Thursday, April 14, 2011

दिग्गी राजा और रामदेव बाबा का समझौता - पतंजली और कांग्रेस की विवाह चर्चा

The dialog between two named people is pure imagination of author nothing in part or full is true .

अलसुबह दिग्गी राजा पतंजली पीठ रामदेव बाबा के पास पहुंच प्रणाम कर बोले बाबा गैस की से बहुत परेशानी है । बाबा ने कहा उसके लिये तो पवनमुक्तासन करना होगा । वह तो टीवी मे आपका प्रोग्राम देख किया था बाबा पर तकलीफ़ यह है कि कुछ गैस  यहां वहां से निकलने लगती है और उलजुलूल बयान  निकल जाते हैं । बाटला हाउस से लेकर लोकपाल बिल तक सारे उटपटांग  बयान इसी कलमुहीं गैस का नतीजा है इसी चक्कर मे आपके उपर भी थोड़ा गलत सलत बोल गया था मुझे माफ़ कीजियेगा दिग्गी राजा ने दुखी स्वर मे कहा ।


गैस तो नींद पूरी न होने पर बनती है बेटा और " नींद नही आती तो  करो कपाल भाती " वैसे नींद न आने का कुछ कारण तो होगा पहले समस्या की जड़ को खत्म करने से बीमारी जल्दी ठीक होती है । आप तो जानते ही हैं बाबा आजकल मेरी पार्टी का दिन कुछ ठीक नही चल रहा है । मैने मध्यप्रदेश का चुनाव हारने के बाद दस साल तक पद न लेने की कसम खायी थी अब वो समय पूरा होने को है पर अब न मप्र मे और न केंद्र कहीं अगली सरकार बनती नजर नही आती ऐसे मे फ़िर से पांच साल सूखा बैठने की चिंता मुझे खाये जा रही है ।


बाबा ने कहा मै ब्रह्मचारी सत्ता सुंदरी के मामले मे तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं इसका तो कोई इलाज मेरे पास है नही । दिग्गी राजा बोले अन्ना के आने के पहले तो पूरा इलाज आप ही के पास था पर आधा इलाज अभी भी है । इलाज यह है कि आप सरकार पर आरोप लगाना बंद करें और हमारा समर्थन करें  वैसे भी ये अन्ना आपसे आंदोलन का सारा क्रेडिट तो मार ले ही गया है । ये काम मै नही कर सकता बाबा ने कहा आखिर ऐसा क्या करती है कांग्रेस जो मै उसका समर्थन करूं ।


दिग्गी राजा ने उत्साह से बताना शुरू किया मेरा कांग्रेस दल  100 साल पुराना है आजादी के आंदोलन मे शामिल था बाबा को भी सहमत होना पड़ा खानदान तो अच्छा है  पर ये बताओ दल चलता कैसे है पैसा कितना कमाता है कैसे कमाता है भाई  पतंजली का रिश्ता जोड़ने से पहले जानना तो पड़ेगा पतंजली को खुश रख पायेगा  या नही । कमाने का क्या है बाबा एक बार सरकार बनने पर वारा न्यारा हो जाता है पैसा संभाले नही संभलता स्विस बैंक मे रखना पड़ जाता है वो पैसा आड़े वक्त मे भी काम आ जाता है । बाबा ने पूछा आड़ा वक्त वो क्या होता है दिग्गी राजा ने अपने को याद करते हुये बुझे स्वर मे कहा राजनीती एक जुआं है बाबा  कभी कभी पार्टी का  मुख्यमंत्री प्रधान मंत्री हार भी जाता है बेचारा । बाबा चौंके अरे क्या जुआं खेलता है दिग्गी राजा बोले जुआं कौन जानकर खेलता है बाबा पर ये  सत्ता की शराब ही ऐसी है नशे मे  भले बुरे का होश ही कहां रहता है । बाबा बोले अच्छा शराबी भी है । नही नही बाबा ऐसी बात नही है ये अधिकारी ठेकेदार लोग जनता तक पहुचने कहां देते हैं
 सर सर कह के सर पर चढ़ा लेते हैं  आम आदमी को उन तक पहुंचने नही देते ऐसा छद्म वातावरण बना देते हैं कि मानो आप स्वयं ब्रह्मा हो आपकी हर बात की दाद देते हैं और विरोध का स्वर अखबारो में खिला पिला कर छपने नही देते  कुछ समय निकल भी गया तो किसी फ़िल्मी अभिनेत्री के नाचा का चीफ़ गेस्ट बनवा देते हैं । बाबा बोले अच्छा तो ये  मुजरा भी देखते हैं । अरे नही नही बाबा एक बार कांग्रेस और पतंजली का रिश्ता जुड़ जाये तो कर्म और धर्म से नया गठबंधन पैदा होगा हर घर मे खुशहाली होगी सड़के बनेंगी बिजली होगी हर आदमी मर्सीडीज बेंज मे घूमेगा और १०० रू. किलो प्याज मे भी देश हसंता रहेगा ।



रामदेव बाबा के मुह से निकल गया एक बात तो मानना पड़ेगा बेटा शराबी जुंवारी भ्रष्टाचारी सब तुम्हारी पार्टी लेकिन तुम्हारे मुंह से तारीफ़ ही निकलती है उसकी । दिग्गी राजा बोल पड़े  क्या करूं बाबा मेरा तो कुछ स्वभाव ही ऐसा है  किसी  और दल की बुराई तो मै बिना बात के भी  बोल देता हूं पर अपने लोगो की देख नही पाता हूं तो मै रिश्ता पक्का समझू बाबा




बाबा बोल उठे सवाल ही नही उठता सगा बाबा हूं कोई सौतेला नेता नही । दिग्गी राजा बोले अजीब सी बात है मेरे इतना समझाने के बाद भी आप नही माने । दिग्गी राजा के निकलने के पहले ही कांग्रेस की पानी टंकी से आवाज आयी बाबा मै जायींग सीबीआई आयींग पूरा लेखा देखिंग और तुम चक्की पीसींग एन्ड पीसींग ।
Comments
4 Comments

4 comments:

  1. कमीने कांग्रेसियों की हकीकत

    ReplyDelete
  2. सीबीआई आयींग पूरा लेखा देखिंग और तुम चक्की पीसींग एन्ड पीसींग ।

    ReplyDelete
  3. बाबा नहीं तो क्या, सीबीआई पर तो दिग्गी दल का प्रभाव है ही। और जब तक सत्ता में हैं, तब तक तो कुछ भी करवा सकते हैं। जब पिया भए थानेदार तो डर काहे का।

    I had also write on congress.
    भले को भला कहना भी पाप

    ReplyDelete
  4. बी जे पी में यह सारी कमियाँ तो हैं ही नहीं .
    आज भी जनता याद करती है कितने दयालु थे वे .
    कई विदेशी गब्बर भी छोड़ डाले थे उन्होंने .
    अबकी आ जाये तो कसाब और अफज़ल की सजा भी माफ़ समझिये .
    अच्छी पोस्ट है .
    http://mushayera.blogspot.com/2011/04/anwer-jamal.html

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणियों का स्वागत है..
अनर्गल टिप्पणियाँ हटा दी जाएगी.