Monday, May 2, 2011

नुक्कड़ चर्चा -सोहन शर्मा ओसामा बिन लादेन और दिग्गी मामा






नुक्कड़ पर यूरिया वाली चाय का दौर चल रहा था कि भाई सोहन शर्मा ब्रेकिंग न्यूस के साथ पहुंचे ओसामा बिन लादेन मारा गया । शुरूवाती खलबली के बाद मेरा ध्यान शर्मा जी पर गया इतने प्रफ़ुल्लित नजर नही आ रहे थे । बात छेड़ने पर बोले यार कुछ भी कहो मर्द आदमी था मरा भी तो आखिरी दम तक लड़ा । आसिफ़ भाई बोल उठे मर्द आदमी तो था ही भाई 6 बीबीयां 26 बच्चे अपने शर्मा जी टाईप थोड़े ये एक ही बीबी मे पस्त हो गये

शर्माजी ने छाती चौड़ी की मियां वो तो कानून की बंदिश है वरना अपन भी पीछे नही हैं ख्वाहिश तो आज भी कम से कम 4 बीबीयों की है । बाजू बैठे गुप्ता जी फोन पर बतिया रहे थे सुना आपने भाभी जी मै न कहता था आपसे शर्मा जी अच्छे आदमी नही और आप हैं कि उनको बड़ा सज्जन आदमी मानती थीं । शर्मा जी ने तुरंत फ़ोन छीना सभा मे ठहाके गूंज उठे फ़ोन बंद देख शर्मा जी खिसियाते हुये बोले अरे मैने तो मजाक मे फ़ोन लिया था मुझे मालूम था गुप्ता जी मेरे साथ ऐसा नही कर सकते ।

मैने कहा मजाक छोड़ो शर्मा जी की बात मे दम तो है लादेन वो इकलौता शख्स था जिसने विश्व की दो महाशक्तियों को नानी याद दिला दी । रूस को अफ़गानिस्तान से खदेड़ दिया तो अमेरिका के हजारों आदमी मार दिये उसकी शान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उसी के विमानों से गिरा दिया उसके विमान वाहक पोत को ध्वस्त कर दिया और दुनिया भर मे उसके ठिकानो पर हमले किये और आज भी हर रोज दुनिया भर मे अमेरिकियों को मार रहा हैं । मोरक्को के मारकेश मे पिछले हफ़्ते दर्जनो यूरोपियो को उसने मार दिया आदमी तो शेर था इसमे शक नही ।


नुक्कड़ मे फ़िर खलबली मच गयी आसिफ़ भाई बोले यार दवे मेरा शक गहराते जा रहा है चेक करना पड़ेगा कहीं हिंदू की खाल मे अपना जात भाई तो नही घूम रहा । मैने कहा वो तो खतने से चेक हो जायेगा आसिफ़ भाई पर ये कैसे चेक करोगे कि सुन्नी है कि शिया या अहमदिया या सूफ़ी या खोजा या कुछ और मियां इंसान को इंसान रहने दो फ़िरके मे क्यो बाटते हो

तभी दीपक भाजपाई ने कहा यार क्या चूहे को शेर बोलता है बिल मे छूप कर किसी पर वार करना आसान है मर्द होता तो खुल कर लड़ता आमने सामने मासूमो को मारना कौन सी मर्दानगी है । क्या हासिल है उसकी जिंदगी का केवल तबाही मौत ऐसे आदमी को तो तडपा कर मारना था फ़ोकट मे गोली मार दी । मैने कहा चूहे की तरह इसलिये लड़ता था कि मुकाबला गैरबराबरी का था दुश्मन के पास हर तरह के हथियार थे और लादेन के पास सिर्फ़ जज्बा था लड़ता कैसे रास्ता एक ही था


सवाल आया कोई रास्ता नही तो मासूमो को मारो बेगुनाहो की जान लो मैने कहा गद्दाफ़ी के पोते पोती मासूम नहीं थे क्या हिरोशिमा नागासकी मे जो इंसान मरे उनकी मासूमियत भगवान ने वापस ले ली थी ? क्या फ़िलिस्तीन मे जो हो रहा है उसमे मासूमियत कहीं आड़े नही आती । ये यूरोपीय जहां कहीं भी गये जो कहर उन्होने बरपाया उन सब मे मासूमियत की बंदिश नही थी । जापान ने ईंडोनेशिया फ़िलीपीन्स मे कब्जा किया था तो वो दुष्ट था और ब्रिटेन ने भारत पर कब्जा किया वो एक संयोग था । विश्व के जिन देशो मे तेल है वहां की छॊटी बात भी पश्चिमी देशों को चिंता मे डाल देती है और सोमालिया मे तेल नही है तो उनको मरने दो ।  श्रीलंका मे इतने तमिल मारे जा रहे रोज क्यों नही खबरो मे आता है । क्योंकी वहां तेल नही है । बेटा दीपक तेल का खेल न समझ इसमे ही तेरी भलाई है


