Tuesday, August 9, 2011

देखो अन्ना इस बिल से भ्रष्टाचार बदनाम तो न होगा

साहब आज की बैठक नुक्कड़ में न थी। शहर से दूर एक ढाबे में भाई सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने दावत रखी थी। दावत इस कर के थी कि कोई भी समझदार कांग्रेसी आड़े वक्त मे लेखक और पत्रकार इन दो प्राणियो को अवश्य खिलाता पिलाता है।  आजकल भाजपायी भी इसी रास्ते में हैं,  पर ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हे इस मामले आरक्षण की आवश्यकता है। खैर हुआ कुछ ऐसा कि माहौल बनने के बाद बात भ्रष्टाचार पर न मुड़ जाये। इसलिये शर्मा जी ने शेरो शायरी की इच्छा जाहिर की। अपने राम शुरू हो गये

कांग्रेसियों की कांग्रेसियत से।
 
भ्रष्टाचार बदनाम तो न होगा

लोकपाल लाओ पर इतना बतला दो।

 कहीं हमें आराम तो नही होगा॥

भ्रष्टाचार का नाम सुनते ही शर्मा जी ने मुंह बनाया।  कहने लगे- " एलिया साहब से चुरा कर मरोड़ कर सुना रहे हो।"  हमने कही- "भाई आम खाओ, पेड़ क्यों गिनते हो।  हमने सुनाई,  अभी हमारी हुई। अब आप जो बियर पी रहे हो,  पूछा है किसने बनाई।  कैसे अनाज को सड़ा कर, उसमे कीड़े लगाकर खमीर उठाया जाता है। बदबूदार माहौल में दुर्गंध के बीच उसे कैसे पैक किया जाता है।  शर्मा जी पीते पीते ठसक गये,  आगे न पी गयी। अपने मियां पीना जारी था।  उन्होने आरोप लगाया- " जब इतनी गंदी चीज है। तो तो आप कैसे पी रहे हो।"  हम मुस्कुराये,  कहा- शर्माजी आप आम जनता की तरह अनजान हो।  आपको पता ही नही कि आप पी क्या रहे हो।  हम सरकार की तरह कैलकुलेटेड रिस्क ले रहे हैं।  हमे पता है,  इसमे गंदगी है,  गरीब का पसीना, आह, पीड़ा मिली हुयी है। पर हमने सरकार की तरह हिसाब लगाया हुआ है। नशा ज्यादा मजा देता है और गंदगी या भ्रष्टाचार है ही नही। कह कर साफ़ नकारा जा सकता है।"

शर्मा जी भड़क गये, बोले- "हर बात मे सरकार को काहे बीच मे लाते हो। हम तो इस ठंडी और खूबसूरत दिखने वाली बियर का मजा लेंगे ही।" हमने - मियां आखिर विज्ञापन में आपके बबलू बाबा दीदी प्रधान मम्मी की तरह के चिकने लोग ही दिखते हैं की नही।  खलमाड़ी टाईप थोड़े होर्डिंग मे आते हैं। यह सोचने साम न चलेगा। बियर के अंदर गंदगी है इसमे कोई शक नही।" शर्मा जी भड़क गये,  बोले-  दवे जी, हमारी पार्टी में हमारी बियर पीकर, हमारी पार्टी को ही भुला बुरा कह रहे हो।" हमने कहा-  "आपसे ही सीखा है भाई। जिस देश ने आपको सिर माथे पर लगाया,  आपकी हर गलती माफ़ की  उससे बेईमानी। फ़िर उसके बाद सीनाजोरी।  हम जैसे देश वासी भी तो यही सीखेंगे न। आप लोगो की तरह खा पी के डकार रहे है अहसान काहे गिनाते हो।

शर्मा जी खड़े हो गये,  कहने लगे-  "हमारी पार्टी के नेताओ ने शहादत दी है इस देश के लिये। महात्मा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक। संघ वाले तो आजादी के आम्दोलन मे थे ही नही। इन विरोधियों ने  किया क्या है देश की आजादी के लिये।"  हमने जवाब दिया-  "भाई मेरे महात्मा गांधी कांग्रेस छोड़ चुके थे। और कितने चुनाव जीतोगे शहादत के नाम पर।  हद हो गयी, एक आम शहीद के परिवार को कितने लाख रूपये मिलते हैं। उतने लाख करोड़ तो आरोप है कि स्विस बैंक में जमा हैं राजपरिवार के। अनुकम्पा नियुक्ती का समय खत्म हो गया भाई,  अब बख्श दो हमें।"

