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Monday, December 5, 2011

मनमोहन सिंग वालमार्ट वाले हाजिर हो

अदालत खचाखच भरी हुयी थी,  मनमोहन सिंग  के उपर वालमार्ट कंपनी को भारत बुला कालू किराना वाले का व्यवसाय चौपट करने का संगीन आरोप था। कालू किराना वाले की तरफ़ से बाबा रामू उर्फ़ भाजपाई वकील थे। और मनमोहन सिंग की तरफ़ से स्वयं दवे जी।   भगवा कोट पहने बाबा रामू बोले - " माई लार्ड, ये मुकदमा किसी एक आदमी का नही है। देश के लाखो करोड़ो गरीब किसानो का है, व्यापारियों का है।  ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस देश को गुलाम बना लिया था। देश द्रोही ताकते आज वालमार्ट को लाने मे लगी है।

 हमने अपनी दलील दी- " माई लार्ड हमारे देश की कंपनिया भी दुसरे देशो में जाकर व्यापार कर रही है  ऐसे में हम किसी दूसरे देश की कंपनी को अपने यहा काम करने से कैसे रोक सकते हैं। हमारे मुवक्किल तो स्वयं जाने माने अर्थशास्त्री हैं सोच समझ कर ही काम करते हैं। बाबा रामू योग के गुरू है कि अर्थशास्त्र के , जब देखिये तब नया नया आरोप लगाते हैं।"

बाबा रामू खड़े हुये - " माई लार्ड मै ’बिकाउ’ माफ़ कीजियेगा,  काबिल वकील से पूछना चाहुंगा कि एक छोटी दुकान और वालमार्ट मे अंतर क्या है। वालमार्ट समान खुद बनवाता है और लाने ले जाने के लिये ट्रक भी खुद के रखता है, किसानो से सीधे माल लेता है। दवाई से लेकर दारू तक  सब एक ही छत के नीचे बेचता है।  वालमार्ट से मुकाबला करना किसी भारतीय दुकान वाले के औकात के बाहर होगा।   माई लार्ड यह भारत को बेरोजगार करने का कदम हैं।

हमने कहा - "माईलार्ड , मै ’भड़काउ’ माफ़ कीजियेगा, काबिल वकील  से पूछना चाहूंगा कि अगर भारत बेरोजगार हो जायेगा तो वालमार्ट माल बेचेगा किसको। आज भी थोक बाजार मे सब्जिया सस्ती मिलने के बावजूद, क्या लोग घर के सामने आये ठेले से माल नही लेते। माई लार्ड,  वाल मार्ट के आने से करोड़ो नयी नौकरियों का सृजन होगा, भारत में खुदरा बाजार में नयी तकनीक आयेगी और सामान की आसमान छूती कीमते मुह के बल नीचे गिर जायेगी। वालमार्ट का तो नारा ही सस्ता खरीदो सस्ता बेचो है। भारत मे किसान से उद्योग से पहले दलाल लेता है फ़िर वह माल होलसेलर को जाता है है फ़िर रिटेलर के पास जाता है। सब्जिया रखने के लिये कोल्ड स्टोर नही होने से बहुत सा माल खराब चला जाता है। बनाने वाले को दस रूपये मिलते हैं और खरीदने वाले को वह चीज पचास रूपये में पड़ती है। क्या हमारे देश की जनता महंगाई के बोझ से दबी रहे क्या सवा अरब लोगो को चीजे सस्ती पाने का अधिकार नही। "


बाबा रामू उछल कर खड़े हो गये - "माई लार्ड भारत में कोल्ड स्टोर नही है तो ये गलती कांग्रेस की है इतने सालो में क्यों नही बने।  सरकार खुद क्यो नही विपणन संघ बनाती, और चले इन कांग्रेसियों से नही होता तो क्यों नही भारत के उद्योगपति बड़े व्यापारी इस काम को करते, क्या जरूरत है विदेशियों की। पर नही इनको तो चंदा मिलना चाहिये बस देशी विदेशी से कोई फ़र्क नही पड़ता।  माई लार्ड, मैं आफ़ द रिकार्ड ये आरोप लगा रहा हूं कि जिन कांग्रेसियों की मम्मी ही विदेशी हो,  वो क्यों नही विदेशियो को मामा समझ कर बुलायेंगे।

हम विरोध में जोर से चिल्लाये - "माई लार्ड, ये लोग इतने साल सत्ता मे थे खुद कुछ क्यों नही किये। क्या हम मामाओं को बुलाते हैं का आरोप लगाने वाले ,जनता को मामू नही बनाते हैं। अरे करोड़ो भारतीय विदेश मे नौकरी कर रहे है धंधा कर रहे है, हम किसी बात पर अड़ जाये तो क्या उनको नही भगाया जा सकता कि भाई हम लोग स्वदेशी ही एलाउ करेंगे। माई लार्ड मै भी आफ़ द रिकार्ड आरोप लगाता हूं कि ये लोग गांधी जी का स्वदेशी चुराये, उस समय चश्मा भी चुरा लेते। तो इनको दिखता जनता महंगाई के बोझ से दबी हुयी है मुनाफ़ाखोर ऐश कर रहे हैं। और ये लोग बेकार मे जनहित के मामले मे क्षुद्र राजनीति कर रहे हैं।

बाबा रामू बोले - "माई लार्ड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश  के दुष्परिणाम तो सोचिये।   वालमार्ट को विश्व के किसी भी भाग से कुछ भी आयात करने की छूट होगी। शराब से लेकर शर्बत तक, उसे पूरे विश्व में जहा सस्ता मिलेगा वहा से मंगायेगी। माई लार्ड पांच एकड़ खेत वाला कालू किसान किस तरह पांच हजार एकड़ वाले गोरे किसान से कीमतो में मुकाबिला कर पायेगा। हमारा उद्योग जगत भी हिल जायेगा, चीन की फ़ैट्रियों से माल खरीद खरीद कर भारत के बाजारो को पाट दिया जायेगा। माई लार्ड इस देश को गुलामी से और गरीबी से बचा लीजिये हुजूर वरना इतिहास आपको कभी माफ़ नही कर पायेगा।"


हमने खड़े होकर गंभीरता से कहा - " माई लार्ड , मै बाबा रामू की काबिलियत की दाद देना चांहूंगा। किस तरह इन्होने इस पूरे मामले को देश भक्ति से जोड़ कर,  इस केस  को संगीन बनाने की कोशिश की है।  बेस्ट प्राईस के नाम से पहले ही वालमार्ट देश में काम कर ही रहा है। जहा से होलसेल दर में व्यापारी माल खरीद रहे है।   रही बात उद्योगो की तो उन्हे मजबूरन होलसेल व्यापारियों को सस्ते दामो में माल बेचना पड़ता है।  ग्राहक को वही माल महंगा मिलता है।  भारत का पांच प्रतिशत व्यापारी वर्ग,  मुनाफ़ा कमाने के लिये मिलावट खोरी तक से बाज नही आता अनाज से लेकर दूध और सब्जियो के नाम पर हमें जहर दिया जाता है।   इतना सुनते ही जज साहब ने हामी मे सर हिलाया बोले- " मिलावट तो देश की सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। खैर फ़िर भी अगर आप की सारी बाते सही हैं तो फ़िर काहे ये वकील साहब बाबा रामू और उनकी पार्टी इस का विरोध कर रहे हैं।"

