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Monday, January 30, 2012

माई लार्ड, ये कालू गरीब खेतो में हगने न जाये

 इतिहास में आज तक ऐसा मुकदमा भारत में नही हुआ था। आरोप यह था कि कालू गरीब और इसके जैसे करोड़ो गरीब खुले में शौच करते है,  इस से बीमारिया फ़ैलती है, महिलाओ की इज्जत पर खतरा रहता है।  अतः यह अदालत आदेश पारित कर खेतो में हगने पर प्रतिबंध लगाया जाये और पकड़े जाने पर जुर्माने की रकम तय हो। कालू गरीब के वकील बाबा रामदेव बोले - "माई लार्ड, यह सरकार सदियो से  स्वदेशी तरीके से मल त्याग करते आदमी के मौलिक अधिकारो का हनन कर विदेशी तरीको से मल त्याग करने पर मजबूर कर रही है।यह भ्रष्ट सरकार मुफ़्त शौचालय योजना में भ्रष्टाचार कर धन कमायेगी। वही दूसरी ओर इन गरीबो पर जुर्माना लगा पैसा कमायेगी। सरकार इसके बजाये अगर देश का लूटा हुआ चार सौ लाख करोड़ रूपये वापस लाने में ध्यान दे।  फ़िर यह कालू और इसके जैसे एक सौ इक्कीस करॊड़ भारतीय मन चाहा टायलेट बनवा उसमे जाये या खेतो में जाये उनकी मर्जी।"

सरकारी वकील दवे जी याने की हम थे, हमने कहा - माई लार्ड बाबा रामदेव मूल मुद्दे को भटका कर कही और ले जा रहे है। मुख्य बात तो महिलाओ की इज्जत की है। खुले मे शौच जाना उनकी सुरक्षा के लिये ठीक नही।
बाबा रामदेव बोले - "माई लार्ड, महिलाओ पर जितने अपराध गावो में होते है। उससे कई गुना शहरो मे होते है। जबकी वहां तो लोग अपने घरो में ही मल त्याग करते हैं।"

हमने कहा- " माई लार्ड, इस बात को तो बाबा ने सफ़ाई से घुमा दिया, पर क्या वे स्वीकार नही करेंगे कि मल मूत्र से खुले स्थान पर त्याग करने से बीमारिया फ़ैलती है। बाबा रामदेव बोले -" सरकार जो शौचालय बना कर देती है। उसका सामान तो सीधे घर के बाहर की नाली मे गिरता है। क्या  मनुष्य उससे बीमार नही होगा।  माई लार्ड धरती में मलत्यागासन लगा कर त्यागने से अतड़िया पूरी तरह साफ़ हो जाती है। शौच से पहले चलने और बाद में फ़िर घर लौटते वक्त चलने से बीमारिया मनुष्य से दूर रहती है। और यह भ्रष्ट सरकार आदमी की प्राकृतिक दिनचर्या को बिगाड़ कर उसे बीमार बनाना चाहती है। ताकि विदेशी मुनाफ़ाखोर दवाई कंपनिया अपनी दवाईया बेच अरबो रूपये मुनाफ़ा कमा ले।"



हमने कहा- "माई लार्ड, बचाव के काबिल वकील इस बात को सफ़ाई से भूल गये कि खुले में शौच जाने वाला  जलाशय मे ही साफ़ सफ़ाई करता है जिससे पानी प्रदूषित होता है।  " बाबा रामदेव उठ खड़े हुये - "माई लार्ड,लगता है काबिल वकील साहब अमूल बेबी उर्फ़ राहुल बाबा की तरह कभी गांव नही गये और उन्होने डब्बा लेकर दिशा मैदान जाता हुआ आदमी नही देखा। इनकी सरकार इतनी विद्वान है कि कहती है तालाबो में पशु मत नहलाओ पानी गंदा होता है। फ़िर इनका मछली पालन अधिकारी आकर समझाता है कि प्रति एकड़ तालाब मे पशु गोबर पचास किलो मिलाओ तो मछली की पैदावार डेढ़ गुना बढ़ जाती है। याने डीजल जला ट्रक्टर में ला पशु गोबर मिलाने से मछली बढ़ेगी और पशु यदि जल में सीधा कर दे तो पानी गंदा हो जायेगा।"



फ़िर बाबा रामदेव ने विजयी मुस्कान बिखेरी और सीना चौड़ा कर बोले - "माई लार्ड ये इंसानी मल जो है वो पीला सोना है सोना। माई लार्ड ये पेड़ पौधे जो भी देते है, वो हमारा भोजन है। और हम जो भी त्यागते है वो पेड़ पौधो का भोजन है। मूत्र से उनको नाईट्रोजन मिलता है, मल तो सीधा खाद है ही। इंसान घर में मल त्यागे, फ़िर इस सरकार के आगे रसायनिक उर्वरक के लिये गिड़गिड़ाये। और विदेशी कंपनिया नेता अफ़सर ठेकेदार उसमे मुनाफ़ा कमाये। वाह रे भ्रष्ट सरकार, स्वदेशी छोड़ अपना घर बेच विदेशी माल के लिये लालायित रहती है।
जज ने जलती हुयी आखो से  घूरा कर बोले - "सरकारी वकील साहब कोर्ट का समय खराब न करें। मै केस खारिज करता हूं। बेकार की बहस की तो अदालत की अवमानना का मामला बना दूंगा।"

हमने गंभीरता से खड़े होकर कहा - " माई लार्ड आपको फ़ैसला सुनाने से पहले भारतीय संविधान की मूल भावना याने समानता का अधिकार को ध्यान में रखना होगा। माई लार्ड ये जो कालू गरीब है। यह केवल पिछड़े दलितो और आदिवासियो मुसलमानो में पाया जाता है। हम मानते है कि इंसानी मल पीला सोना है। इस पीले सोने का लाभ समाज के सभी वर्गो को बराबरी से मिलना चाहिये। इसलिये पीले सोने को डाईरेक्ट खेतो में गिराने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।

होता यह है माई लार्ड कि गाव से लगे सभी खेत स्वर्णो और अगड़ी जातियो के होते है। दलितो,पिछड़ो,मुसलमानो के खेत दूर दूर स्थित हैं। और माई लार्ड गांव वाले सुबह जल्दी काम पर जाने के चक्कर मे गाव से लगे खेतो में ही निपट लेते है। इस तरह गरीब, दलित, पिछड़ो, अल्पसंख्यको को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। इसलिये अब इस पीले सोने को गांव के एक बड़े सेप्टिक टैंक मे जमा कर। उसमे से पचास प्रतिशत आरक्षित पीला सोना गरीब दलित पिछड़ो अल्पसंख्यको के खेतो में डलवाया जायेगा। इस लिये आपसे अनुरोध है कि बाबा रामदेव की जनहित याचिका को खारिज कर कालू गरीब के खुले मे पीला सोना टपकाने पर प्रतिबंध लगा दीजिये। "

न्यायाधीश ने फ़ैसला दिया -" यह अदालत सारी दलीलो और बयानो को मद्देनजर रखते हुये इस नतीजे पर पहुंची है कि सरकार की योजना और निर्णय संविधान सम्मत है। लेकिन यह अदालत यह भी फ़ैसला सुनाती है कि कालू गरीब चूकी अब पीला सोना टपकाने के दौरान हो रहे श्रम से वंचित हो जायेगा। इसलिये वह बाबा रामदेव से इसकी भरपायी के लिये अनुलोम विलोम और कपाल भांती सीख प्रतिदिन घर पर करे। और सरकार को यह सख्त ताकीद करती है यह पीला सोना किसी भी कीमत पर देश के बाहर न भेजा जाये।"

Sunday, January 1, 2012

बाबा रामदेव को सत्ता सुंदरी का विरह वेदना पत्र

प्यारे बाबा

जब से आप रामलीला मैदान में,  मंच से कूद सलवार पहन कर जान बचा कर भागे हो। तब से आपके इंतजार में मेरी रातो की नींद खो गयी है। ये मुई मीडिया भी आपके बारे में कुछ बताती ही नही और आपको देखे बिना मुझे चैन आता नही।  आपके चेले चपाटी तो मीडिया को बिकाउ भांड और दिग्गी को डागी कह अपनी भड़ास निकाल ही लेते है। लेकिन मैं अबला,  बेबस कांग्रेस के शोषण से त्रस्त और मंत्रियो की लूट खसोट से पस्त,  कर ही क्या सकती हूं। खाली आपकी वह फ़ोटू देख मन बहला लेती हूं जिसमे आपके चरणो में पांच पांच मंत्री दंडवत लोट रहे थे


आप मेरी वेदना के बारे मे क्या जानो, कसम से कहती हूं।  नेहरू जी से लेकर अटल जी तक अनेक राजनेताओं का साथ मुझे मिला है। यहा तक की मनमोहन जैसे  विश्व बैंक के बाबू को भी प्राप्त हो चुकी हूं। पर किसी बाबा के आलिंगन मे होने का टेस्ट कैसा होगा यही सोच सोच मेरा मन और विचलित हो जाता है। सोचिये तो कैसा अद्भुत दृष्य होगा,  कैबिनेट  की बैठक  अनुलोम विलोम से शुरू होगी।  कपालभांति कर,  कपाल से सारी बेईमानी को दूर कर चुके अफ़सर तन, मन और विदेशो से लौटे कालेधन के साथ देश की सेवा में लगे होंगे। आपके ट्रेनिंग कैंप से शस्त्र संचालन सीख चुकी और चरित्र निर्माण कर चुकी सेना सीमाओ में  देश के दुश्मनो को शीर्षासन करवा रही होगी।  गृह मंत्री स्वामी चिमटानंद होंगे जिनके मंत्रो और चिमटो के प्रहार से माओवादी से लेकर आतंकवादी तक त्राही त्राही कर उठेंगे। गह राज्यमंत्री असीमानंद तो आतंकवादियो के बिलो मे बम धमाका करवा के उनको खत्म कर ही देंगे।

वित्त मंत्री तो खैर आप ही होंगे,  सारे टैक्स हटाकर केवल दो % बाबा रामू ट्रांसैक्शन टैक्स लगेगा।  प्रमाणिकता के साथ देश मे महंगाई को दूर भगा राम राज्य की स्थापना होगी।  स्वास्थ मंत्री बाबा बालकॄष्ण,  अपनी आयुर्वेदिक पुड़िया और गोलियों की बदौलत,  देश से बिमारियां और लुटेरी विदेशी दवाई कंपनियो को  देश से दूर भगा रहे होंगे और सारे एलोपेथिक डाक्टर कंपाउंडरी कर घर चला रहे होंगे। महिला विकास मंत्री बाबा की प्यारी बहन,  साध्वी रितंभरा अपने ओजस्वी भाषणो से महिलाओ में जोश भर कर उन्हे रानी लक्ष्मी बाई बना रही होगी और बेचारे  भयभीत पतियो को बीते दिनो की याद आ रही होगी। विदेश मंत्रालय तो खैर इस्कान वाले संभाल ही लेंगे और दुखियारो का दर्द सामाजिक कल्याण मंत्री निर्मल बाबा हर लेंगे।  उनकी किरपा चहुं ओर फ़ैलेगी और उनका समागम अटेंड करने वाले या अपनी आय का दसवा हिस्सा उनको दसवंद के रूप में भेजने वालो की महिमा,  रतन टाटा और मुकेश अंबानी की कीर्ती हर लेगी।

प्यारे बाबा और क्या कहूं,  मेरी मां  भारती का फ़ोटू और देश भक्ति के नारे आप ले ही चुके हो। लेकिन फ़िर भी कुछ राय दे देती हूं,  कि मुझ तक पहुंचने की आपकी राह आसान हो जाये। फ़िल्हाल मैने आपको यह बताने के लिये पत्र लिखा है कि कांग्रेस की राहुल गांधी लोकपाल बिल गारंटी योजना ध्वस्त हो गई है और जनता नेताओ से त्रस्त हो चुकी है। प्यारे बाबा,  मैं सच कहती हूं कि अब अनशनियाने का स्वर्णिम मौका है। अन्ना भी लोकपाल छोड़,  परलोकपाल लाने में व्यस्त हो चुका है। और उनके मुंशी मैनेजरो का समूह फ़िल्हाल प्रमाणिकता खो चुका है।

आपके मैदान में आते ही, सारे देश की जनता आपके साथ हो लेगी। पर प्यारे बाबा मेरा दिल भी घबराता है कि आप पिछली गलतियां न दोहरा दें। सलवार आपको मैने अपनी निशानी के रूप मे दी थी और आप उसे पहन के भाग लिये। प्यारे बाबा, राजनैतिक अनशन में पुलिस आये तो गिरफ़्तारी देनी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट का कोई वकील साथ रख लेना कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ़्तार न कर सके और करने के बाद दिल्ली से बाहर न भेज सके। और आपको क्या कहूं खाली बूढ़े,  महिलाओ और बच्चो को अनशन मे मत बुलाना। न ही पूरे मोहल्ले को ले अनशनियाना और हां अन्ना से लंबे अनशन का फ़ार्मूला जरूर सीख आना। पिछली बार आप शहद लिंबू चाट कर भी पांच दिन भी नही टिक पाये थे। असली राज यह था कि आप तनाव में थे और सारा कार्यभार खुद संभाल रहे थे ऐसे शरीर की उर्जा जल्दी खत्म हो जाती है। वैसे भी भाजपा शासित राज्यो मे अनशन करने से कांग्रेस को फ़र्क नही पड़ता था। सो इस बार शांती से अनशन करना,  व्यव्स्था दूसरो को देखने देना और कम से कम बात करना ताकि अनशन लंबा खिंच सके।


