मियां बात ऐसी है कि आज अनवर जमाल साहब की पोस्ट "क्यों मर रहे हैं उच्च शिक्षित हिंदू युवा।" पढ़ते ही दिमाग झनझना गया। संघ का तो कोई आदमी जवाब क्या देता, वो तो बेचारे "हम अन्ना के समर्थन में हूं" में व्यस्त हैं। और कांग्रेस अन्ना वादियों को चोर साबित करने में। अब अनवर जमाल साहब ने लेख लिखा और उनके जैसे महानतम सर्वधर्मी विद्वान के लेख पर अगर प्रतिक्रिया न आये तो समझिये कि यह उनका अपमान है। खैर अपमान करने वाले हम सभी का मुफ़्त में अपमान कर ही देते हैं। वो तो भला हो कि टिप्पणी में कुछ फ़ंदा लगाया है, वरना लेखकों की इज्जत उतारना आसान सा काम है। किसी ने लिखने में दिन लगाया और किसी ने इज्जत उतारने में सिर्फ़ "अमां इस गवांर को लेखक किसने बनाया" लिख दिया और लेखक गया तेल लेने।
खैर हम साहब हिंदू है सो पहली चिंता तो यह हुयी कि हिंदू युवा क्यों मर रहे हैं। दूसरे हमारे बच्चे पढ़ लिख कर उच्च शिक्षित बनें ऐसी हम रोज भगवान से दुआयें करते हैं। सो हमने लेख खोला. उसमे लिखा तो कुछ न था, खाली एक उच्च शिक्षित हिंदू युवा के आत्म हत्या की खबर थी। हमारा दिल धड़का कि मियां जब कुछ कहा ही नही, दिग्विजय सिंग टाईप खाली फ़ोकट लोगो का ध्यान खींचने के लिये हेडिंग लगा दी तो हम जवाब दें क्या। हमारा हाल लगभग अन्ना की तरह हो गया और जमाल साहब हेडिंग लगा कर दिग्विजय सिंग की तरह मजा ले रहे थे। खैर हमने दिमाग लगाया कि हिंदू उच्च शिक्षित युवा ही आत्म हत्या करते हैं और मुस्लिम उच्च शिक्षित युवा नही करते । इसका जवाब या तो कुरान मे मिलेगा या वेदों में, वेद्कुरान ब्लागस्पाट में तो खैर नही मिल सकता कि मियां जमाल साहब ही चलाते हैं और उन्हे मालूम होता तो वे यह सवाल उठाते ही क्यों।
सो हमने एक इसाई को खोजा कि भाई ये आदमी मामले को सुलझायेगा। सो पीटर से हमने पूछा- कि साहब फ़र्क क्या है।" वे बोले- "भाई हिंदू खुद मरता है और मुसलमान सबको ले मरता है।" हमने कहा- " भाई बात विस्तार से कहो।" वे बोले- " मुसलमान को जब दुनिया से निराशा होती है तो चला जाता है मौलवी के पास। मौलवी न केवल उसे जन्नत नशीं होने का सर्टीफ़िकेट देता है बल्की, उसके खानदान वालों को पैसे भी देता है बशर्ते कि ऐसा आत्मह्त्या करने वाला इस्लाम के लिये मारने जा रहा हूं का वीडियो खिंचवा ले और आत्म घाती हमला कर दे।"
अब साहब अमेरिका का पाकिस्तान से संबंध टूट चुका है और बेगम हिलेरी कल पाकिस्तान भी आ रही है कि आतंकवाद को रोको वरना अमेरिका पाकिस्तान पर हमला कर देगा । सो हमने सोचा कि इसाईयों की बात सुनना आज सही नही, बेचारे पाकिस्तान और मुस्लिम भाईयों को पहले जेहाद का लारी लप्पा दिया और अब मामला उल्टा पड़ा तो पाकिस्तान पर हमले की बात कह रहे हैं।