हमने कहा - बाबा रामू की पार्टी है ही व्यापरियों की पार्टी, व्यापारियों के चंदे से ही न काम चलता है। और ये बाबा रामू तो निजी कारणॊ से मोटा मोटा तर्क दिये जा रहे हैं माई लार्ड। अब मुनाफ़ाखोर लोग ही न तेल घी खाकर चर्बी बढ़ाते है। हार्ट प्राब्लम, मोटापा, किडनी प्राब्लम ये लोगो को ही न होता है फ़िर महंगा महंगा टिकट कटा कर ये लोग ही न योगा सीखने जाते है। बात और भी है देखिये बाबा रामू गाय से गौ मूत्र लेते है। फ़िर वह जाता है होलसेलर के पास, वहा से रिटेलर के पास।  गाय द्वारा मुफ़्त मे दिया मूत्र, रोगी के पास पहुंचता है चार सौ  रूपये लीटर। अब  वालमार्ट सीधे गाय से लेगा, वहीं छान छून के पैक करके सीधे रोगी को खुद ही बेचेगा और रोगी को वह पड़ेगा बीस रूपये लीटर।

बाबा रामू उछल कर खड़े हो गये बोले - "माई लार्ड दवे जी उटपटांग तर्क देकर विदेशी लुटेरों को भारत मे लाना चाह रहे हैं।"हमने तड़ से कहा - "माई लार्ड ये बाबा रामू हर जगह उल्टा बात कहते हैं। अभी वालमार्ट नही है तो गला फ़ाड़ फ़ाड़ के कालाधन वापस लाओ का नारा लगा रहे हैं। अब वालमार्ट आ जायेगी तो कम से कम पता तो रहेगा कि पैसा विदेशी ले गया।  बाबा रामू कालाधन ले भी आयें तो पैसा सरकार के पास न रहेगा। खर्चा फ़िर नेता दलालों के जरिये न होगा। फ़िर छह महिने बाद बाबा रामू खड़े हो जायेंगे कि  कालाधन वापस लाओ। माई लार्ड मैं तो कहता हूं कि वालमार्ट आ जाने के बाद, कालाधन और महंगाई दोनो जड़ से गायब हो जायेंगे। अब ये नेता, व्यापारी धन तो बहुत है। पर करे क्या सब का सब काला है। रिटेल सेक्टर में निवेश के लिये वालमार्ट से सेटिंग कर वापस ला रहे है, तो ये बाबा रामू का पेट दुख रहा है।" 

माजरा समझ कर जज साहब ने तुरंत मुकदमा खारिज कर दिया। और बाबा को ताकीद की कि बाबा मार्टबना कर वे वालमार्ट का मुकाबला करें। 

Sunday, November 13, 2011

बाबा रामू का प्रवचन

एक दिन सुबह सुबह श्रीमती ने फ़रमाईश रख दी- " बाबा रामू आये हुये हैं,  आपको हमें प्रवचन में ले चलना होगा।  हमने कहा भी कि भाई आज कल बाबा रामू में पहले जैसे योग नही सिखाते है फ़ोकट राजनैतिक प्रवचन झेलना होगा" श्रीमति कहां मानती हमे ले जाकर ही दम लिया।

खैर बाबा का प्रवचन शुरू हुआ, बोले - "हम प्रमाणिकता के साथ आपकी बीमारियों को दूर भगा देंगे और विदेशों से कालाधन वापस ले आयेंगे।"  उसके बाद बाबा ने कपाल भाती सिखाना शुरू किया, बोले- " जोर से सांस खींचो।"  हमने सांस अंदर ली,  फ़िर बाबा बोल उठे- "कालाधन छोड़ो।" हमने कहा- " बाबा हम तो आपके कहे में केवल सांस अंदर किये हैं, अब कालाधन कैसे छोड़ें।"  बाबा बोले - " बेटा आप को सांस ही छोड़ना है कालाधन वाला बात तो हम कांग्रेसियों के लिये कह रहे थे।"

बाबा फ़िर शुरू हुये - " देश का तीन सौ तीस लाख करोड़ कालाधन विदेशो में जमा है। हम कानून बनवा कर इसे राष्ट्रीय संपंत्ती घोषित कर देश में वापस लायेंगे।   इस पैसे को हम बैंक में जमा करवा देंगे,  इससे हर साल तैतीस लाख करोड़ की आमदनी होगी।  इससे हम गांव गांव को स्वर्ग बना देंगे,  इस पैसे से हिंदुस्तान की हर सड़क पर दस मिमी मोटी सोने की परत चढ़ाई जा सकती है। गांव गांव में खादी बुनी जायेगी,  पंदरह करोड़ लोगो को इससे रोजगार मिलेगा।  पूरा विश्व भारत का बनाया कपड़ा ही पहनेगा।  गाय के गोबर से हम मीथेन गैस बनाकर इससे बिजली बनायेंगे फ़िर भारत को तेल आयात करने की जरूरत नही होगी।"

इतना सुनते सुनते हम सपनो में खो गये। बाबा देश के राष्ट्रपति और हम उनके प्रमुख सचिव बन गये। हमसे मिलने के लिये लोगो का ताता लग गया।  हर कोई शिकायत बताने और मांगे लेकर हमारे पास आ रहा था। एक प्रतिनिधी मंडल आया,  बोला - " साहब हमारे दलित गांव का गोबर,  पड़ोस के गांव के दबंग छीन कर सोसाईटी में बेच देते हैं।" हमने तुरंत आदेश जारी किया- "गायो के मालिको का हिसाब रखा जाये और नाथूराम गोड़से गोबर खरीद गारंटी मिशन के अंतर्गत चेक से सीधे मालिक के खाते में भुगतान हो।"


तभी विभिन्न देशों का के राजदूत मिलने आये, पाकिस्तान वाला बोला- "सर आपने हमसे कपास खरीदना क्यों बंद कर दिया है।" हमने कहा-  " पहले आतंकवाद बिल्कुल बंद होना चाहिये,  दाउद के जैसे तमाम आरोपी भारत को सौंपिये, उसके बाद आपसे कपास खरीदा जायेगा।" अगला दल यूरोप का था, आते ही गिड़गिड़ाने लगे- "माई माप,  सारे यूरोप का पैसा तो आप वापस ले गये हो।  हमारे यहां हाहाकार मचा हुआ है,  हमें कर्ज दीजिये वरना हम तबाह हो जायेंगे।"  हमने कहा- "अपना सोना गिरवी रखना होगा,  उसके अलावा ब्रिटेन के म्यूजियम में भारत  की जितनी ऐतिहासिक वस्तुयें हो, वो सब लौटानी होगी।  आखिरी शर्त लंदन के मुख्य मार्केट की सड़क हमारी होगी। उसमें बोर्ड लगा होगा- " ब्रिटिश एन्ड डाग्स नाट अलाउड।"