प्यारे बाबा,  इन मीडिया वालो को कोसने भर से काम नही चलेगा।  कुछ सेटिंग गोटी भी फ़िट करनी होगी नही तो आप देख ही रहे हो चौसठ साल से संघ मीडिया हाय हाय कर रहा है, पर नतीजा ढाक के तीन पात ही है।  मै सच कहती हूं बाबा, कि आपकी फ़ौज के सेनापति आपको मुझ तक पहुंचाने से ज्यादा आपको और आपके समर्थको को पिटवाने में  आतुर है। ताकि देश में जनाक्रोश की लहर उठा खुद सत्ता पर सवार हो जाये। इसलिये प्यारे बाबा सेनापतियो का छटनी करके, अच्छे सलाहकार भर्ती कीजिये।  सीबीआई और बाकी जांच एजेंसियो से डरने की जरूरत नही है।  मेरे आगोश मे समाते ही आप आरोप प्रूफ़ हो जायेंगे और आपके दुश्मन तिहाड़ की हवा खायेंगे।


आपकी विरह वेदना मे व्याकुल

आपकी अपनी सत्ता सुंदरी

पुनःश्च-  प्यारे बाबा, जरा बयानबाजी से बचना हाल ही मे मैने एक सीरियल देखा था "तोल मोल के बोल" आप भी देखियेगा और बयानो के लिये आठ दस प्रवक्ता रख लीजियेगा।

Tuesday, October 18, 2011

हाय रे हाय मीडिया बिक गया







                                              पवन जी के पवन टून से साभार

सुबह सुबह नुक्कड़ पर दीपक हिंदूवादी  दुखी नजर आये,  हमने कारण पूछा तो फ़ट पड़े - " ये भारत का मीडिया बिकाउ है साला।"  हमने कहा- "अरे भाई,  अखबार बिकेंगे नही लोग खरीद कर पढ़ेंगे नही तो चलेंगे कैसे।"  दीपक जी ने हमारी बुद्धी पर तरस खाते हुये समझाया -" अरे भाई वैसे बिकाउ नही कहा हमने,  हमारा कहने का मतलब है कि संपादक लेखक लोग पैसे लेकर झूठी खबरे छापते हैं,  खबरे दबा भी देते हैं"। हमने कहा - " भाई जरा बात को उदाहरण सहित समझाया करो पिछली बार ही हम उलझ गये थे।"  दीपक भाई ने उदाहरण दिया -  अब प्रशांत भूषण का मामला ही देख लो,  सब लोग उसकी पिटाई करने वालों के खिलाफ़ उल्टा सीधा छाप रहे हैं।  जबकी भगत सिंग सेना के लोगो ने देश भक्ती का काम किया था। कश्मीर को अलग करने की बात करने वालों को पीटना चाहिये था कि नही।"


हमने कहा-  "बयान का विरोध तो सभी कर रहे हैं।  पर ये मारपीट वाला तरीका असंवैधानिक है। अब आपके आडवानी जी को ही ले लो,  हमारे मोदी जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बजाय खुद ही बुढ़ापे में उलानबाटी खा रहे हैं।  हमको बिल्कुल पसंद नही आ रहा,  तो क्या हम पीटे उनको जाकर।"  दीपक भाई बोले-  "देशभक्ती का  मामला अलग होता है।"  हमने कहा भूषण तो कश्मीरियों को अपने साथ मिलाने की बात भी कह रहा था ये तो पाकिस्तान जाकर जिन्ना जैसे देशद्रोही की तारीफ़ कर के आ गये थे।  उसके बाद जाकर आतंकवादियो को काबुल भी पहुंचा आये थ। और आप कहते हो ये मामला अलग है।"

दीपक जी बोले - " यार दवे जी,  बात को कहा से कहा पहुंचा देते हो।  हम यह कह रहे थे कि भारतीय मीडिया हिंदू विरोधी है। हममे कहा- "यार सारे चैनलो में तो सुबह शाम पंडित, ज्योतिषियों के कार्यक्रम आते हैं। इंडिया टीवी तो भगवानो का घर और राक्षसों के महल ही खोजता रहता है।"  दीपक बाबू ने मुंह बनाया - भाई ये सब तो ये लोग टीआरपी के लिये करते हैं पर हिंदूओ पर हो रहे अत्याचार और उनके हितो के नुकसान के बारे मे कुछ नही बताते।" हमने कहा - " रामदेव बाबा की पिटाई एक हफ़्ते तक  दिखाई जाते रही। उनका मंच से कूदना सलवार सूट पहन कर भागना और उसके बाद जान से मारने की कोशिश वाला इंटरव्यू कितने दिनो तक चलता रहा  और तो और आपकी पूज्यनीय साध्वी के मंच पर नजर आने के बाद मीडिया ने ऐसा सब हो सकता है इसकी भविष्यवाणी भी कर दी थी।

दीपक जी बोले- "हमारे बाबा पर हुये दमन की बात तो दिखाई,  पर उसके विरोध में देश भर मे हुये आंदोलन को नही दिखाया।   कांग्रेस का एजेंट अन्ना  जेल में बंद क्या हुआ,  सुबह से लेकर शाम तक उसी को दिखाते रहे।  और तो और हिसार में अन्ना के तीन आदमी सिर्फ़ तीन दिन पहले गये थे तो उनकी जीत बता दिया और हमारे बाबा रामदेव के हजारो कार्यकर्ता दो महिनो से कांग्रेस को हराने की अपील कर रहे थे उसके बारे मे कुछ नही बताया।

हमने कहा- "तब तो आपकी भाजपा भी बिक गयी है।  भाजपा नही बिकी होती तो बुलाती बाबा रामदेव को प्रचार में और वहां अपने प्रत्याषी के साथ सभा करती। और ये बार बार मीडिया को कोसना बंद करो जब देखो तब हाय मीडिया हाय मीडिया चिल्लाते हो और कंप्यूटर मे अफ़वाहे फ़ैलाते हो कि नेहरू का दादा मुसलमान था, गांधी का बाप मुसलमान था राहुल गांधी अमेरिका मे नशे के व्यापारी के साथ पकड़ाया था, यहां हिंदू मारे जा रहे हैं,  वहां मंदिर टूट रहे हैं। दीपक जी गला फ़ाड़ कर चिल्लाये " यह सब एक दम सच बात है दवेजी आप कांग्रेसी हो इसलिये इसे अफ़वाहे बता रहे हो।"

हमने कहा- "सच है तो क्यो नही भाजपा प्रेस कांफ़्रेस कर आरोप लगाती। गांधी का बाप मुसलमान था, गांधी ने भारत के टुकड़े करवा दिये तो क्यों राजघाट जाते है भाजपा नेता श्रद्धांजली देने।  और जहां हिंदू मर रहे हैं मंदिर टूट रहे हैं तो क्यो नही वहा जाकर धरने पर बैठ जाते। सबसे बड़ी बात जब मालूम है कि मीडिया बिकाउ है। तो खरीदते क्यों नही, हाय हाय करते पचास साल गुजर गया क्यों अकल नही आती। दीपक बाबू बोले - "दवे जी, हम लोग भ्रष्ट नही है"। हमने कहा- "यार यह बात सुनकर हमको हंसी भी आती है और रोना भी। हंसी इसलिये कि ऐसी साफ़गोई से झूठ बोलने वाला जोकर, भारतीय राजनीती मे ही मिल सकता है और रोना इसलिये कि जिस चाल चेहरा और चरित्र की उम्मीद थी उसका बेड़ा गर्क कर दिया है भाजपाइयों ने।"

दीपक बाबू ने बात घुमाई- "दवे जी हम लोग धर्म युद्ध लड़ रहे हैं, हमे बिकाउ मीडिया का साथ नही चाहिये। " हमने कहा - "इतना हिंदू वादी बने फ़िरते हो,  गीता पढ़े होते तो जान जाते धर्म युद्ध में सब जायज है। और धर्म युद्ध, इमानदारी सब लारी लप्पा है आप लोगो को सिर्फ़ माल अंदर करने की हो रही है ये बेचारे कांग्रेसी कितने इमानदार टाइप के बेईमान  हैं,  खाते भी है तो आधा मीडिया तक पहुंचा देते हैं। और आप लोगो की सरकार आये तो माल पानी अंदर करके इंडिया शाईनिंग चिल्लाने लगते हो। फ़िर हार जाते हो तो हाय मीडिया हाय मीडिया चिलाते हो।"

दीपक बाबू बोले - "दवे जी, आपकी बात में दम तो है हम पार्टी में प्रस्ताव रखेंगे "  हमने कहा क्या खाक रखोगे पहले अपने अखबारो की हालत पर विचार रखवाना।  पांचजन्य को पांच आदमी नही पढ़ते  स्वदेश आज कल कौन से देश में छपता है यह जरूर पता करके आना। और सुनो आज के बाद हमारे सामने हाय मीडिया हाय मीडिया मत चिल्लाना।"


अब साहब दीपक बाबू तो नुक्कड़ से निकल लिये और हम सिर खुजाते रह गये कि इस बिकाउ मीडिया को अपने भाजपायी भाउ कब खरीदेंगे या जीवन भर हाय मीडिया हाय मीडिया ही भजते रहेंगे। अब उम्मीदे तो इन्ही से है,  भारत की प्रधान मम्मी और उनकी पार्टी को झेलना अब हमारे बूते की बात नही।

Monday, October 3, 2011

ये भाजपा मुझे आत्महत्या नही करने देती

रात को  हम नुक्कड़ में टहल रहे थे कि एक कोने से एक महिला के सिसकने की आवाज आई| औरतों का दर्द हमसे देखा ही नही जाता सो हम पहुंच गये और पूछा - " क्यों सुंदरी आप क्यों रो रही हैं।"  उसने सिसकते हुये कहा "ये कमबख्त हमें सुईसाईड नही करने दे रहे।" हमने कहा- "सुंदरी यह तो अच्छी बात है, किसी को भी सुसाईड करने से रोकना ही चाहिये और आप हो कौन"। जवाब मिला- " मै आत्मा हूं" । आत्मा सुनते ही हमारी रूह फ़ना हो गयी, हमने कहा - " पहले तो अम्मा सामने आओ,  हम कनफ़र्म करेंगे कि आप आत्मा हो"।

आत्मा ने कहा -" पहले तो बड़ा सुंदरी, सुंदरी कर रहा था, अब अम्मा पर उतर आया। सही है आत्मा के सामने बड़े बड़े लंपट सीधे हो जाते हैं"। इतना कह आत्मा सामने आई, उसे देख हमारे रोंगटे खड़े हो गये। तार तार हुये कपड़े क्षतविक्षत शरीर, गमजदा चेहरा।  हमने डरते हुये कहा- "आत्मा भला कही सुईसाईड कर सकती है।" आत्मा भड़क गई- "अरे मूर्ख शरीर सुईसाईड करेगा तब न आत्मा को मुक्ती मिलेगी।"  हमने धीरे से कहा - आपकी किसकी आत्मा हैं"। जवाब मिला- "कांग्रेस की।"  हमने पूछा- "आप आत्महत्या क्यों करना चाह रही हैं कांग्रेस माई।"  आत्मा ने कहा - "बेटा वो दिन गये जब हमें लोग कांग्रेस माई कहते थे, अब तो हमारा नाम कांग्रेस आई हो गया है।

हमने कहा -" पहले आप आराम से बैठिये और हमे पूरा किस्सा सुनाईये।"  आत्मा ने कहा - " क्या बताउं बेटा मेरे जन्म के बाद मुझे गांधी जी के आश्रम मे भर्ती कर दिया गयावहां सत्य अहिंसा दलित उद्धार और धार्मिक सदभाव का मैने पाठ पढ़ा। आजादी के बाद गांधी जी ने मुझे नेहरू जी को सौंप दिया तब लोग नेहरू की कुछ नाकामियों को कोसते भी थे पर मेरे बारे में भला बुरा कोई न कहता था। नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने तो मेरा नाम और उंचा कर दिया था जय जवान जय किसान के नारे लगाते लोग मेरी जयजयकार करते थे। फ़िर  इंदिरा से लेकर राजीव और अब उसकी पत्नी दिनोदिन मेरी इज्जत गिरती गयी और आज का हाल तो देख ही रहे हो बेटा कांग्रेस का नाम अब कलंक  हो गया है।"