अब हमने सोचा कि किसी धर्म निरपेक्ष आदमी से पूछा जाये, सो हमने कमल वामपंथी से पूछा, वे हंसने लगे, बोले- "भाई मुस्लिम उच्च शिक्षा को प्राप्त करेंगे तब न आत्म हत्या करेंगे । अभी तो बेचारे कांग्रेस के मारे, साठ साल बाद भी अधिकाशंतः अनपढ़ है। अंगूठा छापी मे वोट देते है, कांग्रेस इसी का तो खा रही है, भाजपा भी इसीलिये तो हिंदूओं का बजा रही है। भाई भारत मे वोट विकास के नाम पर नही, धर्म और जातीवाद के नाम पर पड़ता है। वरना देश में भाजपा, कांग्रेस नही ऐसी पार्टी होती जो भारत वादी होती।
हमने कहा- " कमल जी, बाकी तो हम समझ गये पर यह नही समझे कि अनवर जमाल साहब ऐसा क्यों लिखते हैं। "कमल जी हंसने लगे बोले - " भाई उसको अल्लाह ने ठेका देकर भेजा है कि तूने सौ लोगो को मुसलमान बना लिया तो तुझे मैं जन्नत अता फ़रमाउंगा।" हमने कहा- "कमल जी अगर हम सौ लोगो को हिंदू बना दें तो क्या हमको स्वर्ग मिल जायेगा।" वे हंसने लगे, बोले - मियां, आप पहले हिंदू बन जाओ और अनवर जमाल मुसलमान फ़िर हमारे पास आना, अल्लाह और भगवान तुम दोनो को जन्नत अता फ़रमा देंगे। यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"
खैर हम साहब हिंदू है सो पहली चिंता तो यह हुयी कि हिंदू युवा क्यों मर रहे हैं। दूसरे हमारे बच्चे पढ़ लिख कर उच्च शिक्षित बनें ऐसी हम रोज भगवान से दुआयें करते हैं। सो हमने लेख खोला. उसमे लिखा तो कुछ न था, खाली एक उच्च शिक्षित हिंदू युवा के आत्म हत्या की खबर थी। हमारा दिल धड़का कि मियां जब कुछ कहा ही नही, दिग्विजय सिंग टाईप खाली फ़ोकट लोगो का ध्यान खींचने के लिये हेडिंग लगा दी तो हम जवाब दें क्या। हमारा हाल लगभग अन्ना की तरह हो गया और जमाल साहब हेडिंग लगा कर दिग्विजय सिंग की तरह मजा ले रहे थे। खैर हमने दिमाग लगाया कि हिंदू उच्च शिक्षित युवा ही आत्म हत्या करते हैं और मुस्लिम उच्च शिक्षित युवा नही करते । इसका जवाब या तो कुरान मे मिलेगा या वेदों में, वेद्कुरान ब्लागस्पाट में तो खैर नही मिल सकता कि मियां जमाल साहब ही चलाते हैं और उन्हे मालूम होता तो वे यह सवाल उठाते ही क्यों।
सो हमने एक इसाई को खोजा कि भाई ये आदमी मामले को सुलझायेगा। सो पीटर से हमने पूछा- कि साहब फ़र्क क्या है।" वे बोले- "भाई हिंदू खुद मरता है और मुसलमान सबको ले मरता है।" हमने कहा- " भाई बात विस्तार से कहो।" वे बोले- " मुसलमान को जब दुनिया से निराशा होती है तो चला जाता है मौलवी के पास। मौलवी न केवल उसे जन्नत नशीं होने का सर्टीफ़िकेट देता है बल्की, उसके खानदान वालों को पैसे भी देता है बशर्ते कि ऐसा आत्मह्त्या करने वाला इस्लाम के लिये मारने जा रहा हूं का वीडियो खिंचवा ले और आत्म घाती हमला कर दे।"
अब साहब अमेरिका का पाकिस्तान से संबंध टूट चुका है और बेगम हिलेरी कल पाकिस्तान भी आ रही है कि आतंकवाद को रोको वरना अमेरिका पाकिस्तान पर हमला कर देगा । सो हमने सोचा कि इसाईयों की बात सुनना आज सही नही, बेचारे पाकिस्तान और मुस्लिम भाईयों को पहले जेहाद का लारी लप्पा दिया और अब मामला उल्टा पड़ा तो पाकिस्तान पर हमले की बात कह रहे हैं।