 इसके बाद अमेरिका के वैज्ञानिकों का दल था,  वे आते ही चढ़ बैठे-  "आप विश्व हित की टेक्नोलाजी को  छुपा  रहे हो।  आप वसुदैव कुटूंबकम की हिंदू संस्कृती भूल गये हो।"  हमने  पूछा- " भाई मामला क्या है।"  वे और भड़क गये- " आपके यहां गायें खुल्ला घूमती है,  उनके पीछे गोबर इकठ्ठा करने के लिये भागना पड़ता है। फ़िर भी आप उस गोबर से मीथेन गैस बना,  इंधन के मामले में आत्म निर्भर हो गये। और हम है कि दस हजार गायें एक एक फ़ार्म में पालते है,  सबका गोबर आटॊमेटिक एकत्र हो जाता है। फ़िर भी हम उसका उपयोग करने में असमर्थ हैं।" हमने कहा- " हम आपको गोबर की तकनीक विशेष शर्तो पर उपलब्ध करा सकते हैं।  इस तकनीक में काम आने वाला गौ मूत्र,  शुद्ध भारतीय होगा।  यह गोमूत्र आपको सौ रूपये प्रति लीटर पर खरीदना होगा।"  शर्ते सुन कर अमेरिकी जमीन में लोट गये बोले -" माई बाप पहले एक रूपये की कीमत पचास डालर हो गयी है,  हम ये बोझ और न सह पायेंगे।"  हमने इंकार में सर हिला दिया

अमरीकन बोले- " हम बाबा रामू से सीधे बात करेंगे।"  हमने कहा -" सौ देशो की खुफ़िया पुलिस बाबा रामू को खोज रही है कि उनके हाथ लग जायें तो उनके देश का भला हो जाये। इसलिये वे गुप्त स्थान पर रहते हैं,  आप नही मिल सकते।"  जाते जाते अमेरिकन भुनभुना रहे थे -" जितने आलतू फ़ालतू बाबा थे,  उनको हरे रामा हरे कृष्णा करने अमेरिका भेजते रहे और महान  बाबा रामू से मिलने तक नही देते हैं।"


तभी  भाजपा के गुड़गुड़ी साहब आ गये, बोले, "दवे जी चुनाव सर पर आ गया है,  देश में कोई समस्या ही नहीं बची है, जनता से कहें क्या?" हमने कहा - "कल ही वित्त मंत्री  कह रहे थे कि सारे विकास कार्य हो चुके हैं। जो बचे हैं, उनके लिये पैसा आबंटित हो चुका है। अब हर साल ब्याज के तैंतीस लाख करोड़ खर्च कहां करें? आप विश्व के सत्तर गरीब देशों की इस पैसे से मदद कीजिये।  फिर यूएन में उनकी सहायता से प्रस्ताव पारित करा लिया जायेगा कि चीन और पाकिस्तान भारत को जमीन वापस करें।  बिना लड़े जमीन वापस आ गई तो समझिये अगला चुनाव जीतना तय है।"  ।"  

प्रसन्न होकर गड़करी साहब निकले ही थे कि तभी तेल उत्पादक देशों (ओपेक) का दल आया। आते ही गिड़गिड़ाने लगे -" साहब कोई ऐसे आर्डर कैंसल करता है क्या भला।  आपने तो हमे कहीं का नही छोड़ा। " हमने कहा- भाई करे क्या अब कुछ काम ही नही रहा तेल का,  अब तो खाली परंपरा निभाने के लिये राष्ट्रपति पंदरह अगस्त को पेट्रोल  कार में बैठ कर समारोह में जाते हैं।"  बाकी देशों ने तो मन मसोस लिया, लेकिन अरब वाले पैरों में गिर गये- "माई बाप हमारे छोटे छोटे बच्चों पर तरस खाओ, साल मे कम से कम पांच टैंकर ले लो।" हमे याद आया, जब तेल बिकता था तो कैसे अकड़ते थे साले, हमने तुरंत लात जड़ी - "चलो भागो यहां से।"

तभी हमारा स्वप्न भंग हो गया।  देखा तो हमारे सामने बैठा श्रद्धालू मुंह के बल जमीन पर पड़ा था।  हमारी लात अरब राजदूत को नही,  उसे पड़ी थी। लोग भड़क गये,  हमें घेर लिया। तभी बाबा रामू ने बीच बचाव करते हुये पूछा- " क्या बेटा लात क्यों मारी।"  हमने  सफ़ाई दी- " बाबा आपकी बाते सुनकर हमे कांग्रेस पर इतना गुस्सा आया कि हम क्रोध में होश खो बैठे और गलती से लात चल गयी।"

 माफ़ी मांग हम प्रवचन से उठ तो आये। लेकिन कहे क्या,  आज तक मन कालेधन की वापसी की राह देख रहा है।  रोज भगवान से दुआ करते हैं कि बाबा को इतनी शक्ती दे कि बाबा कालाधन वापस ले आयें। गोबर से मीथेन गैस बना परमाणू संयंत्रो से, कोयल की राख से मुक्ती दिलवाये।  पूरा विश्व भारत का माल खरीदे पर भारत किसी देश का माल न ले।

Thursday, October 6, 2011

हम सोचा हमउ भ्रष्टाचारी रावण मार आउं

दशहरे के दिन नुक्कड़ पर बैठे बैठे हमें देशभक्ती के कीड़े ने काटा,  तत्काल दिमाग में आईडिया फ़्लैश हुआ और हमने आसिफ़ भाई से कहा - "चलो गुरू रावण को मारा जाय"।  आसिफ़ भाई बोले - " मियां सटक गये हो क्या, नेताओं के रहते हमको भला कौन रावण का पुतला जलाने देगा।"  हमने कहा -" पुतला नही जलाना,  भ्रष्टाचार के रावण को खत्म करना है।"  आसिफ़ भाई ने सर खुजाया,  बोले - "मियां मेहनत बाबा टाइप करेंगे हम और अन्ना टाईप  क्रेडिट आप ले जाओगे।"  हमने कहा- "नही भाई,  हम दोनो प्रशांत भूषण,  केजरीवाल टाईप साथ रहेंगे।"  आसिफ़ भाई ने सहमती मे सर हिलाया- " विचार तो नेक है मियां, इस ससुरे भ्रष्टाचार की बहन सूर्पणखा उर्फ़ महंगाई ने हमारी नाक में दम कर रखा है। चिकन तो सवासौ से कम मिलता ही नही और भिंडी भी पचास रूपये किलो से कम नही।"

