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Tuesday, November 1, 2011

डा. अनवर धमाल खान की आत्महत्या

अपने चुन्नु भाई ब्लाग जगत में गुस्साये घूम रहे थे हमने पूछ लिया - " क्या हुआ चुन्नू भाई सब खैरियत तो है।" वे भड़क गये, बोले -" दवे जी पिछले साल छह लाख लोगो ने आत्म हत्या कर ली। ये बेगैरत और मर जाता तो कितना अच्छा होता।" हमने कहा - " मियां बात साफ़ करो कौन मर जाता, क्यों मर जाता।" चुन्नू भाई बोले - "अरे यही मुआ अनवर धमाल, दिन रात हमारे धर्म के लिये अनाप शनाप लेख लिखता है।"  हमने कहा- "यार सुनो इस तरह किसी के आत्महत्या करने की बात सोचना अच्छी बात नही और ये अनवर धमाल तो बड़ा खतरनाक आदमी है। अभी तड़ से पोस्ट लगा देगा "हिंदू दूसरों के आत्महत्या की बात सोचते हैं" खामखा आपके कारण पूरी हिंदू कौम बदनाम हो जायेगी।" चुन्नू भाई भड़के हुये थे बोले - " चाहे जो हो जाये दवे जी, हम अपना स्टैंड नही बदलेंगे। ये तो अपने आप को उच्च शिक्षित भी कहता है और यह भी कहता है कि उच्च शिक्षा पाने वाले आत्म हत्या कर लेते हैं।" हमने उनको याद दिलाया - " उनके अनुसार वो बात केवल हिंदूओं पर लागू होती है।" चुन्नू भाई बोले - " अरे दवे जी आप भी क्या बात कहते हो,  क्या मुस्लिम आत्महत्या नही करते और नही भी करते हों तो इसको तो हम ही निपटा देंगे।"

हमने कहा - " चुन्नू भाई आप जरूर आईएसआई के एजेंट हो वरना अनवर धमाल के बारे में ऐसी बाते न करते।" चुन्नू भाई भड़क गये- " आपका दिमाग तो खराब नही हो गया हम और पाकिस्तानी एजेंट हम तो कट्टर हिंदूवादी आदमी है भाई।" हमने कहा- " कटटर हिंदूवादी होते तो कभी ऐसी बात नही करते। अपने इतने काम के आदमी कोई मारता है भला।" चुन्नू  जी सकपकाये बोले - " दवे जी, तबीयत तो ठीक है, कैसी बहकी बहकी बाते कर रहे हो।" हमने कहा - " हम बिल्कुल ठीक है भाई, आप मामला नही समझते हो। देखो कट्टरहिंदू वादी साठ सालों से कलम घिसते घिसते थक गये कि मुसलमान हिंदूओं के दुश्मन हैं, बटवारे में हिंदूओ के साथ ऐसा हुआ था, फ़लां जगह वैसा हो रहा है, देश में लव जिहाद चल रहा है। पर ये लोग भारत में हिंदू मुस्लिम एकता को नही तोड़ पाये। अब इस अनवर धमाल के एक एक लेख से सैकड़ो हिंदू मुसलमानों से नफ़रत करने लगते है। मियां अगर कट्टर हिंदू हो और मुसलमानों के खिलाफ़ देश मे आक्रोश खड़ा करना चाहते हो तो अनवर धमाल जैसे लेखकों को खोजो, पालो और इनके लेख अखबारों मे पैसा देकर छपवाओ। फ़िर देखो कैसे देश में नफ़रत की आग भड़क उठती है।" चुन्नू भाई बोले - "नही भाई हम भी देश मे प्रेम और सदभाव का वातावरण चाहते हैं, हमें देश मे आग नही लगानी।"  हमने कहा- " भाई, अगर आप शांती चाहते हो तो फ़िर उन लेखकों को भी रोकना होगा जो मुसलमानो और इस्लाम के बारे में दुष्प्रचार करते हैं। क्योंकि वे लोग भी आईएसआई के एजेंट हैं और देश के मुसलमानों को भड़का कर देश में अशांती लाना चाहते हैं।"