हमने समझाया - चिंता मत करो अम्मा आज भी पार्टी में ईमानदार लोग हैं । आत्मा बोली - "मुझ बुढ़िया को समझा रहे हो बेटा देखी नही ईमानदारों की हालत।"  हमने कहा -" कुछ नही अम्मा, वह तो मनमुटाव दूर किया उन्होने।"  आत्मा ने हमारी बात काटी -" थूक कर चाटना कहते हैं बेटा इसे"। इतना कह वह  फ़िर सिसकने लगी"।

हमने पूछा - " अम्मा आपका शरीर मरेगा कैसे यह तो बताओ" आत्मा बोली- "सुसाईड से, मुझे अनिच्छा मृत्यू का वर है। अर्थात जब तक मेरा शरीर आत्महत्या न करे तब तक मेरी मुक्ती संभव नही"। हमने कहा- "तब तो अम्मा कब तक इस तरह रोती रहोगी,  समय की कोई गारंटी तो नही है"|  आत्मा बोली - " अरे बेटा इतने सालों बाद इस मनमोहन की सरकार बनी। मैने तरह तरह की तपस्या कर इसे एटमी डील के लिये प्रेरित किया, कैश फ़ार वोट स्कैंडल भी करवा दिया। उसके बाद जब कुछ होता न दिखा तो मैने जप तप कर इस मनमोहन को दूसरी बार चुनाव जितवा दिया और तमाम घोटालो के भंडाफ़ोड़ भी करवा दिये कि इस शरीर से मुक्ति मिले।"

हमने दिमाग पर जोर डाला - हां अम्मा कल वो लालकॄष्ण आडवानी बता तो रहे थे कि कांग्रेस आत्महत्या की राह पर चल रही है। इतना सुनते ही आत्मा भड़क गयी- "नाम मत लो उस मुये और उसकी पार्टी का, मुंह में दात नही पेट में आंत नही और चले हैं प्रधानमंत्री बनने"। ये कांग्रेस तो कब का आत्महत्या कर लेती पर ये  भाजपा है न,  काम सारे कांग्रेस वाले, बेईमानी एक रूपये भी कम नही और गाना गायेंगे "चाल चेहरा चरित्र, सुशासन यात्रा।  और सोचेंगे घर बैठे कांग्रेस आत्महत्या कर ले। और जब देखेंगे जनता साथ नही दे रही तो बाबाओं के पीछे यतियों के पीछे छुप के सत्ता पाने की सोचेंगे। उससे बस नही चलेगा तो नफ़रत फ़ैलायेंगे, नेहरू का दादा मुसलमान था, बटवारे में हिंदुओं का ऐसे कत्ल हुआ, यहां दंगा हो रहा है, वहां कावड़ियें नही जा पा रहे, लव जिहाद चल रहा है। इनके अलवा अन्ना हजारे के जैसा कोई और आयेगा तो उसके पीछे पड़ जायेंगे कि कांग्रेस का एजेंट है। ये नही कि इमानदारी और विकास के बल पर जनता का विश्वास जीतें। इनका फ़ार्मूला तो मुंह में गांधी और बगल में गोड़से वाला है।

ले देकर एक इमानदार मोदी काम कर रहा है तो उसको आगे बढ़ाने के बदले पीछे से टांग खींच रहे है। ये भाजपाई लोग ही तो हैं बेटा जो कांग्रेस को आत्महत्या करने नही दे रहे हैं।" हमने कहा- "अम्मा अब ये मामला तो इतने लफ़ड़े वाला है कि हम क्या करें।  आत्मा ने सुझाव दिया- " बेटा एस एम एस कर लोगों को मेरी तकलीफ़ बताओ" हमने कहा- "अम्मा वह तो संभव नही, सरकार ने  सौ से अधिक एसएमएस पर रोक लगा दी है"। आत्मा ने कहा -" बेटा, फ़िर फ़ेसबुक, ब्लाग जैसी जगहों पर लेख लिख लोगो को जागरूक करो। हमने कहा- "अम्मा , वह भी संभव नही दिग्विजय सिंग केस कर देता है आजकल कि उसको मानसिक पीड़ा पहुंच रही है।" और लिख भी दो अम्मा तो देश की अस्सी प्रतिशत जनता के पास तो पेट भरने के अलावा बाकी किसी चीज के लिये समय नही फ़ायदा कुछ नही होगा।"


इतना सुनते ही अचानक आत्मा गायब हो गयी और हम बोझिल कदमों से घर की ओर बढ़ लिये। मित्रो हो सकता है कि यह आत्मा फ़िर मुझे कही नजर आ जाये। ऐसे मे अगर कांग्रेस कैसे आत्महत्या कर सकती है इस विषय पर आपके पास कोई विचार हो तो अवश्य बताईयेगा।

Monday, September 19, 2011

सखी मन्नू बहुत ही कमात है महंगाई डायन खाये जात है

मित्रो आपके खासमखास याने दवे जी नाम के फ़ोकटचंद सलाहकार को दस धनपथ से बुलावा आया स्वयं सोनिया जी का।  जाकर बैठे ही थे कि सोनिया जी गुनगुनाते हुये कमरे में पहुंची कि "सखी मन्नू बहुत ही कमात है, महंगाई डायन खाये जात है"।  वे हमें देख कहने लगीं-  " दवे जी महंगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़्ती ही चली जा रही है, घर खर्च पूरा नही बैठता आप कोई रास्ता दिखायें"। हमारा मुंह खुला का खुला रह गया,  कहा- "मम्मी जी आप और पैसे की कमी, चारों ओर इतना भ्रष्टाचार कर रहे हैं आपकी पार्टी वाले और मम्मी को कड़की, हद हो गयी जनता से बेईमानी तो छोड़ो आपसे भी बेईमानी करने लगे"।

मम्मी जी भड़क गयीं,  बोलीं - "आपको रास्ता दिखाने बुलाया है, होशियारी दिखाने नहीं।  दुखी हम देश की आम जनता के लिये हैं कि हमारा मन्नू इतना विकास करवा रहा है और फ़िर भी जनता महंगाई से त्रस्त है, इससे कैसे निपटा जाये यह बताओ"। हमने कहा -"  आपकी पार्टी में  दो प्रकार के लोग तो हैं,  कमाने के लिये अर्थशास्त्री और बचाने के लिये वकील,   हम आपको क्या सलाह दें।  वैसे आपके मन्नू को कहिये कि पेट्रोल डीजल का भाव कम करवा दे कुछ तो राहत मिलेगी"।


मम्मी जी बोलीं- "हमने कहा था मन्नू से,  पर उनका कहना था कि दाम अंतराष्ट्रीय मूल्यों पर ही निर्भर करते हैं"। हमने कहा- "मम्मी जी यह सब टोपी बाजी की बाते हैं, जनता त्राहिमाम कर रही है, आपको पता नही है, लोग बोल रहें है कि दिल्ली में बम विस्फ़ोट से आपकी धमाकेदार देश वापसी हुयी है और आपकी पार्टी ने मुंह दिखाई में आपको पेट्रोल की मूल्य वृद्धी दी है"। मम्मी जी दुखी हो गयीं,  बोलीं- "हम करें क्या, ये लोग तो बहाना मार देते हैं, अब हम सलाह लें तो किससे"। हमने कहा - "बात सही है मम्मी जी, अब लड़का ही कालेज फ़ेल नालायक निकल जाये तो कोई क्या करे"।  मम्मी जी भड़क गयीं- "क्या मतलब है आपके कहने का"। हमने बात संभाली- "क्या है मम्मी जी ये सब मंत्री तो आपके पुत्रवत ही हैं न इतना पढ़ कर आये हैं, लेकिन देखिये फ़ेल हो गये  मंहंगाई नही रोक पा रहे"।


सोनिया जी बोलीं- "अब करना क्या होगा"।  हमने कहा- "मम्मी जी आपका जो मन्नू है न,  उसको कालेज में किसी ने पढ़ा दिया कि मंदी उर्फ़ रिसेशन बुरी चीज है। इसलिये उसे आने देना ही नही चाहिये, यह बात गांठ बांध कर मन्नू ने रख ली है और यही मुसीबत की जड़ है"। वे बोलीं- "पगला गये हैं क्या दवे जी, रिसेशन से तो देश में हालात बिगड़ जायेंगे"। हमने कहा- "आपके मन्नू ने कृत्रिम तेजी लायी है तो उससे निपटा मंदी के हथियार से ही जा सकता है। मुख्य बात यह कि पिछली बार जब मंदी आयी तो आपके मन्नू नें उससे बचने के लिये नोट छाप कर बाजार मे ढकेल दिये। उससे महंगाई बढ़ गयी"। बात मम्मी जी के भेजे मे न घुसते देख हमने उदाहरण दिया- "देखिये मुख्यमंत्री के  पद के तीन दावेदार है,  सबके पास दस दस करोड़ रूपया है तो आपको  मुख्यमंत्री पद के पद की क्या कीमत मिलेगी"। मम्मी जी बोलीं- "दस करोड़ रूपये और कितनी"।  हमने कहा -"और तीनो के पास बीस करोड़ रूपया हो तो"। मम्मी जी खुश हो कर बोलीं- "बीस करोड़ रूपये"।  हमने कहा- "देखिये मुख्यमंत्री के पद के लिये महंगाई बढ़ गयी की नही। ऐसे ही देश में आपके मन्नू ने नोट छाप कर पैसा डबल कर दिया है, सो कीमतें डबल हो गयी है।

मम्मी जी बोलीं- "अब कैसे कम होंगी" हमने कहा- "आपका मन्नू बैंक की ब्याज दरें बढ़ा रहा है, पेट्रोल और अन्य चीजों के भाव बढ़ा रहा है कि इससे अतिरिक्त पैसा मार्केट से बाहर हो जाये। पर इससे फ़ायदा हो नहीं रहा कुछ उल्टे आम आदमी के सामान खरीदने की क्षमता कम हो रही है। मम्मी बोलीं - "यस, फ़िर मांग घटने से भाव गिर जायेंगे"। हमने सिर ठोका- " मांग विलासिता की चीजो की घटेगी, जरूरत की चीजों की नही।

बात मम्मी जी के भेजे में घुस गई, बोलीं- "इसका उपाय क्या है दवे जी"। हमने कहा- "हायर इनकम ग्रुप पर तगड़ा टैक्स लगाना। छठवे वेतनमान में बढ़ी अनाप शनाप तंख्वाहों कॊ कम करना और प्राईवेट सेक्टर में सैलरी के कंपोनेंट को तय कर अनाप शनाप तनख्वाहों में कमी लाना। उंचे भ्रष्टाचार वाले क्षेत्रों में सरकारी खर्च को न्यूनतम स्तर पर ले आना। फ़ूड सेक्टर को आर्गेनाईज कर बिचौलियों को खत्म करना। उंचे सरकारी पदो पर बैठे अधिकारियों और पूंजीपतियों के कृषी जमीन के स्वामित्व पर प्रतिबंध लगाना। इससे करोड़ो एकड़ बेकार पड़ी कृषी भूमी में उत्पादन होगा, जमीन की बढ़ती अनाप शनाप कीमतों पर नियत्रण आयेगा। और आखिरी कदम भारत के तैतीस प्रतिशत क्षेत्र मे फ़ैली वनभूमी से साल सागौन नीलगिरी जैसे पेड़ों को हटा उनमे फ़ल और फ़ूलदार पेड़ों का रोपण करना। इससे आदिवासी और वन्यप्राणियों को भोजन मिलने के साथ साथ शेष लोगो को भी सस्ती कीमतों पर भोजन मिलेगा"।


इतना सब सलाह दे, हम तो साहब वापस आ गये पर हमें आशा नही कि प्यारी मम्मी और उनके चालीस चोर हमारी सलाह में अमल लायेंगे। हां बाबा रामदेव इन सलाहों को अपने एजेंडे मे ले लें तो भी कम से कम उनका अभियान तो चमक ही जायेगा।

Friday, September 9, 2011

बाबा रामदेव की ट्रेनिंग

 नुक्कड़ में एक सज्जन पता पूछते पहुंचे, पूछा - "भाई वो मुफ़्त में सलाह देने वाले फ़ोकटचंद लेखक दवे जी कहां मिलेंगे"। हम तक वे पहुंचे तो मालूम पड़ा कि बाबा रामदेव नें हमें बुलाया है,  सो हम पहुंचे उनके पास आशीर्वाद देने के बाद बाबा ने अपनी व्यथा बताई-  "सरकार पत्रकारों के माध्यम से उटपटांग आरोप लगवा कर  छवि बिगाड़ने का प्रयास कर रही है"। हमने कहा- "बाबा जी मान लो आप नही दवे जी पतंजली के कर्ता धर्ता हैं, दीपक  चौरसिया जी हम पर आरोप लगाते जायें और हम जवाब देते जायेंगे,  आप उन जवाबो का रिहर्सल कर लेना और फ़िर आप की छवि सरकार नही बिगाड़ पायेगी।

बस क्या था  दीपक चौरसिया के हमसे  सवाल जवाब शुरू हुये।


दीपक चौरसिया - " दवेजी आप पर आरोप है कि आप ट्रस्ट और कंपनियों के माध्यम से जनता के धन का दुरूपयोग कर रहे हैं"।