हम दोनो ने नुक्कड़ में अपनी सेना एकत्रित करी ही थी कि सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने कहा - "दवे जी, आसिफ़ भाई हम आपसे सहमत हैं। इस भ्रष्टाचार के रावण को खत्म करना ही होगा और इसके लिये हम प्रयासरत भी है आप हमारा साथ दें।"   हमने कहा- "यार शर्मा जी, इस रावण का चेहरा आपसे बड़ा मिलता जुलता है। खाली जब आप भाषण देते हो तभी राम नजर आते हो बाकि टाईम तो रावण सी दिनचर्या मे लगे रहते हो कि कौन सा लाइसेंस बाटूं, किस विमान कंपनी को दिवालियां करूं, कौन सी खदान खोद कर पर्यावरण को खुदा के पास भेजूं ,कहां की तेल गैस अंबानीयों को बेच खाउं। शर्मा जी साथ मत मांगो चंपत हो जाओ कि हमला तुम पर ही होने वाला है।"


बाजू खड़े दीपक भाजपाई ने ताली बजाई - " सही पहचाना आपने, ये सोहन कांग्रेसी ही भ्रष्टाचारी रावण है और तो और बेशर्मी इतनी है कि अपने लिये विदेशी महारानी खोज लाये है। हमे हर्ष है कि आपने भगवान राम याने कि हमारी सेना में शामिल हो इनको भस्म करने का बीड़ा उठाया है।" हमने कहा -" हे भाई रामानंद, बहुत दिन तुम लोग राम के नाम से आनंद उठा चुके हो अब रहम करो हम पर। और किस मुह से हमको अपनी सेना में शामिल करते हो। तुम लोग कौन सा कसर छोड़ रखे हो भाई,  तुम लोग ही भ्रष्टाचार के रावण से लड़ते होते तो क्या हमको ये दिन देखना होता। तुम लोग खाली आम खाओ,  भ्रष्टाचारी रावण से लड़ाई रूपी पेड़ लगाने का काम हम पर छोड़ दो।"


तभी नुक्कड़ पर शर्मा जी ने प्रेस कांफ़्रेंस कर घोषणा कर दी - " आसिफ़ भाई और दवे जी चाय के भुगतान मे घपला करते हैं। ये किस मुंह से भ्रष्टाचारी रावण से लड़ने की बात करते हैं ये तो खुद सर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। और दवेजी के दादा के पिताजी पलासी की लड़ाई में मैदान छोड़ कर भाग गये थे इसलिये दवेजी भी भाग जायेंगे।" शर्मा जी की घोषणा को अनसुनी कर हम लोग आगे बढ़े ही थे कि नुक्कड़ की शाही मस्जिद के इमाम आलू बुखारी जी ने घोषणा कर दी - " आसिफ़ भाई जिस रावण को मारने जा रहे हैं वह हिंदुओं का है। इस्लाम किसी रावण को मारने कि  इजाजत नही देता क्योंकी यह काम अल्लाह या पैगंबर ही कर सकते हैं। अतः हम भ्रष्टाचारी रावण को मारने के अभियान के खिलाफ़ फ़तवा जारी कर रहे हैं।"


आसिफ़ भाई ठिठक गये- "दवे जी ये तो फ़तवा जारी हो गया अब।" हमने कहा- "आसिफ़ भाई  क्या यह इमाम आपके चिकन को सस्ता करवा सकता है, बच्चे की फ़ीस कम करवा सकता है, जो इसको फ़तवा जारी का हक दिया जाय।" तभी अनवर जमाल नाम के महाविद्वान पहुंच गये बोले -" इमाम को जानकारी नही है,  राम जो हैं अवतार नही थे महापुरूष थे।अतः उनका साथ देने मे कोई बुराई नही"।  ऐसे पहुंचे हुये छुपे एजेंडे वाले  इतिहासकार को दरकिनार कर हम आगे बढ़े ही थे कि होसलेवाला नाम का मतवाला सामने आ खड़ा हुआ कहने लगा - " दवे जी आप जानते नही हो,  भ्रष्टाचार रूपी रावण सीता रूपी कालेधन को उठा कर नही ले गया था। बल्की कालाधन रूपी सीता अपनी मर्जी से साथ गयी थी,  आप मनुवादी राम का साथ देकर सही नही कर रहे हो"। आसिफ़ भाई ने कहा " अरे अंबेडकर के नाम पर कलंक, साईड हटो हम लोगो को काम पर जाने दो।"


तभी हमारा रास्ते में मंडल जी और बैठा जी आकर बैठ गये कहने लगे - " देखो भाईयो स्वर्ण वर्ग की यह करतूत,  ये लोग भ्रष्टाचार रूपी रावण को मारने जा रहे हैं,  क्योंकी आज यह रावण इनको तकलीफ़ दे रहा है। इससे पहले जब हमारे दलित भाईयों को यह तकलीफ़ दे रहा था तब ये स्वर्ण समाज आराम से घर मे बैठा हुआ था। लेकिन आज एक अछूत, दलित मंत्री राजा ने चार पैसे दलित समाज की भलाई के लिये ले लिये तो ये लोग उसको तिहाड़ में बंद कर दिये,  इनका साथ मत दो"।  हमने समझाया- "बैठा जी खड़े हो जाओ, ये रावण सब को तकलीफ़ दे रहा है क्या स्वर्ण क्या दलित,  क्या रिश्वत मांगने वाला जात पूछता है।" मंडल जी अपनी जगह अटल थे बोले - " आपने अपने साथ दलितो का प्रतिनिधी क्यों नही लिया और अपनी सेना मे दलितों को आरक्षण क्यों नही दिया, जब तक आप ऐसा नही करेंगे हम आपके खिलाफ़ हैं। हमने लाख समझाया- " भाई इस सेना में तो जो चाहे भर्ती हो सकता है। कोई संख्या या जाति बंधन थोड़े है,  और न इसमे कोई तंख्वाह है।"  पर मंडल जी नही माने और दलितो को इस सेना से दूर रहने का संदेश देने लगे।

खैर साहब उससे भी आगे बढ़े तो तरूण कुमार हिंदूवादी आकर खड़े हो गये बोले -" पहले आसिफ़ भाई और इनके साथियों को भारत माता की जय और वंदे मातरम  कहना होगा। फ़िर ही आपको हिंदुस्तान के हिंदु असुर रावण रूपी भ्रष्टाचार को मारने की इजाजत है।"  आसिफ़ भाई कुछ कहते उसके पहले हमने कहा - " आसिफ़ भाई भारत माता की जय नही बोलेंगे, भारत माता की विजय हो बोलेंगे।  इसी तरह वंदे मातरम की जगह बंदा ए मातरम कहेंगे"। तरूण कुमार जी हमे गुस्से से देखने लगे बोले " आप जैसे सिकुलर देशद्रोही हिंदुओं के कारण ही देश का यह हाल है"। हमने कहा- "ओ भाई स्वयंभू धर्मरक्षक,  धरे रह अपना सर्टीफ़िकेट अपने पास।जब हम मरेंगे तब यमराज से कह नर्क भिजवा देना हमको।" 