चुन्नू भाई बोले -" उनका विरोध तो हम कर लेंगे पर इस अनवर धमाल का क्या करें इसके लेख हमको भड़का देते हैं।" हमने कहा - " भाई आप ही लोग तो हो जो ऐसे मूर्खों के ब्लाग पर जा जा कर टिप्पणी देते हो और इनके ब्लाग चर्चित की सूची में टाप पर आ जाते हैं। आप लोग ऐसे लोगो को पढ़ो ही ना, टिप्पणी ही न करो तो चार घंटे में इनका लेख कहां गायब हो जाये मालूम ही न पड़े।  फ़िर भी मन नही माने तो ऐसे लोगो इमेल के जरिये अपनी भावनाएं पहुंचा दिया करो पर ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी कभी मत करो।" चुन्नू भाई प्रसन्न होकर बोले - " वाह दवे जी आपने तो जबरदस्त आईडिया दिया है मन प्रसन्न हो गया।" हमने कहा- " मियां, मन प्रसन्न हो गया तो फ़टाफ़ट हमारे ब्लाग पर टिप्पणी चिपका आओ "।


खैर साहब बात तो थी चुन्नू भाई की पर लागू हम सब पर होती है। और बात सिर्फ़ ऐसे लोगो के ब्लाग पर टिप्पणी न करने पर ही खत्म नही होती है। ये लोग तो सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये ऐसा लेखन करते हैं। हम सब को  किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय को आहत करने वाला लेखन नही करना चाहिये । कुरान में उल्लेख है कि " किसी के खुदा को बुरा मत कहो कि वह तुम्हारे खुदा को बुरा कहेगा।" जाहिर है सम्मान देने से ही मिलता है। इतिहास में क्या हो चुका है यह हमारे हाथ में नही है पर भविष्य हम खुद बना सकते हैं।  

Friday, October 21, 2011

मुस्लिम युवा आत्मह्त्या नही करते ~~~~हिंदू युवा ही क्यों करते है

मियां बात ऐसी है कि आज अनवर जमाल साहब की पोस्ट "क्यों मर रहे हैं उच्च शिक्षित हिंदू युवा।"  पढ़ते ही दिमाग झनझना गया। संघ का तो कोई आदमी जवाब क्या देता, वो तो बेचारे "हम अन्ना के समर्थन में हूं" में व्यस्त हैं। और कांग्रेस अन्ना वादियों को चोर साबित करने में। अब अनवर जमाल साहब ने लेख लिखा और उनके जैसे महानतम सर्वधर्मी विद्वान के लेख पर अगर प्रतिक्रिया न आये तो समझिये कि यह उनका अपमान है। खैर अपमान करने वाले हम सभी का मुफ़्त में अपमान कर ही देते हैं।  वो तो भला हो  कि टिप्पणी में कुछ फ़ंदा लगाया है,  वरना लेखकों की इज्जत उतारना आसान सा काम है। किसी ने लिखने में दिन लगाया और किसी ने इज्जत उतारने में सिर्फ़ "अमां इस गवांर को लेखक किसने बनाया"  लिख दिया और लेखक गया तेल लेने।