अब हमने सोचा कि किसी धर्म निरपेक्ष आदमी से पूछा जाये, सो हमने कमल वामपंथी से पूछा, वे हंसने लगे, बोले- "भाई मुस्लिम उच्च शिक्षा को प्राप्त करेंगे तब न आत्म हत्या करेंगे । अभी तो बेचारे कांग्रेस के मारे, साठ साल बाद भी अधिकाशंतः अनपढ़ है। अंगूठा छापी मे वोट देते है, कांग्रेस इसी का तो खा रही है, भाजपा भी इसीलिये तो हिंदूओं का बजा रही है। भाई भारत मे वोट विकास के नाम पर नही, धर्म और जातीवाद के नाम पर पड़ता है। वरना देश में भाजपा, कांग्रेस नही ऐसी पार्टी होती जो भारत वादी होती।
हमने कहा- " कमल जी, बाकी तो हम समझ गये पर यह नही समझे कि अनवर जमाल साहब ऐसा क्यों लिखते हैं। "कमल जी हंसने लगे बोले - " भाई उसको अल्लाह ने ठेका देकर भेजा है कि तूने सौ लोगो को मुसलमान बना लिया तो तुझे मैं जन्नत अता फ़रमाउंगा।" हमने कहा- "कमल जी अगर हम सौ लोगो को हिंदू बना दें तो क्या हमको स्वर्ग मिल जायेगा।" वे हंसने लगे, बोले - मियां, आप पहले हिंदू बन जाओ और अनवर जमाल मुसलमान फ़िर हमारे पास आना, अल्लाह और भगवान तुम दोनो को जन्नत अता फ़रमा देंगे। यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"
waah janab mazaa aagya aapki yh badhiya vyangaatmak post padh kar aapke lekh ki aakhri lino se poorn roop se sahamat hoon. यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"
ReplyDelete100% correct baat hai ji....
सुन्दर चिंतन अरुणेश भाई...
ReplyDeleteसादर बधाई...
यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"
ReplyDelete..बहुत सही कहा है... रोचक आलेख..
यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"एक दम सही.
ReplyDeleteवेसे एक बात मन में आई मुसलमान इसलिए आत्महत्या नहीं करते क्यूंकि अगर आत्महत्या को अलग ढंग से तोडा जाए तो:आत्मा+हत्या .अब मुसलमानों की आत्मा नहीं होती उनकी तो रूह होती है तो वो आत्महत्या कैसे कर सकते हैं.रूह हत्या करनी होगी:)कोई मुसलमान भाई अन्यथा ना ले ....
धर्म पुस्तकों की अच्छी बाते मानने वाले कम ही है?
ReplyDeleteआत्महत्या को मज़हब से जोड़ना सही नहीं है। परिस्थिति से निराश लोग आत्महत्या करते हैं, उनका जन्म किसी भी धर्म में हुआ हो।
ReplyDeleteLakin Ye baat hindu followers samajh lete hai bahut jaldi lakin muslim nahi samajh paate,,aisa kyu
ReplyDeleteachchha vyang! santulit lekh bana hi diya aapne, dave ji,
ReplyDeleteaatmhatya karna aasan nahi hai jiski aatma ko aaghat pahuchta hai vo hi karta hai chahe vo kisi bhi jaati ya dharm ka ho is mudde ko dharm se jodna theek nahi.
ReplyDeleteआपका ये व्यंग्यात्मक लेख बहुत रोचक लगा, आशा हैं हर धर्म के लोग इस से कुछ सीख लेंगे !
ReplyDelete