 दवेजी - "भाई हमको जनता ने बिना किसी शर्त के दान दिया,  कि आप जो मर्जी चाहें,  इस धन का उपयोग करें और  हम योग के माध्यम से, दवाईयों के माध्यम से जन सेवा कर रहे हैं। अब यदि सरकार को लगता है कि दुरूपयोग हो रहा है, नियमो का उल्लंघन हो रहा है। तो जांच कराये हमको जेल भेज दे। हम इस सरकार के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।  नयी सरकार आयेगी, फ़िर इनकी जांच होगी।  बोलते हैं कि हमने एक करोड़ का घपला किया है तो दस साल की जेल दवे जी  को दे दो और इन लोगो ने सौ लाख करोड़ के घपले कियें है तो इनकी सजा कितनी होगी यह जनता तय करेगी"।


दीपक चौरसिया -  "दवेजी शीशे के घरों मे रहने वाले दूसरों पर पत्थर नही फ़ेकते, यह आप क्यों भूल गये थे"।


 दवेजी - "हां भाई रहते हैं जीवन सार्वजनिक है, लोगों से रोज मिलते हैं।  ये कांग्रेसी तो लोहे के घरो मे रहते हैं क्या करते हैं, जनता को मालूम ही नही पड़ता।  इनकी अध्यक्षा बीमार हुयीं कब गयी, कब आयीं क्या बीमारी हुयी थी किसको पता चला।  रटा रटाया बयान जारी कर दिया,  आम आदमी मिलना तो छोड़ पास भी नही जा सकता"।

दीपक चौरसिया - " दवेजी आप पर आरोप है कि आप विदेशों मे द्वीप खरीद रहे हैं"।

 दवेजी -" हां तो क्या गलत कर रहे हैं है इस देश मे और जमीन जोड़ रहे हैं।  और ये कांग्रेस पार्टी तो शुरू से आज तक देश की जमीन लुटाते आयी है कभी पाकिस्तान को दे दिया,  कभी चीन से हार गये और अब बंग्लादेश को दे रहे हैं, इनकी हिम्मत कैसे होती है दूसरों पर आरोप लगाने की"।

दीपक चौरसिया -" आप पर आरोप है कि आप अपने संबंधियों को ट्रस्ट और कंपनियों की जिम्मेदारी सौप रहे हो"।
 दवेजी - "अरे भाई जनता ने इतने प्रेम और आदर के साथ हमे देश सेवा के लिये दान दिया है,  तो किसी को तो काम मे लगाना होगा,  ऐसे आदमी को जिस पर हमारा विश्वास हो। क्या इन कांग्रेसियों को काम पर लगाउं जो देश को लूट लूट कर खा रहे हैं। इन जैसे लोगो को लगा दूंगा तो  ये ट्रस्ट दो साल में डूब जायेगा"।

दीपक चौरसिया - "पर आपके संबंधी इसमे घपले कर रहे हैं ऐसा आरोप है"।

 दवेजी - "अरे भाई घपले कर रहे हैं, तो हर ब्रांच में मैं सीबीआई को बैठने का कमरा दे देता हूं। जनता के धन की सुरक्षा मे मन हरदम चिंतित रहता है।  दीपक बाबू जनता देखती है कि आदमी कैसा है, तब दान देती है।  इन कांग्रेसियों से पूछो,  बाबा को इतने साल में बारह सौ करोड़ दान मे मिला,  बाबा ने ट्रस्ट  खड़ा कर दिया कांग्रेस के पास कितना पैसा आम आदमी से दान मे मिला हुआ है। व्यापारी और दलालों का चंदा हटा दो तो कांग्रेस कटोरा लेकर खड़ी हो जायेगी"।

दीपक चौरसिया -  "दवेजी आप कहते हो कि आप साधु हो,  आपके पास संपत्ती नही फ़िर आपने ट्रस्ट क्यों बनाये, कंपनिया क्यों बनाई ,आपके खर्चे तो इसी से पूरे होते हैं, आप जहां चाहे उपयोग कर सकते हो"

दवेजी - "अरे भाई जनता ने धन क्या जमीन मे गाड़ कर रखने को दिया है। उपयोग तो करना ही है, सवाल यह है कि सदुपयोग हो रहा है कि दुरूपयोग, यह जनता देख रही है।  इस सरकार की तरह नही कि इंडियन एयरलाईन मिली और उसे पांच साल बाद भिखारी बना कर छोड़ दिया ।

दीपक चौरसिया -  "आपके उपर आरोप है कि आप दवायें बेचते हो, मुनाफ़ा कमाते हो"।

 दवे जी  - "तो यह कांग्रेस बेच ले,  मुनाफ़ा कमा ले किसी ने रोका है क्या,  पर इनको तो घोटाला करके कमाना है,  पसीना बहा कर नही.  अरे भाई जनता की सेवा करना  आसान है क्या।  दीपक भाई सेवा पथ कठिन है,  त्याग मांगता है, बदनामी भी होती है।  डाबर कंपनी के मालिक से कोई नही पूछेगा कि पांच सौ प्रतिशत मुनाफ़ा क्यों कमा रहा है। क्यों क्योंकि वह मुनाफ़ा कमा कर घर ले जा कर आराम से जी रहा है। दवे जी  गरीबों की,  दलितों की पीड़ा देख कालाधन वापसी के संग्राम कर रहे हैं तो सबकी नींद हराम हो रही है"।


इंटरव्यू खत्म होते ही बाबा रामदेव ने हमको गले लगा लिया,  वाह दवे जी मान गये आपको।  हमने कहा- "बाबा जी एक आखिरी बात गांठ बांध लो, जो आप आर्थिक मामलों मे बयान देते हैं,  कि दो % ट्राजैंक्शन टैक्स लगाओ बाकी टैक्स बंद करो आदि, अब आगे से न करना, आप साधू हो अर्थशास्त्री थोड़े ही हो,  कोई भी लपेटे में लेगा तो आपसे जवाब देते नहीं बनेगा।

वैसे भी अर्थ शास्त्रियों का समय खराब चल रहा है देखते नही मनमोहन जी के मुंह से बोल नही फ़ूट रहा,  मंहंगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। इसलिये बाबा आप केवल कालेधन और भ्रष्टाचार की बात करो न कोई पत्रकार,  न सरकार आपके इस दावे को झुठला पायेगी, देश देख रहा कि कितनी बेईमानी हो रही है।

इतना सुन प्रसन्न बाबा ने हमसे कहा- "दवे जी आप जो चाहो मांग लो, हमने हाथ जोड़े बाबा आप ऐसी आयुर्वेदिक व्हिस्की तैयार करें कि  हर पत्नी सोने से पहले पति से पूछे, क्यों जी तीन पैग पिये की नही और उस व्हिस्की  के सौ लाभ गिनाये, न पीने पर होने वाली हजार हानियां गिना दे। बाबा ने हमें पक्का वचन दिया है देखना अब यह है कि बाबा अपनी ट्रेनिंग और वायदे पर खरे उतरते हैं कि नही। 

Wednesday, August 17, 2011

कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक मे दवे जी

साहब,  कांग्रेस को भीषण संकट के इस काल में किसी ने सुझाव दिया कि दवे जी नाम के एक फ़ोकट चंद लेखक हैं। जो आज कल सत्ता सुंदरी के नाम से चिठठीयां लिख लिख नेताओं, बाबाओं को सलाह दे रहे हैं। क्यों न उनसे इस संकट पर सलाह ली जाये। बुलावा मिलने पर हम तत्काल पहुंच गये, हमसे अन्ना नामक संकट से निपटने पर विचार मांगे गये, यह भी पूछा गया कि दवे जी इस अन्ना को मिल रहा जन समर्थन कैसे खत्म किया जाये।


हमने कहा - "इस अन्ना को कोई समर्थन तो मिल ही नहीं रहा है"। सुनते ही कपिल सिब्बल जी उछल पड़े बोले -"मै न कहता था, ये तो टीवी मे देख देख कर लोग तमाशा देखने पहुंच रहे हैं"। फ़िर कपिल जी आदतन कुटलिता से मुस्कुराये बोले - "इसको बाबा जैसे पकड़ कर दिल्ली से बाहर करो सब ठीक हो जायेगा"। हमने माथा पकड़ लिया कहा -" वकील साहब हर बात में ज्यादा होशियारी झाड़ना महंगा पड़ता है"। "और ये जो बार बार दांत निपोरते हो इसे बंद करो,  पूरा देश आपके उपर भड़का हुआ है"। "हम कह यह रहे थे कि ये अन्ना का समर्थन नही आपकी पार्टी को असमर्थन है, जो सड़कों पर उमड़ पड़ा है"। आपके प्रवक्ताओं की अकड़, बदजुबानी, बेशर्मी से देश स्तब्ध है, इतने घोटालों के बाद जो शर्मं और अफ़सोस आपके चेहरे पर नजर आनी चाहिये वो नदारद है।  कड़े कदम उठा दागी मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों को जेल भेजते, पार्टी में आमूळ चूल हेर फ़ेर करते,  तो यह नौबत नहीं आती।


मनमोहन जी बोले- "हमे भाषण नही सुनना,  उपाय हो तो बताईये"।  हमने कहा- " अन्ना को गिरफ़्तार करने का निर्णय किसने लिया था,  पहले आप यह बताईये"। वोरा जी बोले- "ये निर्णय शासन का है, पार्टी का इससे संबंध नहीं है"।  हमने चिदंबरम की ओर देखा तो वो कहने लगे-  "कानून व्यवस्था का काम पुलिस प्रशासन का है,  इससे सरकार का मतलब नही"। हमने कहा-  "दाई से पेट छुपाओगे कांग्रेसियों, तो सरकार का दो साल मे ही गर्भपात हो जायेगा,  ये फ़ालतू की सफ़ाईगिरी बंद करो"। फ़िर हम राहुल जी की ओर मुड़े पूछा- " बाबा क्या कांग्रेस इतनी चोर हो गई है कि ये वकील ही भर्ती करते हो"। " जमीन से जुड़े नेताओं को रखते तो ये नौबत ही नही आता,  पहले ही बात समझ जाते कि जनता बेहद क्रोध मे हैं"।  "खैर आप लोगो को अन्ना को गिरफ़्तार करना भारी पड़ चुका है अब रास्ता केवल एक ही है"।


"सबसे पहला कदम यह उठाओ कि मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंग जैसे महापुरूषों को अज्ञातवास में भेज दो"।  "दूसरा कदम,  जितने बेईमान हो उतनी ही ईमानदारी से इस बिल को पास कराने मे भिड़ जाओ"।  तभी एक महाशय बीच में कूदे कहा - "ओ शिवाजी बिल पास ही करना है तो फ़िर तुम्हारी सलाह क्यों मांगते"। हमने  कहा - " कांग्रेसियों दूसरो की पूरी बात सुनना ही तुमको आता तो आज ये नौबत नहीं आती,  अपना मुंह बंद कर पूरी बात सुनो"। "हां,  तो मै यह कह रहा था,  कि रामलीला मैदान मे अन्ना की लीला शुरू होने के अगले दिन,  बाबा को दो तीन युवा नेताओं,  जैसे जिंदल, पायलट आदि के साथ अन्ना के पास रवाना कर दो"।  " ध्यान यह रखना कि स्वयं किरण बेदी और केजरीवाल अगवानी करें वरना पब्लिक फ़ोड़ाई की भी संभावना है"।  "जाते ही अन्ना के कैमरों के सामने चरण स्पर्श कर आधे घंटे मंच के सामने चुपचाप विराजमान हो जायें और फ़िर बिना कुछ बोले वापस आ जायें"।  फ़िर अन्ना की कमेटी को बुला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में एक समिती बना लेना,  बिना होशियारी किये सर्वसम्म्ती के नाम होना चाहिये"।

"आपकी तरफ़ से उसमे केवल प्रणब दादा रहें,  और विपक्ष का कोई न रहे"।  "उस समिती से जितनी मांगे मनवाई जा सकें मनवा कर,  दो दिन के अंदर बिल का प्रारूप बिना होशियारी किये संसद में पेश कर देना"।  "इस बीच मीडिया के सामने कोई कुछ न कहे"।  "इसके बाद गेंद विपक्ष के उपर डाल,  शांती से जुगाली करते बैठना।  "कुछ कहना तो बिल के समर्थन में अन्यथा समिती की इज्जत के नाम पर चोंच बंद ही रहे"। इस बीच आपके युवा सांसद सरकार के पिछली हरकतों पर गुस्सा जाहिर कर सकते हैं,  और सोनिया की बीमारी के कारण राहुल बाबा के न होने की दुहाई दे सकते हैं"।


"बस फ़िर आप जितने चोर हो विपक्षी भी उतने चोर हैं, अपनी होशियारी घुसाये बिना बने बिल पर तमाम अड़ंगे लगायेंगे"।  "उनको अन्ना टीम के साथ निगोशियेसन मे लगने देना"। वहां मायावती, लालू,  मुलायम जैसे तमाम विद्वान बैठे ही हैं। जनता का जो आक्रोश आप पर है उनकी ओर मुंड़ जायेगा"। और इसी बीच कोई न कोई रास्ता निकल आयेगा।  इतनी सलाह दे अपने राम बैठक छोड़ निकल आये।