खैर हम साहब हिंदू है सो पहली चिंता तो यह हुयी कि हिंदू युवा क्यों मर रहे हैं। दूसरे हमारे बच्चे पढ़ लिख कर उच्च शिक्षित बनें ऐसी हम रोज भगवान से  दुआयें करते हैं। सो हमने लेख खोला.  उसमे लिखा तो कुछ न था, खाली एक उच्च शिक्षित हिंदू युवा के आत्म हत्या की खबर थी। हमारा दिल धड़का कि मियां जब कुछ कहा ही नही,  दिग्विजय सिंग टाईप खाली फ़ोकट लोगो का ध्यान खींचने के लिये हेडिंग लगा दी तो हम जवाब दें क्या। हमारा हाल लगभग अन्ना की तरह हो गया और जमाल साहब हेडिंग लगा कर दिग्विजय सिंग की तरह मजा ले रहे थे। खैर हमने दिमाग लगाया कि हिंदू उच्च शिक्षित युवा ही आत्म हत्या करते हैं और मुस्लिम उच्च शिक्षित युवा नही करते । इसका जवाब या तो कुरान मे मिलेगा या वेदों में,  वेद्कुरान ब्लागस्पाट में तो खैर नही मिल सकता कि मियां जमाल साहब ही चलाते हैं और उन्हे मालूम होता तो वे यह सवाल उठाते ही क्यों।


सो हमने एक इसाई को खोजा कि भाई ये आदमी  मामले को सुलझायेगा। सो पीटर से हमने पूछा- कि साहब फ़र्क क्या है।"  वे बोले- "भाई हिंदू खुद मरता है और मुसलमान सबको ले मरता है।" हमने कहा- " भाई बात विस्तार से कहो।"  वे बोले- " मुसलमान को जब दुनिया से निराशा होती है तो चला जाता है मौलवी के पास। मौलवी न केवल उसे जन्नत नशीं होने का सर्टीफ़िकेट देता है बल्की,  उसके खानदान वालों को पैसे भी देता है बशर्ते कि ऐसा आत्मह्त्या करने वाला इस्लाम के लिये मारने जा रहा हूं का वीडियो खिंचवा ले और आत्म घाती हमला कर दे।"

अब साहब अमेरिका का पाकिस्तान से संबंध टूट चुका है और बेगम हिलेरी कल पाकिस्तान भी आ रही है कि आतंकवाद को रोको वरना अमेरिका पाकिस्तान पर हमला कर देगा । सो हमने सोचा कि इसाईयों की बात सुनना आज सही नही,  बेचारे पाकिस्तान और मुस्लिम भाईयों को पहले जेहाद का लारी लप्पा दिया और अब मामला उल्टा पड़ा तो पाकिस्तान पर हमले की बात कह रहे हैं।


अब हमने सोचा कि किसी धर्म निरपेक्ष आदमी से पूछा जाये,  सो हमने कमल वामपंथी से पूछा,  वे हंसने लगे,  बोले-  "भाई मुस्लिम उच्च शिक्षा को प्राप्त करेंगे तब न आत्म हत्या करेंगे । अभी तो बेचारे कांग्रेस के मारे,  साठ साल बाद भी अधिकाशंतः अनपढ़ है। अंगूठा छापी मे वोट देते है, कांग्रेस इसी का तो खा रही है,  भाजपा भी इसीलिये तो हिंदूओं का बजा रही है। भाई भारत मे वोट विकास के नाम पर नही,  धर्म और जातीवाद के नाम पर पड़ता है। वरना देश में भाजपा, कांग्रेस नही ऐसी पार्टी होती जो भारत वादी होती।


हमने कहा- " कमल जी,  बाकी तो हम समझ गये पर यह नही समझे कि अनवर जमाल साहब ऐसा क्यों लिखते हैं। "कमल जी हंसने लगे बोले - " भाई उसको अल्लाह ने ठेका देकर भेजा है कि तूने सौ लोगो को मुसलमान बना लिया तो तुझे मैं जन्नत अता फ़रमाउंगा।" हमने कहा- "कमल जी अगर हम सौ लोगो को हिंदू बना दें तो क्या हमको स्वर्ग मिल जायेगा।" वे हंसने लगे, बोले - मियां, आप पहले हिंदू बन जाओ और अनवर जमाल मुसलमान  फ़िर हमारे पास आना,  अल्लाह और भगवान तुम दोनो को जन्नत अता फ़रमा देंगे। यही तो लिखा है वेद और कुरान में कि धर्म के अनुसार आचरण करो, अच्छे इंसान बनो, दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझो और किसी को तकलीफ़ न पहुंचाओ तो तुम्हे स्वर्ग या जन्नत की प्राप्ती होगी।"

