत्नी कैसी दिखेगी बता दूं।" कुंवारे ने जोर से इनकार में सिर हिलाया - " नही महाराज आपकी नजर बड़ी तेज है, आपने इतना बता दिया वही बहुत है।" इतना कह कुंवारे ने प्रसन्न हो हमे पांच सौ का नोट दिया। पचास के बदले पांच सौ पा हम जरा ग्राहक भक्ती में फ़ंस गये, कहा - "भाई शादी के बीस साल बाद आप कैसे दिखोगे यह तो जान लो।" कुंवारा प्रसन्न होकर बोला -"बताईये महाराज, हम तो पूछना भूळ ही गये।"
हमने आंखे बंद कर कहा - " मिया आप गंजे हो चुके होगे, कमर तेढ़ी हो चुकी होगी, आपके बाजू में आपके दो बच्चे आपस में लड़ते नजर आ रहे हैं। पीछे से पत्नी की गरजती बरसती आवाज आ रही है कि जल्दी से आप बरतन मांजिये, अभी झाड़ू पोछा भी करना बाकी है। फ़िर मुझसे ही कहेंगे कि तुम्हारे कारण आफ़िस जाने में देर हो जाती है।" कुंवारा थोड़ा सकपकाया, बोला - " महाराज आगे पीछे डेट कर के देखिये हो सकता है उस दिन पत्नी की तबीयत ठीक न हो।" हमने रिवाईंड और फ़ारवर्ड कर भी बता दिया, हाल वही था। बेचारा दिन रात पत्नी की सेवा मे पस्त था।" कुंवारा उदास हो गया- "किस मनहूस घड़ी में जन्म हुआ है महाराज, जो ऐसी खतरनाक बीबी मिली है।" हमने कहा- "भाई ये तो कोई दुखी होने वाली बात नही है, अंग्रेजी में कहावत है - "When it happens to all, it happens to none" जो भी शादी करेगा उसका अंजाम तो यही होना तय है। कुंवारे ने सवाल दागा- "फ़िर लोग शादी ही क्यों करते हैं।" हमने कहा -"मियां जिसके भी घर के सामने घोड़ी सजती दिखे, तुरंत जान जाओ अंदर गधा सज रहा है।" कुंवारे के तर्क खत्म न हुये थे बोला -" फ़िर मां बाप अपने लड़के को ऐसी तकलीफ़ मे क्यो डालते है।" हमने कहा - "भाई, मूलधन से ब्याज प्यारा होता है, मां बाप को तो वंश आगे बढ़ाना होता है। अब गधे को ही ले लो, मां बाप मालूम ही होता है कि जिंदगी भर बोझा उठाना है पर फ़िर भी पैदा करते है कि नही।"
कुंवारा तन कर खड़ा हो गया, हमारे पैर छूकर बोला- "महाराज भला हुआ कि आपसे मिल लिया। वरना जिंदगी भर चाकरी करनी होती। अब मैं इस चक्कर मे नही पड़ूंगा।" कुंवारे के जाने बाद, हम पांच सौ रूपये अपनी मालकिन याने श्रीमती को देने घर पहुंचे ही थे कि अघट घट गया। कुंवारे के मां बाप हमको पीटने घर पहुंच गये। श्रीमती के बीच बचाव करने पर कारण बताया कि आपके पती कुंवारे लड़को को भड़का रहे है कि शादी करने से जीवन खराब होता है कुंवारे रहो। कुंवारे की मां ने तो श्रीमती पर ही ताना जड़ दिया कि जरूर ये अपने पती पर इतना अत्याचार करती होगी कि पती दूसरों को शादी न करने की सलाह दे रहा है। खैर साहब कुंवारे के मां बाप तो खरी खोटी सुनाकर चले गये। पर उसके बाद हमारी श्रीमती ने हमारा क्या हश्र किया होगा, ये तो आप अनुमान लगा ही सकते हैं। खैर साहब हमारी ज्योतिष की दुकान तो उसी दिन बंद करा दी गयी कोई दूसरा अच्छा काम बताईयेगा जिसमे किसी कुंवारे से हमारा पाला न पड़े।
:)
ReplyDeleteहमने रिवाईंड और फ़ारवर्ड कर भी बता दिया, हाल वही था। बेचारा दिन रात पत्नी की सेवा मे पस्त था।" ... दवे बाबू हमने भी आपका भविष्य देखा लगातार नित्य प्रतिदिन वही कार्य .. सोचा भाभी जी की तबीयत नासाज होगी और हम उसी दृश्य को बार बार किसी तकनीकि खराबी के कारण आटो रिप्ले मोड में देख रहें हो लेकिन जब जूम कर देखा तो भाभी जी सोफे पर बिल्कुल फ्रेश बैठी हाथों में जूस का गिलास लेकर सास बिना ससुराल का ऐपिसोड देख रहीं थी ! और आप निर्लिप्त भाव से भीगे हुए नैपकिन के साथ फर्श पर .... सेवाभाव बनायें रखे दूसरे किसी व्यवसायिक कार्य की अवश्यकता नहीं .. लेखन पीड़ा से तो घर खर्च चल ही रहा है ! जय हो ऐश करें फर्श पर :-)
ReplyDelete@"मियां जिसके भी घर के सामने घोड़ी सजती दिखे, तुरंत जान जाओ अंदर गधा सज रहा है।"
ReplyDeleteशानदार व्यंग्य, 100 में 100 नम्बर मे्री तरफ़ से। मजा आ गया।
हमें तो लगता है कि अब चल निकली है, रुकने की नहीं.
ReplyDeleteहा हा हा... अब मेरिज ब्यूरो ट्राई कर देखिये अरुणेश भाई...:)))
ReplyDeleteआपका व्यंग पढकर मेला का वह व्यक्ति याद आ गया जो वजन के साथ-साथ भविष्य भी बता रहा था..पकड़ा तो आपने सही व्यवसाय था बस आपसे संभाला नहीं गया.
ReplyDeleteआपकी किसी पोस्ट की चर्चा नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 7/1/2012 को होगी । कृपया पधारें और अपने अनमोल विचार ज़रूर दें। आभार.
ReplyDeleteहा हा हा..... क्या बात है. जैसे ही आपके लायक कोई काम पता चलेगा वैसे ही आपको खबर करेंगे.
ReplyDeleteha ha badhiya..kuvarapan ka bhi alag hi maza hai..par aapke liye to saja ban gayi
ReplyDeleteसचमुच रोचक...
ReplyDeleteहाँ,आस्थाएं अपनी जगह हैं.
सादर.
bahut he badiya ......................................... vivek, akalatra
ReplyDeletebahut he badiya ......................................... vivek, akalatra
ReplyDeleteबहुत अच्छा बिलकुल सरल शब्दों में सच कहा है |
ReplyDeleteमेरी भी कुंडली भेजू क्या सरजी?
ReplyDelete