दीपक बोल उठा इन सब मे लादेन कहां से आ गया मैने कहा आया नही था लाया गया था अफ़गानिस्तान से रूस को भगाने के लिये उसके नेत्रुत्व मे अरब लड़ाको को सीआईए ने लगाया काम निकल गया तो कश्मीर चेचेन्या आदि की ओर लगा दिया पर बिन लदेन अपनी मर्जी का मालिक निकला और उसने ये मतलब भी निकाल लिया की अरब के सारे देशो की सरकारें अमेरिका के भक्त चला रहें है । पैसे थे उसके पास चाहता तो ऐश भी कर सकता था पर उसने जीवन उस दुश्मन के खिलाफ़ होम कर दिया जिससे पहले कोई लड़ भी न पाया था

तभी गुप्ता जी बोल उठे दवे जी तो देश के दुश्मनो की तारीफ़ कर रहे हैं । मैने कहा देश का दुश्मन था मुझे मिलता तो मै भी बेझिझक उसको मार देता पर वो एक मर्द था और मरा ऐसे नही है उसे बेचा गया है वो था आईएसआई के पास उसके संरक्षण मे और उसके हिसाब से काम करना ओसामा की मजबूरी थी ।  उसे बेचा गया है अफ़गानिस्तान मे भारतीयो के हित समाप्त करने की शर्त पर अब होगा ये कि इस मुद्दे पर ओसामा का चाचा ओबामा चुनाव जीत जायेगा और अमेरिका अफ़गानिस्तान से बाहर निकल जायेगा जीत इसमे पाकिस्तान और अमेरिका की हुई है ।

 हार हुई है भारत के हितो की अगर अब भारत बलूचिस्तान और अन्य सामरिक हितो की रक्षा न कर पायेगा और अफ़गानिस्तान मे भारत का दखल बेहद कम रह जायेगा । ओसामा तो हमारा भाई था ओसामा भारत को दुश्मन मानता तो भारत मे रहता अमेरिका जैसे देश की तो उसने बारह बजा दी जहां हर आदमी देश हित मे काम करता है । भारत को बजाना होता तो भारत मे तो उसको मम्मी से लेकर दिग्गी मामा तक सिर मे बैठाते सारे अल्पसंख्यक वोट उसके समर्थन वाली पार्टी को ही जाते । भाई ओसामा तो भारत मे स्टार प्रचारक था खाली फ़ोकट आईएसआई के पास गया अगर भारत मे रहता  तो जब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड मलिंगा को न बुला सकी तो मजाल है अमेरिका मम्मी और दिग्गी मामा के रहते ओसामा को ले जाता । और हां हारा एक आदमी और है जिसका नाम शर्मा जी है आज बात साफ़ हो गयी कि शर्मा जी भाभी से बेहद डरते हैं वरना वो फ़ोन कभी न छीनते ।

इतना सुनते ही नुक्कड़ मे शर्मा जी की फ़जीहत शुरू हो गयी और मै चैन से यूरिया वाली चाय पीने मे व्यस्त हो गया ।
Comments
10 Comments

10 comments:

  1. Nice post.
    लादेन एक रहस्य है। सच क्या है कोई नहीं जानता। हमें तो यह देखना चाहिए कि दुनिया में उसामा बिन लादेन अब और पैदा न होने पाएं। लोगों में आक्रोश न पनपे और उन्हें उनके हक़ मिलें और हम सब एक मालिक के बंदे बनकर रहें।
    http://quranse.blogspot.com/

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  2. वाह भाई, शर्मा जी को ही लपेट लिया. वैसे आप ने हंसी हंसी में कई प्रश्न उठा दिए हैं.

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  3. नुक्‍कड़, अंतरराष्‍ट्रीय चिंतन का केन्‍द्र तो होता ही है और यूरिया वाली चाय में जो बात है वो और कहां.

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  4. हमारे नेता कुछ सीखेंगे?

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  5. हा हा हा कमाल का लिखा है अरुणेश जी । आपकी शैली और बिंदास अंदाज़ ने मुझे खूब प्रभावित किया आगे भी आपको पढना चाहूंगा । शुभकामनाएं आपको

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  6. यूरिया वाली चाय पि कर नरसिम्हाराव जी याद आ गए..
    किसी दिन नुक्कड़ पर चारे का नाश्ता भी करवाइए..मजा आ जाए..अभी तो अमेरिका की सफलता पर जश्न मना लें क्युकी नेता लोग हमारे यहाँ दो कसब और अफजल को दामाद बना कर रखेंगे.

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  7. शर्मा जी को ही लपेट लिया. ha ha ha
    good

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  8. दवे जी
    आपकी लेखनी को शुभकामनाएं
    लेख पढ़ा बहुत अच्छा लगा। व्यंग्य में कही गई बातों का सार बहुत गहरा है।
    सही कहा हैकि मम्मी और मामा के रहते ओसामा मर ही नहीं सकता था। लेकिन मामा बहुत ही बेशर्म है। जबतक कोई ओबामा उसकी जीभ नही काट लेता तब तक इस देश का बेड़ा गर्क होता रहेगा
    कैलाश गुप्ता

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