मामला बिगड़ते और  अगली बियर की आशा धूमिल पड़ती देख। आसिफ़ भाई ने  बात घुमाई।  पूछा-  "दवे जी "भ्रष्टाचार से आराम तो नही होगा"  ऐसा क्यों कहा आपने।" हमने कहा- "भाई बात समझो,  भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा तो हम लोगों का जीना ही मुश्किल हो जायेगा। नक्शा पास करवाने से लेकर हर काम में गरीबो की तरह चक्कर लगाने होंगे। अब आम हिंदूस्तानी के लिये यह कितना मुश्किल है।  हर काम मे शार्टकट नस-नस में समाया हुआ है। लोकपाल के डर से कोई सरकारी कर्मचारी दो नंबर का काम ही नही करेगा। तो हम लोग तो जीते जी मारे जायेंगे।"

गुप्ता जी मुफ़्त में मिली तीन बियर डकार चुके थे। भारी  जोश में थे।  बुलंद आवाज मे बोले-  "एक दो तीन चार अन्ना जी की जय जय कार।" फ़िर कहा-  "लोकपाल मस्ट कम आर वुई वुड सफ़र लाईक अनी थिंग।" हम गुप्ता जी के मुंह से धाराप्रवाह अंग्रेजी निकलते देख सावधान हो गये। तीन बियर के बाद उनका अंग्रेजी पेलना शुरू हुआ। मतलब उनको वापस होम ग्राउंड पहुंचाये बिना, उनसे मुक्ति पाना अंसंभव था। सो उनकी उतारने के लिहाज से हमने उन्हे टोका- "सोच लो गुप्ता जी। फ़िर हमको सारे काम नियम से करने होंगे।" उनको बात मंजूर थी, बोले- यस, टाईम हैस कम टु बिकम हानेस्ट।"  हमने घोषणा की - भाईयों, घर लौटते समय गुप्ता जी पैदल जायेंगे। दस किलोमीटर पैदल चलने की बात सुन। गुप्ता जी तुरंत होश में आ गये। भड़ककर हिंदी में बोले- "मैं पैदल क्यों जाउं, जिसको बियर लग गई हो वो जाये।" हमने कहा- मिस्टर गुप्ता ड्रंक ड्राईविंग इस अनलाफ़ुल। गुप्ता जी ने हिंदी का दामन न छोड़ा, चीत्कार कर बोले - भाई , अभी लोकपाल बिल आया कहां है,  एक बार आ जाये। फ़िर नेताओं की तरह हम भी सुधर जायेंगे


मित्रो यह तो लोकपाल पर  हल्की फ़ुल्की दिल्लगी थी।  पर इससे निकली गंभीर बात यही है कि हमें यदि भ्रष्टाचार को भारत से दूर भगाना है तो शुरूवात खुद से ही करनी होगी। जमीनी स्तर से  भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ने से ही भ्रष्टाचार खत्म होगा। और बाकी पच्चीस जुलाई  से महायुद्ध तो छिड़ने वाला ही है। आप सभी से अनुरोध है कि आगे बढ़, अन्ना हजारे और उनकी टीम का साथ दे। वरना कतील शिफ़ाई का यह शेर सदैव हमारा मुंह चिढ़ाता रहेगा-                                              
                  हमने तो कतील सा मुनासिफ़ नही देखा ।
                  जो जुल्म तो सहता है पर बगावत नही करता ॥

जात और धर्म से,  अपनी पसंद के राजनैतिक दलो से उपर उठ भ्रष्टाचार के विरोध में और कड़े कानूनो की मांग को लेकर विशाल आंदोलन किये बिना यह देश राहत नही पा सकता।

                                         

Monday, August 8, 2011

शीला---- शीला का बुढ़ापा

हम नुक्कड़ मे खड़े गुनगुना रहे थे शीला---- शीला का बुढ़ापा।  तभी हमारे अजीज मित्र सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी ने भूल सुधार का प्रयास किया।  कहने लगे-  दवे जी शीला का बुढ़ापा नही जवानी गाईये।  हम मुस्कुराये कहा,  भाई जवानी वाली शीला किसी काम न आनी, बुढ़ापे वाली शीला सबके काम आती है। शर्मा जी ने आरोप लगा दिया आप महिलाओं के बारे मे अपमान जनक शब्द कह रहे हैं। हमने कहा भाई कांग्रेस प्रवक्ता टाईप बे सिरपैर की बयानबाजी मत करो,  हमारे कहने का मतलब समझो।  देखो जवान आदमी हो या औरत हरदम निजी स्वार्थ देखता है। उम्रदराज होने के बाद मन मे दया करूणा आ जाती हैकिसी ने कुछ मांगा नही कि झट से दे दिया। महिलाएं तो खासकर दरवाजे पर आवाज आई "कुछ खाने को दे दे माई" और तड़ से झोली भर दी