Monday, October 3, 2011

ये भाजपा मुझे आत्महत्या नही करने देती

रात को  हम नुक्कड़ में टहल रहे थे कि एक कोने से एक महिला के सिसकने की आवाज आई| औरतों का दर्द हमसे देखा ही नही जाता सो हम पहुंच गये और पूछा - " क्यों सुंदरी आप क्यों रो रही हैं।"  उसने सिसकते हुये कहा "ये कमबख्त हमें सुईसाईड नही करने दे रहे।" हमने कहा- "सुंदरी यह तो अच्छी बात है, किसी को भी सुसाईड करने से रोकना ही चाहिये और आप हो कौन"। जवाब मिला- " मै आत्मा हूं" । आत्मा सुनते ही हमारी रूह फ़ना हो गयी, हमने कहा - " पहले तो अम्मा सामने आओ,  हम कनफ़र्म करेंगे कि आप आत्मा हो"।

आत्मा ने कहा -" पहले तो बड़ा सुंदरी, सुंदरी कर रहा था, अब अम्मा पर उतर आया। सही है आत्मा के सामने बड़े बड़े लंपट सीधे हो जाते हैं"। इतना कह आत्मा सामने आई, उसे देख हमारे रोंगटे खड़े हो गये। तार तार हुये कपड़े क्षतविक्षत शरीर, गमजदा चेहरा।  हमने डरते हुये कहा- "आत्मा भला कही सुईसाईड कर सकती है।" आत्मा भड़क गई- "अरे मूर्ख शरीर सुईसाईड करेगा तब न आत्मा को मुक्ती मिलेगी।"  हमने धीरे से कहा - आपकी किसकी आत्मा हैं"। जवाब मिला- "कांग्रेस की।"  हमने पूछा- "आप आत्महत्या क्यों करना चाह रही हैं कांग्रेस माई।"  आत्मा ने कहा - "बेटा वो दिन गये जब हमें लोग कांग्रेस माई कहते थे, अब तो हमारा नाम कांग्रेस आई हो गया है।

हमने कहा -" पहले आप आराम से बैठिये और हमे पूरा किस्सा सुनाईये।"  आत्मा ने कहा - " क्या बताउं बेटा मेरे जन्म के बाद मुझे गांधी जी के आश्रम मे भर्ती कर दिया गयावहां सत्य अहिंसा दलित उद्धार और धार्मिक सदभाव का मैने पाठ पढ़ा। आजादी के बाद गांधी जी ने मुझे नेहरू जी को सौंप दिया तब लोग नेहरू की कुछ नाकामियों को कोसते भी थे पर मेरे बारे में भला बुरा कोई न कहता था। नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने तो मेरा नाम और उंचा कर दिया था जय जवान जय किसान के नारे लगाते लोग मेरी जयजयकार करते थे। फ़िर  इंदिरा से लेकर राजीव और अब उसकी पत्नी दिनोदिन मेरी इज्जत गिरती गयी और आज का हाल तो देख ही रहे हो बेटा कांग्रेस का नाम अब कलंक  हो गया है।"

हमने समझाया - चिंता मत करो अम्मा आज भी पार्टी में ईमानदार लोग हैं । आत्मा बोली - "मुझ बुढ़िया को समझा रहे हो बेटा देखी नही ईमानदारों की हालत।"  हमने कहा -" कुछ नही अम्मा, वह तो मनमुटाव दूर किया उन्होने।"  आत्मा ने हमारी बात काटी -" थूक कर चाटना कहते हैं बेटा इसे"। इतना कह वह  फ़िर सिसकने लगी"।