खैर साहब इतने धर्म और जात, दल, भाषा के नाम पर भड़काने वालों से अपनी सेना को बचा हम भ्रष्टाचारी रावण से लड़ने पहुंचे तो देखा हमारा स्वागत में सीबीआई, पुलिस,  इनकम टैक्स,से लेकर तमाम सरकारी एजेंसियां और उनके साथ खड़ा पत्रकारों का दल खड़ा था। जो हमारे मुंह से निकली एक गलत बात को कांट छांट कर घुमाफ़िरा कर प्रसारित करने को तैयार था और जिसका काम भ्रष्टाचारी रावण के बारे में नही सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे बारे में बात करना था।

इतना सब देख आसिफ़ भाई लड़खड़ा गये बोले - " मियां हमारे परदादा के परदादा काजी की बीबी को भगा कर ले गये थे। अगर बात खुल गयी तो हमारे खानदान की बड़ी बेईज्जती होगी।" हमने भी सहमती में सर हिलाया- " भाई बात हमारी भी ऐसी ही है, जवानी में हमने बहुत से प्रेमपत्र लिखे थे। सीबीआई ने खोद निकाला तो कईयों के पती और हमारी पत्नी हमें बहुत पीटेगी।"

तो साहब हम दोनो ने तो अपना अभियान स्थगित कर लिया है। आपसे भी अनुरोध है कि देश भक्ती का कीड़ा कभी आपको काटे तो बाथरूंम में बंद हो नेताओ को कोस लेना। भड़ास भी निकल जायेगी और आप खामखा परेशानियों मे भी नही पड़ोगे।

Friday, September 9, 2011

बाबा रामदेव की ट्रेनिंग

 नुक्कड़ में एक सज्जन पता पूछते पहुंचे, पूछा - "भाई वो मुफ़्त में सलाह देने वाले फ़ोकटचंद लेखक दवे जी कहां मिलेंगे"। हम तक वे पहुंचे तो मालूम पड़ा कि बाबा रामदेव नें हमें बुलाया है,  सो हम पहुंचे उनके पास आशीर्वाद देने के बाद बाबा ने अपनी व्यथा बताई-  "सरकार पत्रकारों के माध्यम से उटपटांग आरोप लगवा कर  छवि बिगाड़ने का प्रयास कर रही है"। हमने कहा- "बाबा जी मान लो आप नही दवे जी पतंजली के कर्ता धर्ता हैं, दीपक  चौरसिया जी हम पर आरोप लगाते जायें और हम जवाब देते जायेंगे,  आप उन जवाबो का रिहर्सल कर लेना और फ़िर आप की छवि सरकार नही बिगाड़ पायेगी।

बस क्या था  दीपक चौरसिया के हमसे  सवाल जवाब शुरू हुये।


दीपक चौरसिया - " दवेजी आप पर आरोप है कि आप ट्रस्ट और कंपनियों के माध्यम से जनता के धन का दुरूपयोग कर रहे हैं"।

 दवेजी - "भाई हमको जनता ने बिना किसी शर्त के दान दिया,  कि आप जो मर्जी चाहें,  इस धन का उपयोग करें और  हम योग के माध्यम से, दवाईयों के माध्यम से जन सेवा कर रहे हैं। अब यदि सरकार को लगता है कि दुरूपयोग हो रहा है, नियमो का उल्लंघन हो रहा है। तो जांच कराये हमको जेल भेज दे। हम इस सरकार के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।  नयी सरकार आयेगी, फ़िर इनकी जांच होगी।  बोलते हैं कि हमने एक करोड़ का घपला किया है तो दस साल की जेल दवे जी  को दे दो और इन लोगो ने सौ लाख करोड़ के घपले कियें है तो इनकी सजा कितनी होगी यह जनता तय करेगी"।


दीपक चौरसिया -  "दवेजी शीशे के घरों मे रहने वाले दूसरों पर पत्थर नही फ़ेकते, यह आप क्यों भूल गये थे"।


 दवेजी - "हां भाई रहते हैं जीवन सार्वजनिक है, लोगों से रोज मिलते हैं।  ये कांग्रेसी तो लोहे के घरो मे रहते हैं क्या करते हैं, जनता को मालूम ही नही पड़ता।  इनकी अध्यक्षा बीमार हुयीं कब गयी, कब आयीं क्या बीमारी हुयी थी किसको पता चला।  रटा रटाया बयान जारी कर दिया,  आम आदमी मिलना तो छोड़ पास भी नही जा सकता"।

दीपक चौरसिया - " दवेजी आप पर आरोप है कि आप विदेशों मे द्वीप खरीद रहे हैं"।

 दवेजी -" हां तो क्या गलत कर रहे हैं है इस देश मे और जमीन जोड़ रहे हैं।  और ये कांग्रेस पार्टी तो शुरू से आज तक देश की जमीन लुटाते आयी है कभी पाकिस्तान को दे दिया,  कभी चीन से हार गये और अब बंग्लादेश को दे रहे हैं, इनकी हिम्मत कैसे होती है दूसरों पर आरोप लगाने की"।

दीपक चौरसिया -" आप पर आरोप है कि आप अपने संबंधियों को ट्रस्ट और कंपनियों की जिम्मेदारी सौप रहे हो"।
 दवेजी - "अरे भाई जनता ने इतने प्रेम और आदर के साथ हमे देश सेवा के लिये दान दिया है,  तो किसी को तो काम मे लगाना होगा,  ऐसे आदमी को जिस पर हमारा विश्वास हो। क्या इन कांग्रेसियों को काम पर लगाउं जो देश को लूट लूट कर खा रहे हैं। इन जैसे लोगो को लगा दूंगा तो  ये ट्रस्ट दो साल में डूब जायेगा"।

दीपक चौरसिया - "पर आपके संबंधी इसमे घपले कर रहे हैं ऐसा आरोप है"।

 दवेजी - "अरे भाई घपले कर रहे हैं, तो हर ब्रांच में मैं सीबीआई को बैठने का कमरा दे देता हूं। जनता के धन की सुरक्षा मे मन हरदम चिंतित रहता है।  दीपक बाबू जनता देखती है कि आदमी कैसा है, तब दान देती है।  इन कांग्रेसियों से पूछो,  बाबा को इतने साल में बारह सौ करोड़ दान मे मिला,  बाबा ने ट्रस्ट  खड़ा कर दिया कांग्रेस के पास कितना पैसा आम आदमी से दान मे मिला हुआ है। व्यापारी और दलालों का चंदा हटा दो तो कांग्रेस कटोरा लेकर खड़ी हो जायेगी"।

दीपक चौरसिया -  "दवेजी आप कहते हो कि आप साधु हो,  आपके पास संपत्ती नही फ़िर आपने ट्रस्ट क्यों बनाये, कंपनिया क्यों बनाई ,आपके खर्चे तो इसी से पूरे होते हैं, आप जहां चाहे उपयोग कर सकते हो"