अब कांग्रेसियों नें हमारी सलाह कितनी मानी यह तो वक्त ही बतायेगा। पर अपना पुराना अनुभव है कि कॊई किसी की सलाह  मानता नहीं है। और नेताओं में तो यह बीमारी और गंभीर होती है। खैर साहब ऐसा लगता है कि इन कांग्रेसियों को निकट भविष्य मे अपनी फ़्री सलाह की फ़िर जरूरत पड़ेगी,  आपके कुछ सुझाव हों तो अवश्य बता दीजियेगा मै कांग्रेसियों तक पहुंचा दूंगा।

Saturday, July 30, 2011

अन्ना हजारे को सत्ता सुंदरी का प्रेम पत्र

मेरे प्यारे अन्ना

मुझे पता है कि इस  पत्र का शीर्षक देख कई लोग इसे इश्क का चटखारा लेने पढ़ेंगे । आज के संक्रमण काल मे भी इन पापियों को इश्क मुहब्बत ही सूझ रहा है , पिता तुल्य इंसान से एक स्त्री के प्रेम को ये लोग क्या समझेंगे । जैसे जैसे सोलह अगस्त की तारीख नजदीक आती जा रही है, हमारे दिल की धड़कने बढ़ती जा रही हैं । हम रोज भगवान से अल्लाह से जीसस से यह प्रार्थना करते हैं , कि वह आपके आंदोलन को सफ़ल बनाये । ऐसी ही प्रार्थना हमने   बाबा के लिये भी की थी । उनको पत्र लिख समझाया भी था पर वो नही माने । जाकर चिपक गये भाजपा से । साफ़ मना किया था हमने कि भाजपा अकेली नही आयेगी उसके साथ भ्रष्ट नेता और उनके दाग भी आयेंगे । भाजपा के आने से अल्पसंख्यक आंदोलन से अलग हो जायेंगे । पर वो मानना छोड़ आंखे मटका मटका कर कहने लगे हमको चूहे खाने वाली बिल्ली चाहिये । मिल गई बिल्ली , उड़ गयी गिल्ली अब हो रही है खिल्ली । ब्वायफ़्रेंड सीबीआई के हत्थे चढ़ा वो अलग


खैर आप इन सब फ़ंदो मे नही फ़सेंगे ऐसी मेरी आशा है । प्यारे अन्ना हम सब सत्ता सुंदरिया बेहद दुखी हैं हमारे पिता लोकतंत्र ने जिस भी नेता अफ़सर को हमारा हाथ दिया नही ,  कि वो ही हमे नोचने खसोटने मे मशगूल हो जाता है । हमारे स्वास्थ की हमारे एक अरब बच्चो की उन्हे कोई परवाह न रहती है । अब तो हद ही पार हो गयी है , जब से हमारे पिता ने हमें इस कपटी खांग्रेस के हाथो सौपा है । तब से ये और सोनी सास ने सारी हदे पार कर दी हैं । हमारे मायके को लूट लूट कर दूसरी सुंदरियों के बच्चो के नाम विदेश भेज रहे हैं दामाद भी पीछे नही है उसका भी स्विस बैंक मे एकाउंट है। हम करें तो करें क्या भारत मे तो किसी आम महिला को उसका पति उंची आवाज मे बात भी कर ले , तो वह महिला थाने पहुंच जाती है । पर हमारे लिये ऐसा कॊई कानून नही , आप जल्द से जल्द हर शहर मे लोकपाल थाना खुलवा दीजिये , दहेज विरॊधी कानून जैसा सख्त कानून बनवा दीजिये तो हमे सता रहे लूट रहे सारे पति तिहाड़ मे नजर आयेंगे । और जो नये पति मिलेंगे वो आज कल के पतियो की तरह दब्बू रहेंगे । थोड़ा दायें बायें हुये नही की सीधा लोकपाल थाना के दरोगा डंडा पड़ा नही



प्यारे अन्ना कुछ चेतावनियां आपको भी दे रहीं हूं । ये मीडियासुर बड़ा अजीब सा राक्षस है पता नही किस पल पाला बदल लेता है । इसकी शक्तियां अथाह हैं , इसके सैकड़ो सैनिक पल पल आपके और आपके साथियों के आस पास मंडराते रहेंगे । अपना मनचाहा जवाब पाने के लिये तरह तरह के फ़ंदे बिछायेंगे । और मनचाही बाईट मिल गयी तो आपकी छवि को तोड़ने मरोड़ने मे कोई कसर न छोड़ेंगे । इनसे बहुत ही सतर्क और सावधान रहना । हर्ष की बात यह है कि इंटरनेट नाम का नया अवतार दिन रात आपकी विजय के लिये काम कर रहा है । पर फ़िर भी मीडियासुर को पास रख भी उनसे कुछ दूरी बनाने मे ही लाभ होगा ।


इस कपटी खांग्रेस से सावधान करने की तो बात ही बेमानी है , यह तो पूरा दम ही लगा देगी । सावधान उन नेताओं से रहने की जरूरत है जो विपक्ष मे बैठे हैं । जिनके हाथ और मुह दोनो ही काले हैं क्योंकि वे और ये खांग्रेस हम प्याले और हम निवाले हैं । ये आपके आंदोलन की लहर मे सवार हो सत्ता सीन होने मे कोई असर न छोड़ेंगे । इनमे से जो भी बिल को पूर्ण समर्थन न दे वह भी खांग्रेस सा ही दुश्मन है,  यह जान लेना , मीठी बातों के फ़ेर मे न आना । मुह मे इनके राम तो है ही बगल मे छुरी भी हो सकती है ।

और आखिरी सावधानी अपने उन समर्थको  से रखना , जो अल्लाह ओ अकबर और हर हर महादेव का नारा लगा देश मे जहर घोलना चाहते हैं । ऐसे किसी समर्थक से दूरी बनाये मे ही  भलाई है । और आपके उन समर्थको को भी मै चेतावनी दे देना चाहती हूं जो बेडरूम मे बैठ आपको सफ़ल होते  देखना चाहते हैं । आजादी के आंदोलन की तरह , जब इस आंदोलन के स्वयंसेवको को जब पेशंन और उनके बच्चो को नौकरी मे आरक्षण दूंगी तब रोते गाते मेरे पास न आये । लोकपाल बन जाने से पिछले आंदोलन की तरह इस बार फ़र्जी लोगो को प्रमाण पत्र नही मिलेगा  ।




आपकी पुत्री

सत्ता सुंदरी


पुनःश्च

प्यारे अन्ना और किसी भी बात पर समझौता कर लेना पर लोकपाल के चुनाव मे कोई समझौता नही करना वरना दरोगा ही रिश्वत खोर हो गया फ़िर हम अबलाओं को कौन बचायेगा ।

Tuesday, June 28, 2011

असली कांग्रेसी तो कट्टर हिंदुत्व का नारा लगाने वाले लोग हैं

नुक्कड़ पर आम दिनो की अपेक्षा बहुत शांती थी अन्ना के आंदोलन मे समय था और फ़िलहाल बाबा रामदेव को नया आंदोलन खड़ा करने मे वक्त लगने वाला था । सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी फ़िलहाल संकट विहीन समय का आनंद ले रहे थे और दीपक भाजपाई सकंट शुरू करने का मुहुर्त देख रहे थे । आसिफ़ भाई ने पूछ लिया दवे जी अब आगे क्या होगा मै कुछ कहता कि सामने से बाबा रामदेव के स्वयंभू समर्थको का जुलूस आया नारे लग रहे थे "सोनिया मम्मी हाय हाय कांग्रेस आई हाय हाय"   "हिंदू संत का ये अपमान नही सहेगा हिंदुस्तान" "जो हिंदू हित की बात करेगा वही देश मे राज करेगा " इनका पेटेंट हर हर महादेव का नारा तो था ही बाकि भ्रष्टाचार को कम और सोनिया मम्मी को ज्यादा कोसा जा रहा था ।


इस जूलूस को देख बीच मे बैठे आसिफ़ भाई शर्मा जी के पास बैठ गये पूछा क्या शर्मा जी क्या कहना है इस जुलूस पर । शर्मा कांग्रेसी बोले भाई ये लोग आज से थोड़े ही है जब से देश आजाद हुआ तब से हैं इनसे हम को कोई फ़र्क नही पड़ता अभी दो महिना पहले हम तीन राज्यो मे चुनाव जीत कर आये हैं । दीपक भाजपाई भड़क गये अब वो दिन गये बेटा कांग्रेसी देखो ये जा रहे हैं हमारे समर्थक ऐसा मजा चखाएंगे नानी याद आ जायेगी तुम लोग अब दस साल के लिये सत्ता भूळ जाओ । मैने पूछा कहां है  भाजपाई तुम्हारे समर्थक मुझे तो नजर नही आ रहे कहीं । दीपक भाजपाई बोले रात को ज्यादा हो गयी थी क्या दवे जी जो सामने जा रहा जुलूस नही दिख रहा । मैने कहा भाई जुलूस तो पूरा दिख रहा है पर उसमे तुम्हारे समर्थक कहां है  । ये सब तो कांग्रेसी लोग है शर्मा जी जरा इनके जलपान की व्यवस्था करो भाई शर्मा जी अचकचाये बोले क्यो मजाक करते हो दवे जी ये सब तो दीपक भाजपाई  के समर्थक हैं  वही जाने ।

मैने कहा भाई समर्थक भले दीपक भाजपाई के हैं पर काम तो आपका ही कर रहे हैं देखो ये जहां जहां से जायेंगे उस उस गली के सारे अल्पसंख्यक आपके भ्रष्टाचार को भूल बाबा रामदेव पर हुये दमन को भूळ  कांग्रेस के पीछे लामबंद हो जायेंगे  । यही तो आपको चाहिये यही होने पर तो आप फ़िर सत्ता मे आते हो नही तो जिस जगह ये लोग कमजोर है जैसे यूपी मे वहां आपकी पार्टी का नाम लेवा नही है । भाई किसी भी चुनाव मे चार प्रतिश स्विंग से ही सरकार आर पार हो जाती है ये जुलूस वाले तो पूरा बीस प्रतिश स्विंग करा देते हैं । आज कांग्रेस का बड़े से बड़ा नेता अपने भाषण से एक वोट कांग्रेस के पक्ष मे नही दिलवा सकता ऐसे मे ये हर हर महादेव का नारा लगाते ये लोग करोड़ो वोट बिना परिश्रम का कांग्रेस को दिलवा रहे है शर्मा जी आपको आभार व्यक्त करना चाहिये

शर्मा जी कुछ कहते कि उनसे पहले दीपक जी भड़क गये बोले हिंदुस्तान मे रहकर हिंदुओ की बात करना गलत है क्या मैने पूछा भाई किस बात मे हिंदुओ का हित है जरा बताओ तो और देश मे हिंदुओ का क्या अहित हो रहा है । खुश हाल देश मे ही हिंदुओ का हित है भाई और इसी मे मुसलमानो का भी है । इसको छॊड़ो तो भी भ्रष्टाचार के मुद्दे मे ये हिंदुत्व कहां से आया रे भाई बाबा रामदेव का दमन नही हुआ है इस देश की जनता की भावनाओं का दमन हुआ है इसमे हिंदू भी है और मुसलमान भी साध्वी को लाकर क्यो तुम देश की जनता को बाटने मे लग गये । सिर्फ़ इसी लिये कि तुमको बाबा के दमन मे फ़ायदा दिख रहा था खुद तो भ्रष्ट हो इसलिये जनता का साथ नही मिल रहा तो येन केन प्रकारेण सत्ता चाहिये वो भी समय से पहले ।


 दीपक भाजपाई इस खांग्रेस से त्रस्त और खांग्रेस का मतलब खान ग्रेस से नही है भाई खाने वाली कांग्रेस से है इनसे मुक्ती पाने के लिये देश के सामने तुम्हारे अलावा है कौन ।  सब वोट तुमको ही पड़ेगा भाई यहां तक मेरा भी पर शर्त लगा लो  फ़िर भी तुम लोग हार जाओ क्योंकि ये जुलूस मे लग रहे नारे फ़िर मुद्दा घुमा के भ्रष्टाचार से दूर धर्म और जात पर ले जायेंगे ।  उसमे तो भाई तुम्हारा पक्ष कमजोर ही पड़ेगा बटने मे भारतीय वोटर अनगिनत टुकड़ो मे बट जाता है ऐसे मे इस कपटी कांग्रेस से पार पाना तुम्हरे बस मे नही यूपी मे ही तुम्हारा दम निकल जायेगा

दीपक भाजपाई कुछ करना ही चाहते हो तो मोदी को सामने ले आओ रीढ़विहीन नेताओ की चाल से मुक्ती दिलाओ और जन आंदोलन को दूषित न होने दो । बहुत हुआ अब इस कांग्रेस से मुक्ति चाहिये इमानदार और विकास पुरूष खोज रहा है यह देश इसे अब जातिवाद धर्मांधता से नही लेना देना । अब हमे मोदी जैसा ईमानदार भ्रष्टाचार मुक्त नेता चाहिये  ईमानदार और विकासशील सरकार होगी तो सभी का फ़ायदा है आज गुजरात के विकास का लाभ सभी को मिल रहा है नहरो मे बहता पानी जात पूछ कर सिचाई नही करता और धर्म पूछ कर प्यास नही बुझाता