हमने पूछा - " अम्मा आपका शरीर मरेगा कैसे यह तो बताओ" आत्मा बोली- "सुसाईड से, मुझे अनिच्छा मृत्यू का वर है। अर्थात जब तक मेरा शरीर आत्महत्या न करे तब तक मेरी मुक्ती संभव नही"। हमने कहा- "तब तो अम्मा कब तक इस तरह रोती रहोगी,  समय की कोई गारंटी तो नही है"|  आत्मा बोली - " अरे बेटा इतने सालों बाद इस मनमोहन की सरकार बनी। मैने तरह तरह की तपस्या कर इसे एटमी डील के लिये प्रेरित किया, कैश फ़ार वोट स्कैंडल भी करवा दिया। उसके बाद जब कुछ होता न दिखा तो मैने जप तप कर इस मनमोहन को दूसरी बार चुनाव जितवा दिया और तमाम घोटालो के भंडाफ़ोड़ भी करवा दिये कि इस शरीर से मुक्ति मिले।"

हमने दिमाग पर जोर डाला - हां अम्मा कल वो लालकॄष्ण आडवानी बता तो रहे थे कि कांग्रेस आत्महत्या की राह पर चल रही है। इतना सुनते ही आत्मा भड़क गयी- "नाम मत लो उस मुये और उसकी पार्टी का, मुंह में दात नही पेट में आंत नही और चले हैं प्रधानमंत्री बनने"। ये कांग्रेस तो कब का आत्महत्या कर लेती पर ये  भाजपा है न,  काम सारे कांग्रेस वाले, बेईमानी एक रूपये भी कम नही और गाना गायेंगे "चाल चेहरा चरित्र, सुशासन यात्रा।  और सोचेंगे घर बैठे कांग्रेस आत्महत्या कर ले। और जब देखेंगे जनता साथ नही दे रही तो बाबाओं के पीछे यतियों के पीछे छुप के सत्ता पाने की सोचेंगे। उससे बस नही चलेगा तो नफ़रत फ़ैलायेंगे, नेहरू का दादा मुसलमान था, बटवारे में हिंदुओं का ऐसे कत्ल हुआ, यहां दंगा हो रहा है, वहां कावड़ियें नही जा पा रहे, लव जिहाद चल रहा है। इनके अलवा अन्ना हजारे के जैसा कोई और आयेगा तो उसके पीछे पड़ जायेंगे कि कांग्रेस का एजेंट है। ये नही कि इमानदारी और विकास के बल पर जनता का विश्वास जीतें। इनका फ़ार्मूला तो मुंह में गांधी और बगल में गोड़से वाला है।

ले देकर एक इमानदार मोदी काम कर रहा है तो उसको आगे बढ़ाने के बदले पीछे से टांग खींच रहे है। ये भाजपाई लोग ही तो हैं बेटा जो कांग्रेस को आत्महत्या करने नही दे रहे हैं।" हमने कहा- "अम्मा अब ये मामला तो इतने लफ़ड़े वाला है कि हम क्या करें।  आत्मा ने सुझाव दिया- " बेटा एस एम एस कर लोगों को मेरी तकलीफ़ बताओ" हमने कहा- "अम्मा वह तो संभव नही, सरकार ने  सौ से अधिक एसएमएस पर रोक लगा दी है"। आत्मा ने कहा -" बेटा, फ़िर फ़ेसबुक, ब्लाग जैसी जगहों पर लेख लिख लोगो को जागरूक करो। हमने कहा- "अम्मा , वह भी संभव नही दिग्विजय सिंग केस कर देता है आजकल कि उसको मानसिक पीड़ा पहुंच रही है।" और लिख भी दो अम्मा तो देश की अस्सी प्रतिशत जनता के पास तो पेट भरने के अलावा बाकी किसी चीज के लिये समय नही फ़ायदा कुछ नही होगा।"


इतना सुनते ही अचानक आत्मा गायब हो गयी और हम बोझिल कदमों से घर की ओर बढ़ लिये। मित्रो हो सकता है कि यह आत्मा फ़िर मुझे कही नजर आ जाये। ऐसे मे अगर कांग्रेस कैसे आत्महत्या कर सकती है इस विषय पर आपके पास कोई विचार हो तो अवश्य बताईयेगा।