दवेजी - "अरे भाई जनता ने धन क्या जमीन मे गाड़ कर रखने को दिया है। उपयोग तो करना ही है, सवाल यह है कि सदुपयोग हो रहा है कि दुरूपयोग, यह जनता देख रही है।  इस सरकार की तरह नही कि इंडियन एयरलाईन मिली और उसे पांच साल बाद भिखारी बना कर छोड़ दिया ।

दीपक चौरसिया -  "आपके उपर आरोप है कि आप दवायें बेचते हो, मुनाफ़ा कमाते हो"।

 दवे जी  - "तो यह कांग्रेस बेच ले,  मुनाफ़ा कमा ले किसी ने रोका है क्या,  पर इनको तो घोटाला करके कमाना है,  पसीना बहा कर नही.  अरे भाई जनता की सेवा करना  आसान है क्या।  दीपक भाई सेवा पथ कठिन है,  त्याग मांगता है, बदनामी भी होती है।  डाबर कंपनी के मालिक से कोई नही पूछेगा कि पांच सौ प्रतिशत मुनाफ़ा क्यों कमा रहा है। क्यों क्योंकि वह मुनाफ़ा कमा कर घर ले जा कर आराम से जी रहा है। दवे जी  गरीबों की,  दलितों की पीड़ा देख कालाधन वापसी के संग्राम कर रहे हैं तो सबकी नींद हराम हो रही है"।


इंटरव्यू खत्म होते ही बाबा रामदेव ने हमको गले लगा लिया,  वाह दवे जी मान गये आपको।  हमने कहा- "बाबा जी एक आखिरी बात गांठ बांध लो, जो आप आर्थिक मामलों मे बयान देते हैं,  कि दो % ट्राजैंक्शन टैक्स लगाओ बाकी टैक्स बंद करो आदि, अब आगे से न करना, आप साधू हो अर्थशास्त्री थोड़े ही हो,  कोई भी लपेटे में लेगा तो आपसे जवाब देते नहीं बनेगा।

वैसे भी अर्थ शास्त्रियों का समय खराब चल रहा है देखते नही मनमोहन जी के मुंह से बोल नही फ़ूट रहा,  मंहंगाई सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जा रही है। इसलिये बाबा आप केवल कालेधन और भ्रष्टाचार की बात करो न कोई पत्रकार,  न सरकार आपके इस दावे को झुठला पायेगी, देश देख रहा कि कितनी बेईमानी हो रही है।

इतना सुन प्रसन्न बाबा ने हमसे कहा- "दवे जी आप जो चाहो मांग लो, हमने हाथ जोड़े बाबा आप ऐसी आयुर्वेदिक व्हिस्की तैयार करें कि  हर पत्नी सोने से पहले पति से पूछे, क्यों जी तीन पैग पिये की नही और उस व्हिस्की  के सौ लाभ गिनाये, न पीने पर होने वाली हजार हानियां गिना दे। बाबा ने हमें पक्का वचन दिया है देखना अब यह है कि बाबा अपनी ट्रेनिंग और वायदे पर खरे उतरते हैं कि नही। 

Friday, September 2, 2011

रामू बाबा का अनशन - भाग दो

इससे पहले की घटनाओं के लिये - रामू बाबा का अनशन


 गतांक से आगे

24 सितंबर

अखबारों मे हेड लाईन(सरकारी न्यूज)

प्रधानमंत्री ने कहा- " हमारे पास कोई जादू की छड़ी नही है"

 हमने वकतव्य जारी किया - " सरकार निकम्मी है। जादू की छड़ी नही है तो क्या कानून का मोटा डंडा तो है ।  सरकार  कालाधन वापस लाना ही नहीं चाहती।"

बाबा के स्वास्थ पर निजी डाक्टरों की कड़ी नजर, श्रीश्री 408 कविशंकर ने बाबा से मुलाकात की,

कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ़्रेंस मे कहा -"बाबा रामू हवा में बात कर रहे हैं,  कालाधन वापस लाना इतना आसान था तो एनडीए अपने शासनकाल में क्यों नहीं वापस लाई,  भाजपा जब जब सत्ता से दूर जाती है उसको कालेधन की याद सताती है।" बाजू बैठे दिग्विजय सिंग ने कहा -" ये बाबा रामू भाजपा का एजेंट है, और कालाधन वापस लाने के नाम मे पाखंड कर रहा है"।

पत्रकारों का बाबा पर खुद जवाब देने का भारी दबाव, बाबा के मौन रहने पर हमारी प्रेस कांफ़्रेंस का बहिष्कार। सुब्रमणियम स्वामी और दीनबंधु गुप्ता ने काले धन के बारे चौकानें वाले खुलासे किया। स्वामी का दावा गांधी परिवार के पास चालीस हजार करोड़ का कालाधन है।

रामलीला मैदान पर भीड़ बढ़ी, शीशगंज गुरूद्वारा कमेटी ने आंदोलनकारियों के लिये लंगर शुरू किया, दिल्ली चैंबर आफ़ कामर्स ने समर्थन का ऐलान किया( पहले तैयार नही थे, हमने समझाया कालाधन वापस आयेगा तो आपकी बिक्री दुगुनी हो जायेगी ) 

25 सितंबर

अगली दिन अखबारों मे हेड लाईन(पेड न्यूज)

कांग्रेस और भाजपा दोनो का कालाधन विदेश मे जमां है - बाबा रामू

अखबार पढ़ते ही कुम्हलाये बाबा खलबला गये- "ये क्या कर दिया दवे जी अब तो भाजपा भी साथ नही देगी". हमने मौनव्रत की याद दिलायी ।

सुबह दस बजे

धमाका आरोप से हड़बड़ाये पत्रकार बिना बुलाये प्रेस कांफ़्रेस के लिये पहुंच गये। पत्रकारों ने पूछा-"किस आधार पर आपने यह आरोप लगाये हैं", हमारा जवाब -" दोनो एक ही थैली के चट्टेबट्टे हैं कंबल ओढ़ खीर खाते है और हमें बहलाने के लिये एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं, अगर भाजपा गंभीर होती तो अपने शासनकाल में  प्रयास करती, चलो उस समय नही किया कम से कम आज जब एक राष्ट्रीय संत आमरण अनशन पर बैठ गया है,  तो संसद में मामला उठाती सरकार से जवाब तलब करती"।

सुबह ग्यारह बजे

संसद की कार्यवाही ठप विपक्ष ने बाबा के समर्थन मे हंगामा कर दिया, बिना ठोस कदम उठाये संसद की कार्यवाही न चलने देंगे।

शाम को पांच बजे

 भाजपा  ने बाबा का समर्थन किया, लेफ़्ट भी बाबा के साथ, सरकार पर दबाव

रात ग्यारह बजे भईया जी महाराज पहुंचे पूछा क्या करने से बाबा अनशन तोड़ेंगे हमने जवाब दिया कालाधन वापस आने से, भईया जी निराश होकर लौटे