इसलिये शर्मा जी अपनी सरकार के दिन गिनो और दीपक भाजपाई ज्यादा होशियार मत बनो स्याना कौंवा कहां चोंच मारता है सभी को पता है ।

Wednesday, June 22, 2011

लोकपाल बिल पर खांग्रेस की प्रसव पीड़ा

नुक्कड़ पर खांग्रेस छटपटा रही थी उसके चेहरे मे दर्द और हाव भाव मे दबंगई साफ़ देखी जा सकती थी । उनके मुह से अपनो के लिये ठग जोकर धूर्त ढोंगी आदि शब्द धाराप्रवाह बह रह थे । हालांकि कसाब और ओसामा बिन लादेन  जैसे भूतो को वे जी आदरणीय कह पुकारती जा रही थी । उसकी इस अजीब सी हरकत से नुक्कड़ के लोग बहुत नाराज हो रहे थे । गुप्ता जी ने पू्छ लिया  भाई इसकी पीड़ा क्या है चेहरे मे दर्द होठो मे गाली और परायो को अपनाने की खामख्याली  है दवे जी मामला समझाओ बात क्या है यह बताओ ।

मैने कहा भाई ये अनचाहे गर्भ से पीड़ित हैं गर्भपात  करवा नही पा रही हैं । इसलिये खुद को गर्भवती करने वाले लोगो को गरिया रही हैं । और अपने आप गर्भपात हो जाये और उसके बाद उनकी सुंदरता मे कमी न आये इस लिये भूत पिशाचो की स्तुती कर रही हैं । आसिफ़ भाई ने सर खुजाया मिया ये क्या बड़बड़ा दिया गर्भवती किसने किया क्यों किया क्या उनकी सहमती न थी चक्कर क्या है साफ़ साफ़ कहो ।

मैने कहा भाई गर्भवती किया सिविल सोसाईटी वाले लोगो ने जबकि खांग्रेस जी का कहना था कि गर्भवती करने का अधिकार केवल संसद को है । और निश्चित ही लोकपाल बिल नामक बच्चे के पिता के नाम के कालम मे संसद का नाम ही लिखा जायेगा । अब संसद और उसके तमाम रिश्तेदार तैयार बैठे हैं कि डीएनए टेस्ट करा कर बच्चे को अस्वीकार कर दे । और येन केन प्रकारेण खांग्रेस उसे स्वीकार करा भी दे तो बच्चा तो अपने बाप पर ही जायेगा जग के सामने अपनी मां और नकली  बाप की नाक कटवायेगा । और अब तकलीफ़ यह है कि जग जान चुका है की खांग्रेस जी को सात महिने का गर्भ है । अब वो बच्चे को पैदा कर गुमनामी के अनाथालय भी नही छोड़ सकती । आप बात की बात समझो खांग्रेस जी कुलटा साबित होने के आसन्न संकंट से गुजर रही हैं । आसिफ़ भाई अभी भी उलझन मे थे बोले संसद के रहते ये सिविल सोसाईटी वालो की हिम्मत कैसे हुयी गर्भाधान कराने की यह तो अपराध है । मैने कहा मियां महाभारत से लेकर माडर्न सांईस मे प्रावधान है जब पति गर्भ धारण करने मे असफ़ल रहे या इच्छुक न हो तो गर्भ दान किया जाता है । और संसद मियां को तो पचास साल का मौका था इनसे कुछ हुआ ही नही या इन्होने ने किया ही नही । और ये खांग्रेस ने भी कुछ होना जाना नही है सोच कर फ़्लर्ट कर लिया था ।  ऐसे फ़्लर्ट तो ये नक्सलवादियो से लेकर एलटीटीई भिंडरावाले कितनो के साथ कर चुकी थी जब ऐसे आशिक गले पड़ते थे तो डंडे से मार भगा देती थी । पर सिविल सोसाईटी वाले भारी पड़ गये इश्क किया नही और गर्भवती कर दिया सो अलग । एक बाबा भी ऐसे ही गले पड़ने वाला था वो तो अच्छा हुआ कि गलत रथ मे बैठ कर आया था । रथ रुका ही नही वापस उसके गांव असली प्रेमिका  के पास छोड़ आया

आसिफ़ भाई अब मामला समझने लगे थे बोले यार इस बेचारी खांग्रेस की जान छूटेगी कैसे ये बता दो और ओसामा टाईप भूतो की सेवा से क्या होगा यह भी । मैने कहा भाई इसका समाधान प्रसव के समय बच्चे को बदलने से होगा । जिससे बदला जायेगा नाम उसका लोकपाल बिल ही होगा पर बड़ा ही आज्ञाकारी बच्चा होगा और सदैव अपने मां बाप की बात मानेगा । इस पर जानकार लोग बहुत हल्ला गुल्ला मचायेंगे असली बच्चे का बाप तो तूफ़ान खड़ा कर देगा ऐसे मे खांग्रेस को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा । ऐसे मे ओसामा टाईप के भूतो को प्यार करने वाली जनता खांग्रेस के  समर्थन मे आ खड़ी होगी और वैसे भी देश की साठ प्रतिशत जनता तो इस मामले को जानती ही न होगी बेचारे दिन भर कमर तोड़ मेहनत के बाद समय मिलेगा तो ईंडिया टीवी पर मौत का तमाशा देखेंगे की अंग्रेजी चैनलो पर बड़े लोगो की बक बक सुनेंगे । चेपटी साड़ी तो वैसे भी खांग्रेस ही देती है उनको  ऐसे मे कांग्रेस का सोचना है कि जोड़ तोड़ कर वह इस मामले से छुटकारा पा लेगी और एक बार फ़िर प्रसव पूर्व नवयौवना के रूप मे चमकने लगेगी ।

Monday, June 20, 2011

भाजपाइयों आम खाओ पेड़ क्यों काटते हो

नुक्कड़ पर दीपक भाजपायी बेचैनी से टहल रहे थे टहलते टहलते बड़बड़ा भी रहे थे । "अब किस बाबा को आगे करूं  कैसे अन्ना के पीछे लगूं  रामदेव बाबा कब तक वापस तगडे होंगे उनको कैसे तगड़ा करूं मै क्या करूं " । इतने मे किसी ने उनको समझाया भाई किसी से सलाह लेते क्यो नही बात दीपक भाजपायी को जम गयी सीधे मेरे और आसिफ़ भाई के पास पहुंच गये और व्यथा बताई कहने लगे राह बताओ भाई मै क्या करूं तीन साल काटना बड़ा मुश्किल हो रहा है । मैने मुस्कुराकर कहा इतनी जल्दी क्या है प्यारे जब जीना है बरसो दीपक जी भड़क गये बोले दवे जी हर वक्त मजाक अच्छा नही लगता अभी मामला गंभीर है  । मैने कहा भाई तुम लोगो की मुसीबत तुम लोग खुद हो । खुद ही खुद को ठीक कर सकते हो यहा वहां घूमने का कोई जरूरत नही है


देश की जनता वैसे ही कांग्रेस से त्रस्त है उसको सत्ता से निकाल बाहर करना चाहती है । बाबा रामदेव ही लाईन मे ले आते खामखा तुम लोग उन के साथ जुड़ गये साध्वी को बैठा दिया वो अलग । आम खाने का इंतजार करते काहे पेड़ ही काट दिया । दीपक भाजपायी फ़िर भड़क गये हद करते हो लोकतांत्रिक देश है हर किसी को हक है आंदोलन मे भाग लेने का हमने भाग लिया तो दोषी और बाकी सब ले लेते तो ठीक लालू और नायडू बाबू आते ते कोई कुछ न कहता साध्वी चली गयी तो गुनाह हो गया । दवे जी आप तो छदम धर्मनिरपेक्ष मीडिया और कांग्रेस टाईप बात करते हो ।

मैने मुस्कुराते हुये कहा भाई तुम लोग अकेले कहीं कहां जाते हो साथ तुम्हारे साथ मुसीबत भी आती है पहली मुसीबत अभी जनता की लड़ाई भ्रष्टाचार से है और तुम लोग भी बराबर से खा पी रहे हो ऐसे मे कांग्रेस बाबा को छोड़ तत्त्काल तुम्हारा चेहरा सामने ले आती है ।  अब जनता एक चोर के खिलाफ़ लड़ाई मे दूसरे चोर का साथ दे तो कैसे । इतने मे आसिफ़ भाई बोल पड़े दूसरी मुसीबत तुम्हारे पुछल्ले हैं जहा जाते हैं  धार्मिक नारे लगाने लगते हैं । वैसे मे मेरे जैसे अल्पसंख्यक वर्ग के लोग उस आंदोलन से दूर हो जाते है । भाई हिंदुओ की कोई समस्या है तो कोई मांग है तो संविधान के अंदर रह कर उसके लिये लड़ो  । देश का मुसलमान आज कांग्रेस से त्रस्त है इसने लालीपाप दिखा दिखा कर पचास साल से उनका शोषण लिया है । तुम एक कदम आगे तो बढ़ाओ कांग्रेस तो छोड़ उसका दफ़्तर भी इस देश मे नही दिखेगा ।



मैने कहा तीसरी और अंतिम सलाह यह है दीपक भाई कि अब अन्ना से दूर ही रहना कुछ करना ही हो तो गरीबो मे दान दक्षिणा बाट देना भगवान खुश होकर अन्ना को सफ़ल कर देंगे । प्यारे मोहन ये कांग्रेस खुद ही अपने कर्मो से मरी जाती है क्यो तुम बाबाओ को यतिओं को सामने रख इसको प्राण वायु देते हो । जब चुनाव होगा तो कांग्रेस से त्रस्त आम आदमी सत्ता का आम तुम्हे ही चूसने देगा और है कौन तुम्हारे अलावा । खाली अन्ना की जो मांगे है उनके पक्ष मे संसद मे वोट दे देना बस इससे आगे कूदने जाओगे प्यारे भाजपाई काम बिगड़ जायेगा आम का पेड़ कट जायेगा ।

इतना सुनते ही दीपक भाजपायी प्रसन्न हो चल पड़े इधर आसिफ़ भाई ने मुस्कुरा कर पूछा यार दवे जी  मोदी जी को नेता बनायेंगे तो पक्का सत्ता पायेंगे ये सलाह क्यों नही दी इनका काम जल्दी हो जाता । मैने भी मुस्कुराकर कहा मियां ये सलाह मानते ही कहां है किसी की । सलाह मानना ही होता तो संघ के उन कार्यकर्ताओ की मानकर ईमानदारी पूर्वक आचरण  करते जिन्होने भाजपा को शून्य से आकाश तक पहुंचाया था ।  खुद की शाईंनिंग हो गयी तो इंडिया शाईनिंग समझने लगे हालत यह है कि दो बार लगातार चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस के इतने भ्रष्ट और निरंकुश शासन के बाद भी ये लोग चुनाव जीत ही जायेंगे इस पर सहज भरोसा नही होता है ।

वैसे  आसिफ़ भाई  ये तो बताओ   मीडियासुर को कांग्रेस की कमीज दीपक भाजपाई की  कमीज से सफ़ेद कैसे नजर आती है । ये  इतना कमा रहे हैं जरा खर्चा करते मैनेज करते  क्यों  सारा माल खुदे हजम कर जाते हैं ।

Wednesday, June 15, 2011

निगमानंद भाजपा और शनी भगवान


नुक्कड़ पर भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने शोक सभा रखी थी बड़ी कठिनाई से अपना हर्ष छुपाते हुये उन्होने घोषणा की । हमे निगमानंद जी के देहावसान का बड़ा दुख है भगवान उनकी आत्मा को शांती दे । इतना कह उन्होने पैतरा बदला कहने लगे जब मै रामदेव बाबा को ढोंगी कह रहा था तब आप सब मुझे गालियां दे रहे थे । आज निगमानंद जी ने प्राण देकर दिखा दिया कि असली अनशनकारी कैसा होता है 28 दिन तक निगमानंद जी ने कुछ नही खाया था मै सरकार से दरख्वास्त करूंगा कि आगे से नये अनशन कारियों के लिये कम से कम 50% पासिंग मार्क रखो 14 दिन से पहले किसी अनशन कारी से बात मत करो । दीपक भाजपाई  दुखी नजर आ रहे थे शर्मा जी ने टांट कसा निगमानंद जी के मरने पर दुखी हो या बाबा रामदेव के बच जाने पर इतना सुनते ही दीपक भाजपाई आपे से बाहर हो गये बोले आप लोगो को हर चीज पर राजनीती नजर आती है शोक सभा मे भी व्यंग्य कस रहे हो ।