अब आप सोचो जवान शीला को ऐसी आवाज सुनाई देगी तो सोचेगी कि कोई सिरफ़िरा आशिक होगा एक झलक पाना चाहता होगा। उससे भी पहले भड़क जायेगी भरी जवानी मे माई बोल दिया। इतना सुन शर्मा जी सहमत हो गये बोले - बात मे दम तो है आपकी।  बुढ़ापे मे ही आदमी दूसरों के काम आता है, जवानी मे केवल अपने बारे मे सोचता है।  हमने कहा-  शर्मा जी यह बात समझ लेते तो कभी बूढ़ो को मंत्री नही बनाते।  खासकर बुजुर्ग महिलाओं को तो कभी मुख्यमंत्री नही बना चाहिये बड़ी रहमदिल होती हैं।  अपनी शीला जी को ही ले लो कामनवेल्थ गेम्स के समय जो ठेकेदार अधिकारी दलाल आकर मांगा नही की तड़ से दे दिया। अब बेटे के दोस्त भी पुत्रवत होते हैं,  उनको तो मना ही नही कर पायीं।  पार्टी के सगे संबंधियो को भी दिल खोल उपहार दिये।

अब देखो कैग रिपोर्ट मे आ गयी सब बात सामने।  अब बेचारी शीला जी पर आरोप है कि  गरीब देश को अरबो रूपये का चूना लगा दिया।  अब बुढ़ापे मे फ़जीहत और इस्तीफ़ा देना पड़ेगा वो अलग कहीं तिहाड़ जाना पड़ गया तो बेचारीं इस उमर मे कितना कष्ट पायेंगी।  शर्मा जी भड़क गये आप भी एकाउंटेंट की बात मे आते हो।  इन लोगो को रखा गया है कि किसी मद मे कम ज्यादा खर्च हो तो बात सामने लाये अब ये लोग होशियारी झाड़ रहे हैं। यहां नुकसान हो गया वहां ये हो गया।  अरे भाई कभी नौकर मालिक को बताता है कि आप  गलत कर रहे हो। अब रिपोर्ट आयी है देखेंगे, अधिकारी बाबू लोगों की गलती है सब दोषी को सजा दे देंगे।  शीला जी ने कुछ थोड़े ही किया है।  अभी रिपोर्ट पीएसी मे जायेगी वहा जांच की जायेगी।


हमने कहा भाई पीएसी की रिपोर्ट तो आप लोग पास ही नही होने देते हो।  पिछली बार तो मनमाने नया अध्यक्ष ही चुन लिया था।  इस पर रिपोर्ट आयेगी को तमाशा मचा कर उसे भी रोक दोगे।  शर्मा जी ने सिर हिलाया कहने लगे भाई हम नही बहुमत रिपोर्ट रोकता है। अब जब बहुमत को रिपोर्ट पसंद नही आये तो क्या किया जा सकता है।  हमने कहा ऐसे मे तो कोई आरोपी जब तक उसकी सरकार रहेगी फ़सेगा ही नहीं।  शर्मा जी फ़िर संविधान की कापी लहराने लगे बोले -  भाई हम लोग तो धर्मनिरपेक्ष नेता हैं,  गीता कुरान बाईबिल को मानते नही।  संविधान ही हमारा धार्मिक ग्रंथ है,  इसमे जो लिखा है वही सच है बस।  हमने कहा जिन्होने लिखा वो तो रहे नही वो आज होते तो पूरा ही बदल देते।  शर्मा जी ने पूछा ऐसा आप किस आधार पर ऐसा  दावा कर रहे हो ।  हमने कहा जिन नेताओं के लिये ये संविधान लिखा गया था जब वे ही नही रहे नैतिकता इमानदारी सदचरित्र ही नही रहा तो ये संविधान काम करे कैसे।  शर्मा जी ने हाथ जोड़े - दवे जी मेरा बहुत खून पी चुके आप,  ये समस्या जनता की है नेताओं की नही।  अब आप लोग मिल बैठ कर सर खपाओ,  अपने राम चले संसद वहां बैठ पांच रूपये मे खीर पूड़ी सूतेंगे तब अपना खून वापस आयेगा

उनके जाने के बाद हमने आसिफ़ भाई से पूछा-  मियां, ये लोग दागियों से इस्तीफ़ा दिलवा क्यों नही देते।  हमारा कम से कम मन तो बहल जाये।  आसिफ़ भाई मुस्कुरा कर बोले-  भाई,  इन लोगो को कहीं तो बस करना होगा।  जितनो से इस्तीफ़ा दिलवायेंगे फ़िर नये नाम सामने आ जायेंगे,  आखिर लाईन इनकी प्यारी मम्मी और बाबा तक लंबी है