26 सितंबर

अखबारों मे हेड लाईन(सरकारी न्यूज)

"कालाधन एक महिने मे वापस नही आ सकता, बाबा यथार्थ को समझें" - कांग्रेस पार्टी


अमेरिका नें (कांग्रेस के दबाव मे आकर) भारत सरकार से अपील की,  बाबा रामू के आंदोलन पर नरमी बरती जाये। सरकार ने बाबा के बाहरी ताकतो के हांथो में खेलने का आरोप लगाया।

हमारा जवाब -   बाबा रामू कालाधन वापस लाने के लिये यमराज के हाथों  खेल रहें हैं।  ये सरकार उटपटांग आरोप लगाने के बदले भारत के करोड़ॊं गरीब जो एक समय खाकर जी रहे हैं उनकी भलाई के लिये कालाधन वापस लाने के बारे मे सोचे।

रामलीला मैदान में दसियों हजार लोग जुटे,  देश भर में बाबा के समर्थन में रैली निकाली  गयी, संसद की कार्यवाही दूसरे दिन भी ठप

सरकार ने समझौते के लिये दबाव बढ़ाया, दूसरी तरफ़ मनीष तिवारी, दिग्विजय सिंग का बाबा पर हमला जारी बाबा पर सिर से लेकर कमर तक भ्रष्ट होने का आरोप।

शाम को सरकार का बयान -" बाबा की मांग सही है पर इसे समयबद्ध तरीके से करना संभव नही,  कितना समय लगेगा यह स्विट्जरलैंड सरकार पर निर्भर करता है"।

27  सितंबर

बाबा रामू सुबह ही नियंत्रण से बाहर- "अब मै और भूखा नही रह सकता मुझे अनशन तोड़ना है"। लाख समझाने पर भी बाबा रामू मानने को तैयार नहीं, हमने हाथ पैर जोड़े बाबा शाम तक  समय काट लो,  हमने उपाय किया शाम तक बाबा के सामने टीवी लगा दिया और उसमे सत्ता सुंदरी का जलवा उठाते प्रधानमंत्री के वीडियो लगाये लाल किले से भाषण, परेड , गार्ड आफ़ आनर आदि मसाला जुगाड़ बाबा से शाम तक संयम रखने की अपीळ की। बाबा शाम सात बजे तक अनशन को तैयार उसके बाद एक मिनट भी नही

ताबड़ तोड़ हमने भाईजी महाराज और श्रीश्री 408  को बुलवाया,  शर्त रखी कि यदी सरकार,  तीन महिने के अंदर कालाधन वापस लाने की बात लिखित मे कबूल ले तो बाबा  अनशन तोड़ देंगे। सरकारी खेमे में  हलचल बढ़ गयी जासूसों ने खबर दी, बाबा अब और भूखे नही रह सकते। सरकार का शर्तें मानने से इन्कार।


हमें इसका अनुमान पहले से था।  डाक्टरों की घोषणा,  बाबा के यूरिन में कीटोन की मात्रा अत्यधिक बढ़ गयी है,  बाबा की जान को खतरा,  भाजपा  को खबर दी गई कि बाबा ने आखिरी बयान रिकार्ड किया है आपकी पार्टी कॊ भी  को अपनी मौत का जिम्मेदार  बताया है।  हमारी चेतावनी गौ हत्या तो काशी मे माफ़ हो जाती है, बाबा हत्या को जनता कभी माफ़ नही करेगी।

 भाजपा का बयान - अगर बाबा को कुछ होता है तो देश के हालात बेकाबू हो जायेंगे,  कांग्रेस इसकी जिम्मेदार होगी। सुषमा स्वराज, आडवानी, जेटली प्रधानमंत्री निवास पर पहुंचे, रामलीला मैदान मे अपार भीड़ जमा, हमारी घोषणा किसी भी प्रकार से अहिंसा न छोड़े , रघुपति राघव वाला भजन शुरू ।

शाम पांच बजे
सरकार का संदेश सरकार आश्वासन देने को तैयार पर लिखित में नही,  घोषणा का मसौदा आया उसमें केवल  प्रयास करने का जिक्र था। हमने मसौदा नामंजूर कर दिया,  हमारी मांग- "स्पष्ट होना चाहिये कि सरकार लायेगी या नही", जेटली और प्रणव मुखर्जी की बैठक । सरकार ने नया मसौदा भेजा तीन महिने के अंदर कालाधन वापस लाने का गंभीर प्रयास किया जायेगा।

इतना मसौदा ले हमने  पूछा बाबा किससे अनशन तुड़वायेंगे । बाबा ने जवाब न दिया, हमने बाते फ़िर दोहरायीं बाबा बोले कौन गधा अनशन तोड़ने की बात सोच रहा है। हम तो इस सत्ता सुंदरी के और भी दीवाने हो गये हैं अब जब तक यह न मिले हम अनशन नही तोड़ेंगे।

हमने फ़ोन कर जूस ले रवाना हो चुके  मंत्री को लौटाया, मंच पर पहुंच घोषणा की बाबा ने अपने योग की चमत्कारिक शक्ति से शरीर को पुनः स्वस्थ कर लिया है। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के बीव हमने कहा बाबा कालाधन वापस आये बिना अनशन नही तोड़ेंगे। और यदि कोई भी बाबा को यहां से हटाने की कोशिश करे तो देशभर में सांसदो के घरों का घेराव कर दीजियेगा, फ़िलहाल सभी को राहुल बाबा के घर का घेराव करना चाहिये ।

मंच से नीचे उतरते ही कपिल सिब्बल साहब का फ़ोन आया- "फ़िर बाबा अपने वायदे से मुकर गये हैं,"  हमने उनको याद दिलाई कि अब बाबा के सलाहकार कालकॄष्ण नही दवे जी हैं और हमने कहीं साईन नही किया है  हां यदि रात के समय पिछली बार जैसे हमला करवा दें तो बड़ी कृपा होगी,  देशवासी आपके इस कदम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।


क्रमशः      

Tuesday, July 26, 2011

मन्नू ------- राजा बोला अब तेरा क्या होगा


सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने नुक्कड़ मे घोषणा की खामखा तुम तोग स्विस बैंक का नाम भजते रहते थे  वहां तो सिर्फ़ ग्यारह हजार करोड़ का कालाधन जमा है । हमने तुरंत शर्मा जी को प्रणाम कर कहा मान गये आपको स्विस सरकार से भी अपने प्रवक्ता टाईप बयान दिलवा दिया । खैर उन की भी मजबूरी है भारत का बॊस लाख करोड़ से ज्यादा का काला धन वहां से निकल गया तो बेचारे भिखारी नही हो जायेंगे । शर्मा जी भड़क गये बोले क्यों जनता को भड़काते हो दवे जी मनगढ़ंत आकड़ो से क्या सबूत है तुम्हारे पास । हमने कहा भाई राजा खुद ही सामने है आप ही की सरकार ने एक लाख अस्सी हजार करोड़ के घोटाले मे बंद किया है उसको । फ़िर भारत तो ऐसे राजाओं का देश ही रहा है ये तो सिर्फ़ राजा है यहां तुम्हारी मम्मी से लेकर चिद्दीबम तक अनेको महाराजा भी हैं । और मन्नू तो है ही राजा ने खुला बोला है अदालत मे कि मन्नू को भी मालूम था वह भी शामिल था ।