शर्मा जी भी पीछे नही थे बोले आप लोगो को तो राजनीती नजर ही नही आती बाबाओं के के पीछे छुप लड़ने के पहले देखते तो अपने घर के बाबा कैसे हैं मर तो नही रहे । पांच दिन मे रामदेव कोमा मे चले जायेगा की घोषणा करने वाले निशंक को 28 दिन से भूखे निगमानंद के कोमा पर जाने की शंका नही हुई  । अरे भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ने के पहले खुद का गिरेबान तो झांकते मोदी छोड़ कौन इमानदार है चोर चोर मौसेरे भाई फ़िर काहे की लड़ाई । वो भी छोड़ो दुनिया भर के साधु संतो की पार्टी होने का दावा करते हो तो क्यों नही रामदेव बाबा की कुंडली किसी साधु को दिखाई  मालूम तो पड़ जाता रामदेव बाबा के दिन बुरे आने वाले हैं दूसरा बाबा खोज लेते । हमको देखो हमने पहले ही बाबा की कुंडली दिखवा ली थी जितने दिन समय सही था उनको प्रणाम किया जिस दिन साढ़े साती शुरू हुयी नही कि डंडा घुमा दिया । अरे भाई शनी भगवान थोड़े खुद दंड देने आते हैं हम जैसे लोगो के द्वारा ही दिलवाते हैं अब हम लोगो ने भगवान का काम किया तो आप लोग नाराज हो रहे हो ।


दीपक भाजपाई से रहा नही गया बोले रे कांग्रेसी शनी भगवान तुम लोगो को दंड देने वाले हैं वो भी हमारे हाथो अब ज्यादा समय नही है | इतना सुन शर्मा जी उर्फ़ कांग्रेसी दार्शनिक बन गये भाई आपकी बात तो सही है दुनिया मे आये हैं कर्म किया है तो दंड तो सहना पड़ेगा पर शनी भगवान भी मजबूर है करे क्यां किसके हाथो दंड दिलवायें आपको सत्ता देने की सोचते हैं तो आप लोग जय श्री राम हर हर महादेव चिल्ला देते हो सारे अल्पसंख्यक मजबूरी मे हमारे साथ आ जाते है हैं और रही बात हिंदुओ की उसमे भी तुम्हारे जैसे कट्टर लोग अल्पसंख्यक ही हैं समझदार जानते हैं कि कट्टर सोच वाले सत्ता मे आयें तो देश मे वैमनस्य बढ़ेगी वे भी मजबूरी मे हमे ही वोट देते हैं और हम लोग फ़िर बहुसंख्यक हो जाते हैं कुछ कमी पड़ भी जाये तो दलित ओबीसी आदिवासी ये सब कार्ड तो हैं ही और क्षेत्रीय पार्टिंया भी साम दाम दंड भेद से हमारे ही पाले मे आती हैं । भाई जब तक हमारी ही तरह की विचारधार वाली दूसरी कोई ईमानदार पार्टी देश मे न आये शनी भगवान भी हमारा कुछ नही बिगाड़ सकते । और जिस देश मे पार्टी बनाने के लिये ही काला धन लगे वहा कौन ईमानदार पार्टी बना सकता है मतलब साफ़ है हम लोग अजेय हैं । इतना कह शर्मा जी नुक्कड़ पर दंभ भरा नंगा नाच नाचने लगे


मेरे बाजू आकर दीपक भाजपाई भुनभुनाये ये निगमानंद जी का मामला भी अभी उठना था जरूर कांग्रेसियो की इसमे चाल है मैने कहा दीपक बाबू पहले अपने हाल चाल क्यो नही देखते अरे भाई कट्टर हिंदूवाद ही अपनाना है तो नाम भारतीय हिंदुवादी पार्टी रखो यदी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ना है तो मोदी जी को सामने लाओ और सारे बेईमानो को पार्टी से बाहर करो बीच का बंदर खेलना है यतियों को सामने रख लड़ना है तो मंदिरो मे लगाये जाने वाले नारे  जन सभाओं मे  लगाते  ही रह जाओगे समझे की नही ।

खैर साहब दीपक भाजपायी समझे कि नही समझे हम सभी समझ चुके हैं कि शर्मा जी उर्फ़ कांग्रेसी का दंभ भरा नाच हमे आगे बहुत दिनो तक देखना है और भारत मे भ्रष्टाचार मुक्त सवेरा  होगा इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है

Friday, May 13, 2011

मम्मी और दिग्गी मांमू भाग दो - रामू काका और राहुल बाबा का गीता संवाद

 मम्मी और दिग्गी मांमू भाग दो - दिग्गी मांमू और राहुल बाबा का गीता संवाद


अब चुनाव युद्ध का समय आ चुका था  राज्य मे महज तिहाई हिस्सा मांगने के बावजूद मुलायम कुरूव्रुद्ध  और और गांधार कुमारी महामाया ने इंकार कर दिया था । दूत भेजने बुलाने का समय जा चुका था रणभेरी बज चुकी थी । प्रचार रथ मे खड़े होकर सारथी रामू काका से बाबा ने कहा मेरा रथ हमारी और विरोधियों की सेनाओ के बीच खड़ा करे । मै हमारी सेनाओं से युद्ध के अभिलाषी सभी वीरो को देखना चाहता हूं । रथ के बीच मे आते ही राहुल बाबा ने विपक्षी दलो के ध्वजो से सजी उनकी सेनाओ और सेनापतियों को देखा महारथियों को भी देखा और आम सैनिको को भी देखा जो दल भक्ती के कारण युद्ध मे आ जुटे थे । मरने मारने को उतारू इन सभी को देख बाबा का मन विषाद से भर गया ।


और बोले रामू काका ईडिया जैसे टेन कन्ट्रीस का राज्य भी मिल जाये तो भी मेरे एनसेस्टर्स के वर्क लैंड मे मै अपनो पर ही वार नही कर सकता  कुरूव्रुद्ध मुलायम और और गांधार कुमारी महामाया दोनो ही पूज्यनीय हैं क्या आपको याद नही डील परमाणू से लेकर 2 G तक हर मौके पर इनका स्नेह हमें मिलता रहा है  कुरूव्रुद्ध ने तो डील परमाणू मे हमारी रक्षा के लिये अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और  गांधार कुमारी ने हमारे अलावा क्या किसी और को भट्टा परसौल जाने दिया था। और पितामह लाल किशन को तो देखो कब से राज्याभिषेक के लिये पाईपलाईन मे लगे हैं क्या हो जायेगा जो एक बार ये ही बन जायें ।  मै प्रचार नही करूगा ऐसा कह बाबा रथ मे ही नीचे बैठ गये ।




रामू काका तुरंत राम किशन बन गये और ओज पूर्ण स्वर मे बोले - जनता को टॊपी पहनाने वाले उच्च राजकुल मे जन्म लेकर भी यह कुविचार आपके मन मे आया कैसे ।  हे इंदिरेश अपनी गौरव पूर्ण कुलगाथा को याद कीजिये कैसे आपकी महान दादी ने आपातकाल लगाने तक मे हिचक न की थी कैसे उनके पिता ने इसी राजगद्दी के लिये देश का बटवारा भी मंजूर कर लिया था । कैसे आपके परम प्रतापी चाचा ने अपनी प्रचंडता से आर्यावर्त को हिला कर रख दिया था समस्त फ़िल्मी अप्सरायें भी उनके तेज से डर उनके सामने न्रत्य किया करती थीं । आपकी माता को ही लीजिये सात समुद्र पार के राज्य की होने पर भी उन्होने कितनी कुशलता से यहां की राजनीती सीख आपके उत्तराधिकार की रक्षा की है । हे इटिलेश आप अपने कुल को कलंकित न कीजिये पकड़िये माईक और प्रचार युद्ध शुरू कीजिये । अपना अक्षय भाषण तुणीर उठाइये और प्रहार कीजिये ।


बाबा इतना सुन कर भी तत्पर न हुये बोले रामू काका क्या मेरे आरोप अस्त्र से कुरूव्रुद्ध और गांधार कुमारी आहत न होगी मोहन दादा को कमजोर कह चुके लालकिशन दादा को मै उनसे उम्र मे आधा यदि कमजोर कह दूंगा तो क्या वे व्यथित न होंगे । क्या इससे मर्यादा भी भंग न होगी । रामू काका मुस्कुराये बोले हे राजीव नंदन ये सब क्षत्रीय राजनेता हैं इन पर आरोप अस्त्र का कोई असर नही होता और आश्वासन बाण के सम्मोहन मे ये आते नहीं हैं युद्ध हार जाने पर भी इनका और आपका अंदरूनी प्रेम कम न होगा । और युद्ध समाप्ती के बाद इन सब से आपका पुनः प्रेम स्थापित हो जायेगा और यदि किसी का  मन दुख भी जाये तो आप लालकिशन दादा की तरह माफ़ीनामा जारी कर देना ।


क्रमशः
पिछला घटना क्रम जानने के लिये -

दिग्गी मामा नही ये मामू है मम्मी का रामू है- भाग एक

Sunday, May 8, 2011

शिव पार्वती और कनिमोई की याचिका

कनिमोई की तपस्या से कैलाश हिलने लगा काफ़ी देर तक जब प्रभु ने आखें न खोली तो माता ने सोचा कौन है जरा देखा जाय । फ़रियादी को देख माता का दिल पसीज गया प्रभु से बोलीं सुनिये कितनी सुंदर और भोली लड़की है जरा इसकी प्रार्थना सुन लीजिये । प्रभु  बोले आदमी सुंदरता और भोलेपन मे ही तो फ़ंसता है वरना आज पतियों की ये दुर्दशा न होती  माता नाराज हो उठीं आपके कहने का मतलब क्या है । प्रभु आंख खोल मुस्कुराये अरे मै आपसे नहीं कह रहा था कल पत्नी पीड़ित संघ से संयुक्त रूप से बीस करोड़ प्रार्थनाएं आयीं थी उनका निपटारा करते करते मुंह से ये बात निकल गयी ।

माता की नाराजगी कम न हुयी थी  बोलीं इस बच्ची का प्रकरण पहले निपटाइये प्रभु ने मामले पर नजर डाली ।  बच्ची तो ये कहीं से नही है हां इसने आवेदन मे करूणानिधी की बच्ची हूं ऐसा अवश्य लिखा हुआ है । माता गुस्से में थी बोलीं महिला जेल जायेगी आपको अच्छा लगेगा प्रभु बोले महिलायें जेल भेज सकतीं हैं जा नही सकती ऐसा कहां लिखा हुआ है । माता ने भी डूसरा बाल फ़ेकी थी बोलीं आपकी क्रुपाद्रुष्टी के तहत लिखे गये संविधान मे । प्रभु ने हार्ड लाइन अख्तियार की वो सब बात पुरानी है आज कल मामला बराबरी का है समान अधिकार समान दंड । और पूरे मामले की मम्मी ये  लड़की ही है वो तो राडिया से इसकी बातचीत का टेप इस प्रकरण मे अभी नत्थी नही हुआ है वरना पूरी पोल अभी ही खुल जाती ।

माता ने पैतरा बदला ये तो जूनियर पार्टनर है कलईनार टीवी की इसका कैसा दोष । प्रभ बोले इसकी मां बूढ़ी है तो वो दोष मुक्त ये जूनियर पार्टनर है तो  दोष मुक्त माने नौकर लोग बिना मालिक से पूछे मालिक के हित के लिये धोखाधड़ी कर रहे थे वाह माते आजकल आप सोनिया मम्मी टाईप दयालु होती जा रंही हैं ।  माता बोलीं केस के फ़ैसले के समय आपसे न कहूंगी पर इसको अभी जमानत आपको दिलवानी ही होगी । प्रभु ने असहायता से जवाब दिया ये मेरे बस की बात नहीं हैं ।

माता ने पूछा बस की बात नही है या मैने सिफ़ारिश कर दी इसलिये आप इसे वरदान देना नही चाहते अगर ये मेरी प्रार्थना कर रही होती तो आपसे कहने की मुझे जरूरत ही क्या थी क्षण भर मे जज का निर्णय बदलवा देती । पर इस बेचारी को क्या मालूम कि वो एक पत्थर दिल भगवान को पूज रही है । प्रिये बात ऐसी नही है पर इसका निर्णय जज के हाथ मे नही है माता ने कहा जज के हाथ मे नही नही है तो जज जिससे भी पूछ कर निर्णय देता है उसका मन बदल दीजिये । प्रभु ने कहा ये एक आदमी के हाथ मे है ही नही है । माता ने कहा एक हो या दस आपके लिये क्या बड़ी बात है ।

प्रभु ने कहा ये दस बीस नही करोड़ो लोगो के हाथ मे था और वे निर्णय ले चुके हैं अब मतगणना बस की देर है तमिलनाडू का नतीजा आते ही फ़ैसला हो जायेगा कि कनिमोई अंदर रहेगी या बाहर । माता ने कहा चुनाव नतीजों से इस केस का क्या मतलब प्रभु ने मुस्कुराते हुये जवाब दिया प्रिये अगर द्रमुक तमिलनाडू का चुनाव जीतती है तो फ़िर उसे केंद्र सरकार को समर्थन देने की मजबूरी नही रहेगी ऐसे मे कांग्रेस को झक मार के इसे जमानत दिलवानी पड़ेगी हां अगर द्रमुक चुनाव हार जाती है तो फ़िर समर्थन देते रहना उसकी मजबूरी हो जायेगी और कांग्रेस इसको अंदर करवा के अपनी इमानदारी का ढोल पीटेगी

