tag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post3647100690658709249..comments2024-03-08T21:47:13.197-08:00Comments on अष्टावक्र: चल प्यारे केजरीवाल संसद मेंArunesh c davehttp://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-38080381327740583562012-08-07T03:50:58.992-07:002012-08-07T03:50:58.992-07:00वैसे अगर केजरीवाल को भावी प्रधानमंत्री के रूप मॆं ...वैसे अगर केजरीवाल को भावी प्रधानमंत्री के रूप मॆं देखा जाये तो ?विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-11743376724259472732012-08-05T00:45:29.701-07:002012-08-05T00:45:29.701-07:00जो उतारा है रोता है
अब देखो क्या होता है।जो उतारा है रोता है <br />अब देखो क्या होता है।S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-48394945711624706962012-08-03T05:46:19.294-07:002012-08-03T05:46:19.294-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनि...बहुत अच्छी प्रस्तुति!<br />इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (04-08-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-75322684974702242992012-08-03T05:26:29.857-07:002012-08-03T05:26:29.857-07:00राष्ट्र कार्य करने चले, किन्तु मृत्यु भय साथ |
लगा...राष्ट्र कार्य करने चले, किन्तु मृत्यु भय साथ |<br />लगा नहीं सकते गले, फिर ओखल क्यूँ माथ ?<br />फिर ओखल क्यूँ माथ, माथ पर हम बैठाए |<br />देते पूरा साथ, हाथ हर समय बढाए |<br />आन्दोलन की मौत, निराशा घर घर छाई |<br />लोकपाल की करें, आज सब पूर्ण विदाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-36639629233097740082012-08-03T05:05:08.789-07:002012-08-03T05:05:08.789-07:00कुलबुलाय कीड़ा-कपट, बेईमान इंसान ।
झूठ स्वयं से बो...कुलबुलाय कीड़ा-कपट, बेईमान इंसान ।<br />झूठ स्वयं से बोल के, छोड़ हटे मैदान | <br />छोड़ हटे मैदान, डटे थे बड़े शान से |<br />बार बार आमरण, निकाले खड्ग म्यान से |<br />अनशन अब बदनाम, महात्मा गांधी अन्ना |<br />खड्ग सिंह विश्वास, टूटता मिटी तमन्ना ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-174557538215652069.post-80031141346558869732012-08-03T04:47:38.505-07:002012-08-03T04:47:38.505-07:00माथा भन्नाता विकट, हजम करारी हार |
छाया सन्नाटा अट...माथा भन्नाता विकट, हजम करारी हार |<br />छाया सन्नाटा अटल, तम्बू-टेंट उखार | <br /><br />तम्बू-टेंट उखार, खार खाए थी सत्ता |<br />हफ़्तों का उपवास, हिला न कोई पत्ता |<br /><br />कांगरेस की जीत, निरंकुश और बनाए |<br />राजनीति की दौड़, अगर अन्ना लगवाये ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com