शर्मा जी ने तुरंत श्रद्धा से सिर नवाते हुये कहा आदरणीय मन्नू जी पर लांछन लगाना सूरज पर थूकने के समान है । हमने कहा "भाईयों कल से रेनकोट पहन कर आना" आसिफ़ भाई ने हैरानी से पूछा क्यों भाई! तो हमने कहा पूरा देश इनके सूरज उर्फ़ मन्नू पर थूक रहा है सूरज तक तो पहुंचेगा नही हमारे उपर ही न गिर जाये । पूरा नुक्कड़ ठहाके लगाने लगा तो गुस्साये शर्मा जी बोले आप लोग एक अपराधी की बातो पर मन्नू पर आरोप लगा रहे हो । हमने कहा यह जो आपको आज अपराधी लग रहा है कल तक आप ही को ईमानदार नजर आ रहा था । जैसे कपिल बाबू पहले छाती ठोक एक रूपये का भी घोटाला नही हुआ कह रहे थे आज आप मन्नू को वैसे ही निर्दोष बता रहे हो । कल इसका मामला भी सामने आयेगा तो कहोगे हमारी प्यारी मम्मी पर जो आरोप मन्नू लगा रहा है वह गलत है

तभी आसिफ़ भाई ने टांग अड़ाई कहने लगे शर्मा जी अपराधियो को जब डण्डा पड़ता है तभी तो वो बताते हैं कि उनके साथ और कौन कौन शामिल था । अपराधियो के बयान ही अमान्य कर दोगे तो फ़िर उसके साथी कैसे पकड़े जायेंगे । तुम तो पूरी व्य्वस्था को ही झूठा कह रहे हो कुछ लाज शर्म बाकी है या नही । हमने कहा आसिफ़ भाई वो डंडे वाली बात आम आदमियो पर लागू होती है नेता लोग आम आदमी हैं कहां आम आदमी होते तो इनको जनता की तकलीफ़ नजर आती ये तो खास लोग है। सही कह रहे है शर्मा जी मन्नू के उपर थूकने से उस तक पहुंचेगा नही वो तो जांच के दायरे मे ही नही आता । तभी तो ये लोग मन्नू को लोकपाल के दायरे से बाहर रखना चाहते हैं जब मन्नू की जांच ही नही होगी तो उसकी मम्मी के फ़सने का सवाल नही


आसिफ़ भाई फ़िर बोले मियां दो डंडा पड़ेगा तो सारे लोग बोलेंगे  एक बार कानून की जद मे आ जाये बस । हमने कही भाई आपसे कहा है न ये लोग खास लोग हैं। जहां डंडे की नौबत आयी नही कि इनको डेमेंशिया की बीमारी हो जाती है । एक ने पूछा भाई ये डेमेंशिया क्या होता है हमने समझाया इसमे आदमी की याददाश्त चली जाती है कम होने लगती है । फ़िर उससे किसी बारे मे पूछो तो वो भूल जाता है जैसे अपना खलमाड़ी अब जो उससे पूछ्ताछ होगी भाई भूल जायेगा । आसिफ़ भाई बोले भले भूल जाये पर कानून तो उसको नही भूलेगा कागज पत्तर तो अपनी जगह है ही सजा तो होनी ही है । हमने कहा अरे भोले भंडारी इस बीमारी से डबल फ़ायदा है नेताओं को होने पर यह गंभीर बिमारी बन जाती है । सीधे अस्पताल मे एसी कमरे मे भरती होना पड़ता है और घर वालो से पहचान वालो से चौबीस घंटा मुलाकात करनी होती है । वरना नेताओं की जान को गंभीर खतरा हो जाता है । अब हिंदुस्तान इतने जघन्य अपराधी को मरने तो नही दे सकता न । कसाब टाईप इन लोगो को भी जिंदा रखना मजबूरी हो जाती हैऔर मान लो उपर वालो को ऐसे अपराधी से पोल खुलने का डर हो तो इनकी मौत का कारण सामने ही होता है । यह नही कि डा. सचान के मामले की तरह आत्महत्या करवानी पड़े

इतने मे दीपक भाजपाई जी ने बयान दिया दवे जी बिल्कुल सही कह रहे हो आप । हमने उनको फ़टकारा आप तो चुप ही रहो भाई जितना बोलना है अपनी पार्टी के भीतर बोलो । अपने नेताओ को समझाओ केवल जय श्री राम का नारा लगाने से वोट मिलने वाला नही है । तीन साल का समय है अपनी पार्टी को साफ़ सुथरा करो भ्रष्टाचारियों को बाहर निकालो और ये नही कि जिसके बारे मे सबूत मिल रहा है उसके ही निकालना है । उपर से नीचे जितने नेता मंत्री है सब को समझा दो कि बेटा एक रूपया खाया  तुम्हारा नाम आया और सीधे पार्टी से बाहर । ये कलपती दरकती कांग्रेस अपने को साफ़ सुथरा दिखाने के लिये तुम्हारा पूरा पोस्टमार्टम करने वाली है । और देश भी देख रहा है काली करतूतों को यह भी याद रखो कि दूसरो पर आरोप लगाने से पहए जो अपना घर साफ़ नही करता उसका हाल बाबा रामदेव टाईप हो जाता है समझे की नही ।


नुक्कड़ की भीड़ विसर्जित होते ही आसिफ़ भाई ने हमे समझाया भाई जब इतने न्यूस चैनल अखबार खामोश है सरकार की पोल खोलने से डरते है तो आप क्यों शिवाजी बनते हो क्यों गला फ़ाड़ चिल्लाते हो भाई । तो साहब हमने अपनी व्यथा रखी कि भाई ये सब लोगो को पैसा मिल रहा है तो चुप हैं अपने राम को भी मिलने लगे तो अपन काहे गला फ़ाड़े पर ये हैं कि कुछ देते हि नही अब आप ही बताईये इतने लोगो को बाट रहे हैं तो दवे जी को भी थोड़ा प्रसाद दे देते तो इनका क्या जाता । आखिर फ़ंस भी इसिलिये रहे हैं कि नही जिसको खाने नही मिला वही इन लोगो की पोल खोल रहा है ।अपने चौतीसगढ़ के चमन सिंग से ही सीख ले इतना अच्छे आदमी है कि मजाल है कि कोई अखबार वाला कोई विरोधी दल का नेता एक शब्द ही कह दे इनके खिलाफ़.....