माता समझने को तैयार फ़िर भी न हुई बोली एक तो देश मे इतनी कम महिलायें राजनीति मे हैं उपर से ये राज्यसभा की सदस्य भी है । इसके अंदर जाने से क्या महिलाओ की छवि धूमिल न होगी जरूर पत्नी पीड़ित संघ की अपीलो का आप पर असर हो गया है तभी आपको इतनी मासूम महिला की गुहार सुनाई न पड़ रही है ।  वरना संसार मे ऐसा कोई काम न है जो आपके बस मे न हो । प्रभु को क्रोध तो बहुत आया पर वे जानते थे कि कलियुग मे पत्नियो से पार पाना किसी पति के बस मे नही चाहे वो स्वयं महादेव क्यों न हो । भगवान भोलेनाथ ने अब आखिरी अस्त्र का सहारा लिया प्रिये अगर आप एक भी उदाहरण बता सको कि इस महिला ने आम जनता के हित मे कोई काम किया हो  या किसी दुखियारी महिला की मदद की हो तो मै पूरा मामला ही खारिज करवा दूंगा ।

कनिमोई के भविष्य का फ़ैसला होने मे अभी चंद दिन है । माता को अब तक कोई सफ़लता हाथ न लगी है आपमे से किसी को कनिमोई का कोई भी अच्छा काम नजर आये तो प्रिंट आउट निकाल कर माता पार्वती के मंदिर मे अवश्य पहुंचा आये ।

Saturday, April 30, 2011

धुर कांग्रेसी विदुर जी और नुक्कड़ चर्चा

नुक्कड़ पर यूरिया वाली चाय पीते पीते विदुर जी ने घोषणा की "  2G स्पेक्ट्रम पर, CAG और Supreme कोर्ट के कुछ Judge के साथ घिनोना षड़यंत्र करके Rss के षड्यंत्रकारी पुरोहित आज ऐसी स्थिति में पहुँच गए हैं, कि वे किसी भी क्षण इस देश के लोकतंत्र का गला घोंट सकते हैं " इतना सुनते ही नुक्कड़ मे हंगामा मच गया संसदीय माहौल को रोकना असंभव जान पड़ता था । मै जोर से चिल्लाया आज चाय का भुगतान कौन करेगा । इतना सुनते ही ऐसी शांती छा गयी जैसे कांग्रेस की कार्य समिती बैठक मे सोनिया मम्मी के मौजूद होने पर छा जाती है ।


मैने कहा विदुर जी ने अपना मत रखा है भारत मे सबको हक है आप तथ्यात्मक बहस करें जो भी सांसद टाईप व्यहवार करेगा आज का बिल वही भरेगा । दीपक भाजपाई का गुस्सा शांत नही हुआ था फ़िर भी संयमित होकर बोले किस आधार पर आप यह कह रहें है । विदुर जी ने कहा " RSS के पुरोहित जिस प्रकार अपनी झूठी-मूठी सत्यनारायण कथा से 'सिविल सोसाइटी' और 'मीडिया' को बरगला लेते हैं, उससे ज्यादा कुछ तर्क-वर्क, भारत की न्यायपालिका को भी नहीं चाहिए..अपनी तटस्थता तोड़ कर RSS के भगवे तले खड़े हेतु. बाबरी और अन्य अनेक मामलों न्यायपालिका के निर्णयों से यह स्वयंसिद्ध हो चूका है " ।

दीपक जी बोले पिछले आठ सालो से सारी नियुक्तियां आप की सरकार ही करती आ रहीं है २जी घोटाले मे आपकी सरकार ने राजा एंड कंपनी को जेल भेजा है कामन वेल्थ गेम आपकी सरकार के कार्यकाल मे हुआ और आपकी सीबीआई अदालत मे कह रही है कि घोटाला हुआ है । आप स्वीकार कर रहे हो कि आपका शासन तंत्र आपके नियंत्रण मे नही है और जिसकी मर्जी मे आया वो घोटाला कर रहा है । सबूत आपने दिये कलमाड़ी के खिलाफ़ राजा के खिलाफ़ और वो जज जिन्होने जेल भेजा वे षड़यंत्रकारी हैं ।

विदुर जी बोले गठबंधन की राजनीति मे समझौते तो करने पड़ते ही हैं  इसमे कुछ चूक भी हो ही जाती है । आसिफ़ भाई ने कहा अरे तुमको जनता की सेवा की ऐसी क्या पड़ी है बहुमत नही मिला तो नही सही ऐसी कौन सी देश भक्ती है कि जनसेवा के लिये मरे जा रहे हो और सेवा करनी ही है तो विपक्ष मे बैठ कर भी की जा सकती है । विदुर जी तिलमिलाये आसिफ़ भाई गुजरात दंगे भूल गये बाबरी मस्जिद की भी याद न रही । आसिफ़ भाई ने कहा मतलब भाजपा ने किया तो तुमको देश को बेच खाने दें नंगा नाचने दे कांग्रेसी क्यों बने नक्सलवादी न बन जाये नवीन पटनायक नीतिश कुमार को आगे न बढायें ।

शर्मा जी बोले बात तो सही है पुरुलिया मे हथियार तुम्हारी पार्टी ने गिराये थे ये बात खुल चुकी है । विदुर जी से रहा न गया चीख उठे ये झूठ है । मैने कहा अगर ये झूठ है भाई तो नक्सलियो को क्यो नही दिखती कांग्रेस् आई आज क्यो आंध्र मे जब तक चंद्र बाबू नायडू थे तो उन पे जान लेवा हमला तक हुआ और कांग्रेस सरकार आयी तो नक्सलवादी गायब हो गये । और क्यों गढ़चिरोली जहां उनका होना कांग्रेस कॊ फ़ायदे मंद है को छोड़ किसी कांग्रेसी राज्य मे नक्सल वादी नही हैं । पश्चिम बंगाल मे तो वे खुल्लम खुल्ला आपके गठबंधन के समर्थन मे हैं ।  नक्सलवादियो को उस समय आपकी पार्टी ने हथियार पहुंचाये थे कि विपक्ष की सरकार गिरा सकें । और तो और दाउद से लेकर ताज तक हर जगह कुछ न कुछ गड़बड़ है । विदुर जी अभी अंग्रेजी क्लास से आ  रहा हूं सुनो दो मुहावरे Something is rotten here और  Caesar's wife should be above suspicion  ऐसे मुहावरे गलत तो नही है ।

बात साफ़ है आपकी पार्टी सत्ता मे रहने के लिये कुछ भी कर सकती है यहां तक की लोकतांत्रिक संसदीय परंपराओं कॊ भी छोड सकती है । देख नही रहे PAC की रिपोर्ट सामने आने न दी हंगामा कर दिया धक्का मुक्की की यहां तक की नया अध्य्क्ष चुन लिया ।  विदुर जी बोले बहुमत असहमत था मैने कहा बहुमत नही बेईमानो का बहुमत और पूरे भारत मे बहुमत है इन्ही के पास । बहुमत है पूंजीपतियो के पास भारत की बहुमत संपत्ती अल्पमत लोगो के पास है सत्ता भी है । और ताकत भी मीडिया भी इनकी गुलाम है और विदुर जी स्वार्थ से बोल रहे हो तो भगवान आपका भला करे और निस्वार्थ कांग्रेसी हो तो सावधान ये वो कांग्रेस नही है और दीपक भाजपाई आप भी सावधान ये वो भाजपा भी नही है ये नाम अलग है पर काम एक है । शासन आज भ्रष्टाचारियो का है पार्टी विशेष का नही ल। भाजपा खुद भी कांग्रेस से कम नही है काम उसके नेता भी पूरे वही कर रहे हैं न कर रहे होते तो आज अन्ना हजारे और बाबा जैसे लोगो की देश को जरूरत न होती
इसलिये हे प्यारे विदुर जी अंध भक्ती छोड़ तथ्य परक बातें किया करें और आज के चाय का बिल आप ही भरें ।


Friday, April 29, 2011

खलमाड़ी - मम्मी मै बेकसूर हूं

सीबीआई की हवालात में खलमाड़ी ने हवलदार को आवाज लगाई  हवलदार पुराना चांवल था नजदीक आकर बोला मुझे अपने जैसा समझ रखा है क्या मै कोई ऐसा काम नही करता की फ़ंस जाउं ।  भाई केवल मुझे एक पत्र भेजना है वो लिख कर भेज दो मै आजीवन आभारी रहूंगा । हवलदार बोला आभारी लोग भारी पड़ते हैं भाई बाद मे आवाज आती है ऐसा कौन सा है सगा जिसे हमने नही ठगा और तू तो खांग्रेसी है । बेचैन खलमाड़ी बोला मेरा रिकार्ड अच्छा है चाहो तो मेरे पुराने सुरक्षा कर्मियो से पूछ लो और मेरी गारंटी भी वही लोग ले लेंगे और मनभावन कैश भी देंगे ।

सहप्रजातियो की गारंटी ने हवलदार को संतुष्ट किया बोला क्या लिखना है बता खलमाड़ी ने कहा मम्मी जी इतना सुनते ही हवलदार छिटक गया भाई मै पूना तो किसी कीमत मे नही जाउंगा । खलमाड़ी बोले अरे भाई अपनी मां को कौन खांग्रेसी मम्मी  बोलता है मै तो आदरणीय मम्मी जी को  पत्र लिखवा रहा  हूं । हवलदार ने कहा आगे बोल खलमाड़ी ने शुरू किया आदरणीय मम्मी आपको मेरे बारे मे दुशमनो ने भड़काया है हवलदार फ़िर रूक गया बोला विदेशियो की साठ गांठ मे मै शामिल नही हो सकता  । खलमाड़ी ने कहा अरे भाई देश के अंदर भी दुश्मन हैं राजनीतिक यार तू अपना काम कर पूरा होगा तब दिमाग लगाना ।
खलमाड़ी चालू हुये मम्मी जी  मैने कुछ भी गलत नही किया है  हवलदार फ़िर खड़ा हो गया बोला साले देश की इज्जत बेच खाया सब जगह फ़जीहत हो गयी बोलता है चीन मे चूहे थे तो यहां भी होंगे । खलमाड़ी बोला यार तू हवलदार है की पत्रकार सबका जवाब तू ही देगा तो पैसे क्या फ़ोकट के लेगा । खलमाड़ी फ़िर से बोले मम्मी मैने तो पार्टीधर्म का पालन किया है सारे निर्णयो मे सबको साथ लिया है और पार्टी को दिया भी है । कौन कह सकता था कि मै चोर हूं अगर आपकी महिला नेत्री ज्यादा खाने के चक्कर मे देर न करती और अकेले न खाती तो क्या ये मामला बनता । मै तो कुछ सौ करोड़ का आपका सहकर्मी हूं मोहतरमा तो हजारो करोड़ की रंगकर्मी हैं । उसी के लालच के  कारण ही देरी हुई और सार भेद खुल गया ।


हवलदार बोला अबे सुन तेरी पार्टी बेशर्मी की हद लांघ चुकी है और तू पुराना इतिहास बता रहा है । जब तेरी पार्टी संसदीय परंपरा लोकतंत्र और नैतिकता  को भूल गयी तो तुझे क्या याद रखेगी । तू भी क्या याद रखेगा ले सुन मेरी शायरी


यहां अब नही रहे लाल बहादुर और आज़ाद ।
   तेरी पार्टी हो चुकी है बरबाद ।।

      प्रवक्ता हैं महान  अकड़ू नीश तिवारी ।
          तेरी पार्टी जल्दी ही हॊगी भगवान कॊ प्यारी ।।

             आज संसदीय समिती की बैठक मे मारपीट हो चुकी है ।
              और तेरी पार्टी अपनी शर्मो  हया खो चुकी है ॥

     तू आज की डेट मे इतिहास का है पन्ना ।
तेरा दल हर  घोटाले से है चौकन्ना  ।।

  और सुन मेरे प्यारे भाई ।
     भूल गयी है तुझे खांग्रेस आई ॥

        तेरी अकड़मती मम्मी के पाप का घड़ा भर रहा है बेटा ।
          बाहर आया तो किसी और केस मे जायेगा लपेटा ॥


     और सुन ले बेटा खलमाड़ी  खोल के अपने कान ।

       हर हफ़्ते तेरी पार्टी के नेता अंदर आना तय मान


   हो जा चौकन्ना और खबरदार ।

बन जा सीबीआई हवालात का नंबरदार ॥

  करोड़ों न सही दाल रोटी तो चलती रहेगी ।

     और घूस खाने की तेरी इच्छा भी पलती रहेगी ॥


इतनी शायरी सुना हवलदार मुड़ा और साथी से बोला यार ये सीबीआई की पोस्टिंग ठीक है जी भर के कैसी भी घटिया तुकबंदी सुनाओ शायरी सुनाओ ये बेचारे हवालती कही भाग भी नही पाते